गर्भावस्था के दौरान भ्रूण व योनि का आकार बढ़ने लगता है। साथ ही स्तनों का आकार भी बढ़ जाता और भारीपन महसूस होता है। रात को सोते समय बार-बार पेशाब आने जैसा महसूस होता है और कई बार सांस लेने में भी दिक्कत होती है। वहीं, इस अवस्था में डॉक्टर पेट के बल न सोने की सलाह देते हैं, क्योंकि इससे भ्रूण पर दबाव पड़ता है (1)। यह बात बार-बार दिमाग में चलती रहती है और इस कारण से भी गर्भवती को ठीक तरह से नींद नहीं आती। इनके अलावा भी कई कारण होते हैं, जिनके चलते गर्भावस्था काल में सोना मुश्किल हो जाता है। हम उन समस्याओं व उनके समाधान के बारे में आगे विस्तार से बताएंगे। Show
वापस ऊपर जाएँ गर्भावस्था के दौरान कितनी नींद पर्याप्त है? | Pregnancy Me Kitna Sona Chahiyeनैशनल इंस्टिट्यूट ऑफ न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर एंड स्ट्रोक के अनुसार, 18 से 64 वर्ष तक की आयु के लोगों को सात घंटे की नींद लेनी चाहिए। वहीं, गर्भवती महिलाओं को रात में 8 घंटे सोना चाहिए और दिन में भी करीब 2 घंटे लेटना चाहिए (2)। आइए, अब जानते हैं कि मां के कम नींद लेने का शिशु पर क्या प्रभाव पड़ता है। वापस ऊपर जाएँ क्या कम नींद गर्भ में शिशु को नुकसान पहुंचा सकती है?गर्भ में पल रहे शिशु को पर्याप्त पोषक तत्वों व ऑक्सीजन की जरूरत होती है। अगर गर्भवती महिला पूरी तरह से नींद नहीं लेती है, तो प्लेसेंटा तक ठीक से रक्त की आपूर्ति नहीं होती। इसका सीधा असर भ्रूण के विकास पर पड़ता है। भ्रूण की हृदय गति कम हो सकती है और उसे खून की कमी भी हो सकती है। यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि जब गर्भवती महिला सो रही होती है, तो उस दौरान भ्रूण तक रक्त व ऑक्सीजन का प्रवाह तेज गति से होता है। साथ ही कम नींद लेने से शरीर में हार्मोंस का निर्माण भी नहीं होता, जिससे भ्रूण को नुकसान हो सकता है (3)। लेख के अगले भाग में इस समस्या से संबंधित कुछ समाधान बताए गए हैं। वापस ऊपर जाएँ गर्भावस्था में कम नींद की समस्या व उसके समाधानगर्भावस्था के दौरान नींद कम आने या न आने के कई कारण हो सकते हैं (1)। हम उन सभी के बारे में पहली, दूसरी व तीसरी तिमाही के अनुसार बताएंगे। साथ ही उनके समाधान भी आपके साथ शेयर करेंगे। वापस ऊपर जाएँ 1. पहली तिमाहीसमस्याएं :
समाधान :
वापस ऊपर जाएँ 2. दूसरी तिमाहीसमस्याएं :
समाधान :
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वापस ऊपर जाएँ 3. तीसरी तिमाहीसमस्याएं :
समाधान :
लेख के अगले भाग में जानिए कि नींद न आने से क्या-क्या हो सकता है। वापस ऊपर जाएँ गर्भावस्था में नींद न आने से समस्याप्रेगनेंसी के दौरान रात को अच्छी तरह न सोने से गर्भवती को उच्च रक्तचाप व गर्भावधि मधुमेह जैसी समस्या का सामना करना पड़ सकता है। इतना ही नहीं स्लीप एपनिया, अधिक वजन, अनियंत्रित ग्लूकोज का स्तर व भूख बढ़ने जैसी समस्या भी हो सकती है। साथ ही गर्भ में पल रहे शिशु तक पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन व रक्त की सप्लाई नहीं हो पाती है, जिस कारण उसका विकास रुक जाता है। इसके अलावा, समय से पूर्व डिलीवरी का अंदेशा बढ़ जाता है। आंकड़ों के अनुसार 14.6 प्रतिशत महिलाओं में यह समस्या पाई गई है (10)। कम नींद के कारण निम्न प्रकार की समस्याएं भी हो सकती हैं।
आगे जानिए कि किस अवस्था में सोना सबसे बेहतर होता है। वापस ऊपर जाएँ प्रेगनेंसी में किस प्रकार सोना चाहिए | Pregnancy Me Sone Ka Tarikaगर्भावस्था के दौरान पीठ या पेट के बल लेटना मां व शिशु दोनों के लिए सुरक्षित नहीं होता। यहां हम लेटने की कुछ अवस्थाएं बता रहे हैं, जो पहली, दूसरी और तीसरी तिमाही के लिए सबसे उपयुक्त हैं। वापस ऊपर जाएँ इस तरह सोना है बेहतर
वापस ऊपर जाएँ इस मुद्रा से करें परहेज
Image: Shutterstock वापस ऊपर जाएँ गर्भावस्था के दौरान अच्छी और गहरी नींद के लिए टिप्स? | Pregnancy Me Kaise Sona Chahiye
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वापस ऊपर जाएँ बेशक, सोना हर किसी के लिए जरूरी है। इससे हम अगले दिन पूरी ऊर्जा के साथ फिर से काम करने के लिए खुद को तैयार कर पाते हैं। वहीं, एक गर्भवती महिला के लिए सोना और भी ज्यादा जरूरी है, क्योंकि उसके पर्याप्त नींद लेने से गर्भ में पल रहे शिशु का विकास बेहतर तरीके से होता है। हमें उम्मीद है कि इस लेख के जरिए आपको इसका महत्व समझ आ गया होगा और जो महिलाएं गर्भवती हैं, उन्हें इसके जरिए अपनी नींद से जुड़ी समस्याओं का हल मिल गया होगा। इस लेख को उन महिलाओं के साथ जरूर शेयर करें, जो गर्भवती हैं। References:1. Sleep disorders in pregnancy By NCBI
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