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गर्भावस्था की दूसरी तिमाही में पैरों में होने वाली ऐंठन की समस्या प्रेगनेंसी का समय बढ़ने के साथ बढ़ती जाती है. जिन महिलाओं का वजन प्रेगनेंसी से पहले से बढ़ा हुआ है, उन्हें अक्सर ये समस्या ज्यादा होती है.गर्भावस्था की दूसरी तिमाही में अक्सर महिलाओं को पैरों में एेंठन की समस्या होती है. जैसे-जैसे प्रेगनेंसी का समय बढ़ता है, ये समस्या भी बढ़ जाती है. लेकिन इसमें बहुत ज्यादा परेशान होने की जरूरत नहीं है. ऐसा वजन बढ़ने, पैरों में सूजन आने और गर्भावस्था में थकान होने की वजह से होता है. जिनका वजन गर्भावस्था से पहले भी ज्यादा रहा है, उन्हें पैरों में दर्द की समस्या ज्यादा होती है. वजन बढ़ने से पैरों की नसों पर दबाव पड़ता है और रक्त संचार ठीक से नहीं हो पाता, जिसकी वजह से पैरों में एेंठन की समस्या होती है. कुछ उपायों को आजमाकर पैरों में दर्द की समस्या को नियंत्रित किया जा सकता है. 1. किसी दीवार के सहारे बैठकर दोनों टांगों को आगे की ओर सीधा करें. अब पंजे को पिण्डली की तरफ खींचें. कुछ देर रुकें फिर वापस सामान्य स्थिति में ले आएं. ध्यान रहे पंजे को बाहर की ओर न मोड़ें वर्ना परेशानी बढ़ सकती है. 2. बैठकर अपने पैरों के पंजों को 30 बार आगे-पीछे झुकाएं. इसके बाद पंजों को क्लॉक वाइज और एंटी क्लॉक वाइज घुमाएं. इससे काफी आराम मिलेगा. 3. भरपूर मात्रा में पानी पिएं, नारियल पानी पिएं और अन्य लिक्विड डाइट लें. इसके अलावा पैरों को लगातार लटकाकर न बैंठे. न ही लगातार खड़े रहकर कोई काम करें. 4. सोते समय पैरों को ऊंचा करके सोएं. इससे काफी आराम मिलेगा. इसके अलावा दोनों पैरों के बीच कुशन लगाकर सोएं. 5. बैठे हुए, ऑफिस में काम करते समय या टीवी देखते समय अपने टखनों को घुमाती रहें और अपने पैरों की उंगलियों को हिलाती-डुलाती रहें. 6. तमाम विशेषज्ञों का मानना है कि शरीर में पोषक तत्वों की कमी से भी पैरों में एेंठन की समस्या होती है. इसलिए अपनी विशेषज्ञ को इस बारे में जरूर बताएं और उनके द्वारा निर्देशित सप्लीमेंट लें. इससे भी आपको राहत मिल सकती है. अपनी पसंद की भाषा में प्रेगनेंसी केयर से जुड़े वीडियो देखने के लिए डाउनलोड करें Saheli App ऐप डाउनलोड करने के लिए क्लिक करें In this Article
गर्भावस्था के दौरान, आपके अंदर पल रहे बच्चे को विकसित होने और उसे जगह देने के लिए आपके शरीर जबरदस्त बदलाव होते हैं। इसका अर्थ यह होता है कि आपको मॉर्निंग सिकनेस से लेकर पैरों में सूजन के साथ गंभीर दर्द, जैसे कई सारे लक्षण दिखाई देते हैं, जो आपको रोजमर्रा के जीवन में भी तकलीफ दे सकते हैं। गर्भावस्था के दौरान पैरों में लगातार दर्द आपको खड़े होन, चलना या यहाँ तक कि उन पर बहुत देर तक जोर डालना मुश्किल बना सकता है। गर्भावस्था के दौरान पैरों के दर्द को रोकने के लिए आप ज्यादा कुछ नहीं कर सकती हैं, लेकिन आप दर्द को कम करने के लिए कुछ तरीकों का उपयोग कर सकती हैं और राहत पा सकती हैं। लेकिन, गर्भावस्था के दौरान पैरों के दर्द से निपटने के तरीकों पर चर्चा करने से पहले, आइए इसके कारणों को समझें। गर्भावस्था में पैरों में दर्द के कारणशरीर में होने वाले परिवर्तनों के साथ, लगभग सभी गर्भवती महिलाएं अपने पैरों में दर्द का अनुभव करती हैं। लेकिन, प्रत्येक मामले के कारण भिन्न हो सकते हैं। गर्भावस्था के दौरान पैरों में दर्द के कुछ सामान्य कारण इस प्रकार हैं:
आइए पैरों से जुड़ी कुछ आम समस्याओं पर एक नजर डालें, जो गर्भवती महिलाओं को अक्सर अनुभव होती हैं। गर्भावस्था के दौरान होने वाली पैरों से संबंधित सबसे आम समस्याएं1. एडिमागर्भावस्था के दौरान, महिलाएं अक्सर एडिमा से पीड़ित होती हैं, जो एक ऐसी स्थिति है जिसमें उनके पैर सूज जाते हैं और इससे असुविधा और दर्द होता है, ऐसा अक्सर दूसरी तिमाही में होता है। जैसे-जैसे बच्चा बढ़ता है, गर्भाशय फैलता जाता है और पेल्विक क्षेत्र में ब्लड वेसेल्स पर बहुत जोर पड़ता है। यह ब्लड सर्कुलेशन में बाधा डालता है और पैरों में खून जमा होने का कारण बनता है, जिससे पैर सूज जाते हैं। कई बार, ज्यादा वॉटर रिटेंशन से भी पैरों में सूजन आ जाती है। आपके पैरों पर तब बैंगनी रंग के निशान भी विकसित हो सकते हैं। अगर एडिमा से आपको चलने-फिरने में बहुत तकलीफ होती है और यह असह्य हो जाती है तो डॉक्टर को दिखाना ही सबसे श्रेष्ठ है। 2. ओवर-प्रोनोशनओवर-प्रोनोशन को फ्लैट फूट के रूप में भी जाना जाता है और यह पैरों पर अत्यधिक दबाव के कारण होता है। गर्भावस्था के दौरान वजन बढ़ने के कारण पंजे का आर्च समतल हो सकता है और एड़ी को पैर के अग्रभाग से जोड़ने वाले टिश्यूज, जिन्हें प्लांटर फेशिया कहते हैं, उन पर जोर पड़ सकता है। ओवर-प्रोनोशन से आपकी पीठ के साथ-साथ पिंडलियों की मांसपेशियों पर अतिरिक्त दबाव पड़ सकता है। आइए जानें कि गर्भावस्था के दौरान आप पैरों के दर्द से कैसे निपट सकती हैं। गर्भावस्था के दौरान पैरों के दर्द से राहत पाने के उपाययद्यपि पैरों में दर्द गर्भावस्था के दौरान दिखने वाले कई लक्षणों में से एक है, लेकिन इसके लिए कई उपचार हैं। उनमें से कुछ के बारे में जानने के लिए नीचे पढ़ें।
गर्भावस्था के दौरान आपके वजन के कारण आपके पैर बहुत तकलीफ से गुजरने वाले हैं। हालांकि गर्भावस्था की शुरुआत में पैरों में दर्द बहुत आम नहीं है, ज्यादा परेशानी की संभावना को कम करने के लिए सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है। नियमित एक्सरसाइज और एक उचित आहार पैर दर्द को दूर रखने में मदद कर सकते हैं। आइए कुछ ऐसी एक्सरसाइज पर नजर डालते हैं जो आपके पैर के दर्द को कम करने और बेचैनी को घटाने के लिए मददगार हो सकती हैं। गर्भावस्था के दौरान पैर दर्द के लिए एक्सरसाइज1. एंकल फ्लेक्सगर्भावस्था के दौरान टखनों के आसपास की सूजन के कारण खड़े होना और चलना भी मुश्किल हो जाता है। यह एक्सरसाइज आपकी एड़ियों को ढीला करने और सूजन और दर्द को कम करने में मदद करेगी और उनमें थोड़ी ताकत भी देगी। इसे करने का तरीका जानिए:
2. एंकल रोटेशन्सऊपर दी गई एक्सरसाइज का यह विस्तृत रूप है। इसे करने का तरीका जानिए:
गर्भावस्था के दौरान पैरों के दर्द से निपटने के लिए ‘राइस’ – रेस्ट, आइस, कंप्रेस और एलिवेट को एक ट्रिक के रूप में ध्यान में रखना भी बहुत मददगार हो सकता है। जब भी आपको ऐसा लगे कि आपके रोजमर्रा के कामों को करने के लिए दर्द बहुत अधिक है, तो आपको तुरंत अपने डॉक्टर से बात करने की आवश्यकता होगी। आप यह स्थिति आने से पहले ही घर पर पैर दर्द से राहत पाने के तरीकों के लिए भी अपने डॉक्टर से पूछ सकती हैं। स्रोत और संदर्भ: स्रोत १ यह भी पढ़ें: प्रेगनेंसी के दौरान पैरों की मालिश (फूट
मसाज) प्रेगनेंसी के 8 महीने में क्या क्या परेशानी आती है?जैसा की हम पहले ही बात कर चुके हैं की 31 Week Pregnancy in Hindi प्रेगनेंसी के आठवें महीने में आपके शिशु का आकार और वजन काफी बढ़ता है जिसके कारण आपके गर्भ का आकार भी बढ़ जाता है। गर्भ का आकार बढ़ने की वजह से आपका पेट सामने की तरफ बाहर निकल जाता है जिससे आपकी पीठ पर भर पड़ता है और उसमें दर्द की शिकायत आती है।
आठवें महीने में क्या क्या लक्षण होते हैं?अपनी प्रेग्नेंसी के आठवें महीने में आप अपनी गर्भावस्था के अंतिम चरण में हैं। इस समय बच्चे का आकार ऐसा है कि उसने आपके गर्भाशय को घेर रखा है इसलिए वह अब पहले की तरह आपके पेट में उछलकूद नहीं कर सकता। अब उसके करवट लेने या हाथ-पैरों को हिलाने-डुलने की गतिविधियां होती रहेंगी। अब आपको उसके मूवमेंट पर पूरा ध्यान रखना है।
प्रेगनेंसी में अगर पैरों में दर्द हो तो क्या करना चाहिए?प्रेग्नेंसी के दौरान पैरों के दर्द से आराम पाने के लिए आप गुनगुने पानी में पैरों को डालकर सिकाई कर सकते हैं। गुनगुने पानी में सेंधा नमक डालकर भी सिकाई करने से फायदा होगा। इससे पैरों में सूजन को कम करने में मदद मिलेगी। पानी बहुत ज्यादा गर्म नहीं होना चाहिए।
गर्भावस्था के आठवें महीने में क्या सावधानियां बरतनी चाहिए?प्रेग्नेंसी के आठवें महीने में आपको डाइट का बहुत ध्यान रखना है। संतुलित आहार लें और थोडी़-थोड़ी देर में कुछ देर खाती रहें। इसके अलावा आठवें महीने में पेशाब न रोक पाने की समस्या से बचने के लिए रोज कीगेल एक्सरसाइज करें। इससे डिलीवरी के बाद पेल्विक हिस्से की मांसपेशियों को मजबूती मिलेगी।
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