मगरमच्छ का शिकार क्यों किया जाता है - magaramachchh ka shikaar kyon kiya jaata hai

मगरमच्छ का शिकार क्यों किया जाता है - magaramachchh ka shikaar kyon kiya jaata hai

मगरमच्छ के आँसू वाली कहावत तो सभी ने सुनी होगी। इसका तात्पर्य होता है कपट पूर्ण प्रदर्शन करना या फिर झूठा दुख प्रकट करना, लेकिन अपन असली वाले मगरमच्छ की बात कर रहे हैं। यह तो आप जानते ही हैं कि जब मगरमच्छ शिकार को जबड़े में दबा लेता है यानी शिकार को खा रहा होता है तब उसकी आंखों से आंसू निकलते हैं। सवाल यह है कि क्या को सचमुच शिकार के प्रति झूठा शोक मना रहा होता है या फिर इसके पीछे कोई और कारण है। आइए वन्य प्राणी विज्ञान की किताब और वैज्ञानिकों से पता लगाते हैं:- 

मगरमच्छ शिकार करने के बाद आँसू क्यों बहता है 

जब मगरमच्छ के जबड़े में शिकार फंसा होता है और वह उसे चबा रहा होता है तब उसकी आंखों से आंसू निकल रहे होते। दरअसल, यह आंसू नहीं होते बल्कि पानी होता है। मगरमच्छ को शिकार करने में ज्यादा श्रम नहीं करना पड़ता लेकिन उसे चबाने और पचाने में काफी परिश्रम करना पड़ता है। भोजन के दौरान बार-बार हांफने और फुफकारने के कारण उसकी आंखों से पानी निकलने लगता है। इसी पानी को मगरमच्छ के आंसू कहा जाता है। इसका मतलब यह हुआ कि जब कोई व्यक्ति 'मगरमच्छ के आंसू' कहावत का उपयोग करता है तो यह मान लेना चाहिए कि वह मगरमच्छ के बारे में कुछ नहीं जानता।

मगरमच्छ के बारे में मजेदार बातें (adsbygoogle = window.adsbygoogle || []).push({});

  • मगरमच्छ मांसाहारी होते हैं परंतु कभी-कभी उन्हें फलाहार करना पसंद है। 
  • मगरमच्छ के जबड़े में कम से कम 60 और अधिकतम 110 दांत होते हैं। 
  • मगरमच्छ के दांत नियमित रूप से झड़ते और उगते रहते हैं। अपने जीवन में कम से कम 50 बार उसके दांत झड़ जाते हैं। 
  • मगरमच्छ अपने जबड़े से 5000 पाउंड प्रति स्क्वायर इंच दबाव डाल सकते हैं, जबकि इंसान का जबड़ा अधिकतम 100 पाउंड दबाव डाल सकता है। 
  • आपको जानकर आश्चर्य होगा कि मगरमच्छ जबड़ा बंद करते समय जितना ताकतवर होता है खोलते समय उतना ही कमजोर होता है। मम्मी के बालों में जो रबड़ बैंड होता है यदि उससे मगरमच्छ का जबड़ा  बंद कर दिया जाए तो वह अपनी ताकत से उसे खोल नहीं पाएगा। 

मगरमच्छ के बारे में आश्चर्यजनक बातें

  • नेशनल ज्योग्राफिक के रिकॉर्ड के अनुसार दुनिया का सबसे लंबा मगरमच्छ 6.17 मीटर (20.2 फीट) मापा गया और इसका वजन 1,075 किलोग्राम (2,370 पाउंड) था। वह फिलीपींस के अगुसन डेल सुर प्रांत में पाया गया था। 
  • मगरमच्छ यदि अपना जबड़ा खोल कर बैठा हुआ है तो इसका मतलब वह अपने शरीर की गर्मी बाहर छोड़ रहा है। ऐसी स्थिति में वह कभी शिकार नहीं कर पाता। 
  • मगरमच्छ पानी में 35 किलोमीटर प्रति घंटा और जमीन पर 17 किलोमीटर प्रति घंटा की स्पीड से आगे बढ़ सकता है। 

मगरमच्छ के बारे में रोचक जानकारियां 

  • मगरमच्छ आज की दुनिया में टीवी पर आने वाले किसी भी योगी से ज्यादा बड़ा योगी होता है। वह 1 घंटे तक सांस रोक सकता है। 
  • मगरमच्छ अपने शिकार का सिर्फ मांस नहीं खाता बल्कि उसकी खाल और हड्डियां भी पचा जाता है। 
  • मगरमच्छ कुछ खास किस्म के छोटे-छोटे पत्थर खा जाता है। यह पत्थर उसके पेट में चक्की का काम करते हैं। शिकार की हड्डियों का चूरा चुरा कर देते हैं। इन पत्थरों को 'गैस्ट्रोलिथ' के रूप में जाना जाता है। 

मगरमच्छ की विशेषताएं (adsbygoogle = window.adsbygoogle || []).push({});

  • मगरमच्छ जब धूप लेने के लिए पानी की सतह पर आता है तो किसी भी संभावित हमले से बचने के लिए एक आंख खोल कर सो जाता है। लोगों को लगता है कि वह जाग रहा है और उन्हें देख रहा है। इसलिए कोई उसे डिस्टर्ब नहीं करता। 
  • यदि आप मगरमच्छ को अपने स्विमिंग पूल में कैद कर दें और भोजन ना दें तो वह कम से कम 1 साल तक जिंदा रह सकता है। 
  • मगरमच्छ का सबसे पसंदीदा भोजन हाथी का छोटा बच्चा होता है। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article

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डीएनए हिंदी: मध्य प्रदेश से एक बेहद दर्दनाक मामला सामने आया था. यहां श्योपुर में 10 साल के एक मासूम को मगरमच्छ ने अपना निवाला बना लिया. घटना श्योपुर के रघुनाथपुर थाने के रीझेटा गांव की है. बताया जा रहा है कि रीझेटा गांव निवासी अतर सिंह केवट अपने दोस्तों के साथ चंबल नदी में नहाने गया था, इस दौरान वहां अचानक मगरमच्छ आ गया और बच्चे को खींचते हुए गहरे पानी में ले गया. इस घटना के बाद गांववालों ने मिलकर मगरमच्छ को पकड़ा और उसके मुंह में एक लड़की फसा दी. लोगों का कहना था कि मगरमच्‍छ बिना चबाए ही खाना निगल जाता है तो हो सकता है कि बच्चा उसके पेट में अंदर जिंदा ही हो. हालांकि, ऐसा कुछ नहीं था. बच्चे का शव नदी से बरामद किया गया. काफी देर तक समझाने के बाद लोगों ने मगर को छोड़ा. इसके बाद वन विभाग की टीम उसे बहुत दूर जाकर नदी में छोड़ आई.

अब यह खबर पढ़ने के बाद कई लोगों के मन में एक सवाल आया कि आखिर इतने तेज दांत होने के बाद भी मगरमच्‍छ अपने शिकार को बिना चबाए उसे निगल क्यों जाता है. जीव विज्ञानी भी कहते हैं कि चाहे इंसान हो या कोई दूसरा शिकार, मगरमच्‍छ कभी भी उसे चबाता नहीं है. वह शिकार को पकड़ता है, अपने जबड़ों में फंसाता है, दबाता है और निगल जाता है. क्या आप इसके पीछे की वजह के बारे में जानते हैं? अगर नहीं तो आज हम आपको इसी के बारे में बताने जा रहे हैं.

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शिकार को चबाता क्यों नहीं है मगरमच्‍छ?
दरअसल, मगरमच्‍छ के मुंह में दांत ऐसी जगह होते हैं कि वह चाहकर भी अपने खाने को चबा नहीं सकते. मगर के मुंह में किनारों पर दांत होते हैं इसलिए वह शिकार को चबाए बिना ही न‍िगल जाते हैं. 

फिर कैसे पचता है खाना?
विशेषज्ञों की मानें तो अन्य जीवों के मुकाबले मगरमच्‍छ के पेट में गैस्ट्रिक एसिड की मात्रा ज्यादा होती है जो खाने को पचाने में मदद करती है. इसके अलावा मियामी साइंस म्‍यूज‍ियम के विशेषज्ञों का कहना है कि मगरमच्‍छ छोटे-छोटे कंकड़-पत्‍थर भी खाता है. ये पत्‍थर भी उसके पेट में जाकर भोजन को पीसने का काम करते हैं. 

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पेट में कितनी देर जिंदा रहता है शिकार?
जीव विज्ञानियों के मुताबिक, मगरमच्‍छ काफी मजबूती से अपने शिकार को जबड़ों में जकड़ता है. एक बार शिकार उसके जबड़े में फंस जाए तो उसे छुड़ाना काफी मुश्किल हो जाता है. वहीं, किसी तरह उसके मजबूत जबड़ों से शिकार बच भी जाए तो जैसे ही वह उसके पेट में जाता है, उसकी ताकतवर मांसपेशियां शिकार के शरीर को तोड़ने लगती हैं और फिर पेट में मौजूद सारे एसिड शिकार को गलाना शुरू कर देते हैं. यह एसिड किसी भी शिकार को 10 से 12 दिन में पचा कर खत्म कर देता है. 

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मगरमच्छ को क्यों मारा जाता है?

हर वर्ष शिकार के लिए एक करोड़ मगरमच्छों को मार दिया जाता है। मगरमच्छ के शरीर के सभी अंग अवैध रूप से काला बाजार में बेचे जाते हैं। वे मुख्य रूप से उनकी त्वचा के लिए मारे गए थे। इन त्वचा का उपयोग मुख्य रूप से लक्जरी बैग, बेल्ट, जूते, पर्स और असबाब (गृह की सामग्री) के लिए किया जाता है।

मगरमच्छ का भोजन क्या है?

बड़े आकार के व्यस्क खारे पानी के मगरमच्छ अपनी रेंज में आने वाले किसी भी जानवर को खा सकते हैं, इसमें बन्दर, कंगारू, जंगली सूअर, डिंगो (एक प्रकार का कुत्ता), गोआना, पक्षी, घरेलू पशु, पालतू जानवर, मनुष्य, पानी की भैंस, गौर, चमगादड़ और यहां तक कि शार्क भी शामिल है। क्या यह आपके समय के हिसाब से उपयुक्त था?

मगरमच्छ भोजन करते समय क्यों रोता है?

4. मगरमच्छ(Crocodile) वास्तव में आँसू आते हैं। क्योंकि, भोजन करते समय, वे बहुत अधिक हवा निगलते हैं, जो लैरीक्रिमल ग्रंथियों (आँसू पैदा करने वाली ग्रंथियों) के संपर्क में आती हैं और आँसू बहने के लिए मजबूर करती हैं।

मगरमच्छ की खाल से क्या बनता है?

मगरमच्छ की खाल का इस्तेमाल जूते, जैकेट, पर्स बनाने में किया जाता है. अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में मगरमच्छ के खाल से बने बैग्स और जैकेट्स की कीमत हजारों-लाखों में होती हैं.