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कनाडा में धर्म (2011 राष्ट्रीय घरेलू सर्वेक्षण)[1] ██ रोमन कैथोलिक (39.0%)██ अन्य ईसाई[2] (28.3%)██ धर्म-रहित (23.9%)██ इस्लाम (3.2%)██ हिन्दू (1.5%)██ सिख (1.4%)██ बौद्ध (1.1%)██ यहूदी (1.0%)██ अन्य धर्म (0.6%) The Cathedral of St. John the Baptist in St. John's, Newfoundland and Labrador कनाडा में धर्म विभिन्न समूहों और सिद्धान्तों की विस्तृत स्थिति को वर्णित करता है।[3] सन्दर्भ[संपादित करें]
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ईसाइयों:जनसंख्या: 23,473,800 मुसलमानों:जनसंख्या: 714,420 यहूदियों:जनसंख्या: 340,200 बौद्धों:जनसंख्या: 272,160 हिंदुओं:जनसंख्या: 476,280 असंबद्ध:जनसंख्या: 8,062,740 लोक धर्म:जनसंख्या: 408,240 अन्य धर्म:जनसंख्या: 306,180 आख़िर कनाडा में सिखों की इतनी बल्ले-बल्ले क्यों है22 फ़रवरी 2018 इमेज स्रोत, Reuters कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो का सात दिवसीय भारत दौरा विदेशी मीडिया में भी चर्चा का विषय बना हुआ है. भारतीय और विदेशी मीडिया में यह बात कही जा रही है कि क्षेत्रफल के मामले में दुनिया के दूसरे सबसे बड़े देश कनाडा के पीएम को लेकर भारत ने कोई गर्मजोशी नहीं दिखाई. ऐसा तब है जब कनाडा में भारतीय मूल के लोग बड़ी संख्या में हैं. यहां ख़ास कर सिखों की आबादी काफ़ी है. सिखों की अहमियत इस बात से भी लगा सकते हैं कि जस्टिन ट्रूडो की कैबिनेट में चार सिख मंत्री हैं. सिखों के प्रति उदारता के कारण कनाडाई पीएम को मज़ाक में जस्टिन 'सिंह' ट्रूडो भी कहा जाता है. दरअसल, कहा जा रहा है कि कनाडा में खालिस्तान विद्रोही ग्रुप सक्रिय हैं और जस्टिन ट्रूडो की वैसे समूहों से सहानुभूति है. विदेशी मीडिया में कहा जा रहा है कि हाल के वर्षों में कनाडा और भारत की सरकार में उत्तरी अमरीका में स्वतंत्र ख़ालिस्तान के प्रति बढ़े समर्थन के कारण तनाव बढ़ा है. कनाडा में सिखों का प्रभावदुनिया भर में 'सिख राष्ट्रवादी' पंजाब में ख़ालिस्तान नाम से एक स्वतंत्र देश के लिए कैंपेन चला रहे हैं. कनाडा में क़रीब पांच लाख सिख हैं. कनाडा के रक्षा मंत्री हरजीत सज्जन भी सिख ही हैं. हरजीत सज्जन के पिता वर्ल्ड सिख ऑर्गेनाइजेशन के सदस्य थे. 2015 में जस्टिन ट्रूडो ने कहा था कि उन्होंने जितने सिखों को अपनी कैबिनेट में जगह दी है उतनी जगह भारत की कैबिनेट में भी नहीं है. कनाडा में भारतवंशियों के प्रभाव का अंदाज़ा इस बात से भी लगा सकते हैं कि वहां के हाउस ऑफ कॉमन्स के लिए भारतीय मूल के 19 लोगों को चुना गया है. इनमें से 17 ट्रूडो की लिबरल पार्टी से हैं. कहा जा रहा है कि सिख अलगाववादियों से सहानुभूति के कारण ही भारत ने ट्रूडो की यात्रा को लेकर उदासीनता दिखाई है. हालांकि भारत ने इन आरोपों को सिरे से ख़ारिज किया है. बीजेपी नेता शेषाद्री चारी ने बीबीसी से कहा कि कनाडा की सरकार ने साफ़ कर दिया है कि उनकी सरकार ख़ालिस्तानियों के ख़िलाफ़ है. कनाडा में कितने सिखआख़िर कनाडा में सिखों की आबादी इतनी कैसे बढ़ी? कनाडा की किसी भी सरकार के लिए सिख इतने महत्वपूर्ण क्यों हैं? आज की तारीख़ में कनाडा की आबादी धर्म और नस्ल के आधार पर काफ़ी विविध है. जनगणना के आंकड़ों के मुताबिक 2016 में कनाडा की कुल आबादी में अल्पसंख्यक 22.3 फ़ीसदी हो गए थे. वहीं 1981 में अल्पसंख्यक कनाडा की कुल आबादी में महज 4.7 फ़ीसदी थे. इस रिपोर्ट के अनुसार 2036 तक कनाडा की कुल आबादी में अल्पसंख्यक 33 फ़ीसदी हो जाएंगे. 'वॉशिगंटन पोस्ट' से कॉन्फ़्रेंस बोर्ड ऑफ कनाडा के सीनियर रिसर्च मैनेजर करीम ईल-असल ने कहा था, ''किसी भी प्रवासी के लिए कनाडा सबसे बेहतर देश है. ऐसा इसलिए है क्योंकि यह मुल्क प्रवासियों को भी अवसर की सीढ़ी प्रदान करता है और लोग इससे कामयाबी की ऊंचाई हासिल करते हैं.'' पहली बार सिख कनाडा कब और कैसे पहुंचे?1897 में महारानी विक्टोरिया ने ब्रिटिश भारतीय सैनिकों की एक टुकड़ी को डायमंड जुबली सेलिब्रेशन में शामिल होने के लिए लंदन आमंत्रित किया था. तब घुड़सवार सैनिकों का एक दल भारत की महारानी के साथ ब्रिटिश कोलंबिया के रास्ते में था. इन्हीं सैनिकों में से एक थे रिसालेदार मेजर केसर सिंह. रिसालेदार कनाडा में शिफ़्ट होने वाले पहले सिख थे. सिंह के साथ कुछ और सैनिकों ने कनाडा में रहने का फ़ैसला किया था. इन्होंने ब्रिटिश कोलंबिया को अपना घर बनाया. बाक़ी के सैनिक भारत लौटे तो उनके पास एक कहानी थी. उन्होंने भारत लौटने के बाद बताया कि ब्रिटिश सरकार उन्हें बसाना चाहती है. अब मामला पसंद का था. भारत से सिखों के कनाडा जाने का सिलसिला यहीं से शुरू हुआ था. तब कुछ ही सालों में ब्रिटिश कोलंबिया 5000 भारतीय पहुंच गए, जिनमें से 90 फ़ीसदी सिख थे. हालांकि सिखों का कनाडा में बसना और बढ़ना इतना आसान नहीं रहा है. इनका आना और नौकरियों में जाना कनाडा के गोरों को रास नहीं आया. भारतीयों को लेकर विरोध शुरू हो गया था. यहां तक कि कनाडा में सबसे लंबे समय तक प्रधानमंत्री रहे विलियम मैकेंज़ी ने मज़ाक उड़ाते हुए कहा था, ''हिन्दुओं को इस देश की जलवायु रास नहीं आ रही है.'' 1907 तक आते-आते भारतीयों के ख़िलाफ़ नस्ली हमले शुरू हो गए. इसके कुछ साल बाद ही भारत से प्रवासियों के आने पर प्रतिबंध लगाने के लिए क़ानून बनाया गया. पहला नियम यह बनाया गया कि कनाडा आते वक़्त भारतीयों के पास 200 डॉलर होना चाहिए. हालांकि यूरोपियनों को लिए यह राशि महज 25 डॉलर ही थी. लेकिन तब तक भारतीय वहां बस गए थे. इनमें से ज़्यादातर सिख थे. ये तमाम मुश्किलों के बावजूद अपने सपनों को छोड़ने के लिए तैयार नहीं थे. इन्होंने अपनी मेहनत और लगन से कनाडा में ख़ुद को साबित किया. इन्होंने मजबूत सामुदायिक संस्कृति को बनाया. कई गुरुद्वारे भी बनाए. सिखों का संघर्षसिखों को कनाडा से जबरन भारत भी भेजा गया. सिखों, हिन्दुओं और मुसलमानों से भरा एक पोत कोमागाटा मारू 1914 में कोलकाता के बज बज घाट पर पहुंचा था. इनमें से कम से कम 19 लोगों की मौत हो गई थी. भारतीयों से भरे इस जहाज को कनाडा में नहीं घुसने दिया गया था. जहाज में सवार भारतीयों को लेकर दो महीने तक गतिरोध बना रहा था. इसके लिए प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने 2016 में हाउस ऑफ कॉमन्स में माफ़ी मांगी थी. 1960 के दशक में कनाडा में लिबरल पार्टी की सरकार बनी तो यह सिखों के लिए भी ऐतिहासिक साबित हुआ. कनाडा की संघीय सरकार ने प्रवासी नियमों में बदलाव किया और विविधता को स्वीकार करने के लिए दरवाज़े खोल दिए. इसका असर यह हुआ कि भारतीय मूल के लोगों की आबादी में तेज़ी से बढ़ोतरी हुई. भारत के कई इलाक़ों से लोगों ने कनाडा आना शुरू कर दिया. यहां तक कि आज भी भारतीयों का कनाडा जाना बंद नहीं हुआ है. आज की तरीख़ में भारतीय-कनाडाई के हाथों में संघीय पार्टी एनडीपी की कमान है. कनाडा में पंजाबी तीसरी सबसे लोकप्रिय भाषा है. कनाडा की कुल आबादी में 1.3 फ़ीसदी लोग पंजाबी समझते और बोलते हैं. (बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं. आप हमें फ़ेसबुक और ट्विटर पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.) कनाडा में हिंदुओं की आबादी कितनी है?2011 की जनगणना बताती है कि कनाडा में हिंदुओं की संख्या 4 लाख 97 हज़ार थी, जबकि हिंदू सिखों की संख्या 4 लाख 54 हजार. इस हिसाब से कनाडा की कुल आबादी का 1.45 प्रतिशत हिंदू और 1.4 प्रतिशत सिख हैं. इसके अलावा बाकी धर्मों के भारतीयों को जोड़ लिया जाए तो करीब 16 लाख भारतीय अब भी कनाडा में बसे हैं.
कनाडा में पंजाबी क्यों जाते हैं?सबसे पहले जवाब दिया गया: कैनाडा में क्यों यदा पंजाबी जाते 🇵🇪 है? दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान बहुत से पंजाबी और सिख युवक कनाडा मे फ़ौजी के रूप मे तैनात थे, उस समय उन्होंने वहां पर बेशुमार खाली जमीन देख कर युद्ध ख़त्म होने के बाद वहीं बसने का निर्णय लिया। तभी से कनाडा पंजाबियों की और पंजाबी कनाडा की पहली पसंद बन गये।
कनाडा में कौन कौन से धर्म के लोग रहते हैं?में धर्म कनाडा. ईसाइयों: जनसंख्या: 23,473,800. प्रतिशतता: 69%. मुसलमानों: जनसंख्या: 714,420. प्रतिशतता: 2.1%. यहूदियों: जनसंख्या: 340,200. प्रतिशतता: 1%. बौद्धों: जनसंख्या: 272,160. प्रतिशतता: 0.8%. हिंदुओं: जनसंख्या: 476,280. प्रतिशतता: 1.4%. असंबद्ध: जनसंख्या: 8,062,740. ... . लोक धर्म: जनसंख्या: 408,240. ... . अन्य धर्म: जनसंख्या: 306,180.. कनाडा में कितने प्रतिशत भारतीय हैं?कनाडा में भारतीय मूल के लगभग 16 लाख लोग रहते हैं जो देश की आबादी का लगभग तीन फीसद है.
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