पित्त की थैली की पथरी को कैसे खत्म करे? - pitt kee thailee kee patharee ko kaise khatm kare?

पित्ताशय की पथरी क्या होती है (What is gall bladder stone)
लगभग 80% पथरी कोलेस्ट्रॉल से ही बनती है। पित्त लिवर में बनता है और इसका संग्रह(collection) गॉल ब्लैडर में होता है। यह पित्त फैटी भोजन को पचाने में मदद करता है। लेकिन जब पित्त में कोलेस्ट्रॉल और बिलरुबिन की मात्रा ज्यादा हो जाती है, तब पथरी बन जाती है|

लक्षण (Symptoms)
बदहजमी, खट्टी डकार, पेट फूलना, एसिडिटी, पेट में भारीपन, उल्टी, पसीना आना जैसे लक्षण नजर आते हैं।

गॉलब्लेडर में पथरी होने पर क्या खाना चाहिए (what to eat if stone is in gallbladder)
-नाशपाती
-खट्टे फल खाएं
-रोजाना एक चम्मच हल्दी को खाएं
-सुबह खाली पेट 50 मि.ली. नींबू का रस पीना
-गाजर और ककड़ी के रस को 100 मि.ली. की मात्रा में मिलाकर दिन में दो बार पीना
-तली और मसालेदार चीजों से दूर रहें और संतुलित भोजन ही करें।
-शराब, सिगरेट, चाय, कॉफी तथा शक्कर युक्त पेय हानिकारक है। इनसे जितना हो सके बचने की कोशिश करें।
-एस्कोर्बिक एसिड के प्रयोग से शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली(immune system) मजबूत बनती है। यह कोलेस्ट्रॉल को पित्त में बदल देता है। इसकी तीन से चार गोली रोज लेने पर पथरी में लाभ होता है।
-ज्यादा से ज्यादा मात्रा में हरी सब्जियां और फल खाना क्युकी इनमे कोलेस्ट्रॉल कम मात्रा में होता है और प्रोटीन की जरूरत भी पूरी करते हैं।

योग (yoga for gall bladder stone)
-सर्वांगासन

-शलभासन

-धनुरासन

-भुजंगासन

पित्ताशय की पथरी के लिए घरेलू उपचार(Home Remedies for gall bladder stone)

1) सेब (Apple)- एक गिलास सेब के रस में सेब साइडर सिरका का एक बड़ा चम्मच मिलाकर रोजाना दिन में एक बार खाना चाहिए। पित्ताशय की पथरी के लक्षण से आराम दिलाने में सेब का सिरका बहुत ही फायदेमंद होता है।

2) नाशपाती (Pear)- नाशपाती में पेक्टिन नामक कंपाउंड होता है जो कोलेस्ट्रॉल से बनी पथरी को नरम बनाता है ताकि वे शरीर से आसानी से बाहर निकल सकें। और पथरी से होने वाले दर्द और अन्य लक्षणों में काफी फायदेमंद होता है|

3) चुकंदर, ककड़ी, और गाजर का रस (Beetroot, Cucumber, Carrot Juice)- पित्ताशय की थैली को साफ और मजबूत करने और लीवर की सफाई के लिए चुकंदर , ककड़ी और गाजर के रस को बराबर मात्रा में मिलाकर खाने से पेट और खून की सफाई में भी मदद करता है।

4) पुदीना (Mint)- पुदीने में टेरपिन नामक कंपाउंड पाया जाता है जो प्रभावी रूप से पथरी को तोड़ता है। पुदीने की पत्तियों को उबालकर पिपरमेंट टी भी बना के पिया जा सकता है|

5) इसबगोल (Isabgol)- इसबगोल पित्ताशय की थैली की पथरी के इलाज के लिए बहुत जरुरी है। इसबगोल पित्त में कोलेस्ट्रॉल को बांधता है और पथरी को बढ़ने से रोकने में मदद करता है। इसे भोजन के साथ या रात को बिस्तर पर जाने से पहले एक गिलास पानी के साथ भी लिया जा सकते है।

6) नींबू (Lemon)- नींबू का रस सिरके की तरह कार्य करता है और लीवर में कोलेस्ट्रॉल को बनने से रोकता है। हर रोज खाली पेट चार नींबू का रस लें। इस प्रक्रिया को एक हफ्ते तक अपनाएं। इससे पथरी की समस्या आसानी से दूर हो सकती है।

7) लाल शिमला मिर्च (Red Capsicum)- 2013 में हुए एक अध्ययन के अनुसार, शरीर में भरपूर मात्रा में विटामिन-सी पथरी की समस्या कम करता है। एक लाल शिमला मिर्च में लगभग 95 मिलीग्राम विटामिन-सी होता है, यह मात्रा पथरी को रोकने के लिए काफी होती है। इसलिए अपने आहार में शिमला मिर्च को शामिल करें।

8) हल्दी (Turmeric)- हल्दी पित्ताशय की पथरी के लिए यह एक बढ़िया घरेलू उपचार है। यह एंटी ऑक्सीडेंट और एंटी इंफ्लेमेट्री होती है। हल्दी पथरी को आसानी से तोड़ने में मदद करती है। ऐसा माना जाता है कि एक चम्मच हल्दी लेने से लगभग 80 प्रतिशत पथरी खत्म हो जाती है।

पित्त की थैली की पथरी को कैसे खत्म करे? - pitt kee thailee kee patharee ko kaise khatm kare?

पित्त का उत्पादन लिवर में होता है, उत्पादन के बाद यह बाइल डक्ट के माध्यम से पित्ताशय में इकट्ठा होता है। खाना पचाने के लिए बाइल जूस पित्ताशय से निकलकर छोटी आंत में जाता है।

लेकिन जब पित्ताशय पूरी तरह से खाली नहीं हो पाता है और  पित्त में कोलेस्ट्रॉल या बिलीरुबिन की मात्रा अधिक हो जाती है, तब ये पदार्थ इकट्ठा होकर एक कठोर पदार्थ में तब्दील हो जाते हैं। इसी कठोर पदार्थ को पित्ताशय की पथरी कहते हैं।

इसके दो प्रकार होते हैं: –

  • कोलेस्ट्रॉल स्टोन – यह कोलेस्ट्रॉल से बनता है।
  • पिगमेंट स्टोन – यह बिलीरुबिन से बनता है।

यह एक दर्दनाक परिस्थिति है। इसे लाइलाज छोड़ने पर बाइल डक्ट ब्लॉक हो सकता है और फिर इन्फेक्शन, कैंसर, पीलिया आदि जैसी कई गंभीर परिस्थितियां जन्म ले सकती हैं।

इन जटिलताओं से बचने के लिए और पाचन क्रिया को दुरुस्त बनाए रखने के लिए डॉक्टर ऑपरेशन की मदद से  पित्ताशय को शरीर से अलग कर देने की सलाह देते हैं। 

नोट: पित्ताशय को शरीर से अलग कर देना ही पित्त की पथरी का सफल इलाज है।

  • पित्त की थैली में स्टोन का ऑपरेशन की जरूरत कब पड़ती है?
  • ऑपरेशन के लिए कैसे तैयार हों?
  • पित्त की थैली में पथरी का ऑपरेशन कैसे होता है ?- प्रकार और प्रक्रिया – Gallstone Surgery In Hindi
    • लेप्रोस्कोपिक सर्जरी (पित्त की थैली का ऑपरेशन दूरबीन द्वारा)
    • ओपन सर्जरी
  • पित्ताशय की पथरी का ऑपरेशन के बाद क्या होता है?
  • सर्जरी के बाद देखभाल
  • डॉक्टर से कब बात करें
  • Pristyn Care से कराएं पित्ताशय की पथरी का इलाज

पित्त की थैली में स्टोन का ऑपरेशन की जरूरत कब पड़ती है?

नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ डायबिटीज एंड डाईजेस्टिव एंड किडनी डिजीजेज (1) में कथित वाक्य के अनुसार – हर किसी को ऑपरेशन की जरूरत नहीं पड़ती है। बहुत से लोग साइलेंट गालस्टोन से पीड़ित होते हैं, इसलिए उन्हें इसके कोई लक्षण नहीं दिखाई देते हैं।

साइलेंट गाल स्टोन से पित्ताशय, पैंक्रियाज और लीवर के कार्यप्रणाली पर कोई बाधा नहीं आती है, इसलिए इसके उपचार की कोई आवश्यकता नहीं होती है।

पढ़ें- पित्ताशय की पथरी के कारण, लक्षण और निदान

कोलेस्ट्रॉल गालस्टोन को ठीक करने के लिए कुछ नॉन-सर्जिकल उपचार किए जा सकते हैं। लेकिन यदि व्यक्ति पिगमेंट गालस्टोन से पीड़ित है तो पित्त की थैली में स्टोन का ऑपरेशन करना अनिवार्य हो जाता है।

ऑपरेशन के लिए कैसे तैयार हों?

ऑपरेशन से पहले डॉक्टर रोगी के स्वास्थ्य का अच्छी तरह से मूल्यांकन करेंगे, यदि वह सर्जरी के लिए फिट है तो कुछ इंस्ट्रक्शन दिए जाएंगे।

हर रोगी के लिए अलग-अलग इंस्ट्रक्शन होंगे। हालांकि,सर्जरी के लिए तैयार होने के लिए कुछ आम निर्देश हैं, जो इस प्रकार से हैं-

  • ब्लड थिनर, सप्लीमेंट, और ऐसी दवाओं का सेवन न करें जिससे इम्यूनिटी पर दुष्प्रभाव पड़े।
  • सर्जरी के पहले आधी रात से न तो कुछ न खाएं और न ही पिएं। यदि सर्जरी के पहले कोई टेबलेट खाना है तो एक घूंट पानी से पी लें।
  • सर्जरी के 15 दिन पहले से स्मोकिंग और मदिरापान न करें।
  • यदि आपको किसी दवा से एलर्जी है तो डॉक्टर से बता दें।

पित्त की थैली में पथरी का ऑपरेशन कैसे होता है ?- प्रकार और प्रक्रिया – Gallstone Surgery In Hindi

पित्ताशय की पथरी की सर्जरी दो तरह से की जा सकती है। 

  1. लेप्रोस्कोपिक सर्जरी
  2. ओपन सर्जरी

लेप्रोस्कोपिक सर्जरी (पित्त की थैली का ऑपरेशन दूरबीन द्वारा)

यह पित्ताशय की पथरी का उपचार करने के लिए एक एडवांस और नई विधि है, जिसमें डॉक्टर आधा इंच के 3 से 4 छोटे कट की मदद से पित्ताशय को शरीर से अलग कर देते हैं।

आमतौर पर सर्जन इसी प्रक्रिया का चयन करते हैं, क्योंकि ओपन सर्जरी की तुलना में इसमें बहुत छोटा कट होता है और घाव छोटा होने के कारण मरीज अगले दो दिन में अपनी सामान्य गतिविधियां शुरू कर सकता है।

पित्ताशय की पथरी का लेप्रोस्कोपिक ऑपरेशन करने में बहुत कम समय लगता है, वहीं जल्दी रिकवरी होने के कारण मरीज को रिकवरी के समय कोई परेशानी नहीं होती है।

पढ़ें – पित्ताशय की पथरी के दौरान आहार

प्रक्रिया:

  • सर्जरी से पहले मरीज के स्वास्थ्य का परीक्षण किया जाएगा
  • अब डॉक्टर उसे जनरल एनेस्थीसिया देकर बेहोश कर देंगे, परिस्थिति के अनुसार लोकल अथवा स्पाइनल एनेस्थीसिया भी दिया जा सकता है।
  • अब डॉक्टर पेट के निचले हिस्से में 3 से 4 छोटे कट करेंगे और कार्बन डाइऑक्साइड गैस (2) को अंदर डालेंगे, इससे सर्जरी के दौरान सभी अंगों को साफ-साफ देखने में मदद मिलेगी।
  • एक कट से लेप्रोस्कोप (दूरबीन) अंदर डाला जाएगा। यह डिवाइस आंतरिक अंगों को कंप्यूटर स्क्रीन में दिखाने में मदद करेगा।
  • अन्य दूसरे कट से डॉक्टर कुछ एडवांस सर्जिकल टूल्स अंदर डालेंगे, इन टूल्स की मदद से पित्ताशय को लिवर से अलग करके बाहर निकाल लेंगे।

पूरी प्रक्रिया 20 से 30 मिनट में खत्म हो जाएगी। 24 घंटे के भीतर रोगी को डिस्चार्ज कर दिया जाएगा।

ओपन सर्जरी

यह पित्ताशय की पथरी का ऑपरेशन करने की पुरानी तकनीक है, जिसमें एक बड़ा चीरा लगाया जाता है और पित्ताशय को अलग करने के लिए लेप्रोस्कोप या अन्य इमेजिंग उपकरण का उपयोग नहीं करते हैं।

रोगी को सर्जरी के बाद कम से कम एक सप्ताह तक अस्पताल में रुकना पड़ता है। वहीं चीरे का आकार बड़ा होने की वजह से रिकवरी में 3 से 4 सप्ताह तक का समय लग जाता है। यही कारण है कि डॉक्टर पित्ताशय की पथरी का इलाज करने के लिए लेप्रोस्कोपिक सर्जरी की सलाह देते हैं।

हालांकि, निम्नलिखित परिस्थितियों में डॉक्टर ओपन सर्जरी का चयन कर सकते हैं-

  • जब पित्ताशय में अधिक सूजन हो
  • अधिक संक्रमण
  • यदि व्यक्ति बहुत मोटा है
  • व्यक्ति को रक्तस्राव संबंधित समस्याएं हैं
  • शरीर के भीतरी अंग को लेप्रोस्कोप से देखने में परेशानी हो रही हो
  • एडवांस उपकरण को ऑपरेट करने में परेशानी होने पर

प्रक्रिया:

  • मरीज को बेहोश करने के लिए जनरल एनेस्थीसिया दिया जाता है।
  • अब पेट के निचले हिस्से में एक बड़े आकार का चीरा लगाया जाता है।
  • डॉक्टर कुछ उपकरण की मदद से मांसपेशियों को चीरते हैं और सर्जिकल उपकरण को पित्ताशय तक ले जाते हैं।
  • अब डॉक्टर पित्ताशय को लिवर से अलग कर देते हैं।

ऑपरेशन करने में एक से डेढ़ घंटे तक का समय लग सकता है। इसके बाद रोगी को तकरीबन एक सप्ताह तक हॉस्पिटलाइजेशन की जरूरत पड़ती है।

पित्ताशय की पथरी का ऑपरेशन के बाद क्या होता है?

पित्ताशय अलग होने के बाद पित्त सीधा आंत में जाएगा। इसलिए कुछ दिनों तक व्यक्ति को दिन में एक से अधिक बार मल त्याग करने की इच्छा हो सकती है, साथ ही मल जरूरत से अधिक कोमल हो सकता है। हालांकि, यदि यह समस्या अधिक दिनों तक रहती है तो आपको अपने डॉक्टर से बात करनी चाहिए।

सर्जरी के बाद देखभाल

  • सर्जरी के बाद हीलिंग के लिए डॉक्टर कुछ दवाइयां देंगे। इन दवाओं के सेवन की वजह से उल्टी मितली और आलसपन का अनुभव हो सकता है। इसलिए इन दिनों तरल पदार्थ का भरपूर सेवन करें।
  • मल त्याग के दौरान जोर न लगाएं, इससे टांकें खुल सकते हैं और रिकवरी टाइम बढ़ सकता है।
  • समय-समय पर दवाओं का सेवन करें।
  • रिकवर होने तक भारी सामान उठाने से परहेज करें।
  • एक्सरसाइज या योग करने से पहले डॉक्टर की सलाह लें।
  • फ़ास्ट हीलिंग के लिए स्मोकिंग और अल्कोहल से परहेज करें।

डॉक्टर से कब बात करें

निम्नलिखित लक्षण दिखाई देने पर तुरंत ही अपने चिकित्सक से बात करें-

  • सर्जरी के बाद शरीर का तापमान बढ़ सकता है, यदि तापमान 102 डिग्री सेल्सियस से ऊपर पहुँच जाता है तो तुरंत ही डॉक्टर से बात करें।
  • पीलिया अथवा त्वचा और आंखों में पीलापन नजर आने पर
  • पेट में सूजन या दर्द होने पर
  • सांस लेने में परेशानी होने पर
  • उल्टी और मतली होने पर 
  • इन्फेक्शन होने पर
  • रिकवरी में अधिक समय लगने पर
  • कट से रक्त या पस का स्राव होने पर
  • पेन किलर खाने के बाद भी दर्द नहीं थमता

पित्ताशय में पथरी होने पर रोजमर्रा के दर्द और असहजता से परेशान हैं तो इलाज कराने के लिए प्रिस्टीन केयर एक अच्छा विकल्प है।

हमारे पास अनुभवी डॉक्टर है जो निदान करने के बाद पित्त की पथरी का उचित इलाज बताते हैं। कई बार इसके लिए सर्जरी की कोई आवश्यकता नहीं पड़ती है, ऐसी परिस्थिति में डॉक्टर उचित उपचार और दवाइयाँ देते हैं। 

लेकिन कई मामलों में पित्ताशय की पथरी से छुटकारा पाने के लिए ऑपरेशन की जरूरत पड़ती है, ऐसी स्थिति में हमारे डॉक्टर लेप्रोस्कोपिक प्रक्रिया का चयन करते हैं।

हमसे पित्त की पथरी का लेप्रोस्कोपिक ऑपरेशन करवाने के निम्न फायदे हैं-

  • एडवांस उपकरण का उपयोग होता है, जिससे पूरी प्रक्रिया के दौरान कोई जटिलता नहीं होती है।
  • सभी सर्जन को 15 से अधिक वर्षों का अनुभव है।
  • इलाज करवाने के लिए नो-कॉस्ट ईएमआई की सुविधा है।
  • इंश्योरेंस होने पर इलाज में एक रुपया भी नहीं लगता है।
  • 30 मिनट में इंश्योरेंस अप्रूव हो जाता है।
  • हॉस्पिटल की पूरी कागजी कार्यवाही हमारी टीम करती है।
  • इलाज वाले दिन अस्पताल आने और इलाज के बाद घर जाने के लिए कैब की फ्री सुविधा दी जाती है।
  • एक केयर बड्डी दिया जाता है जो डिस्चार्ज होने तक इलाज के हर चरण में आपकी सहायता करता है।
  • इलाज के बाद फ्री फोलो-अप।

यदि आप एक अनुभवी सर्जन से पित्त की पथरी का लेप्रोस्कोपिक करवाना चाहते है और इलाज के बाद की जटिलताओं से बचना चाहते हैं तो आज ही हमें फोन करें या अपॉइंटमेंट बुक करें।

निष्कर्ष – कई मामलों में पित्ताशय की पथरी का उपचार करने के लिए सर्जरी की जरूरत नहीं होती है। साइलेंट गालस्टोन में रोगी को कोई लक्षण नहीं नजर आते हैं। पित्त की पथरी का ऑपरेशन करने के लिए दो सर्जिकल विधियाँ हैं। दोनों सर्जिकल विधि में लेप्रोस्कोपिक सर्जरी अच्छा विकल्प है। पित्ताशय के अलग हो जाने के बाद कुछ दिनों तक मल का कोमल होना और बार-बार मल त्याग की इच्छा होना स्वाभाविक है। यदि आप अपने शहर में  इसका सबसे अच्छा उपचार पाना चाहते हैं तो Pristyn Care एक अच्छा विकल्प है।

डिस्क्लेमर: यह ब्लॉग सामान्य जानकारी के लिए लिखा गया है| अगर आप किसी बीमारी से ग्रसित हैं तो कृपया डॉक्टर से परामर्श जरूर लें और डॉक्टर के सुझावों के आधार पर ही कोई निर्णय लें|

पित्त की थैली में पथरी है तो कैसे ठीक होगा?

पित्त की पथरी का उपचार आमतौर पर शल्यचिकित्सा द्वारा किया जाता है जिसमें पित्ताशय को शरीर से निकाल दिया जाता है (कोलेसीस्टेक्टॉमी)। यह एक लेप्रोस्कोपिक या कीहोल सर्जरी है जिसमें पेट में छोटे छेद के माध्यम से पूरी प्रक्रिया की जाती है। पित्त की पथरी को खत्म करने के लिए आमतौर पर अन्य कोई उपचार प्रभावी नहीं होता है।

क्या पित्त की थैली की पथरी बिना ऑपरेशन के निकल सकती है?

ऐसे फलों का जूस पी सकते हैं जिनमें विटामिन सी प्रचुर मात्रा में हो जैसे संतरा, टमाटर आदि का रस पिएं. इनें मौजूद विटामिन सी शरीर के कोलेस्ट्राल को पित्त अम्ल में परिवर्तित करती है जो पथरी को तोड़कर बाहर निकालता है. आप विटामिन सी संपूरक ले सकते हैं या पथरी के दर्द के लिए यह एक उत्तम घरेलू उपचार है.

पित्त की थैली में पथरी का आयुर्वेदिक इलाज क्या है?

अगर आपको पित्त की पथरी की समस्या है तो गाजर और ककड़ी का रस प्रत्येक 100 मिलिलीटर की मात्रा में मिलाकर दिन में दो बार पीएं. इस समस्या में ये अत्यन्त लाभदायक घरेलू नुस्खा माना जाता है. ये कॉलेस्ट्रॉल के सख्त रूप को नर्म कर बाहर निकालने में मदद करती है. पथरी के लिए यह एक उत्तम घरेलू उपचार है.

पित्त की थैली में पथरी होने पर क्या nahi खाना चाहिए?

परिष्कृत कार्बोहाइड्रेट (Refined carbohydrates) परिष्कृत कार्बोहायड्रेट का सेवन करने से पित्ताशय की पथरी बढ़ने लगती है। इसलिए पित्ताशय की पथरी से जूझ रहे व्यक्ति को कैंडी, कुकीज़, केक, सफेद आटा, या अन्य किसी भी परिष्कृत अनाज का सेवन नहीं करना चाहिए