पूर्णिमा के दिन चंद्रमा को अरग कैसे दें? - poornima ke din chandrama ko arag kaise den?

डेस्क: हिंदू धर्म में कार्तिक मास की पूर्णिमा का बहुत ज्यादा धार्मिक महत्व है. दिवाली के ठीक 15 दिन बाद मनाई जाने वाली इस पूर्णिमा को देव दीपावली के नाम से जानते हैं. ज्योतिष के अनुसार चंद्रमा की जिस पंद्रहवीं कला को पूर्णिमा कहते हैं, वो इस साल कार्तिक माह में 07 नवंबर 2022 को पड़ेगी. मान्यता है कि कार्तिक मास की पूर्णिमा तिथि पर इसके देवता चंद्रदेव, भगवान श्री विष्णु और धन की देवी मां लक्ष्मी की विशेष पूजा करने पर साधक की सभी मनोकामनाएं पूरी होती है और उसे जीवन में कभी भी धन-धान्य की कमी नहीं होती है. आइए कार्तिक पूर्णिमा पर किए जाने वाले व्रत एवं पूजा से जुड़े उपाय के बारे में विस्तार से जानते हैं.

कार्तिक पूर्णिमा पर दें चंद्रमा को अर्घ्य
कार्तिक पूर्णिमा पर चंद्र देवता की विशेष पूजा का विधान है. मान्यता है कि यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में चंद्रदोष हो और उसके कारण से तमाम तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा हो तो उसे किसी भी मास की पूर्णिमा की शाम को चंद्रोदय के समय दूध, गंगाजल और अक्षत मिलाकर अर्घ्य देना चाहिए. चंद्रमा को अर्घ्य देते समय साधक को ॐ श्रां श्रीं श्रौं सः चन्द्रमसे नमः अथवा ॐ सों सोमाय नमः मंत्र का जप करना चाहिए.

कार्तिक पूर्णिमा पर करें गंगा स्नान
जीवन से जुड़ी किसी भी मनोकामना को शीघ्र ही पूरा करने के लिए व्यक्ति को कार्तिक पूर्णिमा के दिन मां गंगा की पूजा से जुड़ा उपाय जरूर करना चाहिए. मान्यता है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान करने पर साधक को विशेष पुण्यफल की प्राप्ति होती है.

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दीपदान से दूर होंगे दु:ख
कार्तिक पूर्णिमा तिथि पर गंगा नदी के किनारे और घर के भीतर और बाहर दीपदान करने को बहुत ज्यादा महत्व है. मान्यता है कि यदि कोई व्यक्ति देव दीपावली की शाम को शुद्ध घी के दीये जलाकर देवी-देवताओं का स्वागत एवं पूजन करता है तो उस पर ईश्वर की पूरी कृपा बरसती है.

विष्णु पूजा से पूरी होगी मनोकामना
कार्तिक पूर्णिमा पर श्री हरि विष्णु और मां लक्ष्मी जी का आशीर्वाद पाने के लिए व्यक्ति को इस दिन लक्ष्मीनारायण को पीले पुष्प, हल्दी और केसर आदि अपर्ति करते हुए विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करना चाहिए.

कार्तिक पूर्णिमा का महाउपाय
दांपत्य जीवन को मधुर बनाए रखने के लिए पति-पत्नी को कार्तिक पूर्णिमा की रात को एक साथ मिलकर चंद्र देवता का दर्शन और पूजन करना चाहिए. मान्यता है कि इस दिन दूध में शहद डालकर चंद्र देवता को अर्घ्य देने पर सुखी दांपत्य जीवन का आशीर्वाद प्राप्त होता है.

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पूर्णिमा के दिन चंद्रमा को अरग कैसे दें? - poornima ke din chandrama ko arag kaise den?

इसे सुनेंरोकेंचंद्रमा को अरग देते समय यह मंत्र बोले “गगनार्णवमाणिक्य चन्द्र दाक्षायणीपते। गृहाणार्घ्यं मया दत्तं गणेशप्रतिरूपक॥” और ध्यान रहे की चन्द्रमा को अर्घ्य देने वाले जल में गुलाब के कुछ पत्ते डालने होंगे, इससे शुक्र प्रसन्न होगा और आपका दाम्पत्य जीवन सुखमय रहेगा।

एक महीने में होनेवाली दूसरी पूर्ण चन्द्रमा को क्या कहते हैं?

पृथ्वी से चन्द्रमा की दूरी ३८४,४०३ किलोमीटर है। यह दूरी पृथ्वी के व्यास का ३० गुना है। चन्द्रमा पर गुरुत्वाकर्षण पृथ्वी से १/६ है।…चन्द्रमा

उपनामपेरिएप्सिस362 600 किलोमीटर (356 400–370 400 किलोमीटर)एपोऐप्सिस405 400 किलोमीटर (404 000–406 700 किलोमीटर)अर्ध मुख्य अक्ष3,84,399 किलोमीटर (0.00257 AU)

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चंद्रमा कौन सा शब्द है?

इसे सुनेंरोकेंप्राचीन भारतीय ज्योतिषियों के मत से भी चद्रमा एक ग्रह है, जो सुर्य के प्रकाश से प्रकाशित होता है । भास्कराचार्य के मत से चंद्रमा जलमय है ।

चन्द्रमा के कितने नाम है?

चंद्रमा के यूं तो 108 नाम और 1008 नाम प्रचलित है। लेकिन यहां हम उनके 111 ऐसे नाम दे रहे हैं जिनके जप से चंद्रदेव प्रसन्न होते हैं।…मन को मजबूत बनाते हैं श्री चंद्रदेव के यह 111 नाम

  • ॐ श्रीमते नमः।
  • ॐ शशधराय नमः।
  • ॐ चन्द्राय नमः।
  • ॐ ताराधीशाय नमः।
  • ॐ निशाकराय नमः।
  • ॐ सुधानिधये नमः।
  • ॐ सदाराध्याय नमः।
  • ॐ सत्पतये नमः।

अर्घ्य का क्या अर्थ है?

इसे सुनेंरोकेंअर्घ्य १ वि० [सं०] १. पूजनीय । २. बहुमूल्य ।

चंद्रमा को अर्घ्य कैसे दें?

जानिए पूर्णिमा पर कौन-कौन से शुभ काम किए जा सकते हैं…

  1. पूर्णिमा की रात चंद्र उदय के बाद चांदी के लोटे से चंद्र को दूध और जल का अर्घ्य अर्पित करें।
  2. पूर्णिमा पर किसी पवित्र नदी में स्नान करें।
  3. पूर्णिमा पर चंद्रोदय के बाद चंद्रदेव को कच्चे दूध में मिश्री और चावल मिलाकर अर्घ्य अर्पित करें।
  4. इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा करें।

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चांद पर कितने आदमी रहते हैं?

इसे सुनेंरोकेंएस्ट्रोनोट नील आर्मस्ट्रॉन्ग पहले इंसान थे, जिन्होंने चांद की सतह पर 20 जुलाई 1969 को कदम रखा. हालांकि, नील आर्मस्ट्रॉन्ग के बारे में सभी को मालूम है. मगर क्या आपको मालूम है उनके अलावा 11 लोग और हैं, जिन्होंने चांद की जमीन को छुआ है.

चंद्रमा पृथ्वी से कितना छोटा है?

इसे सुनेंरोकेंपृथ्वी से लगभग 3,84,365 किलोमीटर दूर चंद्रमा का धरातल असमतल है और इसका व्यास 3,476 किलोमीटर है तथा द्रव्यमान, पृथ्वी के द्रव्यमान का लगभग 1/8 है।

चंद्रमा का प्रकाश पृथ्वी पर कितने सेकंड में पहुंचता है?

इसे सुनेंरोकेंलाइट अंतरिक्ष के माध्यम से केवल 186,000 मील प्रति सेकंड पर यात्रा करता है चंद्रमा पृथ्वी से 250,000 मील की दूरी पर है, इसलिए चंद्रमा की सतह से प्रकाश हमें एक सेकेंड सेकेंड (करीब 1.3 सेकंड) तक पहुंचने के लिए पहुंचने के लिए है।

पूर्णिमा में चंद्रमा को अर्घ कैसे दे?

जानिए पूर्णिमा पर कौन-कौन से शुभ काम किए जा सकते हैं....
पूर्णिमा की रात चंद्र उदय के बाद चांदी के लोटे से चंद्र को दूध और जल का अर्घ्य अर्पित करें। ... .
पूर्णिमा पर किसी पवित्र नदी में स्नान करें। ... .
पूर्णिमा पर चंद्रोदय के बाद चंद्रदेव को कच्चे दूध में मिश्री और चावल मिलाकर अर्घ्य अर्पित करें।.
इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा करें।.

चंद्रमा को अर्घ्य कैसे दिया जाता है?

इस तरह दें चंद्रमा को अर्घ्य | Karwa Chauth Arghya Vidhi इसके बाद व्रत की कथा सुनें या पढ़ें. इसके बाद पूजा की थाली में आटे का दीपक, फल, मिठाई, जल से भरा दो करवा और छलनी रखें. चांद निकलने पर छलनी में एक आटे का दीपक जला लें और उत्तर पश्चिम दिशा में मुख कर चंद्रदेव को एक करवे से अर्घ्य दें.

चंद्रमा को अर्घ्य देने से क्या होता है?

शास्त्रों के अनुसार, चंद्रमा को अर्घ्य देते समय ध्यान रहे कि पानी में थोड़ा सा दूध भी मिला हो। ऐसा करने से मन में सभी प्रकार के नकारात्मक विचार, असुरक्षा की भावना, पति के स्वास्थ्य की चिंता और दुर्भावना खत्म हो जाती है। साथ ही कुंडली में चंद्रमा की स्थिति भी मजबूत हो जाती हैं।

चंद्रमा को अर्घ्य देने का मंत्र क्या है?

जाप समाप्त होने पर किसी पात्र में श्वेत पुष्प, श्वेत चंदन, चावल और जल मिलाकर चंद्रमा के लिए अर्घ्य दान करें। चन्द्रमा का नाम मंत्र - ॐ सों सोमाय नम:।