द्रव्य की अवस्थाएँ NCERT अभ्यास प्रश्नप्रश्न 1. प्रश्न 2. प्रश्न 3. = \(\frac { m}{M}\) प्रश्न 4. दिये गये
गैसीय ऑक्साइड के लिए P = 2 bar एवं M = ? प्रश्न 5. प्रश्न 6. प्रश्न 7. मेथेन का दाब – CO2 का दाब, – मिश्रण का कुल दाब = \({ P }_{ { CH }_{ 4 } }\) +
\({ P }_{ { CO }_{2} }\) प्रश्न 8. प्रश्न 9. प्रश्न 10. M = 1250.4g mol-1. प्रश्न 11. द्वितीय विधि – प्रश्न 12. T= 50K. प्रश्न 13. प्रश्न 14. प्रश्न 15. H2 के मोलों की संख्या, \(\qquad { n }_{ { H }_{ 2 } }=\quad \frac { 4 }{ 2 } \) = 2.0mol कुल मोलों की संख्या = 0.25 + 2.0 = 2.25 mol प्रश्नानुसार, P = ?, n = 2-25 mol, V = 1 dm3, R = 0.083 bar dm K-1 mol-1 T= 27°C = 273 + 27 = 300K अतः PV = nRT से, दाब, P=\(\frac { nRT }{ V } \) P = 56.025 bar. प्रश्न 16. = 279.37 ×103 अतः भरे गुब्बारे का भार = 100 + 1117.48 = 1217.48 kg तृतीय गणना – पेलोड का भार = विस्थापित द्रव्यमान-भरे गुब्बारे का भार = 5028.6 – 1217.8 = 3811.8 kg. प्रश्न 17. V=5.048 L. प्रश्न 18. प्रश्न 19. प्रश्न 20. प्रश्न 21. प्रश्न 22. प्रश्न 23. द्रव्य की अवस्थाएँ अन्य महत्वपूर्ण प्रश्नद्रव्य की अवस्थाएँ वस्तुनिष्ठ प्रश्न प्रश्न 1. प्रश्न
1. प्रश्न 2. प्रश्न 3. प्रश्न 4. प्रश्न 5. प्रश्न 6. प्रश्न 7. प्रश्न 8. प्रश्न 9. प्रश्न 10. प्रश्न 11. प्रश्न 2.
उत्तर:
प्रश्न 3. उत्तर:
प्रश्न 4.
उत्तर:
द्रव्य की अवस्थाएँ अति लघु उत्तरीय प्रश्न प्रश्न 1. दाब का S.I. मात्रक न्यूटन/वर्ग मीटर है, इसे पास्कल भी कहते हैं। प्रश्न 2. प्रश्न 3. प्रश्न 4. प्रश्न 5. प्रश्न 6. प्रश्न 7. प्रश्न 8. प्रश्न 9. प्रश्न 10. प्रश्न 11. प्रश्न 12. प्रश्न 13. प्रश्न 14. प्रश्न 15. प्रश्न 16. प्रश्न 17. प्रश्न 18. प्रश्न 19. प्रश्न 20. प्रश्न 21. प्रश्न 22. प्रश्न 23. अत: -273°C पर, गैस का आयतन शून्य हो जाएगा तथा इससे कम ताप पर, आयतन का मान ऋणात्मक होगा जो कि अर्थहीन है। प्रश्न 24. प्रश्न 25.
क्वथन:
प्रश्न 26. आदर्श गैस के लिये Z = 1 होता है। प्रश्न 27. प्रश्न 28. प्रश्न 29. प्रश्न 30. द्रव्य की अवस्थाएँ लघु उत्तरीय प्रश्न प्रश्न 1.
प्रश्न 2. प्रश्न 3.
उत्तर:
प्रश्न 4. जहाँ, a तथा b वाण्डर वाल्स नियतांक है। nb गैस के अणुओं के कुल आयतन के लगभग बराबर हैं। a अंतराण्विक आकर्षण बलों के परिणाम की माप है।
उत्तर: 2. वाण्डर वाल्स नियतांक ‘a’ अंतराण्विक बलों के परिमाण की माप है। किसी अणु में इलेक्ट्रॉन मेघ का आकार बढ़ने के साथ-साथ अंतराण्विक आकर्षण बलों का परिमाण भी बढ़ता है। अतः दी गयी गैसों के लिए ‘a’ का परिणाम निम्न क्रम में घटेगा – प्रश्न 5. प्रश्न 6. अर्थात् R को ऊर्जा प्रति डिग्री प्रति मोल के द्वारा दर्शाया जाता है। प्रश्न 7. समीकरण (1) और (2) से, प्रश्न 8. सि का आयतन = – 273°C चार्ल्स के नियम से स्पष्ट है कि ताप में कमी करने से आयतन में कमी आती है तथा -273°C ताप पर किसी भी गैस का आयतन शून्य हो जाता है। यह न्यूनतम ताप, जिस पर किसी भी गैस का आयतन शून्य हो जाता है, परम ताप कहलाता है तथा इस परम शून्य ताप पर आधारित स्केल को केल्विन स्केल कहते हैं तथा इसे T से दर्शाते हैं। प्रश्न 9. T इसी प्रकार अंतिम स्थिति में दाब P2 तथा ताप T2 है तो प्रश्न 10. प्रश्न 11. R का मान विभिन्न इकाइयों में –
प्रश्न 12. 1 लीटर गैस का N.T.P पर द्रव्यमान =\(\frac { M ×0.09 }{2.016 }\) = \(\frac { M }{22.4 }\) gm प्रश्न 13. प्रश्न 14. प्रश्न 15. ⇒ वाष्प घनत्व = \(\frac { 1 }{2 }\) × गैस का आण्विक द्रव्यमान अत: आण्विक द्रव्यमान = 2 × वाष्प घनत्व। प्रश्न 16.
प्रश्न 17. प्रश्न 18. प्रश्न 19. \(r\alpha \frac { 1 }{ \sqrt { d } } \) यदि r1 तथा r2 गैसों के विसरण की दर हैं और d1 तथा d2 उनके घनत्व हैं, तो r1 = K \(\frac { 1 }{ \sqrt { { d }_{ 1 } } } \) r2 = K \(\frac { 1 }{ \sqrt { { d }_{ 2 } } } \) \(\frac { { r }_{ 1 } }{ { r }_{ 2 } } \) = \(\frac { \sqrt { { d }_{ 1 } } }{ \sqrt { { d }_{ 2 } } } \) प्रश्न 20. (ii) प्रश्नानुसार, Pकी इकाई = atm, V की इकाई = dm3, n की इकाई = mol प्रश्न 21. ग्राहम के विसरण नियम के विभिन्न अनुप्रयोग लिखिये। उत्तर:
प्रश्न 22. प्रश्न 23. प्रश्न 24. प्रश्न 25. n1= n2 प्रश्न 26. प्रश्न 27. विशेषताएँ:
प्रश्न 28. विशेषताएँ:
प्रश्न 29. आदर्श गैस:
वास्तविक गैस:
प्रश्न 30. दूसरी तरफ यदि आयतन में वृद्धि कर दी जाये तो इकाई क्षेत्रफल में उपस्थित अणुओं की संख्या में कमी आयेगी, जिससे इकाई समय में दीवार की इकाई क्षेत्रफल पर होने वाली टक्करों की संख्या में कमी आयेगी, जिससे दाब में भी कमी आयेगी। अतः स्पष्ट है स्थिर ताप पर किसी गैस की निश्चित मात्रा का आयतन उसके दाब के व्युत्क्रमानुपाती होता है। प्रश्न 31. यदि दाब को स्थिर रखना है तो यह जरूरी है कि अणुओं के मध्य होने वाली टक्करों की संभावना में वृद्धि न हो। यह तभी संभव है जब गैस के अणुओं के बीच की दूरी में वृद्धि कर दी जाये अर्थात् आयतन में वृद्धि की जाये । इससे स्पष्ट है कि स्थिर दाब पर गैस की निश्चित मात्रा का आयतन उसके परम ताप के समानुपाती है। द्रव्य की अवस्थाएँ दीर्घ उत्तरीय प्रश्न प्रश्न 1. क्रिस्टलीय ठोस:
अक्रिस्टलीय ठोस:
प्रश्न 2.
प्रश्न 3. माना कोई अणु दो फलक A तथा B के बीच गति कर रहा है तथा फलक A पर बार-बार टकरा रहा है। यदि फलक A पर टकराने के पहले अणु का वेग v है तथा टक्कर पूर्णतः प्रत्यास्थ है इसलिये टक्कर के पश्चात् अणु का वेगv होगा। अणु का फलक से टकराने से पहले संवेग = mv अणु का फलक से टकराने के बाद संवेग = – mv अतः प्रत्येक टक्कर लगाने पर संवेग परिवर्तन = mv -(-mv) = 2mv फलक A पर दूसरी बार टकराने के लिये अणु को दूरी तय करनी पड़ेगी = 2l ∴ अणु का वेग है। सेमी / सेकण्ड फलक A पर \(\frac { 2l }{ v }\) सेकण्ड में अणु टकराता है 1 बार प्रश्न 4. इसलिये इस स्थिति में वास्तविक आयतन को कुल आयतन की तुलना में नगण्य नहीं माना जा सकता और अणु पास-पास आ जाते हैं इसलिये इनके मध्य आकर्षण बल कार्य करने लग जाता है, जिनकी उपेक्षा नहीं की जा सकती। इन दोनों दोषों को दूर करने के लिये वाण्डर वाल्स ने आदर्श गैस समीकरण में संशोधन कर नये समीकरण की व्युत्पत्ति की जिसे वाण्डर वाल्स समीकरण कहते हैं। आयतन संशोधन: दाब संशोधन: प्रश्न 5. श्यानता वास्तव में द्रव के प्रवाह पर प्रतिरोध है और यह प्रतिरोध अंतरअणुक आकर्षण बल द्वारा प्रभावित होता है। द्रवों को कई पर्तों से मिलकर बना हुआ समझा जाता है। जब कोई द्रव किसी भी सतह पर बहता है ये पर्ते भिन्न-भिन्न वेग से बहती हैं । द्रव की विभिन्न पर्तों में उपस्थित अणु एक-दूसरे द्वारा आकर्षित होते हैं और ये अंतरअणुक आकर्षण बल द्रव के प्रवाह पर प्रतिरोध उत्पन्न करता है। श्यानता को प्रभावित करने वाले कारक –
प्रश्न 6. संकुचित होने की प्रवृत्ति के कारण द्रव की सतह तनी हुई झिल्ली के समान कार्य करती है। इस घटना को पृष्ठ तनाव कहते हैं। पृष्ठ तनाव उस कार्य की माप है जो द्रव की सतह को एकांक क्षेत्रफल से बढ़ाने के लिये आवश्यक है। इसका S.I. मात्रक जूल / मीटर या न्यूटन / मीटर है। पृष्ठ
तनाव को प्रभावित करने वाले कारक –
प्रश्न 7. प्रश्न 8. MP Board Class 11th Chemistry Solutions |