चेतावनी: इस टेक्स्ट में गलतियाँ हो सकती हैं। सॉफ्टवेर के द्वारा ऑडियो को टेक्स्ट में बदला गया है। ऑडियो सुन्ना चाहिये। Show निसर्ग निसर्ग 78 1450This Question Also Answers: Vokal App bridges the knowledge gap in India in Indian languages by getting the best minds to answer questions of the common man. The Vokal App is available in 11 Indian languages. Users ask questions on 100s of topics related to love, life, career, politics, religion, sports, personal care etc. We have 1000s of experts from different walks of life answering questions on the Vokal App. People can also ask questions directly to experts apart from posting a question to the entire answering community. If you are an expert or are great at something, we invite you to join this knowledge sharing revolution and help India grow. Download the Vokal App! What is sandhi vichchhed of Namaste in hindi? Namaste ka sandhi viched kya Hai?. Know below (नमस्ते संधि विच्छेद) namaste sandhi vichchhed in hindi grammar. संधि का नामसंधि विच्छेदनमस्ते (Namaste)नमः + ते नमस्ते में संधि का प्रकार (Type of Sandhi) : Visarga Sandhi (विसर्ग संधि). See Next Sandhiजानें कुछ नयी रोचक चीजे भी : Sandhi of नमस्ते , नमस्ते Sandhi in Hindi language. Get here Sandhi Vigrah of नमस्ते Hindi, Sandhi नमस्ते , Know Sandhi नमस्ते , नमस्ते Sandhi What are the संधि of नमस्ते , संधि of Namaste , Namaste Ka संधि क्या होगा ? What is the संधि of Namaste in Hindi? Likewise इसी तरह सन्धि शब्द जो देखे गएImportant Question of Namasteनमस्ते शब्द का संधि विच्छेद क्या होगी ? नमस्ते शब्द का अर्थ क्या है? संधि विच्छेद of नमस्ते नमस्ते संधि विच्छेद क्या होगा ? नमस्ते किस संधि का उदाहरण है ? नमस्ते का विग्रह क्या होगा ? What is sandhi vichchhed of Namaste in hindi? Know below (संधि विच्छेद) sandhi vichchhed of Namaste in hindi grammar. Another word for likewise - Namaste ? नमस्ते ki sandi kiya hogi ? , नमस्ते ka sandhi viched , sandhi viched of नमस्ते , संधि विच्छेद of नमस्ते , नमस्ते ka sandhi vichched kya hoga, नमस्ते kis sandhi ka udaharan hai ?, नमस्ते ka vigrah kya hoga ? , नमस्ते me konsi sandhi hai ? नमस्ते का संधि विच्छेद = नम: + ते, जिन व्यंजनों में परिवर्तन के कारण संधि है = (विसर्ग + त् /थ् = स्) या (विसर्ग + च् /छ् = श्) या (विसर्ग + ट् /ठ् = ष्) विद्यार्थियों के लिए विसर्ग संधि के बारे में संक्षेप में जानकारी इस प्रकार है:-व्यंजन संधि के अनेक भेद एवं प्रकार हैं। यहाँ पर हमने व्यंजन संधि के नमस्ते से संबन्धित भेद को समझाया है। विद्यार्थी व्यंजन संधि को गहराई से समझने के लिए नीचे दिये गए लिंक लिंक पर जाएँ और व्यंजन संधि के सभी 10 नियमों का विस्तार से अध्ययन कर सकते हैं। Advertisement विसर्ग संधि की परिभाषाविसर्ग तथा व्यंजन या स्वर के परस्पर मेल से जो विकार उत्पन्न होता है उसे विसर्ग संधि कहते हैं। यदि प्रथम पद के अंत में किसी भी स्वर के बाद विसर्ग आये तथा दूसरे पद के प्रारंभ में “त् /थ्” आये तो विसर्ग दन्त्य “स्” में और “च् /छ्” आये तो विसर्ग तालव्य ’श’ में और यदि ट् /ठ् आये तो विसर्ग मूर्धन्य “ष्” में बदल जाता है। नम: + ते = नमस्ते विभिन्न परीक्षाओं में नमस्ते में कौन सी संधि है आदि प्रश्न कई प्रकार से पूछे जाते हैं।जैसे कि :- Advertisement नमस्ते शब्द में कौन सी संधि है? परीक्षा में दिये गए शब्द में कौन सी संधि है अथवा संधि विच्छेद के प्रश्न सदैव स्कोरिंग होते हैं क्योंकि आपको मात्र एक-दो शब्द ही लिखने होते हैं। इसके लिए आपको लिख-लिख कर अभ्यास करते रहना चाहिए। संधि में पदों को मूल रूप में पृथक कर देना संधि विच्छेद है . जैसे - धनादेश = धन + आदेश . यहाँ पर कुछ प्रचलित संधि विच्छेदों को दिया जा रहा है ,जो की विद्यार्थियों के बड़े काम आएगी . संधि विच्छेद संधि में पदों को मूल रूप में पृथक कर देना संधि विच्छेद है . जैसे - धनादेश = धन + आदेश . यहाँ पर कुछ प्रचलित संधि विच्छेदों को दिया जा रहा है ,जो की विद्यार्थियों के बड़े काम आएगी .स्वाधीन = स्व + आधीन ( दीर्घ संधि ) पुस्तकालय = पुस्तक + आलय ( दीर्घ संधि ) प्रधानाध्यापक = प्रधान + अध्यापक ( दीर्घ संधि ) स्वाध्याय = स्व + अध्याय ( दीर्घ संधि ) सर्वाधिक = सर्व + अधिक ( दीर्घ संधि ) योजनावधि = योजन + अवधि ( दीर्घ संधि ) विद्यालय = विद्या + आलय ( दीर्घ संधि ) अत्यधिक = अति + अधिक (यण संधि ) इत्यादि = इति + आदि ( गुण संधि ) परोपकार = पर + उपकार ( गुण संधि ) नरोत्तम = नर + उत्तम ( गुण संधि ) अल्पायु = अल्प + आयु (दीर्घ स्वर संधि ) मंगलाकार = मंगल + आकार (दीर्घ स्वर संधि ) मत्स्याकार = मत्स्य + आकार (दीर्घ स्वर संधि ) मध्यावकाश = मध्य + अवकाश (दीर्घ स्वर संधि ) विद्याध्ययन = विद्या + अध्ययन (दीर्घ स्वर संधि ) चिरायु = चिर + आयु (दीर्घ स्वर संधि ) तथास्तु = तथा + अस्तु (दीर्घ स्वर संधि ) परमेश्वर = परम + ईश्वर (दीर्घ गुण संधि ) महोदय = महा + उदय (दीर्घ गुण संधि ) पदोन्नति = पद + उन्नति (दीर्घ गुण संधि ) विद्दोत्मा = विद्या + उत्तमा (दीर्घ गुण संधि ) सर्वोच्च = सर्व + उच्च (दीर्घ गुण संधि ) प्रत्येक = प्रति + एक (यण स्वर संधि) कुर्मावतार = कूर्म + अवतार (दीर्घ स्वर संधि ) नागाधिराज = नाग + अधिराज (दीर्घ स्वर संधि ) अनावृष्टि = अन + आवृष्टि (दीर्घ स्वर संधि ) पीताम्बर = पीत + अम्बर (दीर्घ स्वर संधि ) मतानुसार = मत + अनुसार (दीर्घ स्वर संधि ) युगानुसार = युग + अनुसार (दीर्घ स्वर संधि ) व्ययामादी = व्यायाम + आदि (दीर्घ स्वर संधि ) सत्याग्रही = सत्य + आग्रही (दीर्घ स्वर संधि ) समांनातर = समान + अंतर (दीर्घ स्वर संधि ) स्वाभिमानी = स्व + अभिमानी (दीर्घ स्वर संधि ) गुरुत्वाकर्षण = गुरुत्व + आकर्षण (दीर्घ स्वर संधि ) हिमांचल = हिम + अंचल (दीर्घ स्वर संधि ) हिमालय = हिम + आलय (दीर्घ स्वर संधि ) अश्वारोही = अश्व + आरोही (दीर्घ स्वर संधि ) क्रोधाग्नि = क्रोध + अग्नि (दीर्घ स्वर संधि ) अखिलेश = अखिल + ईश (दीर्घ स्वर संधि ) परोपकार = पर + उपकार (दीर्घ स्वर संधि ) महर्षि = महा + ऋषि (दीर्घ स्वर संधि ) महोत्सव = महा + उत्सव (दीर्घ स्वर संधि ) यथोचित = यथा + उचित (दीर्घ स्वर संधि ) रहस्योदघाटन = रहस्य + उद्घाटन (दीर्घ स्वर संधि ) लोकोक्ति = लोक + उक्ति (दीर्घ स्वर संधि ) सर्वोत्तम = सर्व + उत्तम (दीर्घ स्वर संधि ) अत्यधिक = अति + अधिक (यण स्वर संधि) अखिलेश्वर = अखि + ईश्वर (गुण स्वर संधि ) महोत्सव = महा + उत्सव (गुण स्वर संधि ) आत्मोत्सर्ग = आत्मा + उत्सर्ग (गुण स्वर संधि ) जीर्णोद्धार = जीर्ण + उद्धार (गुण स्वर संधि ) धनोपार्जन = धन + उपार्जन (गुण स्वर संधि ) स्वेच्छा = स्व + इच्छा (गुण स्वर संधि ) मरणोत्तर = मरण + उत्तर (गुण स्वर संधि ) प्रत्यक्ष = प्रति + अक्ष (यण स्वर संधि) प्रत्याघात = प्रति + अघात (यण स्वर संधि) स्वालंबन = स्व + अवलंबन (दीर्घ स्वर संधि ) कालांतर = काल + अंतर (दीर्घ स्वर संधि ) दोषारोपण = दोष + आरोपण (दीर्घ स्वर संधि ) निम्नाकित = निम्न + अंकित (दीर्घ स्वर संधि ) मदांध = मद + अंध (दीर्घ स्वर संधि ) स्वर्णाक्षरों = स्वर्ण + अक्षरों (दीर्घ स्वर संधि ) महत्वाकांक्षा = महत्व + आकांक्षा (दीर्घ स्वर संधि ) राज्याभिषेक = राज्य + अभिषेख (दीर्घ स्वर संधि ) स्वाध्याय = स्व + अध्याय (दीर्घ स्वर संधि ) परमावश्यक = परम + आवश्यक (दीर्घ स्वर संधि ) शरीरांत = शरीर + अंत (दीर्घ स्वर संधि ) स्वाधीनता = स्व + आधीनता (दीर्घ स्वर संधि ) पुलकावली = पुलक + अवलि (दीर्घ स्वर संधि ) राज्यगार = राज्य + आगार (दीर्घ स्वर संधि ) सत्याग्रह = सत्य + आग्रह (दीर्घ स्वर संधि ) तमसावृत = तमसा + आवृत (दीर्घ स्वर संधि ) गौरवान्वित = गौरव + अन्वित (दीर्घ स्वर संधि ) नमस्ते मे कौनसी संधि है?namaste mein kaun si Sandhi hai? नमस्ते शब्द में विसर्ग संधि है।
नमस्कार शब्द का संधि विग्रह क्या है?'नमस्कार' का संधि विच्छेद 'नमः+कार' है। यहाँ विसर्ग संधि का प्रयोग किया गया है।
प्रणाम शब्द में कौन सी संधि है?pranam mein kaun si Sandhi hai? प्रणाम शब्द में व्यंजन संधि है।
नीरज शब्द में कौन सी संधि है?नीरज में संधि का प्रकार (Type of Sandhi) : Visarga Sandhi (विसर्ग संधि).
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