प्रकाश संश्लेषण के लिए प्रकाश आवश्यक है सिद्ध कीजिए - prakaash sanshleshan ke lie prakaash aavashyak hai siddh keejie

हेलो एवरीवन तो हमारे पास प्रश्न है सिद्ध कीजिए कि प्रकाश संश्लेषण के लिए बड़हरिया क्लोरोफिल आवश्यक है ठीक है हमें बताना है कि सिद्ध करना है माफ कीजिएगा कि प्रकाश संश्लेषण के लिए क्लोरोफिल जो है या पढ़ हरीम आवश्यक है ठीक है तो सबसे पहले हम बात कर लेते हैं प्रकाश संश्लेषण की किसकी बात कर रहे हैं हम प्रकाश संश्लेषण की यानी फोटोसिंथेसिस की जिसको अंग्रेजी में फोटोसिंथेसिस भी कहते हैं ठीक है प्रकाश संश्लेषण में दोस्तों क्या होता है कि यह एक रासायनिक अभिक्रिया है क्या है रासायनिक अभिक्रिया है उसमें क्या होता है पौधे जो है सूर्य के प्रकाश की सहायता से अपना भोजन बनाते हैं ठीक है इसमें क्या क्या शामिल होता है इसमें शामिल होता है कार्बन डाइऑक्साइड जलपरी या फिर हम इसको क्लोरोफिल भी कहते हैं और जो है यह प्रकाश की उपस्थिति में क्या बनाते हैं भोजन बनाते हैं अगर हम बात करें रसायनिक अभिक्रिया की तो सिर्फ

एस्ट्रो शिक्षणी ब्लू kor6o 2 प्लस 6 h2os की रासायनिक अभिक्रिया केमिकल रिएक्शन ठीक है मतलब मोटी बात यह है कि प्रकाश की उपस्थिति में पढ़ हरिन की सहायता से पौधे अपना भोजन बनाते हैं ठीक है भोजन होने क्या देता है भोजन होने देता है ऊर्जा क्या देता है ऊर्जा देता है अब हम बात करेंगे हमें सिद्ध करना है कि पढ़ हरिन आवश्यक है प्रकाश संश्लेषण के लिए ठीक है कैसे देखिए क्या होता है कि बड़हरिया क्लोरोफिल पौधे की पत्तियों में होता है ठीक है पत्तियों में होता है जो कि प्रकाश को सूर्य से आने वाले प्रकाश को अवशोषित करता है कार्बन डाइऑक्साइड और जल जल की सहायता से क्या बनाता है भोजन बनाता है ठीक है और इसी प्रकार पौधे की जो है ग्रोथ होती है पौधे का विकास जो है वह होता रहता है अब हम क्या कर रहे हैं इसी पौधे की सारी पत्तियों को तोड़ दे रहे हैं नष्ट कर दे रहे हैं ठीक है आपने देखा होगा कि कोई पालतू जानवर जैसे गाय बकरी

अगर पौधे की पत्तियों को जो है वह खा जाते हैं तो धीरे-धीरे पौधा क्या करता है सूख जाता है क्यों सूख जाता है क्योंकि पत्तियों में जो क्लोरोफिल होता है वह पत्तियों के साथ ही चला जाता है और पौधे को भोजन नहीं मिल पाता है क्या नहीं मिल पाता है भोजन नहीं मिल पाता है जिसके कारण पौधे सूख जाते हैं तो इस प्रकार हम अगर चाहे तो एक प्रयोग भी कर सकते हैं कि एक पौधा लेकर आई है उसकी पत्तियों को जो है तोड़ दीजिए फिर अपने संचित भोजन की मदद से पौधा क्या करेगा फिर से नहीं पत्नी आओगी फिर उसको छोड़ दीजिए ऐसा एक दो बार करने पर पौधा क्या होगा धीरे-धीरे सूख जाएगा इस प्रकार हम कह सकते हैं कि पढ़ हरीम जो होता है वह प्रकाश संश्लेषण के लिए आवश्यक है धन्यवाद

प्रकाश संश्लेषण में प्रकाश का महत्व

उद्देश्य

हमारा उद्देश्य प्रयोगात्मक रूप से यह दिखाना है कि प्रकाश संश्लेषण के लिए प्रकाश जरूरी है।

सिद्धांत

प्रकाश संश्लेषण वह प्रक्रिया है जिसमें प्रकाश ऊर्जा रासायनिक ऊर्जा में बदल जाती है। प्रकाश की ऊर्जा का इस्तेमाल करके कार्बन डाइऑक्साइड और पानी से शर्करा जैसे कार्बोहाइड्रेट का संश्लेषण होता हैं।

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फोटोसिन्थेसिस (प्रकाश संश्लेषण) शब्द- ग्रीक शब्द ‘फोटो’ यानी 'प्रकाश' और सिंथेसिस (संश्लेषण) जिसका मतलब ‘एक साथ रखना’ होता है से लिया गया है। अपशिष्ट उत्पाद के रूप में आक्सीजन भी मुक्त होती है। प्रकाश संश्लेषण होने के लिए प्रकाश सबसे प्रमुख कारक है और यह प्रयोग करके हमें सिद्ध करना चाहिए कि प्रकाश संश्लेषण के लिए प्रकाश जरूरी है।

प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया

प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया तब होती है जब हरे पौधे प्रकाश की ऊर्जा का इस्तेमाल कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) और पानी (H2O) को कार्बोहाइड्रेट में बदलने के लिए करते हैं। पौधे के प्रकाश संश्लेषक वर्णक, क्लोरोफिल द्वारा प्रकाश ऊर्जा का अवशोषण किया जाता है जबकि कार्बन डाइऑक्साइड और ऑक्सीजन से युक्त हवा पत्तियों के स्टोमेटा के माध्यम से होकर पौधे में प्रवेश करती है। प्रकाश संश्लेषण का एक अत्यंत ही महत्वपूर्ण उप-उत्पाद ऑक्सीजन है। अधिकांश सजीव इस पर निर्भर होते हैं।

प्रकाश संश्लेषण के दौरान बनने वाले कार्बोहाइड्रेट, ग्लूकोज का पौधों द्वारा ज्यादातर इस्तेमाल पत्तियां, फूल, फल और बीज का निर्माण करने के लिए ऊर्जा स्रोत के रूप में किया जाता है। ग्लूकोज के अणु आगे चलकर स्टार्च और सेलूलोज जैसे और ज्यादा जटिल कार्बोहाइड्रेटों का निर्माण करने के लिए  एक-दूसरे के साथ जुड़ते हैं। सेलूलोज पौधे की कोशिका की दीवारों के लिए इस्तेमाल होने वाला संरचनात्मक पदार्थ है। प्रकाश संश्लेषण लगभग सभी सजीवों के लिए आधारभूत ऊर्जा स्रोत प्रदान करता है।

हम प्रकाश संश्लेषण की समग्र प्रतिक्रिया को इस प्रकार व्यक्त कर सकते हैं:

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प्रकाश संश्लेषण कहां होता है?

प्रकाश संश्लेषण मुख्य रूप से पत्तियों में होता है और न के बराबर तने में होता है। यह क्लोरोप्लास्ट नामक विशेष कोशिका संरचनाओं के भीतर होता है।  पत्तियों में वृन्त (पेटियोल) या डंठल और पत्तियों का समतल भाग, पटल (लैमिना) होता है। क्योंकि इसका क्षेत्र चौड़ा होता है, पटल (लैमिना) प्रकाश संश्लेषण के दौरान सूर्य का प्रकाश और कार्बन डाइऑक्साइड का अवशोषण करने में मदद करता है। प्रकाश संश्लेषण क्लोरोप्लास्ट में होता है। इसमें क्लोरोफिल मौजूद होता है। क्लोरोफिल सूर्य के प्रकाश से ऊर्जा का अवशोषण करता है। स्टोमेटा नामक छोटे छिद्र होते हैं। यह पौधों में कार्बन डाइऑक्साइड के प्रवेश के लिए और ऑक्सीजन के निकलने के लिए मार्ग का काम करता है।

प्रकाश संश्लेषण के दौरान प्रकाश के रंग की भूमिका

क्‍या आप जानते हैं कि प्रकाश का रंग प्रकाश संश्लेषण के दौरान महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है? हाँ, ऐसा होता है। पौधे प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया के लिए प्रकाश के केवल कुछ रंगों का इस्तेमाल करते हैं। क्लोरोफिल, नीले, लाल और बैंगनी प्रकाश किरणों को अवशोषित कर लेता। प्रकाश संश्लेषण प्रकाश की नीली और लाल किरणों में ज्यादा होता और हरे प्रकाश किरणों में कम या नहीं ही होता है।

अवशोषित प्रकाश में सबसे अच्छा रंग नीला होता है,इसलिए यह प्रकाश संश्लेषण की उच्चतम दर का प्रदर्शन करता है। इसके बाद लाल प्रकाश आता है। पौधे हरा प्रकाश नहीं अवशोषित कर पाते और इस प्रकार इसका  इस्तेमाल प्रकाश संश्लेषण के लिए नहीं हो सकता है। क्लोरोफिल हरा दिखता है क्योंकि यह लाल और नीले प्रकाश को अवशोषित कर लेता है और हमारी आंखों के लिए इन रंगों में उपलब्ध नहीं कराता है। हरे रंग का प्रकाश अवशोषित नहीं होता है।यही अंतत: हमारी आँखों तक पहुँचता है और इससे क्लोरोफिल हरे रंग का दिखाई देता हैं।

प्रकाश संश्लेषण को प्रभावित करने वाले कारक

  • प्रकाश संश्लेषण की स्थिर दर के लिए, आदर्श स्तर पर अलग-अलग कारकों की जरूरत होती है। यहाँ प्रकाश संश्लेषण को प्रभावित करने वाले कुछ कारक दिए जा रहें हैं।
  • प्रकाश की तीव्रता: प्रकाश की बढ़ी हुई तीव्रता से प्रकाश संश्लेषण की दर ज्यादा हो जाती है और प्रकाश की कम तीव्रता का मतलब प्रकाश संश्लेषण की कम दर होती है।
  • CO2 की सांद्रता: कार्बन डाइऑक्साइड की सांद्रता ज्यादा होने से प्रकाश संश्लेषण की दर बढ़ जाती है। कार्बन डाइऑक्साइड की आमतौर पर 0.03 - 0.04 प्रतिशत सांद्रता प्रकाश संश्लेषण के लिए पर्याप्त होती है।
  • तापमान:  समुचित प्रकाश संश्लेषण के लिए 25 से 35oC के बीच के अनुकूल तापमान रेंज की जरूरत होती है।
  • पानी: पानी प्रकाश संश्लेषण का अनिवार्य पहलू है। पानी की कमी से कार्बन डाइऑक्साइड ग्रहण करने में  समस्या होती है। अगर पानी कम होता है, तो पत्तिया अंदर भण्डारित पानी बचाए रखने के लिए अपना स्टोमेटा नहीं खोलती हैं।
  • प्रदूषित वातावरण: प्रदूषक और गैसें (अशुद्ध कार्बन) पत्तियों पर जम जाते हैं और स्टोमेटा को बंद कर देते है। इससे कार्बन डाइऑक्साइड ग्रहण करना मुश्किल हो जाता है ।  प्रदूषित वातावरण से प्रकाश संश्लेषण की दर में 15 प्रतिशत तक की कमी आ सकती है।

सीखने के परिणाम

  • प्रकाश संश्लेषण के लिए प्रकाश जरूरी है, छात्र इस अवधारणा को समझते हैं।
  • छात्र प्रकाश संश्लेषण के सिद्धांत और प्रकाश संश्लेषण को प्रभावित करने वाले कारकों को समझते हैं।
  • एक बार जब छात्र एनीमेशन और सिमुलेशन के माध्यम से चरणों को समझ लेंगें वे वास्तविक प्रयोगशाला में और ज्यादा सही ढंग से प्रयोग करने में सक्षम हो जाएंगे।

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प्रकाश संश्लेषण के लिए प्रकाश आवश्यक है कैसे?

प्रकाश संश्लेषण के दौरान प्रकाश के रंग की भूमिका पौधे प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया के लिए प्रकाश के केवल कुछ रंगों का इस्तेमाल करते हैं। क्लोरोफिल, नीले, लाल और बैंगनी प्रकाश किरणों को अवशोषित कर लेता। प्रकाश संश्लेषण प्रकाश की नीली और लाल किरणों में ज्यादा होता और हरे प्रकाश किरणों में कम या नहीं ही होता है।

प्रकाश संश्लेषण के लिए आवश्यक आवश्यकताएं क्या हैं?

जिनसे पता लगा होगा कि क्लोरोफिल ( पत्तियों का हरा वर्णक), प्रकाश तथा कार्बनडाइऑक्साइड (CO2 ) प्रकाश संश्लेषण के लिए आवश्यक है

प्रकाश संश्लेषण के लिए क्लोरोफिल क्यों आवश्यक है?

प्रयोग द्वारा यह स्पष्ट हो जाता है कि हरे भाग में पर्णहरिम उपस्थित होता है जिससे वहां प्रकाश संश्लेषण द्वारा स्टार्च का निर्माण हुआ अन्य स्थानों पर नहीं। अत: इससे सिद्ध होता है कि प्रकाश संश्लेषण की क्रिया के लिए क्लोरोफिल आवश्यक है।