क्या चिकन पॉक्स में नहाना चाहिए - kya chikan poks mein nahaana chaahie

क्या चिकन पॉक्स में नहाना चाहिए - kya chikan poks mein nahaana chaahie

चेचक या च‍िकनपॉक्‍स (chicken pox in hindi) एक संक्रामक रोग है। ये एक से दूसरे शरीर में फैल सकता है। चेचक, हफ्ते या 2 हफ्तों के बीच कम होने लगता है। लेक‍िन सावधानी न बरतने पर ये संक्रमण दूसरे या तीसरे हफ्ते में बढ़ सकता है। संक्रमण बढ़ने का बुरा असर, द‍िमाग और ल‍िवर को नुकसान पहुंचा सकता है। चेचक होने पर शरीर में दाने उभर आते हैं। इन दानों में दर्द, खुजली और जलन की समस्‍या होती है। चेचक होने पर बुखार के लक्षण भी नजर आ सकते हैं। इस दौरान व्‍यक्‍त‍ि के ल‍िए नहाना मुश्‍क‍िल हो सकता है। इस लेख में हम जानेंगे क‍ि क्‍या चेचक के दौरान नहाना चाह‍िए या नहीं? इस व‍िषय पर बेहतर जानकारी के ल‍िए हमने लखनऊ के केयर इंस्‍टिट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज की एमडी फ‍िजिश‍ियन डॉ सीमा यादव से बात की।

क्या चिकन पॉक्स में नहाना चाहिए - kya chikan poks mein nahaana chaahie

क्‍या चेचक के दौरान नहाना चाह‍िए?

चेचक होने पर शुरुआत के समय में नहाने की सलाह नहीं दी जाती। चेचक होने के पहले द‍िन से पांचवे या छठे द‍िन तक संक्रमण फैलने या फोड़ों के फूटने का खतरा ज्‍यादा होता है। ऐसे में आपको फोड़ों के सूखने का इंतजार करना चाह‍िए। लेक‍िन ऐसा कोई न‍ियम नहीं है क‍ि आप इस दौरान स्‍नान नहीं ले सकते। अगर आप नहाएंगे, तो साबुन त्‍वचा को नुकसान पहुंचा सकते हैं। साबुन के कारण चेचक का संक्रमण फैल सकता है। साबुन में मौजूद केम‍िकल्‍स, चेचक संक्रमण को बढ़ा सकते हैं। साबुन के संपर्क में आने से चेचक के दौरान खुजली और लाल‍िमा बढ़ सकती है। साबुन के संपर्क में आने से आपको चेचक के दौरान जलन की समस्‍या भी हो सकती है।  

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चेचक में शरीर को कैसे साफ करें?

चेचक के दौरान नहाना है, तो आप सादे पानी से नहाएं। गुनगुने पानी से भी कुछ लोगों को जलन हो सकती है इसल‍िए उससे बचें। आपको साबुन से नहाने से बचना चाह‍िए। इसके अलावा आप नीम की पत्‍त‍ियों के पानी से भी स्‍नान ले सकते हैं। नीम की पत्‍त‍ियों को पानी में उबाल लें और पानी का तापमान सामान्‍य होने पर उससे स्‍नान ले सकते हैं। चेचक के दौरान, नहाने के बाद त्‍वचा को रगड़ने से बचें। नहाने के बाद त्‍वचा को प्राकृत‍िक तरीके से सूखने दें। त्‍वचा को रगड़ने से त्‍वचा में संक्रमण फैल सकता है।

क्‍या चेचक के दौरान बाल धो सकते हैं?

चेचक के दौरान त्‍वचा और स्‍कैल्‍प में भी दाने या संक्रमण फैल जाता है इसल‍िए आपको रोजाना बाल धोने से बचना चाह‍िए। चेचक के दौरान हफ्ते में 2 से 3 बार बाल धुलने में कोई नुकसान नहीं है। चेचक के दौरान बालों को भी धो सकते हैं। स्‍कैल्‍प के ज‍िस ह‍िस्‍से में दाने ज्‍यादा हों, उस ह‍िस्‍से को गीले तौल‍िए से पोछें। दाने वाले ह‍िस्‍से में शैंपू लगाने से बचना चाह‍िए। कुछ लोगों को लगता है क‍ि अगर उन्‍हें एक बार चेचक या च‍िकनपॉक्‍स हो गया, तो दोबारा नहीं हो सकता। लेक‍िन ऐसा नहीं है। आपको सावधानी बरतनी चाह‍िए। ये संक्रमण लौटकर भी आ सकता है।    

क्‍या चेचक में नहाना चाह‍िए? चेचक होने पर शरीर को साफ रखना जरूरी होता है। इस दौरान शरीर में संक्रमण को रोकने के ल‍िए आपको रोजाना कपड़े बदलने चाह‍िए और शरीर को साफ रखने के ल‍िए स्‍पंज या सादे पानी का इस्‍तेमाल कर सकते हैं। 

क्षण पहचानने में देर न करें
डॉक्टरों का मानना है कि चिकन पॉक्स को समझने में मरीज देरी कर देते हैं, जिससे अक्सर इलाज मुश्किल हो जाता है। इसलिए सबसे पहले चिकन पॉक्स के लक्षण जानने जरूरी हैं। विशेषज्ञ बताते हैं कि सबसे खास लक्षण है शरीर में पानी युक्त लाल दानों का उभरना। इसके बाद मरीज को जुखाम व बुखार की शिकायत शुरू हो जाती है।

इन्हें जल्दी हो सकता है संक्रमण
गर्भावस्था के समय महिला को चिकन पॉक्स होने पर नवजात शिशु में संक्रमण का खतरा 70 प्रतिशत बढ़ जाता है। कमजोर रोग-प्रतिरोधक क्षमता वाले लोगों को भी यह वायरस आसानी से शिकार बना लेता है, इसलिए गर्भ ठहरने के 14 हफ्ते के बाद दी गई पावर बूस्टर डोज को वैरिसैला वायरस के बचाव के लिए इस्तेमाल किया जाता है।

सावधानियां जरूर बरतें
एक बार आपको ये लक्षण दिख जाएं तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। दूसरे लोगों को इससे सुरक्षित रखने का प्रयास भी करें। याद रखें कि हवा और खांसी के माध्यम से संक्रमण एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति के शरीर तक पहुंच जाता है। बच्चों को विशेष रूप से चिकन पॉक्स के रोगी से दूर रखें। चिकन पॉक्स के रोगी घर से कम से कम निकलें। इससे एक परिवार का संक्रमण दूसरे परिवार तक पहुंचने से रुकेगा। रोगी के पास खूब सफाई रखें, जिससे संक्रमण बढ़ने न पाए।

दोबारा चिकन पॉक्स, दोगुनी सावधानी
जिन लोगों को दोबारा चिकन पॉक्स हो रहा है, उन्हें सचेत रहने की ज्यादा जरूरत होती है। बीएल कपूर अस्पताल के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. शेखर वशिष्ठ बताते हैं कि चिकनपॉक्स एक बार हो तो अधिक गंभीर नहीं है, जबकि यदि दस साल की उम्र के बीच बच्चों को दो बार से अधिक बार हो तो ल्यूकीमिया बीमारी हो सकती है। ये खून से संबंधित बीमारी है, जिससे रक्त में पाई जाने वाली लाल रक्त कणिकाएं तेजी से क्षतिग्रस्त होती हैं।

साफ-सफाई का खास खयाल
कई लोगों को भ्रम है कि चिकन पॉक्स के रोगी को नहलाना नहीं चाहिए, जबकि सच यह है कि चिकन पॉक्स के मरीज को अतिरिक्त साफ-सफाई की जरूरत होती है। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के बाल रोग विभाग के प्रमुख डॉ. विनोद कुमार पॉल सलाह देते हैं कि मरीज को रोज नीम के पानी से नहलाना चाहिए। साफ कपड़े पहनाने चाहिए। उसके बर्तन वगैरह भी अलग रखने चाहिए, ताकि उसका संक्रमण दूसरों तक न पहुंचे।

कब घातक होता है चिकन पॉक्स
यों तो चिकन पॉक्स पूरी तरह से इलाज वाली बीमारी है और सही इलाज मिलने पर जल्दी ठीक भी हो जाती है। संक्रमण भी एक हफ्ते से दो हफ्ते के बीच में खत्म हो जाता है। लेकिन अगर सावधानियां न बरती जाएं तो दो से तीन हफ्ते तक संक्रमण शरीर में बढ़ता रहता है। अगर ये नियंत्रित न हो तो दिमाग और लिवर तक इसका असर पहुंच जाएगा। इसके बाद दूसरी बीमारियां आपको अपनी गिरफ्त में लेने लगती हैं। इनमें ज्वॉइंडिस यानी पीलिया जैसी बीमारी भी हो सकती है, जिसे आम लोग जानते-समझते हैं। और हाइड्रोसेफेलिक्स जैसी गंभीर बीमारी भी हो सकती है, जिसका अक्सर लोगों ने नाम भी नहीं सुना होता। हाइड्रोसेफेलिक्स में दिमाग में पानी भर जाता है।

टीकाकरण ही एकमात्र बचाव
चिकनपॉक्स से बचाव के लिए सीएक्सवी वैक्सीनेशन एकमात्र विकल्प है। गर्भवती महिला को डोज दी जाती है, जिससे बच्चा सुरक्षित रहे। अगर गर्भवती महिला को दवा नहीं दी गई है तो जन्म के 14 हफ्ते के भीतर बच्चों को चिकनपॉक्स की तीन डोज दी जानी चाहिए। निजी नर्सिग होम में टीका 1350 रुपए में उपलब्ध है।

कुछ मिथ और हकीकत
-मिथ: गहरे रंग की चीजें खाने से गहरे दाग पड़ते हैं!
-सच: गहरे दाग से बचना चाहते हैं तो केवल एक सूत्र याद रखें कि दागों पर बार-बार नाखून न लगें।

-मिथ: चिकन पॉक्स ठीक होने के चार या पांच महीने तक नॉनवेज नहीं खाना चाहिए, वरना शरीर में खुजली हो जाती है।
-सच: मेडिकल साइंस नॉनवेज खाने से कतई नहीं रोकती। यहां तक कि अगर आप सीफूड खाएं तो भी कोई नुकसान नहीं होता।

-मिथ: चिकन पॉक्स के दौरान बाल नहीं धुलने चाहिए और नहाना भी नहीं चाहिए वरना शरीर में हवा घुल जाती है और बुढ़ापे में कई समस्याओं का सामना पड़ता है।
-सच: आप रोज नहा सकते हैं। बाल भी धुल सकते हैं। केवल इतना ध्यान रखिए कि दाग वाले स्थान पर गीले तौलिए से न पोछें, वरना संक्रमण हो सकता है।

-मिथ: अगर एक बार चिकन पॉक्स हो गया तो दोबारा नहीं हो सकता।
-सच: ऐसा नहीं है। कई लोगों को ये दोबारा होता है। इसलिए किसी गलतफहमी में न रहें। सावधानी बरतें।

-मिथ: खुजली वाले स्थान पर कुछ लगाना नहीं चाहिए।
-सच: डॉक्टर ऐसा कोई परहेज नहीं बताते।

क्या चिकेनपॉक्स में नहाना चाहिए?

चिकन पॉक्स होने पर शुरुआती 7 दिनों तक फोड़ों के फूटने और इंफेक्शन फैलने का खतरा अधिक होता है इसीलिए, पहले 5 या 7 दिनों तक न नहाने की सलाह दी जाती है।

चिकन पॉक्स जल्दी ठीक करने के लिए क्या करें?

चिकनपॉक्‍स में परेशान हो रहा है बच्‍चा, इन घरेलू नुस्‍खों से दूर....
​कैलामाइन लोशन कैलामाइन लोशन खुजली को कम करने में मदद कर सकता है। ... .
​ओटमील बाथ ओटमील बाथ से चिकनपॉक्‍स में खुजली से राहत मिल सकती है। ... .
​कैमोमाइल टी ... .
​दर्द निवारक दवाएं ... .
​डॉक्‍टर को कब दिखाएं.

चिकन पॉक्स के दाग कितने दिन में ठीक होता है?

वैसे, चिकनपॉक्स अपने आप ही एक से दो सप्ताह में ठीक होने लगता है। चिकनपॉक्स के ठीक होने के बाद शरीर पर निकले दाने सूख जाते हैं लेकिन इसके दाग रह जाते हैं। ये दाग बहुत ही भद्दे लगते हैं।

चिकन पॉक्स में खुजली होने पर क्या करें?

1- जिस किसी को भी चिकनपॉक्स हुआ हो, उसे हाथों में मोजे पहनकर सोना चाहिए जिससे कि रात में अनजाने में खुजली करते समय दानों में खरोंच न लगे। ... .
2- चिकनपॉक्स की खुजली से छुटकारा पाने के लिए नीम एक अच्छा विकल्प होता है। ... .
3- स्नान करने के लिए, एक बाल्टी पानी में कुछ नीम के पत्ते डालें और फिर अपने ऊपर पानी डालें।.