पाल वंश के संस्थापक कौन हैं? - paal vansh ke sansthaapak kaun hain?

पाल राजवंश मध्यकालीन भारत का एक महत्वपूर्ण राजवंश था। इस इस राजवंश ने बिहार और अखण्डित बंगाल पर लगभग 750 ई से 1174 ई तक शासन किया था। इस लेख में हमने पाल राजवंश पर आधारित 10 सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी दिया है जो UPSC, SSC, State Services, NDA, CDS और Railways जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए बहुत ही उपयोगी है।

पाल वंश के संस्थापक कौन हैं? - paal vansh ke sansthaapak kaun hain?

GK Questions and Answers on the Pala Dynasty

पाल राजवंश मध्यकालीन भारत का एक महत्वपूर्ण राजवंश था। इस इस राजवंश ने बिहार और अखण्डित बंगाल पर लगभग 750 ई से 1174 ई तक शासन किया था। इस राजवंश का साम्राज्य कन्नौज, उत्तर प्रदेश तथा उत्तर भारत तक फैला हुआ था।

1. पाल राजवंश के संस्थापक कौन था?

A. गोपाल प्रथम

B. धर्मपाल

C. देवपाल

D. उपरोक्त सभी

Ans: A

व्याख्या: पाल राजवंश स्थापना गोपाल ने आठवीं शताब्दी के मध्य में किया था। इसलिए, A सही विकल्प है।

2. निम्नलखित में से किस पाल शासक के शासनकाल में, रामचरित्र को लिख गया था जिसमे यह उल्लेख किया गया था कि पाला राजवंश सौर राजवंश के वंशज थे?

A. देवपाल

B. धर्मपाल

C. गोपाल प्रथम

D. महेन्द्रपाल

Ans: C

व्याख्या: गोपाल प्रथम गौड़ (उत्तरी बंगाल) पाल वंश का प्रथम राजा तथा बंगाल और बिहार पर लगभग चार शताब्दी तक शासन करने वाले पाल वंश का संस्थापक था। इसी के शासनकाल में, रामचरित्र को लिख गया था जिसमे यह उल्लेख किया गया है कि पाला राजवंश सौर राजवंश के वंशज थे। इसलिए, C सही विकल्प है।

3. निम्नलिखित में से किसने नालंदा विश्वविद्यालय को पुनःस्थापित किया था और विक्रमशिला विश्वविद्यालय की स्थापना की थी?

A. देवपाल

B. धर्मपाल

C. गोपाल प्रथम

D. महेन्द्रपाल

Ans: B

व्याख्या: धर्मपाल पाल वंश के गोपाल प्रथम का पुत्र एवं उत्तराधिकारी व एक योग्यतम शासक था।उसने 'महाराजाधिराज', 'परमेश्वर' और 'परभट्टारक' जैसी उपाधियाँ धारण की थीं।उसने प्रसिद्ध विक्रमशिला विश्वविद्यालय और नालन्दा विश्वविद्यालय को पुनःस्थापित किया थी। इसलिए, B सही विकल्प है।

चालुक्य राजवंश पर आधारित सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी

4. निम्नलिखित कथनों पर विचार करें।

I. उसे 'परमसौगात' कहा गया है।

II. उसने 'नगरहार' के प्रसिद्ध विद्धान 'वीरदेव' को 'नालन्दा विश्वविद्यालय' का प्रधान आचार्य नियुक्त किया था।

उपरोक्त में से कौन सा कथन देवपाल के सन्दर्भ में सही है?

A. Only I

B. Only II

C. Both I and II

D. Neither I nor II

Ans: C

व्याख्या: देवपाल धर्मपाल का पुत्र एवं पाल वंश का उत्तराधिकारी था। उसने अपने शासनकाल में 'नगरहार' के प्रसिद्ध विद्धान 'वीरदेव' को 'नालन्दा विश्वविद्यालय' का प्रधान आचार्य नियुक्त किया था। वह बौद्ध धर्म को मानता था  इसलिए उसे 'परमसौगात' कहा गया है। इसलिए, C सही विकल्प है।

5. निम्नलिखित में से किस पाला शासक का नाम जगजीवनपुर तांबे की प्लेट पर देवपाला के पुत्र के रूप में और शुरापाल प्रथम के छोटे भाई का उल्लेख किया गया है?

A. महेंद्रपाल

B. देवपाल

C. नारायणपाल

D. विग्रहपाल प्रथम

Ans: A

व्याख्या: महेंद्रपाल एक ऐसा पाल राजवंश का शासक था जिसका नाम जगजीवनपुर तांबे की प्लेट पर देवपाला के पुत्र के रूप में और शुरापाल प्रथम के छोटे भाई का उल्लेख किया गया है। इसलिए, A सही विकल्प है।

6. निम्नलिखित में से किस के शासन में वेरेन्द्री में सोमापुरी और पहाहरपुर में विहार को बनवाया गया था?

A. महेन्द्रपाल

B. धर्मपाल

C. नारायणपाल

D. विग्रहपाल प्रथम

Ans: B

व्याख्या: धर्मपाल पाल वंश के गोपाल प्रथम का पुत्र एवं उत्तराधिकारी व एक योग्यतम शासक था। इन्ही के शासनकाल में वेरेन्द्री में सोमापुरी और पहाहरपुर में विहार को बनवाया गया था। इसलिए, B सही विकल्प है।

पाण्ड्य राजवंश पर आधारित सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी

7. निम्नलिखित कथनों पर विचार करें।

I. 'नारायणपाल' अभिलेख में उसे उचित कर लगाने वाला अर्थात् सबसे साथ समान व्यवहार करने वाला (समकर) कहा गया है।

II. 'संध्याकर नंदी' ने अपने विलक्षण काव्य ग्रंथ में रामपाल की उपलब्धियों का वर्णन किया है।

उपरोक्त में से कौन सा कथन रामपाल के सन्दर्भ में सही है?

A. Only I

B. Only II

C. Both I and II

D. Neither I nor II

Ans: B

व्याख्या: रामपाल बंगाल तथा बिहार का 14वाँ पाल वंशीय शासक था। 'संध्याकर नंदी' ने अपने विलक्षण काव्य ग्रंथ 'रामपालचरित' में रामपाल की उपलब्धियों का वर्णन किया है। 'नारायणपाल' अभिलेख में धर्मपाल के उचित कर लगाने वाला अर्थात् सबसे साथ समान व्यवहार करने वाला (समकर) कहा गया है। इसलिए, B सही विकल्प है।

8. निम्नलिखित कथनों पर विचार करें।

I. जावा के शैलेन्द्र वंशी शासक 'वालपुदेव' के अनुरोध पर देवपाल ने उसे बौद्ध विहार बनवाने के लिए पाँच गाँव दान में दिया थे।

II. 'बादल स्तम्भ' अनुसार उसने उत्कलों और हूणों को हराया था

उपरोक्त में से कौन सा कथन देवपाल के सन्दर्भ में सही है?

A. Only I

B. Only II

C. Both I and II

D. Neither I nor II

Ans: D

व्याख्या: 'बादल स्तम्भ' पर उत्कीर्ण लेख इस बात का दावा करता है कि देवपाल ने, "उत्कलों की प्रजाति का सफाया कर दिया था, हूणों का धमण्ड खण्डित किया और द्रविड़ तथा गुर्जर शासकों के मिथ्याभिमान को ध्वस्त कर था"। जावा के शैलेन्द्र वंशी शासक 'वालपुदेव' के अनुरोध पर देवपाल ने उसे बौद्ध विहार बनवाने के लिए पाँच गाँव दान में दिया थे। । इसलिए, D सही विकल्प है।

9. निम्नलिखित में से किसके काल में प्रसिद्ध बौद्ध विद्वान् 'अतिशा' (दीपशंकर श्रीज्ञान) ने तिब्बत के शासकों के निमंत्रण पर अपने शिष्यों सहित वहाँ की यात्रा की थी?

A. गोपाल प्रथम

B. देवपाल

C. गोपाल तृतीय

D. नयपाल

Ans: D

व्याख्या: नयपाल बिहार और बंगाल के पाल वंश के शासक महीपाल का पुत्र और उत्तराधिकारी था। इसी के शासनकाल में प्रसिद्ध बौद्ध विद्वान् 'अतिशा' (दीपशंकर श्रीज्ञान) ने तिब्बत के शासकों के निमंत्रण पर अपने शिष्यों सहित वहाँ की यात्रा की थी। इसलिए, D सही विकल्प है।

10. निम्नलिखित में से किस शासक का नाम बादल स्तंभ शिलालेख से जुड़ा है?

A. नारायणपाल

B. गोपाल द्वितीय

C. विग्रहपाल

D. महिपाल प्रथम

Ans: A

व्याख्या: नारायणपाल पाल वंश के विग्रहपाल का पुत्र और उत्तराधिकारी था। बादल स्तंभ शिलालेख में इसका नाम का उल्लेख किया गया है। इसलिए, A सही विकल्प है।

पाल वंश का प्रथम कौन था?

गोपाल (750-770 ईस्वी): पाल वंश की स्थापना गोपाल ने की थी, जो राज्य के पहले सम्राट भी थे।

पाल वंश का सबसे बड़ा राजा कौन था?

पाल वंश का सबसे बड़ा सम्राट 'गोपाल' का पुत्र 'धर्मपाल' था। इसने 770 से लेकर 810 ई. तक राज्य किया। कन्नौज के प्रभुत्व के लिए संघर्ष इसी के शासनकाल में आरम्भ हुआ।

पाल वंश के राजा कौन कौन थे?

पालवंश के शासक.
गोपाल (पाल) (७५०-७७०).
धर्मपाल (७७०-८१०).
देवपाल (८१०-८५०).
शूर पाल महेन्द्रपाल (८५० - ८५४).
विग्रह पाल (८५४ - ८५५).
नारायण पाल (८५५ - ९०८).
राज्यो पाल (९०८ - ९४०).
गोपाल २ (९४०-९६०).

पाल वंश की स्थापना कब और किसके द्वारा हुई?

पाल वंश का शासन पूर्वी भारत पर 750 ई० से 1161 ई० तक रहा। इसका प्रथम शासक गोपाल रहा इसने ही पाल वंश की स्थापना 750 ई० में की थी। उसका पुत्र धर्मपाल इस वंश का पहला महान शासक हुआ। इसके ही समय में पाल वंश का विस्तार हुआ और इसी के समय में कन्नौज त्रिपक्षीय संघर्ष का आरंभ हुआ।