पक्षी पिंजरे में क्या भूल जाते हैं अपनी गति अपनी उड़ान अपनी गति और उड़ान दोनों इनमें से कोई नहीं? - pakshee pinjare mein kya bhool jaate hain apanee gati apanee udaan apanee gati aur udaan donon inamen se koee nahin?

Question 1.
‘हम पंछी उन्मुक्त गगन के’ पाठ के रचयिता हैं
(a) भवानी प्रसाद मिश्र
(b) सर्वेश्वर दयाल सक्सेना
(c) शिवमंगल सिंह ‘सुमन’
(d) महादेवी वर्मा

Answer

Answer: (c) शिवमंगल सिंह ‘सुमन’


Question 2.
पक्षी कहाँ का जल पीना पसंद करते हैं?
(a) नल का जल
(b) वर्षा का जल
(c) नदी-झरनों का जल
(d) पिंजरे में रखी कटोरी का जल

Answer

Answer: (c) नदी-झरनों का जल


Question 3.
बंधन किसका है?
(a) स्वर्ण का
(b) श्रृंखला का
(c) स्वर्ण श्रृंखला का
(d) मनुष्य का

Answer

Answer: (c) स्वर्ण श्रृंखला का


Question 4.
लंबी उड़ान में क्या-क्या संभावनाएँ हो सकती थीं?
(a) क्षितिज की सीमा मिल जाती
(b) साँसों की डोरी तन जाती
(c) ये दोनों बातें हो सकती थीं
(d) कुछ नहीं होता

Answer

Answer: (c) ये दोनों बातें हो सकती थीं


Question 5.
पक्षी क्यों व्यथित हैं?
(a) क्योंकि वे बंधन में हैं
(b) क्योंकि वे आसमान की ऊँचाइयाँ छूने में असमर्थ हैं
(c) क्योंकि वे अनार के दानों रूपी तारों को चुगने में असमर्थ हैं
(d) उपर्युक्त सभी

Answer

Answer: (d) उपर्युक्त सभी


(1)

हम पंछी उन्मुक्त गगन के
पिंजरबद्ध न गा पाएँगे,
कनक-तीलियों से टकराकर
पुलकित पंख टूट जाएँगे।
हम बहता जल पीनेवाले
मर जाएँगे भूखे-प्यासे,
कहीं भली है कटुक निबौरी
कनक-कटोरी की मैदा से।

Question 1.
पक्षी किस रूप में रहना चाहते हैं?
(a) व्याकुल
(b) पिंजरे में बंद
(c) उन्मुक्त
(d) पुलकित

Answer

Answer: (c) उन्मुक्त


Question 2.
पिंजरे में रहकर पक्षी क्या नहीं कर पाएंगे?
(a) गा नहीं पाएँगे
(b) उड़ नहीं पाएंगे
(c) कुछ खा नहीं पाएँगे
(d) उपर्युक्त सभी

Answer

Answer: (a) गा नहीं पाएँगे


Question 3.
सोने का पिंजरा भी पक्षियों को क्यों नहीं पसंद आता है?
(a) वे तो खुले आसमान में उड़ना चाहते हैं
(b) क्योंकि उनकी आज़ादी छिन जाती है
(c) क्योंकि वे कैदी के रूप में नहीं रहते
(d) उपर्युक्त सभी

Answer

Answer: (d) उपर्युक्त सभी


Question 4.
कनक-तीलियों से टकरा-टकराकर क्या हो गया?
(a) वे आसमान में उड़ने लगेंगे
(b) पिंजरा टूट जाएगा
(c) उनके पंख टूट जाएँगे
(d) उपर्युक्त सभी

Answer

Answer: (c) उनके पंख टूट जाएँगे


Question 5.
‘कनक’ शब्द का अर्थ है-
(a) चाँदी
(b) पीतल
(c) सोना
(d) ताँबा

Answer

Answer: (c) सोना


Question 6.
कवि एवं कविता का नाम लिखिए।

Answer

Answer: कवि का नाम-शिवमंगल सिंह ‘सुमन’, कविता का नाम-‘हम पंछी उन्मुक्त गगन के’।


Question 7.
इस काव्यांश में पक्षी अपनी क्या इच्छा प्रकट करते हैं ?

Answer

Answer: इस काव्यांश में पक्षी अपनी यह इच्छा प्रकट करते हैं कि हमें खुले आकाश में उड़ान भरने की स्वतंत्रता दी जाए।


Question 8.
पक्षी कैसे रहना पसंद करते हैं ?

Answer

Answer: खुले आसमान में उड़ान भरना पक्षियों का स्वभाव है। अतः वे स्वतंत्र रहकर जीना और उड़ना पसंद करते हैं।


Question 9.
पक्षियों के पंख कब टूट जाते हैं?

Answer

Answer: जब पक्षियों को पिंजरे में कैद कर लिया जाता है तब उनके पुलकित अथवा कोमल पंख उस पिंजरे की तीलियों से टकरा कर टूट जाते हैं। पक्षियों को सोने का पिंजरा कोई सुख नहीं दे सकता।


Question 10.
पक्षियों को कड़वी निबौरी क्यों पसंद है?

Answer

Answer: पक्षियों को कड़वी निबौरी खाना पसंद है, क्योंकि वह आज़ाद रहकर पेड़ की एक डाली से दूसरी डाली पर कूदकर अपनी परिश्रम से उन्होंने पाई है। आज़ादी में मिले इस प्राकृतिक भोजन में उनके मेहनत की मिठास घुली हुई है।


(2)

स्वर्ण-शृंखला के बंधन में
अपनी गति, उड़ान सब भूले,
बस सपनों में देख रहे हैं
तरु की फुनगी पर के झूले।
ऐसे थे अरमान कि उड़ते
नीले नभ की सीमा पाने,
लाल किरण-सी चोंच खोल
चुगते तारक-अनार के दाने।

Question 1.
पिंजरे में पक्षी क्या-क्या भूल जाते हैं?
(a) अपनी गति
(b) अपनी उड़ान
(c) अपनी गति-उड़ान
(d) इनमें कोई नहीं

Answer

Answer: (c) अपनी गति-उड़ान


Question 2.
पक्षी क्या सपना देखते हैं?
(a) आसमान में उड़ने का
(b) वृक्ष की फुनगी पर झूलने का
(c) पिंजरा तोड़ डालने का
(d) पिंजरे से भाग जाने का

Answer

Answer: (b) वृक्ष की फुनगी पर झूलने का


Question 3.
‘फुनगी’ शब्द का अर्थ होता है-
(a) सफ़ेद फूल
(b) पेड़ की सबसे ऊँची चोटी का सिरा
(c) लंबी टहनी
(d) ऊँची टहनी

Answer

Answer: (b) पेड़ की सबसे ऊँची चोटी का सिरा


Question 4.
पिंजरे में कैदी पक्षियों के साथ क्या हुआ?
(a) वे बहुत दुखी हो गए
(b) उन्हें अपनी भावना दबानी पड़ी
(c) वे बंधकर जीने को मजबूर हो गए
(d) उपर्युक्त सभी कथन

Answer

Answer: (d) उपर्युक्त सभी कथन


Question 5.
लाल किरणों-की सी चोंच से क्या तात्पर्य है?
(a) लाल चोंच
(b) सूर्य की किरणों जैसी लंबाई लिए चोंच
(c) जैसे सूर्य की किरण लालिमा लिए होते हैं, वैसे ही उनके चोंच भी लाल होते हैं
(d) इनमें कोई नहीं

Answer

Answer: (b) सूर्य की किरणों जैसी लंबाई लिए चोंच


Question 6.
‘अनार के दाने’ किसके प्रतीक हैं?
(a) अनार के दाने रूपी आसमान के तारे
(b) लाल अनार के दाने
(c) बड़े अनार के दाने
(d) छोटे-बड़े अनार के दाने

Answer

Answer: (a) अनार के दाने रूपी आसमान के तारे


Question 7.
कवि एवं कविता का नाम लिखिए।

Answer

Answer: कवि का नाम-शिवमंगल सिंह ‘सुमन’, कविता का नाम-हम पंछी उन्मुक्त गगन के।


Question 8.
पक्षी कब अपनी स्वाभाविक उड़ान को भूल जाते हैं ?

Answer

Answer: पक्षी तब अपनी स्वाभाविक उड़ान भूल जाते हैं, जब उन्हें पिंजरे में बंदी बना लिया जाता है।


Question 9.
पक्षी किस झूले की बात कर रहे हैं ?

Answer

Answer: पंछी पेड़ की डालियों की फुनगी के झूले की बात कर रहे हैं। उस पर बैठकर उन्हें झूलने में बड़ा आनंद आता है।


Question 10.
किसके क्या अरमान थे?

Answer

Answer: पक्षियों के ये अरमान थे कि वे नीले आकाश में दूर-दूर तक उड़ते। वे आकाश की सीमा तक जाना चाहते थे।


Question 11.
चोंच किसके समान बताया गया है?

Answer

Answer: पक्षियों के चोंच सूर्य की लाल किरण के समान थे।


Question 12.
पक्षी क्या चुगना चाहते हैं ?

Answer

Answer: पक्षी तारों को अनार के दाने समझकर चुगना चाहते थे।


(3)

होती सीमाहीन क्षितिज से
इन पंखों की होड़ा-होड़ी,
या तो क्षितिज मिलन बन जाता
या तनती साँसों की डोरी।
नीड़ न दो, चाहे टहनी का
आश्रय छिन्न-भिन्न कर डालो,
लेकिन पंख दिए हैं तो
आकुल उड़ान में विघ्न न डालो।

Question 1.
पक्षी किसकी सीमा पाना चाहते हैं?
(a) नीले आसमान की
(b) उड़ान की
(c) अनार की
(d) तारे की

Answer

Answer: (a) नीले आसमान की


Question 2.
उपरोक्त पद्यांश में पक्षियों की इच्छा है
(a) आकाश छूने की
(b) क्षितिज को पा जाने की
(c) निरंतर उड़ते रहने की
(d) आराम पाने की

Answer

Answer: (a) आकाश छूने की


Question 3.
पक्षियों का क्या प्रण है?
(a) क्षितिज पाने हेतु पिंजरा तोड़ देंगे
(b) क्षितिज मिलन करेंगे या प्राण त्याग देंगे
(c) क्षितिज मिल हेतु आपसी होड़ लगाएँगे
(d) लंबी उड़ान भरने पर भी क्षितिज मिलन न होने पर विचलित न होना

Answer

Answer: (b) क्षितिज मिलन करेंगे या प्राण त्याग देंगे


Question 4.
‘क्षितिज’ को कैसा बताया गया है?
(a) सीमित
(b) सीमाहीन
(c) बंद
(d) बड़ा

Answer

Answer: (b) सीमाहीन


Question 5.
‘लाल किरण की चोंच’ में कौन-सा अलंकार है?
(a) अनुप्रास
(b) उपमा
(c) रूपक
(d) यमक

Answer

Answer: (b) उपमा


Question 6.
‘आकुल उड़ान’ शब्द का क्या अर्थ है?
(a) व्याकुल होकर उड़ना
(b) अंधाधुंध उड़ना
(c) उड़ने की अधीरता
(d) धीरे-धीरे उड़ना

Answer

Answer: (c) उड़ने की अधीरता


Question 7.
कवि और कविता का नाम लिखिए।

Answer

Answer: कवि का नाम-शिवमंगल सिंह ‘सुमन’, कविता का नाम-हम पंछी उन्मुक्त गगन के।


Question 8.
पक्षी किससे होड़ा-होड़ी करना चाहते हैं?

Answer

Answer: पक्षी इस असीम क्षितिज से होड़ा-होड़ी करना चाहते हैं यानी लंबी उड़ान भरना चाहते हैं।


Question 9.
पक्षी क्या नहीं चाहते?

Answer

Answer: पक्षी की न तो घोंसला की इच्छा है और न टहनी का आश्रय। इन्हें भले ही छीन लिया जाए।


Question 10.
पक्षी अपने उड़ने के अधिकार को बचाने के लिए क्या-क्या देने को तैयार हैं?

Answer

Answer: पक्षी अपने उड़ने के अधिकार को बचाने के लिए अपना घोंसला और पेड़ की डालियों पर बनाया गया आश्रय भी देने को
तैयार हैं, लेकिन अपने उड़ने के अधिकार को छोड़ने के लिए तैयार नहीं हैं।


Question 11.
काव्यांश से तुम्हें क्या शिक्षा मिलती है?

Answer

Answer: हमें इस काव्यांश से शिक्षा मिलती है कि हमें आजादी का महत्त्व समझना चाहिए तथा अपने प्राणों की बाजी लगाकर इसकी रक्षा करनी चाहिए।

कविता से

प्रश्न 1.
हर तरह की सुख सुविधाएँ पाकर भी पक्षी पिंजरे में बंद क्यों नहीं रहना चाहते?
उत्तर:
स्वतंत्रता सबको प्रिय होती है। मनुष्य हो या पशु-पक्षी सभी स्वतंत्रता चाहते हैं। स्वतंत्रताप्रिय होने की इसी प्रवृत्ति के कारण हर तरह की सुख-सुविधाएँ पाकर भी पक्षी पिंजरे में बंद नहीं रहना चाहते।

प्रश्न 2.
पक्षी उन्मुक्त रहकर अपनी कौन-कौन सी इच्छाएँ पूरी करना चाहते हैं?
उत्तर:
पक्षी उन्मुक्त रहकर अपनी निम्नलिखित इच्छाएँ पूरी करना चाहते हैं

  • पक्षी उड़ते हुए आकाश की सीमा जानना चाहते हैं।
  • पक्षी तारे रूपी अनार के दाने चुनना चाहते हैं।
  • पक्षी सीमाहीन क्षितिज से प्रतियोगिता करना चाहते हैं।

प्रश्न 3.
भाव स्पष्ट कीजिए या तो क्षितिज मिलन बन जाता/या तनती साँसों की डोरी।
उत्तर:
भाव-क्षितिज, धरती और आकाश के मिलने का काल्पनिक स्थान होता है। पक्षी इस सीमाहीन क्षितिज से प्रतियोगिता करते हुए उड़ना चाहते हैं। ऐसा करते हुए या तो क्षितिज काल्पनिक न होकर वास्तविक हो जाता या उड़ते-उड़ते उनकी मृत्यु हो जाती।

कविता से आगे

प्रश्न 1.
बहुत से लोग पक्षी पालते हैं –
(क) पक्षियों को पालना उचित है अथवा नहीं? अपने विचार लिखिए।
उत्तर:
लोग भले ही पक्षियों को अपने मनोरंजन के लिए पालते हैं, पर हमारे विचार से पक्षियों को पालना उचित नहीं हैं। हमारी तरह ही वे भी स्वतंत्र रहना चाहते हैं। जब हम बंधन में नहीं रहना चाहते हैं तो भला पक्षी पिंजरे में कैद रहकर कैसे खुश रह सकते हैं। हमें उनकी स्वतंत्रता में बाधक नहीं बनना चाहिए।

(ख) क्या आपने या आपकी जानकारी में किसी ने कभी कोई पक्षी पाला है? उसकी देखरेख किस प्रकार की जाती होगी, लिखिए।
उत्तर:
हाँ, हमारे पड़ोसी ने एक तोता पाल रखा है। तोते को पिंजरे में बंद करके वे उसे छत से टाँगते हैं, जिससे कुत्ता या बिल्ली उस पर हमला न कर सके। वे तोते को लाल मिर्च, अमरूद, आम जैसे फल खिलाते हैं। तोते के बोलने पर पड़ोसी बड़े खुश होते हैं, पर वे शायद यह नहीं जानते कि तोता उनसे अपने मुक्त होने की प्रार्थना कर रहा है।

कविता से

प्रश्न 1.
हर तरह की सुख सुविधाएँ पाकर भी पक्षी पिंजरे में बंद क्यों नहीं रहना चाहते?
उत्तर:
स्वतंत्रता सबको प्रिय होती है। मनुष्य हो या पशु-पक्षी सभी स्वतंत्रता चाहते हैं। स्वतंत्रताप्रिय होने की इसी प्रवृत्ति के कारण हर तरह की सुख-सुविधाएँ पाकर भी पक्षी पिंजरे में बंद नहीं रहना चाहते।

प्रश्न 2.
पक्षी उन्मुक्त रहकर अपनी कौन-कौन सी इच्छाएँ पूरी करना चाहते हैं?
उत्तर:
पक्षी उन्मुक्त रहकर अपनी निम्नलिखित इच्छाएँ पूरी करना चाहते हैं

पक्षी उड़ते हुए आकाश की सीमा जानना चाहते हैं।
पक्षी तारे रूपी अनार के दाने चुनना चाहते हैं।
पक्षी सीमाहीन क्षितिज से प्रतियोगिता करना चाहते हैं।
प्रश्न 3.
भाव स्पष्ट कीजिए या तो क्षितिज मिलन बन जाता/या तनती साँसों की डोरी।
उत्तर:
भाव-क्षितिज, धरती और आकाश के मिलने का काल्पनिक स्थान होता है। पक्षी इस सीमाहीन क्षितिज से प्रतियोगिता करते हुए उड़ना चाहते हैं। ऐसा करते हुए या तो क्षितिज काल्पनिक न होकर वास्तविक हो जाता या उड़ते-उड़ते उनकी मृत्यु हो जाती।

कविता से आगे

प्रश्न 1.
बहुत से लोग पक्षी पालते हैं –
(क) पक्षियों को पालना उचित है अथवा नहीं? अपने विचार लिखिए।
उत्तर:
लोग भले ही पक्षियों को अपने मनोरंजन के लिए पालते हैं, पर हमारे विचार से पक्षियों को पालना उचित नहीं हैं। हमारी तरह ही वे भी स्वतंत्र रहना चाहते हैं। जब हम बंधन में नहीं रहना चाहते हैं तो भला पक्षी पिंजरे में कैद रहकर कैसे खुश रह सकते हैं। हमें उनकी स्वतंत्रता में बाधक नहीं बनना चाहिए।

(ख) क्या आपने या आपकी जानकारी में किसी ने कभी कोई पक्षी पाला है? उसकी देखरेख किस प्रकार की जाती होगी, लिखिए।
उत्तर:
हाँ, हमारे पड़ोसी ने एक तोता पाल रखा है। तोते को पिंजरे में बंद करके वे उसे छत से टाँगते हैं, जिससे कुत्ता या बिल्ली उस पर हमला न कर सके। वे तोते को लाल मिर्च, अमरूद, आम जैसे फल खिलाते हैं। तोते के बोलने पर पड़ोसी बड़े खुश होते हैं, पर वे शायद यह नहीं जानते कि तोता उनसे अपने मुक्त होने की प्रार्थना कर रहा है।

प्रश्न 2.
पक्षियों को पिंजरे में बंद करने से केवल उनकी आज़ादी का हनन ही नहीं होता, अपितु पर्यावरण भी प्रभावित होता है। इस विषय पर दस पंक्तियों में अपने विचार लिखिए।
उत्तर:
पक्षियों को पिंजरे में बंद करने से एक ओर जहाँ उनकी आज़ादी छिन जाती है वहीं दूसरी ओर पर्यावरण भी बुरी तरह प्रभावित होता है। पक्षी पर्यावरण में संतुलन बनाए रखते हैं। पक्षियों के न रहने पर यह संतुलन बिगड़ने लगता है। कुछ पक्षी, जैसे-चील, बाज, कौआ आदि मरे हुए जानवरों को खाकर पर्यावरण को स्वच्छ बनाते हैं।

इनके न रहने से इन मरे हुए जीवों से वातावरण में बदबू फैल जाएगी और उनके शरीर के अवशेष बिखरे नज़र आएँगे। अनेक प्रकार के पक्षी फसलों को हानि पहुँचाने वाले कीट-पतंगों, टिड्डियों तथा चूहों को खाकर किसानों की सहायता करते हैं और अनाज उत्पादन में वृद्धि करते हैं। पक्षी फलों को खाकर उनके बीजों का प्रकीर्णन करते हैं। इस प्रकार पक्षी पेड़-पौधों के उगने तथा उनकी वृद्धि करने में सहायक हैं। पक्षी अपनी विभिन्न प्रकार की आवाज़ों से वातावरण को सजीव बनाते हैं।

अनुमान और कल्पना

प्रश्न 1.
क्या आपको लगता है कि मानव की वर्तमान जीवन-शैली और शहरीकरण से जुड़ी योजनाएँ पक्षियों के लिए घातक हैं? पक्षियों से रहित वातावरण में अनेक समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं। इन समस्याओं से बचने के लिए हमें क्या करना चाहिए? उक्त विषय पर वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन कीजिए।
उत्तर:
हाँ, मानव की जीवन-शैली और शहरीकरण से जुड़ी योजनाओं को पूरा करने के लिए पेड़-पौधों को काटा जाता है। इससे पक्षियों का आश्रय-स्थल और उनके खाद्य पदार्थ नष्ट होते जा रहे हैं। जिस वातावरण में पक्षी न होगे, वहाँ अनेक समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं। इनसे बचने के लिए हमें ज्यादा-से-ज्यादा पेड़ लगाने चाहिए, जिससे पक्षियों को आश्रय-स्थल मिल सके और इन पेड़ों से उनके खाने के लिए फल आदि खाद्य पदार्थ मिल सकें। उनके शिकार पर प्रतिबंध लगाना होगा। जगह-जगह पर उनके लिए कुछ फल, अनाज के दाने, पानी से भरे पात्र रखने होंगे। नोट-इस विषय पर छात्र स्वयं वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन करें।

प्रश्न 2.
यदि आपके घर के किसी स्थान पर किसी पक्षी ने अपना आवास बनाया है और किसी कारणवश आपको अपना घर बदलना पड़ रहा है तो आप उस पक्षी के लिए किस तरह के प्रबंध करना आवश्यक समझेंगे? लिखिए।
उत्तर:
घर के किसी स्थान पर पक्षी द्वारा बनाए गए घोंसले को हम बिना छेड़छाड़ के यूँ ही छोड़ देंगे। उनके घोंसले के पास पानी भरा पात्र तथा अनाज के दाने रख देंगे तथा उनकी सुरक्षा का प्रबंध भी करेंगे।

भाषा की बात

प्रश्न 1.
स्वर्ण-श्रृंखला और लाल किरण-सी में रेखांकित शब्द गुणवाचक विशेषण हैं। कविता से ढूंढकर इस प्रकार के तीन और उदाहरण लिखिए।
उत्तर:

कनक-तीलियाँ
कटुक निबौरी
सीमाहीन क्षितिज
आकुल उड़ान।
प्रश्न 2.
‘भूखे-प्यासे’ में द्वंद्व समास है। इन दोनों शब्दों के बीच लगे चिह्न को सामासिक चिह्न (-) कहते हैं। इस चिह्न से ‘और’ का संकेत मिलता है, जैसे-भूखे-प्यासे = भूखे और प्यासे। इस प्रकार के दस अन्य उदाहरण खोजकर लिखिए।
उत्तर:
सामासिक शब्द –

सुख-दुख – सुख और दख
माता-पिता – मत, और पिता
अपना-पराया – अपना और परामा
मोटा-पतला – मोटा और पतला
खट्टा-मीठा – खट्टा और मीठा
बरा-भला – बुरा और भला
लाभ-हानि – लाभ और हानि
जय-पराजय – जय और पराजय
यश-अपयश – यश और अपयश
नर-नारी – नर और नारी

प्रश्न 2.
पक्षियों को पिंजरे में बंद करने से केवल उनकी आज़ादी का हनन ही नहीं होता, अपितु पर्यावरण भी प्रभावित होता है। इस विषय पर दस पंक्तियों में अपने विचार लिखिए।
उत्तर:
पक्षियों को पिंजरे में बंद करने से एक ओर जहाँ उनकी आज़ादी छिन जाती है वहीं दूसरी ओर पर्यावरण भी बुरी तरह प्रभावित होता है। पक्षी पर्यावरण में संतुलन बनाए रखते हैं। पक्षियों के न रहने पर यह संतुलन बिगड़ने लगता है। कुछ पक्षी, जैसे-चील, बाज, कौआ आदि मरे हुए जानवरों को खाकर पर्यावरण को स्वच्छ बनाते हैं।

इनके न रहने से इन मरे हुए जीवों से वातावरण में बदबू फैल जाएगी और उनके शरीर के अवशेष बिखरे नज़र आएँगे। अनेक प्रकार के पक्षी फसलों को हानि पहुँचाने वाले कीट-पतंगों, टिड्डियों तथा चूहों को खाकर किसानों की सहायता करते हैं और अनाज उत्पादन में वृद्धि करते हैं। पक्षी फलों को खाकर उनके बीजों का प्रकीर्णन करते हैं। इस प्रकार पक्षी पेड़-पौधों के उगने तथा उनकी वृद्धि करने में सहायक हैं। पक्षी अपनी विभिन्न प्रकार की आवाज़ों से वातावरण को सजीव बनाते हैं।

अनुमान और कल्पना

प्रश्न 1.
क्या आपको लगता है कि मानव की वर्तमान जीवन-शैली और शहरीकरण से जुड़ी योजनाएँ पक्षियों के लिए घातक हैं? पक्षियों से रहित वातावरण में अनेक समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं। इन समस्याओं से बचने के लिए हमें क्या करना चाहिए? उक्त विषय पर वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन कीजिए।
उत्तर:
हाँ, मानव की जीवन-शैली और शहरीकरण से जुड़ी योजनाओं को पूरा करने के लिए पेड़-पौधों को काटा जाता है। इससे पक्षियों का आश्रय-स्थल और उनके खाद्य पदार्थ नष्ट होते जा रहे हैं। जिस वातावरण में पक्षी न होगे, वहाँ अनेक समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं। इनसे बचने के लिए हमें ज्यादा-से-ज्यादा पेड़ लगाने चाहिए, जिससे पक्षियों को आश्रय-स्थल मिल सके और इन पेड़ों से उनके खाने के लिए फल आदि खाद्य पदार्थ मिल सकें। उनके शिकार पर प्रतिबंध लगाना होगा। जगह-जगह पर उनके लिए कुछ फल, अनाज के दाने, पानी से भरे पात्र रखने होंगे। नोट-इस विषय पर छात्र स्वयं वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन करें।

प्रश्न 2.
यदि आपके घर के किसी स्थान पर किसी पक्षी ने अपना आवास बनाया है और किसी कारणवश आपको अपना घर बदलना पड़ रहा है तो आप उस पक्षी के लिए किस तरह के प्रबंध करना आवश्यक समझेंगे? लिखिए।
उत्तर:
घर के किसी स्थान पर पक्षी द्वारा बनाए गए घोंसले को हम बिना छेड़छाड़ के यूँ ही छोड़ देंगे। उनके घोंसले के पास पानी भरा पात्र तथा अनाज के दाने रख देंगे तथा उनकी सुरक्षा का प्रबंध भी करेंगे।

भाषा की बात

प्रश्न 1.
स्वर्ण-श्रृंखला और लाल किरण-सी में रेखांकित शब्द गुणवाचक विशेषण हैं। कविता से ढूंढकर इस प्रकार के तीन और उदाहरण लिखिए।
उत्तर:

  • कनक-तीलियाँ
  • कटुक निबौरी
  • सीमाहीन क्षितिज
  • आकुल उड़ान।

प्रश्न 2.
‘भूखे-प्यासे’ में द्वंद्व समास है। इन दोनों शब्दों के बीच लगे चिह्न को सामासिक चिह्न (-) कहते हैं। इस चिह्न से ‘और’ का संकेत मिलता है, जैसे-भूखे-प्यासे = भूखे और प्यासे। इस प्रकार के दस अन्य उदाहरण खोजकर लिखिए।
उत्तर:
सामासिक शब्द –

  • सुख-दुख – सुख और दख
  • माता-पिता – मत, और पिता
  • अपना-पराया – अपना और परामा
  • मोटा-पतला – मोटा और पतला
  • खट्टा-मीठा – खट्टा और मीठा
  • बरा-भला – बुरा और भला
  • लाभ-हानि – लाभ और हानि
  • जय-पराजय – जय और पराजय
  • यश-अपयश – यश और अपयश
  • नर-नारी – नर और नारी

पक्षी अपनी गति और उड़ान को भूल कर क्या सपना देखते हैं?

बस सपनों में देख रहे हैं तरु की फुनगी पर के झूले । हम बहता जल पीनेवाले मर जाएँगे भूखे-प्यासे, कहीं भली है कटुक निबौरी कनक-कटोरी की मैदा से । ऐसे थे अरमान कि उड़ते नीले नभ की सीमा पाने, लाल किरण- सी चोंच खोल चुगते तारक - अनार के दाने ।

पक्षी का अपनी गति उड़ान सब भूलने का क्या कारण है?

वे आसमान की उस सीमा को छू लेना चाहते हैं, जिसका कोई अंत नहीं है। कई बार वे आकाश की सीमा को प्राप्त कर लेते हैं उन्हें लगता है कि सीमा को छ लेने से उनका आसमान से मिलने पूरा हो गया या कई बार उड़ते हुए वे अपनी मंजिल को प्राप्त नहीं कर पाते तो उन्हें निराशा होती हैं। आकुल उड़ान में विघ्न न डालो ।

पक्षियों को अगर पिंजरे में बंद कर दिया जाए तो वह क्या भूल जाएंगे?

उड़े बिना वे में नहीं रह सकते। पिंजरे में बन्द करके तो हम उनकी आजादी छीन लेते हैं। जिससे वे उड़ने के लिए पिंजरे में ही छटपटाते रहते हैं। इसके साथ ही हमारा पर्यावरण भी प्रभावित होता न है, क्योंकि पर्यावरण में संतुलन बनाये रखने में पक्षियों की बहुत बड़ी भागीदारी होती है।

पिंजरे में पंछी क्या क्या नहीं कर सकते?

प्रश्न-9 पिंजरे में पंछी क्या-क्या नहीं कर सकते? उत्तर - पिंजरे में पंछी पंख नहीं फैला सकते, ऊँची उड़ान नहीं भर सकते, बहता जल नहीं पी सकते और पेड़ों पर लगे हुए फल नहीं खा सकते