निवेश क्या है और हम पैसा क्यों लगाते हैं? - nivesh kya hai aur ham paisa kyon lagaate hain?

What Is Investment In Hindi? आप सही जगह पहुंच चुके हैं. जानिए निवेश क्या है?अक्सर लोग निवेश शब्द को लेकर कंफ्यूज रहते हैं।

दोस्तों आपको इस लेख के जरिए निवेश संबंधित सारी जानकारी दी जाएगी। कृपया इस लेख को अंत तक पढ़िए इसमें आपका बहुत बड़ा फायदा छिपा है।

निवेश क्या है और हम पैसा क्यों लगाते हैं? - nivesh kya hai aur ham paisa kyon lagaate hain?

निवेश को अंग्रेजी में investment कहते हैं. जबकि अर्थशास्त्री इसे विनियोग भी कहते हैं। कोई व्यक्ति या संस्था अपने धन से धन कमाता हो या रुपया को काम पर लगाना या रुपया से रुपया कमाना उसे निवेश (Investment) कहते हैंं। निवेश करने वाले व्यक्ति को निवेशक (Investor) कहा जाता है. 

आज के समय अमीर का मतलब, Investor क्यों होता है?

ज्यादातर लोग सिर्फ नौकरी या काम करके आय अर्जित कर सकते हैं। जैसे-जैसे आपका उम्र बढ़ता है वैसे ही खर्च भी बढ़ता हैं। उम्र बढ़ने के साथ कार्य क्षमता भी घटने लगता है। 

दुनिया में कुछ ही प्रतिशत लोग हैं जो नौकरी या काम के अलावा भी इनकम जनरेट कर पाते हैं, उसे निवेशक कहते हैं। 

निवेशक वे लोग होते हैं जो अपने कमाई से बचत कर के, कुछ रुपयों का निवेश करके उस से कमाई करते हैं। 

निवेशकों का जैसे उम्र बढ़ता है, उनका निवेश से इनकम भी बढ़ता है। निवेशकों को कभी भी पूरी जिंदगी काम करने की आवश्यकता नहीं होती है। 

आप अपने इनकम बढ़ाने के लिए अपना डुप्लीकेट बना कर काम पर नहीं लगा सकते हैं, ज्यादा से ज्यादा आप ओवरटाइम काम कर सकते हैं। इनकम बढ़ाने का सबसे सही विकल्प निवेश है। नौकरी छूट जाए या असमय मृत्यु से निवेश आपका ही नहीं आपके परिवार का रक्षा करता है। 

यह निवेश नहीं होता है? उदाहरण के साथ समझिए

निवेशक पैसों का निवेश बिना जोखिम या कम जोखिम से निवेश करता है। जबकि एक जुआरी पैसे कमाने के लालच में सारे पैसे तो कभी-कभी गमा बैठता है। जुआ खेलकर या कैसीनो में पैसे लगाकर पैसे कमाने को निवेश नहीं कहते हैं। 

निवेश में जो रुपया लगाया जाता है। वह सुरक्षित हो और उससे हर महीने कुछ ना कुछ मुनाफा आए, तभी निवेश कहलाता है। कुछ लोग तो चिटफंड जैसे कंपनी में पैसे लगाकर ज्यादा रिटर्न हासिल करने के चक्कर में अपनी सारी पूंजी गवा बैठते हैं उसे निवेश नहीं कह सकते हैं। 

महंगे मोबाइल फ़ोन या महंगा कपड़ा खरीदना यह बिल्कुल निवेश नहीं है। क्योंकि यह मोबाइल फ़ोन या कपड़ा खुद से पैसे कमा नहीं सकता है। कुछ समय के बाद इन दोनों चीजों की मार्केट वैल्यू जीरो हो जाती है। 

निवेश कब और कैसे शुरू करें

वारेन बफ़ेट जिस का नाम दुनिया के 5 सबसे अमीरों में शामिल होता है, उसने 11 वर्ष के उम्र में कमाना शुरु कर दिया था। उसी साल से इन्वेस्टमेंट भी शुरू कर दिया था।

पर्सनल फाइनेंसियल मैनेजमेंट थ्योरी के अनुसार, अगर आप 25 वर्ष के उम्र में भी निवेश करना शुरू कर दिया है तो यह काफी अच्छा माना जाता है। 

निवेश में भी अलबर्ट आइंस्टाइन का कंपाउंड इंटरेस्ट थ्योरी काम करता है। एक उदाहरण देकर आप को समझाना चाहता हूं। दो जुड़वा भाइयों का नाम राम और बलराम, जिसकी उम्र लगभग समान है। 

जब राम 25 वर्ष का था, तभी से उन्होंने ₹15000 प्रतिवर्ष 8% ब्याज दर के हिसाब से बैंक में निवेश करना शुरू कर दिया। जब वह 60 साल का हो गया तो उसके बैंक अकाउंट में ₹2,21780 जमा हो चुका था। 

जब बलराम 35 वर्ष का था, तभी से उन्होंने ₹15000 प्रतिवर्ष 8% ब्याज दर के हिसाब से बैंक में निवेश करना शुरू कर दिया। जब वह 60 साल का हो गया तो उसके बैंक अकाउंट में ₹1,02727 जमा हो चुका था। 

आप खुद अंदाजा लगा लीजिए इतना बड़ा फर्क कैसे आ गया। इसीलिए निवेश करने में देर ना करें। निवेश को जितना ज्यादा समय देंगे आपको रिटर्न उतना ही ज्यादा मिलेगा। 

निवेश के प्रकार – जानिए यह बहुत ही काम की चीज है

निवेश के कई प्रकार हैं जिनके आधार अलग-अलग हो सकते हैं। 

अवधि के अनुसार,

  • अल्पकालिक निवेश
  • मध्यमकालिक निवेश
  • दीर्घकालिक निवेश। 

अल्पकालिक निवेश क्या होता है?

एक वर्षे या उससे कम समय के लिए किया गया निवेश को अल्पकालिक निवेश कहते हैं। इस तरह के निवेश से भी कमाई की जा सकती है।

आप जानते हैं कि बूंद-बूंद से घड़ा भर जाता है। उसी प्रकार छोटी-छोटी कमाई से भी हमारा निवेश बड़ा हो जाता है। 

मान लीजिए कि आप हर महीने कुछ पैसों का बचत कर रहे हैं और आपके पास अभी इतने पैसे जमा नहीं हुआ है कि आप एक बार में बड़ा प्रॉपर्टी खरीद सकें। 

आप हर महीने फिक्स डिपॉजिट कर सकते हैं। क्योंकि आज के समय में 30 दिनों के लिए भी फिक्स डिपाजिट होता है। आप वह सामान खरीद कर स्टॉक कर सकते हैं जिसका दाम बढ़ने के चांसेस होते हैं। 

कम समय के लिए इन्वेस्ट कहां कर सकते हैं?

  • सोना और चांदी
  • फिक्स डिपॉजिट
  • शेयर मार्केट
  • सीजनल उत्पाद। 

मध्यमकालिक निवेश कहां और कब कर सकते हैं? 

एक वर्षे से ज्यादा और 5 वर्षों से कम समय के लिए किया गया निवेश को मध्यमकालिक निवेश कहते हैं। मध्यमकालिक निवेश में ऑप्शंस काफी बढ़ जाते हैं। 

मध्यमकालिक निवेश कहां पर किया जा सकता है? 

  • स्टॉक,
  • बॉन्ड
  • म्यूचुअल फंड
  • रियल एस्टेट
  • सोना और चांदी
  • फिक्स डिपॉजिट 
  • शेयर मार्केट। 

दीर्घकालिक निवेश कब और कहां पर किया जा सकता है? 

5 वर्षों से ज्यादा समय के लिए किया गया निवेश को दीर्घकालिक निवेश माना जाता है। निवेश को जितना ज्यादा समय देंगे आपको रिटर्न उतना ज्यादा मिलेगा और निवेश के ऑप्शन भी ज्यादा होता है। 

विकल्पों जान लीजिए

  • स्टॉक,
  • बॉन्ड
  • म्यूचुअल फंड
  • रियल एस्टेट
  • सोना और चांदी
  • फिक्स डिपॉजिट 
  • शेयर मार्केट  
  • पब्लिक प्रोविडेंट फंड (पीपीएफ)। 

जोखिम के आधार पर, निवेश के प्रकार को जानिए

  • सुरक्षित निवेश
  • असुरक्षित निवेश। 

सुरक्षित निवेश किसे कहते हैं? 

सुरक्षित निवेश उस निवेश को कहते हैं जिसमें पूंजी के साथ-साथ रिटर्न की वापसी की पूरी गारंटी होती है। इस तरह के निवेश में रिटर्न कम होता है लेकिन टेंशन फ्री निवेश कहलाता है।

विकल्प 

  • रियल एस्टेट
  • सोना और चांदी
  • फिक्स डिपॉजिट 
  • पब्लिक प्रोविडेंट फंड (पीपीएफ)
  • राष्ट्रीय बचत पत्र, आदि।

असुरक्षित निवेश किसे कहा जाता है? 

असुरक्षित निवेश उस निवेश को कहते हैं जिसमें निवेश किया गया रकम और रिटर्न की कोई गारंटी नहीं होती है। अंग्रेजी का एक कहावत सुना होगा ‘’ मोर रिस्क मोर गेन ‘’ ज्यादा जोखिम वाले निवेश में रिटर्न के चांसेस ज्यादा होते हैं। 

विकल्प

  • स्टॉक,
  • बॉन्ड
  • म्यूचुअल फंड
  • शेयर मार्केट, आदि। 

भारत एक लोकप्रिय निवेश गंतव्य क्यों बन रहा है

हाल के वर्षों में, भारत विदेशी निवेशकों के लिए तेजी से आकर्षक रहा है। इसमें कई कारकों ने योगदान दिया है, जिसमें देश की बड़ी और युवा आबादी, इसकी तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था और एक लोकतांत्रिक गणराज्य के रूप में इसकी स्थिति शामिल है।

निवेशक भी भारत की ओर आकर्षित होते हैं क्योंकि यह अपेक्षाकृत स्थिर राजनीतिक वातावरण, एक अच्छी तरह से विकसित कानूनी प्रणाली और बौद्धिक संपदा अधिकारों की रक्षा के लिए एक मजबूत प्रतिबद्धता प्रदान करता है। 

इसके अलावा, भारत सरकार देश में व्यापार करना आसान बनाने के उद्देश्य से कई सुधारों को लागू कर रही है।

ये सभी कारक भारत को विदेशी निवेश के लिए एक आकर्षक गंतव्य बनाते हैं। और देश की अर्थव्यवस्था के तीव्र गति से बढ़ने के अनुमान के साथ, यह संभावना है कि आने वाले वर्षों में और भी अधिक निवेशक भारत की ओर देखेंगे।

निवेश योजना के साथ शुरुआत कैसे करें

निवेश योजना वित्तीय नियोजन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, फिर भी इसे अक्सर उन लोगों द्वारा अनदेखा कर दिया जाता है जो अपने भविष्य के लिए बचत करने की कोशिश कर रहे हैं। कुछ सरल कदम हैं जो कोई भी निवेश योजना के साथ आरंभ करने के लिए उठा सकता है।

पहला कदम यह पता लगाना है कि आपके वित्तीय लक्ष्य क्या हैं। क्या आप जल्दी रिटायर होना चाहते हैं? एक बच्चे की शिक्षा के लिए बचाओ? एक आपातकालीन निधि बनाएँ? 

एक बार जब आप जान जाते हैं कि आप किसके लिए बचत कर रहे हैं, तो आप विभिन्न निवेश विकल्पों को देखना शुरू कर सकते हैं और यह पता लगा सकते हैं कि कौन सा आपके लिए सबसे अधिक उपयुक्त है।

इसके बाद, आपको निवेश की मूल बातें समझने की जरूरत है। इसमें विभिन्न प्रकार के निवेशों के बारे में सीखना, वे कैसे काम करते हैं, और इसमें शामिल जोखिम शामिल हैं। किसी भी पैसे का निवेश करने से पहले अपनी जोखिम सहनशीलता का स्पष्ट विचार होना भी महत्वपूर्ण है।

शुरुआती लोगों के लिए सबसे अच्छा निवेश क्या हैं?

निवेश आपके पैसे को बढ़ाने का एक शानदार तरीका हो सकता है, लेकिन यह भ्रमित और भारी भी हो सकता है। यदि आप अभी शुरुआत कर रहे हैं, तो यहां कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए।

सबसे पहले, कोई भी पैसा निवेश न करें जिसे खोने में आप सहज नहीं हैं। यह स्पष्ट लग सकता है, लेकिन यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव हो सकता है। उतार-चढ़ाव आएंगे, और यदि आप उनके लिए तैयार नहीं हैं, तो आप अपने निवेश को नुकसान में बेच सकते हैं।

दूसरा, कुछ सरल से शुरू करें। यदि आप सुनिश्चित नहीं हैं कि कहां से शुरू करें, तो इंडेक्स फंड या लक्ष्य-तिथि म्यूचुअल फंड देखें। इस प्रकार के निवेश विविधीकरण और पेशेवर प्रबंधन प्रदान करते हैं, जो निवेश में शामिल कुछ जोखिम को कम करने में मदद कर सकते हैं। अंत में, समय-समय पर अपने पोर्टफोलियो को पुनर्संतुलित करना न भूलें।

अपने लिए सही निवेश कैसे चुनें

जब निवेश की बात आती है, तो कोई एक आकार-फिट-सभी दृष्टिकोण नहीं होता है। आपके लिए सबसे अच्छा निवेश आपके व्यक्तिगत वित्तीय लक्ष्यों और जोखिम सहनशीलता पर निर्भर करेगा। निवेश चुनते समय कुछ बातों पर ध्यान देना चाहिए:

  1. आपके वित्तीय लक्ष्य क्या हैं? क्या आप लंबी अवधि में अपनी संपत्ति बढ़ाना चाहते हैं, या क्या आपको अल्पावधि में नकदी तक पहुंच की आवश्यकता है?
  2. आप कितना जोखिम उठाने को तैयार हैं? उच्च जोखिम वाले निवेशों में अधिक संभावित रिटर्न होता है, लेकिन वे अधिक अस्थिरता के साथ भी आते हैं।
  3. आपका समय क्षितिज क्या है? यदि आपके पास लंबा समय है, तो आप अधिक जोखिम उठा सकते हैं क्योंकि आपके पास किसी भी नुकसान से उबरने के लिए लंबा समय है।
  4. आपकी कर स्थिति क्या है?

निवेशक सावधान रहें: निवेश करने से पहले किन बातों का ध्यान रखें

जब निवेश की बात आती है, तो अपना पैसा किसी चीज़ में लगाने से पहले बहुत सी बातों पर विचार करना चाहिए।

आप यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि आप अपने हिरन के लिए सबसे अधिक धमाका कर रहे हैं, इसलिए बोलने के लिए, और यह कि आप जितना जोखिम उठा सकते हैं उससे अधिक जोखिम नहीं उठा रहे हैं। अपनी मेहनत की कमाई को निवेश करने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखें।

सबसे पहले और सबसे महत्वपूर्ण, अपना शोध करें। जब निवेश की बात आती है तो कोई निश्चित बात नहीं होती है, लेकिन आप संभावित निवेशों की अच्छी तरह से जांच करके बाधाओं को अपने पक्ष में कर सकते हैं। निवेश के पीछे कंपनी या व्यक्ति के बारे में जितना हो सके पता करें और सुनिश्चित करें कि आप इसमें शामिल जोखिमों को समझते हैं।

एक बार जब आप अपना शोध कर लेते हैं और निवेश का फैसला कर लेते हैं, तो तुरंत ही सब कुछ न करें।

Conclusion Points 

एक निवेश आय या लाभदायक रिटर्न उत्पन्न करने की उम्मीद के साथ धन या अन्य संपत्ति का उपयोग है। इसमें आम तौर पर शेयरों, अचल संपत्ति, बांड, या अन्य प्रतिभूतियों जैसी संपत्तियों की खरीद शामिल होती है।

निवेश का मुख्य उद्देश्य समय के साथ अपनी संपत्ति बढ़ाना है। यह कई तरीकों से किया जा सकता है, जिसमें जमा किए गए धन पर ब्याज अर्जित करना, व्यवसाय संचालन से लाभ का पुनर्निवेश करना, या समय के साथ मूल्य में सराहना करने वाली संपत्ति खरीदना शामिल है।

आखिर में, निवेश क्या है और निवेश के प्रकार उम्मीद करता हूं कि आप को कुछ हद तक समझ में आ गया होगा। एक समय होता है जब हमारे माता-पिता पढ़ने लिखने और सीखने को कहते हैं उसके बाद समय आता है कि नौकरी पाओ और पैसे कमाओ। 

जब हम पैसे कमाने लगते हैं तो हमें बचत करने के लिए कहा जाता है। जब हम बचत कर लेते हैं तो कहा जाता है कि सही स्थान पर निवेश करो ताकि ज्यादा रिटर्न मिले, तभी दुनिया वाले हमें सक्सेस मानते हैं।

My Opinion: क्या मुझे निवेश करना चाहिए? इस प्रश्न का उत्तर आपके वित्तीय लक्ष्यों, जोखिम सहनशीलता और निवेश समयरेखा सहित कई कारकों पर निर्भर करता है। कोई भी निवेश निर्णय लेने से पहले, यह सुनिश्चित करने के लिए अपना शोध करना और वित्तीय सलाहकार से परामर्श करना महत्वपूर्ण है कि निवेश आपके लिए सही है।

What Is Investment In Hindi अब आपको पूरा ज्ञान हो गया होगा. इससे संबंधित अगर आपके पास कोई प्रश्न हो तो जरूर पूछिए.

निवेश क्यों किया जाता है?

निवेश अल्पकालिक वित्तीय लक्ष्यों के साथ-साथ दीर्घकालिक वित्तीय लक्ष्यों को पूरा करने के लिए किया जाता है। भविष्य की पूंजी बनाने के लिए निवेश किया जाता है। निवेश पर लक्ष्य प्रतिफल को ध्यान में रखते हुए निवेश किया जाता है। निवेश में बांड, इक्विटी, रियल एस्टेट, आदि खरीदना शामिल है।

निवेश करने से क्या होता है?

निवेशन वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा आपका धन आपके लिए बड़ा काम करता है. निवेश का अर्थ है अपने अर्जित धन को विभिन्‍न निवेश विकल्‍पों में निवेश करना ताकि आप ब्‍याज, लाभांश एवं पूंजी अभिवृद्धि के रूप में लाभार्जन कर सकें. अलग-अलग आस्तियों में धन को निवेश करने से आपको आमदनी अर्जित करने में मदद मिलती है.

निवेश क्या है in Hindi?

एक निवेश आय या लाभदायक रिटर्न उत्पन्न करने की उम्मीद के साथ धन या अन्य संपत्ति का उपयोग है। इसमें आम तौर पर शेयरों, अचल संपत्ति, बांड, या अन्य प्रतिभूतियों जैसी संपत्तियों की खरीद शामिल होती है। निवेश का मुख्य उद्देश्य समय के साथ अपनी संपत्ति बढ़ाना है।

निवेश कब करना चाहिए?

जाहिर है, जो सबसे महत्वपूर्ण है वह है बाजार में समय बिताना, दूसरी बात, बाजार को समय न देना! लंबे समय में, नियमित रूप से निवेश करना और निवेशित रहना महत्वपूर्ण है, इससे आपको रिटर्न मिलेगा!