NCERT Solutions for Class 12 Hindi Aroh Chapter 3 कविता के बहाने, बात सीधी थी पर are part of NCERT Solutions for Class 12 Hindi. Here we have given NCERT Solutions for Class 12 Hindi Aroh Chapter 3 कविता के बहाने, बात सीधी थी पर. Show NCERT Solutions for Class 12 Hindi Aroh Chapter 3 कविता के बहाने, बात सीधी थी परपाठ्यपुस्तक के प्रश्न-अभ्यास कविता के साथ प्रश्न 1. प्रश्न 2. प्रश्न 3. प्रश्न 4. प्रश्न 5. प्रश्न 6. प्रश्न 7. उत्तर: कविता के आस-पास प्रश्न 1.
प्रश्न 2. चर्चा कीजिए प्रश्न 1. प्रश्न 2. आपसदारी प्रश्न 1. प्रश्न 2. अन्य महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर प्रश्न 1. प्रश्न 2. प्रश्न 3. प्रश्न 4. प्रश्न 5. कविता का खिलना भला फूल क्या जाने ! बाहर-भीतर इस घर, उस घर बिना मुरझाए महकने के माने फूल क्या जाने?(ख) आखिरकार वही हुआ जिसका मुझे डर था जोर ज़बरदस्ती से बात की चूड़ी मर गई और वह भाषा में बेकार घूमने लगी। उत्तर: (ख) इन पंक्तियों में कवि ने भाषा की जोरज़बरदस्ती का वर्णन किया है। कवि भाषा के सौंदर्य में उलझकर रह गया। उसने भाव की अपेक्षा भाषा पर ध्यान दिया और परिणामस्वरूप भाव की गहराई समाप्त हो गई और भाव भाषा के सौंदर्य में खो गया। कवि ने भाषा की विस्तारता का वर्णन किया है। ज़ोर ज़बरदस्ती’ अनुप्रास अलंकार है। ‘चूड़ी मरना’ लाक्षणिक प्रयोग है। लाक्षणिकता है। साहित्यिक खड़ी बोली है। मुक्त छंद है। मिश्रित शब्दावली है। भाषा सहज व सरल है। गतिशीलता है। दृश्य चित्र है। प्रश्न 6 प्रश्न 7 We hope the given NCERT Solutions for Class 12 Hindi Aroh Chapter 3 कविता के बहाने, बात सीधी थी पर will help you. If you have any query regarding NCERT Solutions for Class 12 Hindi Aroh Chapter 3 कविता के बहाने, बात सीधी थी पर, drop a comment below and we will get back to you at the earliest. कविता के बहाने कविता के कवि का नाम क्या है?प्रसंग:- प्रस्तुत काव्यांश पाठ्यपुस्तक 'आरोह 2' में संकलित कविता 'कविता के बहाने' से उद्धृत है। इसके रचयिता कुंवर नारायण है। कवि कविता की यात्रा में ये बताना चाहते है कि चिड़िया। फुल से लेकर बच्चे तक की है।
कविता के बहाने कविता का उद्देश्य क्या है?1 Answer. 'कविता के बहाने' कविता में कवि ने आज के यंत्र प्रधान, भौतिकतावादी वातावरण में भी कविता के महत्व और प्रभाव को स्थापित करना चाहा है। यद्यपि कविता में लोगों की रुचि कम हुई है, फिर भी मानवीय मूल्यों के रक्षण और सामाजिक समरसता की दृष्टि से कविता आज भी प्रासंगिक है।
कविता फूलों के बहाने क्या है?कविता का फूलों के बहाने खिलना इस रूप में है कि कविता भी फूल की भाँति खिलती अर्थात् विकसित होती है। कवि फूलों के बहाने प्रफुल्लित होता है। कविता में फूलों का प्रभाव आ सकता है। कविता के संदर्भ में 'बिना मुरझाए महकने के माने' क्या होते हैं?
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