पान के पौधे को क्या बोलते हैं? - paan ke paudhe ko kya bolate hain?

Betel Vine Cultivation: भारत में पान का उपयोग विभिन्न प्रकार से किया जाता है. कई लोग इसे शौक के लिए खाते हैं, तो धार्मिक आयोजनों में भी पान के पत्तों का काफी महत्व है. देशभर के कई इलाकों में प्रमुखता से पान के बेल की खेती की जाती है. कई राज्य सरकारें पान की खेती को बढ़ावा देने के लिए अलग-अलग योजनाओं पर भी काम कर रही हैं. बिहार सरकार की तरफ से लीची के साथ पान को भी जीआई टैग मिला हुआ है.

कहां होती है वाराणसी में मिलने वाले पान की खेती?

बनारसी पान की पूरी दुनिया दीवानी है. ऐसा कम ही होता है कि कोई वाराणसी जाने वाला व्यक्ति, वहां के पान का सेवन ना करे. लेकिन बहुत कम ही लोग जानते हैं कि यहां मिलने वाले पान के बेल की खेती कहां की जाती है. वाराणसी में जो भी पान आता है वह बिहार के मगध क्षेत्र में उगाया जाता है. आमतौर पर इसे मगही पान भी कहा जाता है. बिहार के नालंदा, औरंगाबाद और गया सहित 15 जिलों में इसकी खेती होती है. यहां के तकरीबन 10 हजार परिवारों का भरण-पोषण इसी पर निर्भर है.

कैसे की जाती पान की खेती

बिहार के नालंदा के दुहै-सूहै गांव के रहने वाले अवध किशोर प्रसाद वर्षों से पान की खेती करते आ रहे हैं. इस समय वह 8 डिस्मिल में पान की खेती करते हैं. वह बताते हैं कि पान की खेती के लिए ठंड और छायादार जगह की आवश्यकता होती है. इसकी खेती के लिए 20 डिग्री सेल्सियस तक का तापमान उपयुक्त है. इसके लिए हम बांस के माध्यम से बरेजा (छायानुमा संरचना) तैयार करते हैं. ताकि तापमान का संतुलन बना रहे और पान के पौधे को नुकसान ना हो.

अवध किशोर प्रसाद कहते हैं कि उनके यहां ये खेती जून-जूलाई में शुरू हो जाती है, जबकि प्रदेश के अन्य क्षेत्रों में अगस्त में भी पान के पौधों की रोपाई की जाती है. इसके अलावा कई राज्यों में इसकी खेती फरवरी मार्च से लेकर अगस्त महीने तक की जाती है.

मिट्टी का बेड तैयार कर करते हैं पौधे की रोपाई

पान के पौधों की रोपाई के लिए मिट्टी का बेड तैयार किया जाता है. इसमें जमीन की पहले जुताई की जाती है. फिर मिट्टी से बेडनुमा आकार की संरचना तैयार की जाती है. फिर इसकी हल्की सिंचाई की जाती है. उसके बाद पान के पौधे की रोपाई की शुरुआत होती है. इस दौरान दो पौधों के बीच दूरी का ध्यान रखना बेहद जरूरी होता है. यहां किसान कतार से कतार की दूरी 25 से 30 सेमी और पौधे से पौधे की बीच की दूरी 15 सेमी रखते हैं.

खराब हालात में हैं मगही किसान

दुनिया जिस पान की दीवानी है उसे उगाने वाले किसान खराब हालात में हैं. अवध किशोर प्रसाद बताते हैं कि जिस रेट पर पान के पत्तों को हमारे बाप-दादा बेचते थे, उसी रेट पर हमें बेचना पड़ रहा है. दुनिया बदल गई, मंहगाई बढ़ गई, लेकिन हमारी स्थिति नहीं सुधर रही है. वो कहते हैं कि पहले पान की खेती में मुनाफा था, लेकिन अब सरकारी उदासीनता और बढ़ती मंहगाई की वजह से हर साल उनके गांव में दो से तीन किसान इसकी खेती से किनारा कर रहे हैं. पहले उनके गांव में जहां 90 लोग पान की खेती करते थे, अब घटकर 60 ही रह गए हैं.

जब आप आसानी से घर ही पान का पौधा उगा सकती हैं , तो फिर पूजा-पाठ इत्यादि कामों के लिए बाज़ार से क्यों खरीदना।  

पान का पत्ता जिसे बेटल लीफ के नाम से जाना जाता है। लगभग हर शुभ कार्य की शुरुआत में और पूजा-पाठ में इसका इस्तेमाल किया जाता है। पान का पत्ता भारतीय फ़ूड कल्चर का न सिर्फ एक नायब खाद्य है बल्कि कई बेहतरीन औषधीय गुणों का भंडार भी है। पान के पत्तों में एक नहीं बल्कि कई विटामिन भी होते हैं। कई बार हेल्थ को दुरुस्त रखने के लिए पान के पत्ते चमत्कार साबित भी होते हैं।

लेकिन, हर बाज़ार से जाकर पान का पत्ता खरीदना किस-किसी के लिए संभव नहीं होता है। ऐसे में ज़रूरी हो जाता है कि घर के बगीचे में ही इसे उगाया जाए। जी हां, अगर आपको गार्डन का शौक है, तो आप कुछ ही दिनों में आसानी से गमले में पान के पौधे को उगा सकती हैं। इसके लिए आपको कुछ सामग्री की ज़रूरत पड़ेगी, तो आइए जानते हैं। 

 इन चीजों की ज़रूरत पड़ेगी 

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सही बीज का चुनाव कैसे करें?

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किसी भी सब्जी या पौधे को उगाने के लिए सबसे ज़रूरी है बीज का सही होना। अगर बीज सही नहीं है, तो आप कितना भी मेहनत कर लीजिए पौधे कभी भी बड़े नहीं होते हैं। इसलिए घर पर पान का पौधा लगाते समय सबसे पहले अच्छे बीज का चुनाव करें। सही बीज खरीदने के लिए इधर-उधर न जाकर किसी बीज भंडार से आप बीज को खरीद सकती हैं। अमूमन बीज भंडार में बीज अच्छे मिल जाते हैं।

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मिट्टी को तैयार करें 

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बीज खरीदने के बाद आप मिट्टी को तैयार करें। इसके लिए जिस मिट्टी को गमले में डालना है उसे एक से दो बार अच्छे से खुरेंच दीजिए और कुछ देर धूप में रख दें। धूप में रखने के बाद मिट्टी में खाद को डालकर अच्छे से मिक्स कर लें और मिट्टी को गमले में डाल दें। इससे मिट्टी सॉफ्ट हो जाती है और खाद भी अच्छे से मिल जाती है। इसके बाद बीज को गमले में लगभग 2-3 इंच मिट्टी के अंदर डालें। बीज लगाने के बाद गमले को ऐसी जगह रखें जहां धूप का असर अधिक न हो। (ऐसे उगाएं करी पत्ते का पौधा)

खाद का चुनाव 

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मिट्टी तैयार करने और बीज लगाने के अलावा खाद पर भी ध्यान देने की भी जरूरत है। खाद के रूप में आप जैविक या फिर कम्पोस्ट खाद का इस्तेमाल कर सकती हैं। रासायनिक खाद अक्सर पौधे को नुकसान पहुंचा देते हैं। ऐसे में आप बचे हुए चावल, केला, पपीता, आम इत्यादि के छिलके को खाद के रूम में भी इस्तेमाल कर सकती हैं। बीज लगाने के बाद ऊपर से हल्का खाद भी डाल सकती हैं। 

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बीज लगाने के बाद कैसे करें उसकी देखभाल?

  • पान का बीज लगाने के बाद उसकी देखभाल के लिए समय-समय पर पानी देना न भूलें। पानी न अधिक होना चाहिए और न ही कम। जब लगे की मिट्टी सुख रही है, तो आप पानी डाल सकती हैं।
  • लगभग 2 हफ्ते के बाद बीज अंकुरित होने लगते हैं। बीज अंकुरित होने बाद एक से दो बार खाद को भी ज़रूर डालें। खाद के साथ हल्का पानी भी डाल सकती हैं।
  • 3-4 हफ्ते बाद गमले के बीज में एक लकड़ी लगा दें ताकि इसके सहारे पान की जड़ ऊपर की ओर निकले। लगभग 5-6 हफ्ते के बाद पान के पत्ते तैयार हो जाते हैं।

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पान का पौधे को क्या कहते हैं?

पान का पत्ता जिसे बेटल लीफ के नाम से जाना जाता है।

पान का पर्यायवाची शब्द क्या है?

पान विभिन्न भारतीय भाषाओं में अलग-अलग नामों से जाना जाता है जैसे ताम्बूल, पक्कू, वेटिलाई और नागुरवेल आदि।

पान की जड़ को क्या कहते हैं?

पान की जड़ भी, जिसे कुलंजन या कुलींजन कहते हैं, दवाई के काम आती है । उपर्युक्त दो प्रांतों को छोड़कर भारत के सभी प्रांतों में खपत और जलवायु की अनुकूलता के अनुसार न्यूनाधिक मात्रा में इसकी खेती की जाती है । इसकी खेती में बड़ा परिश्रम और झंझट होता है । अत्यंत कोमल होने के कारण अधिक सरदी गरमी यह नहीं सहन कर सकती ।

पान को इंग्लिश में क्या कहा जाता है?

A betel is an Asian climbing plant. The leaves and nut of the plant are chewed by some people.