Question 1. Answer: (c) शिवमंगल सिंह ‘सुमन’ Question 2. Answer: (c) नदी-झरनों का जल Question 3. Answer: (c) स्वर्ण श्रृंखला का Question 4. Answer: (c) ये दोनों बातें हो सकती थीं Question 5. Answer: (d) उपर्युक्त सभी (1) हम
पंछी उन्मुक्त गगन के Question 1. Answer: (c) उन्मुक्त Question
2. Answer: (a) गा नहीं पाएँगे Question 3. Answer: (d) उपर्युक्त सभी Question 4. Answer: (c) उनके पंख टूट जाएँगे Question 5. Answer: (c) सोना Question
6. Answer: कवि का नाम-शिवमंगल सिंह ‘सुमन’, कविता का नाम-‘हम पंछी उन्मुक्त गगन के’। Question 7. Answer: इस काव्यांश में पक्षी अपनी यह इच्छा प्रकट करते हैं कि हमें खुले आकाश में उड़ान भरने की स्वतंत्रता दी जाए। Question 8. Answer: खुले आसमान में उड़ान भरना पक्षियों का स्वभाव है। अतः वे स्वतंत्र रहकर जीना और उड़ना पसंद करते हैं। Question 9. Answer: जब पक्षियों को पिंजरे में कैद कर लिया जाता है तब उनके पुलकित अथवा कोमल पंख उस पिंजरे की तीलियों से टकरा कर टूट जाते हैं। पक्षियों को सोने का पिंजरा कोई सुख नहीं दे सकता। Question 10. Answer: पक्षियों को कड़वी निबौरी खाना पसंद है, क्योंकि वह आज़ाद रहकर पेड़ की एक डाली से दूसरी डाली पर कूदकर अपनी परिश्रम से उन्होंने पाई है। आज़ादी में मिले इस प्राकृतिक भोजन में उनके मेहनत की मिठास घुली हुई है। (2) स्वर्ण-शृंखला के बंधन में Question 1. Answer: (c) अपनी गति-उड़ान Question 2. Answer: (b) वृक्ष की फुनगी पर झूलने का Question 3. Answer: (b) पेड़ की सबसे ऊँची चोटी का सिरा Question 4. Answer: (d) उपर्युक्त सभी कथन Question 5. Answer: (b) सूर्य की किरणों जैसी लंबाई लिए चोंच Question
6. Answer: (a) अनार के दाने रूपी आसमान के तारे Question 7. Answer: कवि का नाम-शिवमंगल सिंह ‘सुमन’, कविता का नाम-हम पंछी उन्मुक्त गगन के। Question 8. Answer: पक्षी तब अपनी स्वाभाविक उड़ान भूल जाते हैं, जब उन्हें पिंजरे में बंदी बना लिया जाता है। Question 9. Answer: पंछी पेड़ की डालियों की फुनगी के झूले की बात कर रहे हैं। उस पर बैठकर उन्हें झूलने में बड़ा आनंद आता है। Question 10. Answer: पक्षियों के ये अरमान थे कि वे नीले आकाश में दूर-दूर तक उड़ते। वे आकाश की सीमा तक जाना चाहते थे। Question 11. Answer: पक्षियों के चोंच सूर्य की लाल किरण के समान थे। Question 12. Answer: पक्षी तारों को अनार के दाने समझकर चुगना चाहते थे। (3) होती सीमाहीन क्षितिज से Question 1. Answer: (a) नीले आसमान की Question 2. Answer: (a) आकाश छूने की Question 3. Answer: (b) क्षितिज मिलन करेंगे या प्राण त्याग देंगे Question 4. Answer: (b) सीमाहीन Question 5. Answer: (b) उपमा Question 6. Answer: (c) उड़ने की अधीरता Question 7. Answer: कवि का नाम-शिवमंगल सिंह ‘सुमन’, कविता का नाम-हम पंछी उन्मुक्त गगन के। Question 8. Answer: पक्षी इस असीम क्षितिज से होड़ा-होड़ी करना चाहते हैं यानी लंबी उड़ान भरना चाहते हैं। Question 9. Answer: पक्षी की न तो घोंसला की इच्छा है और न टहनी का आश्रय। इन्हें भले ही छीन लिया जाए। Question 10. Answer: पक्षी अपने उड़ने के अधिकार को बचाने के लिए अपना घोंसला और पेड़ की डालियों पर बनाया गया आश्रय भी देने को Question 11. Answer: हमें इस काव्यांश से शिक्षा मिलती है कि हमें आजादी का महत्त्व समझना चाहिए तथा अपने प्राणों की बाजी लगाकर इसकी रक्षा करनी चाहिए। कविता से प्रश्न
1. प्रश्न 2.
प्रश्न 3. कविता से आगे प्रश्न 1. (ख) क्या आपने या आपकी जानकारी में किसी ने कभी कोई पक्षी पाला है? उसकी देखरेख किस प्रकार की जाती होगी,
लिखिए। कविता से प्रश्न 1. प्रश्न 2. पक्षी उड़ते हुए आकाश की सीमा जानना चाहते हैं। कविता से आगे प्रश्न 1. (ख) क्या आपने या आपकी जानकारी में किसी ने कभी कोई पक्षी पाला है? उसकी देखरेख किस प्रकार की जाती होगी, लिखिए। प्रश्न 2. इनके न रहने से इन मरे हुए जीवों से वातावरण में बदबू फैल जाएगी और उनके शरीर के अवशेष बिखरे नज़र आएँगे। अनेक प्रकार के पक्षी फसलों को हानि पहुँचाने वाले कीट-पतंगों, टिड्डियों तथा चूहों को खाकर किसानों की सहायता करते हैं और अनाज उत्पादन में वृद्धि करते हैं। पक्षी फलों को खाकर उनके बीजों का प्रकीर्णन करते हैं। इस प्रकार पक्षी पेड़-पौधों के उगने तथा उनकी वृद्धि करने में सहायक हैं। पक्षी अपनी विभिन्न प्रकार की आवाज़ों से वातावरण को सजीव बनाते हैं। अनुमान और कल्पना प्रश्न 1. प्रश्न 2. भाषा की बात प्रश्न 1. कनक-तीलियाँ सुख-दुख – सुख और दख प्रश्न 2. इनके न रहने से इन मरे हुए जीवों से वातावरण में बदबू फैल जाएगी और उनके शरीर के अवशेष बिखरे नज़र आएँगे। अनेक प्रकार के पक्षी फसलों को हानि पहुँचाने वाले कीट-पतंगों, टिड्डियों तथा चूहों को खाकर किसानों की सहायता करते हैं और अनाज उत्पादन में वृद्धि करते हैं। पक्षी फलों को खाकर उनके बीजों का प्रकीर्णन करते हैं। इस प्रकार पक्षी पेड़-पौधों के उगने तथा उनकी वृद्धि करने में सहायक हैं। पक्षी अपनी विभिन्न प्रकार की आवाज़ों से वातावरण को सजीव बनाते हैं। अनुमान और कल्पना प्रश्न 1. प्रश्न
2. भाषा की बात प्रश्न 1.
प्रश्न 2.
पक्षी अपनी गति और उड़ान को भूल कर क्या सपना देखते हैं?बस सपनों में देख रहे हैं तरु की फुनगी पर के झूले । हम बहता जल पीनेवाले मर जाएँगे भूखे-प्यासे, कहीं भली है कटुक निबौरी कनक-कटोरी की मैदा से । ऐसे थे अरमान कि उड़ते नीले नभ की सीमा पाने, लाल किरण- सी चोंच खोल चुगते तारक - अनार के दाने ।
पक्षी का अपनी गति उड़ान सब भूलने का क्या कारण है?वे आसमान की उस सीमा को छू लेना चाहते हैं, जिसका कोई अंत नहीं है। कई बार वे आकाश की सीमा को प्राप्त कर लेते हैं उन्हें लगता है कि सीमा को छ लेने से उनका आसमान से मिलने पूरा हो गया या कई बार उड़ते हुए वे अपनी मंजिल को प्राप्त नहीं कर पाते तो उन्हें निराशा होती हैं। आकुल उड़ान में विघ्न न डालो ।
पक्षियों को अगर पिंजरे में बंद कर दिया जाए तो वह क्या भूल जाएंगे?उड़े बिना वे में नहीं रह सकते। पिंजरे में बन्द करके तो हम उनकी आजादी छीन लेते हैं। जिससे वे उड़ने के लिए पिंजरे में ही छटपटाते रहते हैं। इसके साथ ही हमारा पर्यावरण भी प्रभावित होता न है, क्योंकि पर्यावरण में संतुलन बनाये रखने में पक्षियों की बहुत बड़ी भागीदारी होती है।
पिंजरे में पंछी क्या क्या नहीं कर सकते?प्रश्न-9 पिंजरे में पंछी क्या-क्या नहीं कर सकते? उत्तर - पिंजरे में पंछी पंख नहीं फैला सकते, ऊँची उड़ान नहीं भर सकते, बहता जल नहीं पी सकते और पेड़ों पर लगे हुए फल नहीं खा सकते।
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