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parul rohatagi | नवभारतटाइम्स.कॉम | Updated: Jun 24, 2020, 9:42 PM गर्भावस्था में महिलाओं को कई तरह की परेशानियों से गुजरना पड़ता है और इस दौरान पेट में टाइट भी महसूस होता है। यहां हम आपको पेट में टाइटनेस (Stomach Tightening) के कुछ कारणों के बारे में बता रहे हैं।पहली तिमाही में स्टमक टाइटनिंग के कारण गर्भावस्था की दूसरी तिमाही प्रेग्नेंसी की दूसरी तिमाही में स्टमक टाइटनिंग के निम्न कारण हो सकते हैं : स्ट्रेचिंग : गर्भाशय के बढ़ने के कारण पेट की मांसपेशियां और लिगामेंट खींचने लगते हैं जिससे पेट में ऐंठन के साथ चुभने वाला दर्द भी होता है। राउंड लिगामेंट पेन : कभी-कभी पेट के निचले हिस्से या ग्रोइन हिस्से में एक या दोनों तरफ अचानक से चुभने वाला दर्द हो सकता है। ये दर्द पोजीशन बदलने (जैसे कि खड़े होने, बैठने या झुकने पर) के साथ पेट में टाइट महसूस होने जैसा महसूस हो सकता है। ब्रैक्सटन हिक्स कॉन्ट्रैक्शन : इस तिमाही के अंत में संकुचन पैदा हो सकता है जिसमें पेट में टाइट और असहज महसूस होने लगता है। हालांकि, ये संकुचन सिर्फ 30 से 60 सेकंड तक रहता है और लेबर पेन वाला दर्द नहीं होता है। प्रेग्नेंसी
की तीसरी तिमाही अन्य कारण जब गर्भ में शिशु लात मारता है तो पेट में गुदगुदी सी महसूस होती है। इस समय पेट में थोड़ा टाइट भी महसूस हो सकता है। कई बार ज्यादा खाने की वजह से भी पेट में टाइट और अकड़न महसूस हो सकती है। ज्यादा खाने और गर्भाशय में शिशु होने की वजह से पेट में जगह कम पड़ सकती है। डॉक्टर को कब दिखाएं Navbharat Times News App: देश-दुनिया की खबरें, आपके शहर का हाल, एजुकेशन और बिज़नेस अपडेट्स, फिल्म और खेल की दुनिया की हलचल, वायरल न्यूज़ और धर्म-कर्म... पाएँ हिंदी की ताज़ा खबरें डाउनलोड करें NBT ऐप लेटेस्ट न्यूज़ से अपडेट रहने के लिए NBT फेसबुकपेज लाइक करें रेकमेंडेड खबरें
देश-दुनिया की बड़ी खबरें मिस हो जाती हैं?धन्यवादगर्भवती महिला का पेट टाइट क्यों होता है?गर्भाशय बढ़ने के कारण प्रेग्नेंसी की पहली तिमाही में ही पेट में टाइट महसूस होना शुरू हो सकता है। थोड़ी-थोड़ी देर में पेट में टाइट महसूस हो सकता है जो कि कुछ मिनटों के अंदर ठीक भी हो जाता है। आमतौर पर वजन बढ़ने और प्रेग्नेंसी की दूसरी और तीसरी तिमाही में संकुचन से इसका संबंध हो सकता है।
प्रेगनेंसी में पॉटी टाइट हो तो क्या करे?1) गर्भावस्था में कब्ज दूर करने के उपाय
गर्भावस्था में फाइबर युक्त भोजन अवश्य करें। फल- जैसे संतरा, केला, सेब; सलाद की सब्ज़ियां जैसे - गाजर, मूली, पत्ता- गोभी, आलू; और दलिया, इन सभी खानों में फाइबर की मात्रा अधिक होती है जो भोजन को अच्छी तरह से पचा कर मलत्याग में सहायता करता है।
गर्भवती महिला को कैसे बैठना चाहिए?कैसे बैठें: सही अवस्था
एकदम सीधा बैठना या फिर थोड़ा सा पीछे की तरफ झुकाव देकर बैठने की मुद्रा अच्छी है। आपके स्तन एकदम सामने या हल्के से ऊपर की तरफ होने चाहिए। वे आपके पेट से लगे हुए नहीं होने चाहिए। आपकी टांगें भी एक-दूसरे से जुड़ी न हों, ताकि बढ़े हुए पेट को जगह मिल सके।
प्रेगनेंसी में भारी चीज उठाने से क्या होता है?यदि आप गर्भावस्था के पहले 12 हफ्तों में नियमित तौर पर भारी वजन उठाती हैं, तो इससे आपके गर्भपात का खतरा बढ़ सकता है। यह बात उस स्थिति में विशेषतौर पर सच है, यदि आप कमर पर जोर डालकर सामान उठाती हैं। 22 सप्ताह की गर्भावस्था के बाद यह खतरा कम हो जाता है। बहरहाल, नियमित तौर पर भारी वजन उठाने से बचना चाहिए।
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