मित्र इसका अर्थ है पक्षियों को पंख उड़ने के लिए ही दिए जाते हैं, परंतु पक्षियों को मनुष्य अपने स्वार्थ के लिए पिंजरे में बंद कर लेते हैं। यह उनके उड़ान में बाधा ही हैं। वह स्वतंत्र होकर उड़ना चाहते हैं। Show
ऐसे थे अरमान कि उड़ते चिड़िया की इच्छा होती है कि नीले आकाश की सीमा तक जाने के लिए उड़ती चली जाये। उसका यह भी सपना होता है कि अपनी चोंच खोलकर रसीले फलों का स्वाद ले सके। होती सीमाहीन क्षितिज से चिड़िया कि इच्छा होती है कि अंतहीन क्षितिज से अपने पंखों की होड़ लगाये। उस होड़ में चाहे साँसें उखड़ जायें या फिर उसके पंख क्षितिज से मिल जाएँ इसकी उसे कोई परवाह नहीं होती। नीड़ न दो, चाहे टहनी का चिड़िया कहती है कि चाहे उसे किसी आरामदेह जगह पर घोंसला ना मिले या फिर उसका घोंसला तोड़ दिया जाये। फिर भी उससे उसके उड़ने का अधिकार कभी नहीं छीनना चाहिए। हम पंछी उन्मुक्त गगन के कविता का सारांश(hum panchi unmukt gagan ke summary)हम पंछी उन्मुक्त गगन के कविता के कवि शिवमंगल सिंह सुमन जी ने इस पूरी कविता में स्वतंत्रता के महत्व को समझाया है जिसमें पक्षियों के बंदी जीवन की पीड़ा की अनुभूति कराकर उन्हें पकड़कर बंदी न बनाने के लिए हम मनुष्यों को प्रेरित किया है। hum panchi unmukt gagan ke summary in hindi हम पंछी उन्मुक्त गगन के पाठ का भावार्थहम पंछी उन्मुक्त गगन के |