हेल्लो दोस्तों! आज हम इस पोस्ट में Output device in Hindi (आउटपुट डिवाइस क्या है?) के बारें में पढेंगे और इसके Types को भी देखेंगे. इसे आप पूरा पढ़िए, आपको यह आसानी से समझ में आ जायेगा. तो चलिए शुरू करते हैं:- Show
अनुक्रम (contents)
Output device in Hindi – आउटपुट डिवाइस क्या है?
Types of Output Device in Hindi – आउटपुट डिवाइस के प्रकारइसके बहुत सारें प्रकार होते हैं जो कि नीचे दिए गए हैं-
Monitor (मॉनिटर क्या है?)
मॉनिटर के प्रकारमॉनिटर 6 प्रकार के होते हैं –
1 – Cathode Ray Tube (CRT) Monitors –CRT Monitor स्क्रीन पर चित्र को दिखाने के लिए electronic beam का इस्तेमाल करते है। इस इलेक्ट्रॉनिक बीम के अंदर एक प्रकार की gun (बंदूक) होती है। जो इलेक्ट्रॉनिक किरणों को आग लगाने में मदद करती है। जिसके कारण इलेक्ट्रॉनिक किरणे मॉनिटर की सतह पर बार बार टकराती है। इलेक्ट्रॉनिक किरणों के सतह पर टकराने की वजह से मॉनिटर में अलग-अलग प्रकार के रंग पैदा होते है और इन्ही रंगो के कारण मॉनिटर में इमेज या वीडियो display होती है। 2. Flat Panel Monitorsफ्लैट पैनल मॉनिटर में बहुत ही पतले (Thin) पैनल का इस्तेमाल किया जाता है। ये मॉनिटर वजन में काफी हल्के होते है और इनको रखने के लिए कम जगह की आवश्यकता होती है। हल्के होने की वजह से इस मॉनिटर को हम अपने साथ कहीं भी आसानी से ले जा सकते हैं। CRT मॉनिटर की तुलना में flat panel monitor बहुत कम बिजली का इस्तेमाल करते हैं। ये मॉनिटर रेडिएशन (radiation) के मामले में भी काफी अच्छे होते है। क्योकि ये नुकसान दायक radiation उत्पन्न नहीं करते। CRT की तुलना में ये monitor थोड़े महंगे होते है। फ्लैट पैनल मॉनिटर का उपयोग TV,, computer, और मोबाइल फ़ोन की स्क्रीन में किया जाता है। 3– Touch Screen Monitorsटच स्क्रीन मॉनिटर को इनपुट और आउटपुट दोनों डिवाइस के रूप में जाना जाता है। क्योकि टच स्क्रीन मॉनिटर में हम बिना किसी keyboard और mouse के कंप्यूटर को input दे सकते है। इस मॉनिटर में हम स्क्रीन को touch करके किसी भी program को आसानी से open कर सकते है और फिर उसमें काम कर सकते हैं। 4 – LED MonitorsLED monitor फ्लैट पैनल मॉनिटर की तरह वजन में हल्के होते है। LED monitor का उपयोग लैपटॉप, मोबाइल फोन, टीवी, कंप्यूटर, और टैबलेट के लिए किया जाता है। इसका अविष्कार James P. Mitchell ने किया था। इसके अलावा यह ज्यादा expensive (महंगा) नहीं होता। इसको maintain करके रखना काफी ज्यादा आसान होता है। 5 – OLED MonitorsOLED का पूरा नाम Organic Light Emitting Diode है। OLED मॉनिटर एक नया मॉनिटर है जिसमें बहुत अच्छे Color दिखते हैं और यह मॉनिटर बहुत पतला होता है। यह मॉनिटर यूज़र को एक बेहतर experience देता है। इसका उपयोग smartphone और tablet की स्क्रीन बनाने के लिए किया जाता है। 6– DLP MonitorDLP monitor को डिजिटल लाइट प्रोसेसिंग भी कहा जाता है। DLP monitor का इस्तेमाल बड़ी स्क्रीन में चित्रों को display करने के लिए किया जाता है। शुरुआती दौर में DLP बड़ी स्क्रीन में चित्रों को धुँधला दिखाया करती थी। क्योकि उस समय DLP में LCD का इस्तेमाल किया जाता था। आजकल DLP बड़ी स्क्रीन में चित्रों को display करने के लिए micromirror device का इस्तेमाल करती है। मॉनिटर के फायदे – इसके फायदे निम्नलिखित हैं-
मॉनिटर के नुकसान –
Printer (प्रिंटर क्या है?)
प्रिंटर के प्रकारप्रिंटर के 5 प्रकार होते हैं – 1 – Laser Printer (लेज़र प्रिंटर)Laser printer का इस्तेमाल कागज में text और images को प्रिंट करने के लिए किया जाता है। लेज़र प्रिंटर कागज में text और images प्रिंट करने के लिए laser light का इस्तेमाल करता है। लेज़र प्रिंटर के अंदर सिलिंडर के आकार का एक drum मौजूद होता है।जिस ड्रम को Photoreceptor के रूप में जाना जाता है। 2 – Photo printer (फ़ोटो प्रिंटर)Photo printer के द्वारा बहुत ही ज्यादा हाई क्वालिटी की डिजिटल फ़ोटो को प्रिंट कर सकते हैं। इसका इस्तेमाल photo paper के ऊपर फ़ोटो को प्रिंट करने के लिए किया जाता है। फोटो पेपर दिखने में बिलकुल सफेद रंग के होते है। Photo printer में इस्तेमाल किये जाने वाले फोटो पेपर के ऊपर एक लेयर होती है। जो बिलकुल oily (चिकनी) होती है। फोटो प्रिंटर के द्वारा सभी आकार की फ़ोटो को प्रिंट किया जा सकता है। 3- Color Printer (कलर प्रिंटर)कलर प्रिंटर CMYK कलर मॉडल पर आधारित होता है। CMYK कलर मॉडल के अंदर चार प्रकार के रंग शामिल होते है – Cyan (सियान), Magenta (मजेंटा), Yellow (पीला) और Black (काला). CMYK मॉडल इन सभी रंगो को एक दूसरे के साथ प्रिंट करता है। कलर प्रिंटर एक से ज्यादा रंगो को प्रिंट करने की क्षमता रखते है। Color printer का इस्तेमाल ज्यादातर किताबो , कागज सामग्री और पत्रिकाओं की छपाई के लिए किया जाता है। 4- Inkjet Printer (इंकजेट प्रिंटर)इंकजेट प्रिंटर एक ऐसा प्रिंटर है जिसमें किसी कागज में print करने के लिए ink (स्याही) का इस्तेमाल किया जाता है। इंकजेट प्रिंटर का इस्तेमाल हाई क्वालिटी छपाई के लिए किया जाता है। इंकजेट प्रिंटर output देने में ज्यादा समय का वक़्त नहीं लगाते है। इंकजेट प्रिंटर ज्यादा expensive (महँगे) नहीं होते। 5- Digital Printer (डिजिटल प्रिंटर)डिजिटल प्रिंटर का इस्तेमाल डिजिटल फाइल्स को प्रिंट करने के लिए किया जाता है। जो फाइल TIFF, PDF etc के फॉर्मेट में होती है। डिजिटल प्रिंटर में printing plate की ज़रूरत नहीं पड़ती। डिजिटल प्रिंटर paper, fabric, canvas, और cardstock पर डाटा को सीधे प्रिंट कर देता है। डिजिटल प्रिंटर का उपयोग दूकान , बिज़नेस कार्ड , और letterheads के लिए किया जाता है। Advantages of Printer in Hindi – प्रिंटर के फायदे
Disadvantage of Printer in Hindi – प्रिंटर के नुकसान
Plotter (प्लॉटर क्या है?)
Types of Plotter in Hindi – प्लॉटर के प्रकार1 – Drum Plotter (ड्रम प्लॉटर)Drum plotter को roller plotter भी कहते हैं। इसमें एक drum या roller होता है जिसमें paper (कागज़) को रखा जाता है। इसमें drum कागज को दायीं और बायीं तरफ घुमाता है। परन्तु इसमें प्रिंटिंग का काम pen करती है। 2 – Flat Bed PlottersFlat bed plotter एक ऐसा ग्राफ़िक्स प्लॉटर है जिसमें कागज को flat surface (सपाट सतह) पर रखा जाता है। इसमें surface का size जितना बड़ा होगा उतना ही बड़ा drawing का साइज होगा। कुछ flatbed plotter ऐसे होते है जो पेपर की बजाय कार्डबोर्ड, प्लास्टिक और metal (धातु) में भी प्रिंट करते हैं। इसमें graphics और pictures को draw करने के लिए pen का इस्तेमाल किया जाता है। Flat bed plotter का इस्तेमाल चमकदार और रगीन ग्राफ़िक्स बनाने के लिए किया जाता है। इसके लिए इसमें अलग-अलग रंगो का इस्तेमाल किया जाता है। 3 – Ink Jet PlottersInkjet plotter सबसे ज्यादा प्रयोग किया जाने वाला प्लॉटर है। इसकी खासियत यह है कि इसमें high quality में प्रिंट कर सकते हैं। इस प्लॉटर में, image या graphics को प्रिंट करने के लिए कागज में ink की छोटी-छोटी बूंदे डाली जाती है। इस प्लॉटर का इस्तेमाल बहुत बड़े-बड़े banner और billboard को बनाने के लिए किया जाता है। इंकजेट प्लॉटर में प्रिंटिंग के लिए चार रंगो (Cyan, magenta, yellow और black) का इस्तेमाल किया जाता है। क्योकि इंकजेट प्लॉटर के पास चार प्रकार के कलर ही उपलब्ध है। इंकजेट प्लॉटर की स्याही बिलकुल पानी की तरह पतली होती है। जिसके कारण प्रिंटिंग करते वक़्त कागज ज्यादा भारी नहीं होता। कहने का मतलब है की स्याही बिलकुल हल्की होती है जिसके कारण प्रिंट की हुई चीज़ कागज के उपर बिलकुल हल्के हो जाते है। Advantage of Plotter in Hindi – प्लॉटर के फायदे
Disadvantage of Plotter in Hindi – प्लॉटर के नुकसान
Projector (प्रोजेक्टर क्या है?)
Types of projector in Hindi – प्रोजेक्टर के प्रकार1. 4K projector4K प्रोजेक्टर की मांग मार्किट में सबसे ज्यादा होती है। क्योकि यह प्रोजेक्टर काफी ज्यादा लोकप्रिय होते है। 4K projector को Bluetooth, Wi-Fi, और USB की मदद से कंप्यूटर के साथ जोड़ा जा सकता है। 4K प्रोजेक्टर DLP टेक्नोलॉजी पर आधारित है। इसके अलावा इन प्रोजेक्टर का वजन लगभग 865 ग्राम के आस पास होता है। 4K projector को चलाने के लिए बैटरी की ज़रूरत नहीं पड़ती। 2.LED projectorLED projector को मोबाइल , लेपटॉप जैसे डिवाइस के साथ आसानी से connect किया जा सकता है। LED प्रोजेक्टर स्क्रीन को डिस्प्ले करने के लिए LED लाइट का इस्तेमाल करते है। जिसके कारण इमेज और वीडियो high quality की दिखाई देती है। इसके अलावा LED प्रोजेक्टर को remote के द्वारा भी कण्ट्रोल किया जा सकता है। और इस प्रोजेक्टर के अंदर एक छोटे पंखे को लगाया जाता है। जो LED प्रोजेक्टर को गर्म नहीं होने देता। 3.LCD projectorLCD projector को slide और overhead प्रोजेक्टर के रूप में भी जाना जाता है। यह प्रोजेक्टर सपाट सतह पर वीडियो और चित्र को display करता है। यह किसी इमेज या वीडियो को दिखाने के लिए liquid crystal का इस्तेमाल करता है। LCD प्रोजेक्टर को maintain करके रखना पड़ता है और समय समय पर इस प्रोजेक्टर को filter की ज़रूरत पड़ती है। 4.Nebula ProjectorNebula Projector को mini प्रोजेक्टर के रूप में भी जाना जाता है। क्योकि यह एक छोटा portable प्रोजेक्टर है। यह प्रोजेक्टर wireless होता है। यानी बिना किसी USB डिवाइस की मदद के बिना nebula प्रोजेक्टर को कंप्यूटर के साथ connect किया जा सकता है। इसके अलावा यह प्रोजेक्टर hd स्क्रीन डिस्प्ले करने की छमता रखता है। Nebula projector वजन में काफी ज्यादा हल्के होते है। 5.Light Projectorlight projector को इमेज और वीडियो को प्रोजेक्ट करने के लिए नहीं किया जाता। बल्कि इस प्रोजेक्टर का इस्तेमाल घर की सजावट के लिए किया जाता है। यानी लाइट प्रोजेक्टर की रौशनी के कारण घर को सजाया जा सकता है। पुराने समय में लाइट प्रोजेक्टर के अंदर speaker और voice control की सुविधा नहीं होती थी। लेकिन लाइट प्रोजेक्टर के नए version में speaker और voice control की सुविधा उपलब्ध है। इसके अलावा लाइट प्रोजेक्टर में चमक को कण्ट्रोल किया जा सकता है। यानी user अपने अनुसार लाइट को set कर सकता है। Advantage of Projector in Hindi – प्रोजेक्टर के फायदे1- projector छोटे आकार वाली images और video को बड़े आकार में डिस्प्ले करने की छमता रखता है। 2- प्रोजेक्टर की मदद से student आसानी से किसी भी concept को समझ सकता है। 3- इसमें हम अपनी इच्छा अनुसार इमेज और वीडियो का size बड़ा छोटा कर सकते है। Disadvantages of Projector in Hindi – प्रोजेक्टर के नुकसान1- इसको maintain करके रखना काफी ज्यादा मुश्किल होता है। 2- इसको चलाने के लिए dark room (अंधेर कमरे) की ज़रूरत पड़ती है। किसी भी स्थान या कमरे में प्रोजेक्टर को चलाया नहीं जा सकता। 3- इसमें sound के लिए अलग से ऑडियो सिस्टम लगाना पड़ता है।
Speaker (स्पीकर क्या है?)
Types of Speaker in Hindi – स्पीकर के प्रकार1. Portable Bluetooth speakerयह speaker कंप्यूटर डिवाइस के साथ bluetooth की मदद से कनेक्ट होते है। इसके अलावा android मोबाइल , लेपटॉप के साथ भी portable bluetooth speaker को जोड़ा जा सकता है। यह स्पीकर साइज में काफी छोटे और हल्के होते है। जिसे कोई भी user किसी भी स्थान पर लेकर जा सकता है। इसके अलावा पोर्टेबल ब्लूटूथ स्पीकर को कोई भी user अपने bag में चिपका सकता है। या कहे अपने bag में टांग सकता है। 2. Wireless Speakersवायरलेस स्पीकर को कंप्यूटर डिवाइस के साथ connect करने के लिए wifi और bluetooth का इस्तेमाल किया जाता है। वायरलेस स्पीकर साइज में थोड़े बड़े होते है। इसके अलावा इन स्पीकर का वजन थोड़ा ज्यादा होता है। 3. Built-in SpeakersBuilt-in speaker का उपयोग स्टीरियो सेट, टीवी, लैपटॉप और अन्य electronic डिवाइस में किया जाता है। यह स्पीकर ज्यादा मात्रा में ध्वनि को उतपन नहीं कर सकते। क्योकि built in speaker में ध्वनि उतपन करने की एक सीमा होती है। यह स्पीकर आकार में छोटे होते है और कम वजन वाले होते है। 4.Subwooferयह कम frequency वाला स्पीकर है। जिसकी आवाज लगभग 80 hertz की है। Subwoofer में ध्वनि को tracks में capture किया जाता है। subwoofer को कम bass वाली frequency के लिए डिज़ाइन किया गया है। 5.Wooferwoofers का उपयोग ज्यादातर home cinema में किया जाता है। woofers लगभग 80 से 1000 hertz ध्वनि को उतपन करने की छमता रखते है। woofers इस्तेमाल loudspeaker के रूप में भी किया जाता है। woofers आकार में बड़े होते है। इसके अलावा वूफर्स बहुत ज्यादा मात्रा में ध्वनि उतपन कर सकते है। user अपने इच्छा अनुसार ध्वनि को कम या ज्यादा कर सकता है। Advantage of speaker in Hindi – स्पीकर के फायदे1- स्पीकर के द्वारा हम आवाज को आसानी से सुन सकते है। 2- इसकी मदद से एक ही समय मे बहुत सारें लोग आवाज को सुन सकते हैं। 3- इसको लैपटॉप , मोबाइल, या डेस्कटॉप के साथ कनेक्ट करना काफी ज्यादा आसान होता है। Disadvantages of Speaker in Hindi – स्पीकर के नुकसान1- यह बहुत ज्यादा आवाज करते हैं जिससे कुछ लोग इससे परेशान होने लगते है। 2- इसके कारण बहुत ज्यादा मात्रा में noise pollution (ध्वनि प्रदूषण) होता है। 3- इसमें कई बार connectivity issues आने लगते है। यानी कई बार ऐसा होता है की स्पीकर डिवाइस के साथ connect नहीं होता। 4- कुछ ऐसे स्पीकर होते हैं जिनका size काफी बड़ा होता है जैसे कि – शादी में use होने वाले स्पीकर। इन speakers को किसी एक स्थान पर लाने में बहुत दिक्कत होती है। Headphone (हैडफ़ोन क्या है?)
Types of Headphone in Hindi – हैडफ़ोन के प्रकार1.Closed Back HeadphoneClosed back headphone का उपयोग शोर को रोकने के लिए किया जाता है। यानी user इस headphone का इस्तेमाल बाहरी ध्वनि के बचाव के लिए करता है। यह headphone आकार में छोटे होते है। इसके अलावा closed back headphone ज्यादा expensive (महँगे) नहीं होते। 2.Open-Back HeadphonesOpen back headphone खुली और हवादार ध्वनि produce करते है। इस हैडफ़ोन में बाहरी सतह पर छोटे छोटे छेद होते है। जिसके कारण open back headphone में हवा cross (आर-पार) हो सकती है। 3.On Ear HeadphoneOn ear headphone आकार में थोड़े छोटे होते है। इसके अलावा इनका वजन भी काफी हल्का होता है। ऑन एअर हैडफ़ोन को Supra-aural headphone के रूप में भी जाना जाता है। यह headphone यूजर के लिए काफी comfortable होते है। क्योकि दुसरे headphones की तुलना में इसका आकार छोटा होता है। Advantage of Headphone in Hindi – हैडफ़ोन के फायदे1- हैडफ़ोन user को बाहरी ध्वनि यानी शोर शराबे से बचाता है। 2- ये ज्यादा expensive नहीं होते। 3- इसको किसी भी स्थान में लेकर जाया जा सकता है। Disadvantage of Headphone in Hindi – हैडफ़ोन के फायदे1- इसकी ध्वनि (sound) सिमित (limited) होती है अर्थात ये ज्यादा तेज आवाज पैदा नही कर सकते। 2- इसकी वजह से कान में infection होने का खतरा बना रहता है। 3- ज्यादा headphone के उपयोग से कान में दर्द होने लगता है। Sound card (साउंड कार्ड क्या है?)
Video card (वीडियो कार्ड क्या है?)
GPS (जीपीएस क्या है?)
Speech synthesizer (स्पीच सिंथेसाइज़र क्या है?)
Advantage of Speech synthesizer in Hindi – स्पीच सिंथेसाइज़र के फायदे1- इसको इस्तेमाल करने के लिए ज्यादा पैसे खर्च नहीं करने पड़ते। 2- Synthesized Speech डिवाइस को user के द्वारा कण्ट्रोल किया जा सकता है। 3- यह text को स्पीच में बदलने में ज्यादा समय नहीं लगाता। स्पीच सिंथेसाइज़र के नुकसान1- Synthesized Speech डिवाइस में गलतिया होने के chance बने रहते है। 2. इसमें background की noise को फ़िल्टर करने में परेशानियों का सामना करना पड़ता है। Applications of Output Device in Hindi – आउटपुट डिवाइस के अनुप्रयोगइसका इस्तेमाल बहुत सारें जगहों में किया जाता है- 1- Output device का इस्तेमाल user को डाटा भेजने के लिए किया जाता है। 2- इसका उपयोग data को display करने के लिए किया जाता है। 3- इसका उपयोग data को ध्वनि (sound) में बदलने के लिए किया जाता है। 4- आउटपुट डिवाइस का उपयोग data के size बढ़ाने के लिए किया जाता है। 5- इसका इस्तेमाल physical reproduction के लिए किया जाता है। आउटपुट डिवाइस और इनपुट डिवाइस के बीच अंतरआउटपुट डिवाइसइनपुट डिवाइसयह यूजर को data देता है.यह users से data को लेता है.इसे प्रोसेसर कमांड देता है.इसे यूजर command देता है.यह प्रोसेसर से processed data लेता है और फिर उसे user को देता है.यह user से data लेता है और उसे प्रोसेसर को भेजता है.इनका design कम complex होता है.इनका design ज्यादा complex होता है.यह machine के instruction को user के द्वारा समझने वाले instruction में बदलता है.यह user के द्वारा दिए गये instruction को machine instruction में बदल देता है.आउटपुट डिवाइस कौन-कौन सी होती हैं? ये प्रिंटर, प्लॉटर, हैडफ़ोन, साउंडकार्ड, विडियोकार्ड आदि होते हैं. आउटपुट डिवाइस का क्या कार्य है? इसका मुख्य कार्य user को आउटपुट प्रदान करना है. Reference:- https://www.javatpoint.com/output-devices निवेदन:– अगर आपके लिए output device in Hindi (आउटपुट डिवाइस क्या है?) का यह आर्टिकल उपयोगी रहा हो तो इसे अपने friends और classmates के साथ अवश्य share कीजिये. और आपको किसी भी subject से सम्बन्धित कोई question हो तो उसे नीचे comment करके बताइए. कंप्यूटर का आउटपुट डिवाइस क्या है?आउटपुट डिवाइस हार्डवेयर होते हैं जिनका उपयोग टेक्स्ट और ग्राफिक्स प्रदर्शित करने के लिए किया जा सकता है। आउटपुट डिवाइस में आमतौर पर एक स्क्रीन होती है, लेकिन वे प्रिंटर, प्रोजेक्टर या ऑडियो डिवाइस भी हो सकते हैं। वे केबल के माध्यम से कंप्यूटर से जुड़े होते हैं।
आउटपुट डिवाइस क्या है कितने प्रकार के होते हैं?आउटपुट डिवाइस के प्रकार (Types of Output Device). मॉनीटर (Monitor). प्रिंटर (Printer). प्लोटर (Plotter). प्रोजेक्टर (Projector). साउंड कार्ड (Sound Card). इअर फोन (Ear phone). आउटपुट क्या है समझाइए?दोनों को मिलाकर इसका अर्थ होता है, "बाहर रखना". डाटा या सूचना को प्रोसेस करने के बाद यह डिवाइस उसे बहार दिखाती है, जैसे :- मॉनिटर, स्पीकर, प्रिंटर, प्रोजेक्टर, आदि। आउटपुट device ऐसे उपकरण होते है जिसके जरिये डाटा प्रोसेसिंग करने के पश्चात् परिणाम प्रदर्शित किया जाता है।
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