पिछले कुछ सालों के दौरान भारत सहित दुनिया भर में एनीमिया पीड़ितों की संख्या तेजी से बढ़ी है। बदलती जीवनशैली के साथ आहार संबंधी आदतों में होने वाला बदलाव इस समस्या के मुख्य कारण के रूप में सामने आ रहा है। Show
वास्तव में एनीमिया कोई बीमारी नहीं है, लेकिन यह कई बीमारियों की वजह जरूर बन सकता है। समय रहते इस पर काबू पाकर सेहत संबंधी कई गंभीर समस्याओं से बचा जा सकता है। क्या है एनीमिया हीमोग्लोबिन फेफड़ों से ऑक्सीजन लेकर रक्त में ऑक्सीजन पहुंचाता है। इसलिए आयरन की कमी से शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी हो जाती है और हीमोग्लोबिन कम होने से शरीर में ऑक्सीजन की कमी होने लगती है। इसकी वजह से कमजोरी और थकान महसूस होती है, इसी स्थिति को एनीमिया कहते हैं। ये हैं लक्षण महिलाएं बनती हैं शिकार वजन कम करने के लिए डाइटिंग कर रही लड़कियां भी इसकी शिकार हो जाती हैं। पीरियड्स के दौरान ब्लीडिंग होने पर, युट्रस में ट्यूमर, आंतों का अल्सर या पाइल्स के कारण भी एनीमिया की आशंका बढ़ जाती है। बच्चे को ब्रेस्ट फीडिंग करवाने वाली महिलाओं को भी एनीमिया होने का खतरा रहता है। मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर जुगल किशोर बताते हैं, "एनीमिया का मतलब है शरीर में रेड ब्लड सेल्स कम होना। इसके कई कारण हो सकते हैं। महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान या पीरियड्स में अत्यधिक रक्त स्राव होने के कारण एनीमिया हो सकता है। आमतौर पर पाइल्स या अल्सर के कारण भी एनीमिया हो सकता है।" उन्होंने आगे बताया, "आजकल पर्यावरण में मौजूद हानिकारक तत्व भी एनीमिया का कारण बन रहे हैं। सबसे पहले सही कारण का पता लगाएं और उसके अनुसार उपचार लें। सही
मात्रा में पोषक तत्व युक्त भोजन इसका सबसे पहला उपाय है ज्यादा समस्या होने पर खून चढ़ाने की भी जरूरत पड़ सकती है। एनीमिया की समस्या बढ़ने से व्यक्ति हृदय आघात भी हो सकता है। समय रहते ध्यान देना बहुत जरूरी है।" आयरन युक्त डाइट तभी फायदेमंद होती है, जब उसके साथ विटामिन सी का भी सेवन किया जाता है। विटामिन-सी के लिए अमरूद, आंवला और संतरे का जूस लें। कुछ लोग आयरन सप्लीमेंट्स लेना पसंद करते हैं, लेकिन इसे डॉक्टर की सलाह पर ही लें। अत्यधिक आयरन भी खतरनाक हो सकता है। खून बढ़ाने वाले आहार हरी पत्तेदार सब्जी- पालक, ब्रोकोली, पत्तागोभी, गोभी, शलजम और शकरकंद जैसी सब्जियां सेहत के लिए बहुत अच्छी होती हैं। वजन कम होने के साथ खून भी बढ़ता है। पेट भी ठीक रहता है। सूखे मेवे- खजूर, बादाम और किशमिश का खूब प्रयोग करना चाहिए। इसमें आयरन की पर्याप्त मात्रा होती है। फल- खजूर, तरबूज, सेब, अंगूर, किशमिश और अनार खाने से खून बढ़ता है। अनार खाना एनीमिया में काफी फायदा करता है। प्रतिदिन अनार का सेवन करें। Published on: 4 October 2022, 21:00 pm IST
पीरियड के दौरान हर 5 में से 1 महिला हैवी ब्लीडिंग का अनुभव करती है। इसके कारण उन्हें कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इससे असहजता, चिड़चिड़ापन और कमजोरी भी महसूस हो सकती है। ऐसे में कई महिलाएं सवाल करती हैं कि क्या पीरियड के दौरान होने वाली ज्यादा ब्लीडिंग उनमें खून की कमी यानी एनीमिया (Does heavy periods cause anemia) का कारण बन सकती है? आइए जानें ये सच है या केवल एक मिथ! इस बात पर हमेशा ही बहस छिड़ी रही है। क्योंकि कुछ लोगों का कहना है कि पीरियड्स में होने वाली हैवी ब्लीडिंग के कारण एनीमिया हो सकता है, तो कुछ लोग यह कहते हैं कि मेंस्ट्रुएशन के दौरान होने वाली ब्लीडिंग बॉडी की वेस्टेज होती है। तो आपको बता दें कि पीरियड के दौरान होने वाली ब्लीडिंग यूट्रस लाइनिंग के ब्रेक होने से होती है यह किसी भी तरह से बॉडी वेस्टेज नहीं है। वहीं इस बारे में पता लगाने के लिए हेल्थ शॉट्स ने एक्सपर्ट से बातचीत की। हेल्थ शॉट्स ने ऑरा क्लिनिक, सेक्टर 31 गुड़गांव की डायरेक्टर एवं क्लाउड नाइन हॉस्पिटल, गुड़गांव सेक्टर 14 की सीनियर कंसलटेंट डॉ रितु सेठी से इस विषय पर बातचीत की उन्होंने एनीमिया और पीरियड से जुड़ी कई महत्वपूर्ण बातें बताई हैं। तो चलिए जानते है क्या सच में पीरियड बन सकता है एनीमिया का कारण या यह केवल एक मिथक है। पहले जानते हैं क्या है एनीमियाडाॅ सेठी कहती हैं, “एनीमिया एक प्रकार का ब्लड डिसऑर्डर है। एनीमिया के लक्षण हर व्यक्ति में अलग-अलग रूप से नजर आते हैं। इस समस्या में शरीर में रेड ब्लड सेल्स की कमी हो जाती है और हीमोग्लोबिन की मात्रा भी बहुत कम होती है। जिस वजह से शरीर के हर ऑर्गन और टिशू तक पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाता।” वे आगे बताती हैं, “जबकि हीमोग्लोबिन एक प्रकार का प्रोटीन है, जो बोन मैरो से प्रोड्यूस होता है और रेड ब्लड सेल्स में जाकर स्टोर हो जाता है। यह लंग्स से ब्लड वेसल्स की मदद से ऑक्सीजन को शरीर के हर हिस्से तक पहुंचाने का काम करता है। सबसे ज्यादा एनीमिया के लक्षण आयरन डेफिशिएंसी के कारण देखने को मिलते हैं। शरीर में आयरन की कमी होने पर हीमोग्लोबिन की मात्रा गिरने लगती है, क्योंकि आयरन शरीर में हीमोग्लोबिन बनाने में मदद करता है। एनीमिया की समस्या में कारगर होता है आयरन। चित्र: शटरस्टॉकएनीमिया की समस्या के तीन प्रमुख कारण होते हैंखून की कमी होने पर। हालांकि, आपको बता दें कि पुरुषों की तुलना में महिलाओं में आयरन डेफिशिएंसी के कारण एनीमिया होने की संभावना ज्यादा होती है। इसका कारण है: हैवी पीरियड क्या हैवी पीरियड बन सकता है एनीमिया का कारण?डॉक्टर कहती हैं की “हैवी पीरियड्स यानी पीरियड के दौरान 3 से लेकर 5 दिन से अधिक दिनों तक ब्लीडिंग होना या बिना मंथली साइकिल कंप्लीट किए समय से पहले पीरियड आना यह सभी एनीमिया के कारण बन सकते हैं।” पीरियड के दौरान अधिक ब्लड लॉस होने के कारण ब्लड सेल्स यानी की हीमोग्लोबिन का स्तर भी काफी तेजी से गिरता है। इसी के साथ यह शरीर में आयरन की कमी का कारण बन जाता है। जिस वजह से एनीमिया के लक्षण नजर आ सकते हैं। क्या आपको भी होता है पीरियड्स में हैवी ब्लीडिंग। चित्र शटरस्टॉक।एक्सपर्ट कहती है कि “शरीर में हीमोग्लोबिन के कम होने से ब्लड क्लोटिंग की क्षमता कम हो जाती है। ऐसे में पीरियड के दौरान और ज्यादा ब्लीडिंग होती है। जिस वजह से हीमोग्लोबिन और ज्यादा कम होने लगता है। और आपके अगले पीरियड और ज्यादा हैवी हो सकते हैं। गिरता हीमोग्लोबिन हैवी पीरियड्स का कारण होने के साथ एनीमिया के लक्षणों को उत्तेजित करता है।” हैवी मेंस्ट्रूअल ब्लीडिंग के कारण होने वाला एनीमिया कई फैक्टर्स पर निर्भर करता हैं, जैसे कि आपका खान-पान और समग्र सेहत। यदि आप डाइट में पर्याप्त आयरन लेने के साथ अन्य पोषक तत्वों का सेवन करती हैं, तो आपको आयरन डेफिशिएंसी एनीमिया होने की संभावना बहुत कम होती है। कैसे पता चलेगा कि हीमोग्लोबिन कम हो रहा हैथकान ऐसी स्थिति में क्या हो सकता है उपचार ?डॉ सेठी आयरन युक्त आहार के सेवन की सलाह देती हैं। साथ ही वे सुझाव देती हैं कि अगर आपके पीरियड्स ज्यादा या अनियमित हो रहे हैं, तो डॉक्टर से जरूर बात करें। जरूरत पड़ने पर आप आयरन सप्लीमेंट भी ले सकती हैं। अपने डॉक्टर के दिए गए सुझावों का पूरी तरह से पालन करें। ताकि आप हेल्दी और कम्फर्टेबल रह सकें। यह भी पढ़ें : सूजन को कम कर जोड़ों के दर्द से राहत दिलाता है व्हीटग्रास जूस, एक्सपर्ट से जानिए इसके 10 फायदे क्या blood की कमी से पीरियड रुक जाता है?जिस शरीर में खून की कमी होती है वो हर महीने रक्त स्त्रावण नहीं कर सकता है जिसके फलस्वरूप पीरियड स्पॉटिंग होती है।
पीरियड ना आने की क्या क्या वजह हो सकती है?पीरियड्स में देरी के कारण. तनाव तनाव पीरियड मिस होने के कारण में से एक हैं। ... . कम वजन जिन महिलाओं का वजन कम होता हैं उनके पीरियड्स अनियमित हो जाते हैं। ... . अधिक व्यायाम करना शारीरिक गतिविधि ज्यादा कर लेने से पीरियड्स में योगदान देने वाले हार्मोन प्रभावित हो जाते हैं। ... . मोटापा ... . रजोनिवृत्ति ... . बर्थ कंट्रोल ... . गर्भावस्था ... . थायराइड. पीरियड ना आने से कौन सी बीमारी होती है?पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस) एक सामान्य स्थिति है जो माहवारी नहीं आने के तीन मामलों में से एक के रूप में जिम्मेदार है। आपकी माहवारी नहीं आने का कारण होने के साथ-साथ, पीसीओएस के अन्य लक्षणों में शरीर पर अत्यधिक बाल, गर्भवती होने में समस्या और वज़न बढ़ने जैसी समस्याएं शामिल हैं।
रुका हुआ पीरियड लाने के लिए क्या करें?गुड़ और अजवाइन
जिन महिलाओं की माहवारी रुक गई है, उन्हें अजवाइन के साथ गुड़ खाना चाहिए। मासिक धर्म को शुरू करने के लिए एक चम्मच गुड़ और एक चम्मच अजवाइन को एक गिलास में पानी में उबालें। पीरियड न आने पर प्रतिदिन सुबह खाली पेट इस पानी का सेवन करें। ऐसा करने से आपका रुका हुआ पीरियड आ जाएगा।
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