Show 1. 'रस्सी कच्चे धागे की' से कवयित्री का क्या आशय है?
B. धागा कपास का है C. साँसें D. कमज़ोर साथी ANSWER= C. साँसें 2. 'नाव' किसे कहा गया है?
B. घर-बार को C. दौलत को D. जीवन को ANSWER= D. जीवन को 3. कवयित्री किसके घर जाना चाहती है?
B. परमात्मा के C. मायके D. प्रेमी के ANSWER= B. परमात्मा के 4. 'माझी को दूँ, क्या उतराई' में माझी कौन है?
B. साथी C. पति D. परमात्मा ANSWER= D. परमात्मा 5. कवयित्री ने 'उतराई' किसे माना है?
B. सद्कर्मों को C. क्रोध और मोह को D. ईर्ष्या-द्वेष को ANSWER= B. सद्कर्मों को 6. कवयित्री ने परमात्मा के लिए किस शब्द का प्रयोग किया है?
B. कृष्ण C. शिव D. ब्रह्म ANSWER= C. शिव 7. 'जेब टटोली, कौड़ी न पाई' में 'जेब टटोलने' का क्या भाव है?
B. पैसे निकालना C. आत्म-सम्मान खोया D. आत्म लोचन किया ANSWER= D. आत्म लोचन किया 8. 'खुलेगी साँकल बंद द्वार की' का भाव है?
B. मन मुक्त होगा C. घर में कोई होगा D. कोई आकर घर खोलेगा ANSWER= B. मन मुक्त होगा 9. कवयित्री ने 'सर्वत्र' के लिए कौन-सा शब्द प्रयोग किया है?
B. जल-थल C. स्थल-थल D. नभ-थल ANSWER= A. थल-थल 10. 'वाख' का शाब्दिक अर्थ क्या है?
B. दोहा C. वाणी D. व्याख्या ANSWER= C. वाणी
11. कवयित्री कौन-सा सागर पार करना चाहती है?
B. हिंद महासागर C. भव D. अरब ANSWER= C. भव 12. कवयित्री के अनुसार 'साहिब' कौन है?
B. पति C. मालिक D. राजा ANSWER= A. परमात्मा 13. कवयित्री ने 'कच्चे सकोरे' किसे कहा है?
B. मिट्टी के बर्तन को C. कच्चे भोज को D. नाशवान शरीर को ANSWER= D. नाशवान शरीर को आपके टोटल मार्क्स कितने आए? ... कमेंट करना मत भूलना...!!! माझी को दें क्या उतराई में माझी कौन है?रस्सी कच्चे धागे की, खींच रही मैं नाव । जी में उठती रह-रह हूक, घर जाने की चाह है घेरे।। मेरे । थल-थल में बसता है शिव ही, भेद न कर क्या हिंदू-मुसलमां ।
माझी को दूँ क्या उतराई में माझी कौन है 1 Point A मल्लाह B साथी C पति D परमात्मा?'माझी को दें, क्या उतराई' में माझी कौन है ? (D) परमात्मा। उत्तर – परमात्मा।
कवयित्री ललद्यद ने उतराई को किसका प्रतीक माना है?कवयित्री ने ईश्वर को सर्वव्यापी बताते हुए उसे हर जगह पर व्याप्त रहने वाला कहा है। वास्तव में ईश्वर का वास हर प्राणी के अंदर है परंतु मत-मतांतरों के चक्कर में पड़कर अज्ञानता के कारण मनुष्य अपने अंदर बसे प्रभु को नहीं पहचान पाता है। इस प्रकार कवयित्री का प्रभु सर्वव्यापी है।
कवियत्री ने सर्वत्र के लिए कौन सा शब्द प्रयोग किया है?उत्तरः कवयित्री के अनुसार ईश्वर प्रत्येक स्थान पर बसता है, उसे किसी विशेष स्थान में ढूँढ़ने की आवश्यकता नहीं।
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