लेखक को बस के किसी हिस्से पर भरोसा क्यों नहीं था अपने शब्दों में स्पष्ट कीजिए? - lekhak ko bas ke kisee hisse par bharosa kyon nahin tha apane shabdon mein spasht keejie?

नीचे लिखे गद्यांश को पढ़िए और पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
बस की रफ्तार अब पंद्रह-बीस मील हो गई थी। मुझ उसके किसी हिस्से पर भरोसा नहीं था। ब्रेक फेल हो सकता है, स्टीयरिंग टूट सकता है। प्रकृति के दृश्य बहुत लुभावने थे। दोनों तरफ हरे- भरे पेड़ थे जिन पर पक्षी बैठ थे। मैं हर पेड़ को अपना दुश्मन समझ रहा था। जो भी पेड़ आता, डर लगता कि इससे बस टकराएगी। वह निकल जाता तो दूसरे पेड़ का इंतजार करता। झील दिखती तो सोचता कि इसमें बस गोता लगा जाएगी।
लेखक को बस पर भरोसा क्यों नहीं रहा?

  • क्योंकि बस बीच-बीच में रुक रही थी?
  • क्योंकि उसने सोच लिया था कि कभी भी बस का ब्रेक फेल हो सकता है या स्टीरिंग टूट सकता है।
  • क्योंकि बस तेजी नहीं पकड़ रही थी।
  • क्योंकि बस तेजी नहीं पकड़ रही थी।


B.

क्योंकि उसने सोच लिया था कि कभी भी बस का ब्रेक फेल हो सकता है या स्टीरिंग टूट सकता है।

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लेखक के मन में बस के हिस्सेदार साहब के लिए श्रद्धा के भाव क्यों आए?

  • क्योकि वह लोगों का हित चाहता था।
  • क्योंकि वह केवल अपने लाभ हेतु बस चला रहा था। लोगों की जान की परवाह उसे नहीं थी।
  • क्योंकि वह जानता नहीं था कि बस खराब है।
  • क्योंकि वह जानता नहीं था कि बस खराब है।


B.

क्योंकि वह केवल अपने लाभ हेतु बस चला रहा था। लोगों की जान की परवाह उसे नहीं थी।

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लेखक ने ऐसा क्यों कहा कि गांधी जी के असहयोग व सविनय अवज्ञा आंदोलन के समय यह जवान रही होगी?

  • बस में लोग विरोध कर रहे थे।
  • बस के पुर्जे धीरे-धीरे एक साथ मिलकर काम करने लगे।
  • बस ड़ाइवर ने बस चलाने से इंकार कर दिया।
  • बस ड़ाइवर ने बस चलाने से इंकार कर दिया।


B.

बस के पुर्जे धीरे-धीरे एक साथ मिलकर काम करने लगे।

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बस की दशा किसकी भाँति लग रही थी?

  • एक टूटी इमारत की भाँति
  • एक वयोवृद्धा की भाँति
  • एक बूढ़े पेड़ की तरह
  • एक बूढ़े पेड़ की तरह

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लेखक व उसके मित्र कहां गए थे?

  • सतना
  • पन्ना
  • जबलपुर
  • जबलपुर

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‘बस की यात्रा’ कैसा लेख है?

  • विचारात्मक
  • आत्मकथा        
  • व्यंग्यात्मक
  • व्यंग्यात्मक

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लेखक को बस पर भरोसा क्यों नहीं?

दोनों तरफ़ हरे-भरे पेड़ थे जिन पर पक्षी बैठे थे। मैं हर पेड़ को अपना दुश्मन समझ रहा था। जो भी पेड़ आता, डर लगता कि इससे बस टकराएगी। वह निकल जाता तो दूसरे पेड़ का इंतज़ार करता | झील दिखती तो सोचता कि इसमें बस गोता लगा जाएगी।

लेखक को बस के इंजन में बैठे होने का अनुभव क्यों हो रहा था?

उत्तर:- लेखक के मन में बस कंपनी के हिस्सेदार साहब के लिए श्रद्धा इसलिए जाग गई कि वह टायर की स्थिति से परिचित होने के बावजूद भी बस को चलाने का साहस जुटा रहा था। कंपनी का हिस्सेदार अपनी पुरानी बस की खूब तारीफ़ कर रहा था

लेखक के अनुसार बस कितनी दूरी पर खराब हो गई थी?

उस पर स्वयं या उसके परिवार तथा श्रमिक खेती करते हैं।

बस अचानक रुक क्यों गए?

जब बस अचानक रुक जाती है तो यात्री का निचला हिस्सा बल के कारण विरामावस्था में आ जाता है जबकि ऊपरी हिस्सा गति में रहता है। परिणामस्वरूप हम आगे की ओर झुक जाते है। ऐसा ही जब विरामावस्था से बस गतिशील होती है तो हम बल के कारण गतिशील हो जाते है जब कि ऊपरी भाग विरामावस्था में रहता है अतः हम पीछे की ओर रह जाते है।