पित्ताशय की पथरी क्या होती है (What is gall bladder stone) Show
लक्षण (Symptoms) गॉलब्लेडर में पथरी होने पर क्या खाना चाहिए (what to eat if stone is in gallbladder) योग (yoga for gall bladder stone) -शलभासन -धनुरासन -भुजंगासन पित्ताशय की पथरी के लिए घरेलू उपचार(Home Remedies for gall bladder stone) 1) सेब (Apple)- एक गिलास सेब के रस में सेब साइडर सिरका का एक बड़ा चम्मच मिलाकर रोजाना दिन में एक बार खाना चाहिए। पित्ताशय की पथरी के लक्षण से आराम दिलाने में सेब का सिरका बहुत ही फायदेमंद होता है। 2) नाशपाती (Pear)- नाशपाती में पेक्टिन नामक कंपाउंड होता है जो कोलेस्ट्रॉल से बनी पथरी को नरम बनाता है ताकि वे शरीर से आसानी से बाहर निकल सकें। और पथरी से होने वाले दर्द और अन्य लक्षणों में काफी फायदेमंद होता है| 3) चुकंदर, ककड़ी, और गाजर का रस (Beetroot, Cucumber, Carrot Juice)- पित्ताशय की थैली को साफ और मजबूत करने और लीवर की सफाई के लिए चुकंदर , ककड़ी और गाजर के रस को बराबर मात्रा में मिलाकर खाने से पेट और खून की सफाई में भी मदद करता है। 4) पुदीना (Mint)- पुदीने में टेरपिन नामक कंपाउंड पाया जाता है जो प्रभावी रूप से पथरी को तोड़ता है। पुदीने की पत्तियों को उबालकर पिपरमेंट टी भी बना के पिया जा सकता है| 5) इसबगोल (Isabgol)- इसबगोल पित्ताशय की थैली की पथरी के इलाज के लिए बहुत जरुरी है। इसबगोल पित्त में कोलेस्ट्रॉल को बांधता है और पथरी को बढ़ने से रोकने में मदद करता है। इसे भोजन के साथ या रात को बिस्तर पर जाने से पहले एक गिलास पानी के साथ भी लिया जा सकते है। 6) नींबू (Lemon)- नींबू का रस सिरके की तरह कार्य करता है और लीवर में कोलेस्ट्रॉल को बनने से रोकता है। हर रोज खाली पेट चार नींबू का रस लें। इस प्रक्रिया को एक हफ्ते तक अपनाएं। इससे पथरी की समस्या आसानी से दूर हो सकती है। 7) लाल शिमला मिर्च (Red Capsicum)- 2013 में हुए एक अध्ययन के अनुसार, शरीर में भरपूर मात्रा में विटामिन-सी पथरी की समस्या कम करता है। एक लाल शिमला मिर्च में लगभग 95 मिलीग्राम विटामिन-सी होता है, यह मात्रा पथरी को रोकने के लिए काफी होती है। इसलिए अपने आहार में शिमला मिर्च को शामिल करें। 8) हल्दी (Turmeric)- हल्दी पित्ताशय की पथरी के लिए यह एक बढ़िया घरेलू उपचार है। यह एंटी ऑक्सीडेंट और एंटी इंफ्लेमेट्री होती है। हल्दी पथरी को आसानी से तोड़ने में मदद करती है। ऐसा माना जाता है कि एक चम्मच हल्दी लेने से लगभग 80 प्रतिशत पथरी खत्म हो जाती है। पित्त का उत्पादन लिवर में होता है, उत्पादन के बाद यह बाइल डक्ट के माध्यम से पित्ताशय में इकट्ठा होता है। खाना पचाने के लिए बाइल जूस पित्ताशय से निकलकर छोटी आंत में जाता है। लेकिन जब पित्ताशय पूरी तरह से खाली नहीं हो पाता है और पित्त में कोलेस्ट्रॉल या बिलीरुबिन की मात्रा अधिक हो जाती है, तब ये पदार्थ इकट्ठा होकर एक कठोर पदार्थ में तब्दील हो जाते हैं। इसी कठोर पदार्थ को पित्ताशय की पथरी कहते हैं। इसके दो प्रकार होते हैं: –
यह एक दर्दनाक परिस्थिति है। इसे लाइलाज छोड़ने पर बाइल डक्ट ब्लॉक हो सकता है और फिर इन्फेक्शन, कैंसर, पीलिया आदि जैसी कई गंभीर परिस्थितियां जन्म ले सकती हैं। इन जटिलताओं से बचने के लिए और पाचन क्रिया को दुरुस्त बनाए रखने के लिए डॉक्टर ऑपरेशन की मदद से पित्ताशय को शरीर से अलग कर देने की सलाह देते हैं। नोट: पित्ताशय को शरीर से अलग कर देना ही पित्त की पथरी का सफल इलाज है।
पित्त की थैली में स्टोन का ऑपरेशन की जरूरत कब पड़ती है?नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ डायबिटीज एंड डाईजेस्टिव एंड किडनी डिजीजेज (1) में कथित वाक्य के अनुसार – हर किसी को ऑपरेशन की जरूरत नहीं पड़ती है। बहुत से लोग साइलेंट गालस्टोन से पीड़ित होते हैं, इसलिए उन्हें इसके कोई लक्षण नहीं दिखाई देते हैं। साइलेंट गाल स्टोन से पित्ताशय, पैंक्रियाज और लीवर के कार्यप्रणाली पर कोई बाधा नहीं आती है, इसलिए इसके उपचार की कोई आवश्यकता नहीं होती है। पढ़ें- पित्ताशय की पथरी के कारण, लक्षण और निदान कोलेस्ट्रॉल गालस्टोन को ठीक करने के लिए कुछ नॉन-सर्जिकल उपचार किए जा सकते हैं। लेकिन यदि व्यक्ति पिगमेंट गालस्टोन से पीड़ित है तो पित्त की थैली में स्टोन का ऑपरेशन करना अनिवार्य हो जाता है। ऑपरेशन के लिए कैसे तैयार हों?ऑपरेशन से पहले डॉक्टर रोगी के स्वास्थ्य का अच्छी तरह से मूल्यांकन करेंगे, यदि वह सर्जरी के लिए फिट है तो कुछ इंस्ट्रक्शन दिए जाएंगे। हर रोगी के लिए अलग-अलग इंस्ट्रक्शन होंगे। हालांकि,सर्जरी के लिए तैयार होने के लिए कुछ आम निर्देश हैं, जो इस प्रकार से हैं-
पित्त की थैली में पथरी का ऑपरेशन कैसे होता है ?- प्रकार और प्रक्रिया – Gallstone Surgery In Hindiपित्ताशय की पथरी की सर्जरी दो तरह से की जा सकती है।
लेप्रोस्कोपिक सर्जरी (पित्त की थैली का ऑपरेशन दूरबीन द्वारा)यह पित्ताशय की पथरी का उपचार करने के लिए एक एडवांस और नई विधि है, जिसमें डॉक्टर आधा इंच के 3 से 4 छोटे कट की मदद से पित्ताशय को शरीर से अलग कर देते हैं। आमतौर पर सर्जन इसी प्रक्रिया का चयन करते हैं, क्योंकि ओपन सर्जरी की तुलना में इसमें बहुत छोटा कट होता है और घाव छोटा होने के कारण मरीज अगले दो दिन में अपनी सामान्य गतिविधियां शुरू कर सकता है। पित्ताशय की पथरी का लेप्रोस्कोपिक ऑपरेशन करने में बहुत कम समय लगता है, वहीं जल्दी रिकवरी होने के कारण मरीज को रिकवरी के समय कोई परेशानी नहीं होती है। पढ़ें – पित्ताशय की पथरी के दौरान आहार प्रक्रिया:
पूरी प्रक्रिया 20 से 30 मिनट में खत्म हो जाएगी। 24 घंटे के भीतर रोगी को डिस्चार्ज कर दिया जाएगा। ओपन सर्जरीयह पित्ताशय की पथरी का ऑपरेशन करने की पुरानी तकनीक है, जिसमें एक बड़ा चीरा लगाया जाता है और पित्ताशय को अलग करने के लिए लेप्रोस्कोप या अन्य इमेजिंग उपकरण का उपयोग नहीं करते हैं। रोगी को सर्जरी के बाद कम से कम एक सप्ताह तक अस्पताल में रुकना पड़ता है। वहीं चीरे का आकार बड़ा होने की वजह से रिकवरी में 3 से 4 सप्ताह तक का समय लग जाता है। यही कारण है कि डॉक्टर पित्ताशय की पथरी का इलाज करने के लिए लेप्रोस्कोपिक सर्जरी की सलाह देते हैं। हालांकि, निम्नलिखित परिस्थितियों में डॉक्टर ओपन सर्जरी का चयन कर सकते हैं-
प्रक्रिया:
ऑपरेशन करने में एक से डेढ़ घंटे तक का समय लग सकता है। इसके बाद रोगी को तकरीबन एक सप्ताह तक हॉस्पिटलाइजेशन की जरूरत पड़ती है। पित्ताशय की पथरी का ऑपरेशन के बाद क्या होता है?पित्ताशय अलग होने के बाद पित्त सीधा आंत में जाएगा। इसलिए कुछ दिनों तक व्यक्ति को दिन में एक से अधिक बार मल त्याग करने की इच्छा हो सकती है, साथ ही मल जरूरत से अधिक कोमल हो सकता है। हालांकि, यदि यह समस्या अधिक दिनों तक रहती है तो आपको अपने डॉक्टर से बात करनी चाहिए। सर्जरी के बाद देखभाल
डॉक्टर से कब बात करेंनिम्नलिखित लक्षण दिखाई देने पर तुरंत ही अपने चिकित्सक से बात करें-
पित्ताशय में पथरी होने पर रोजमर्रा के दर्द और असहजता से परेशान हैं तो इलाज कराने के लिए प्रिस्टीन केयर एक अच्छा विकल्प है। हमारे पास अनुभवी डॉक्टर है जो निदान करने के बाद पित्त की पथरी का उचित इलाज बताते हैं। कई बार इसके लिए सर्जरी की कोई आवश्यकता नहीं पड़ती है, ऐसी परिस्थिति में डॉक्टर उचित उपचार और दवाइयाँ देते हैं। लेकिन कई मामलों में पित्ताशय की पथरी से छुटकारा पाने के लिए ऑपरेशन की जरूरत पड़ती है, ऐसी स्थिति में हमारे डॉक्टर लेप्रोस्कोपिक प्रक्रिया का चयन करते हैं। हमसे पित्त की पथरी का लेप्रोस्कोपिक ऑपरेशन करवाने के निम्न फायदे हैं-
यदि आप एक अनुभवी सर्जन से पित्त की पथरी का लेप्रोस्कोपिक करवाना चाहते है और इलाज के बाद की जटिलताओं से बचना चाहते हैं तो आज ही हमें फोन करें या अपॉइंटमेंट बुक करें।
डिस्क्लेमर: यह ब्लॉग सामान्य जानकारी के लिए लिखा गया है| अगर आप किसी बीमारी से ग्रसित हैं तो कृपया डॉक्टर से परामर्श जरूर लें और डॉक्टर के सुझावों के आधार पर ही कोई निर्णय लें| पित्त की थैली में पथरी है तो कैसे ठीक होगा?पित्त की पथरी का उपचार आमतौर पर शल्यचिकित्सा द्वारा किया जाता है जिसमें पित्ताशय को शरीर से निकाल दिया जाता है (कोलेसीस्टेक्टॉमी)। यह एक लेप्रोस्कोपिक या कीहोल सर्जरी है जिसमें पेट में छोटे छेद के माध्यम से पूरी प्रक्रिया की जाती है। पित्त की पथरी को खत्म करने के लिए आमतौर पर अन्य कोई उपचार प्रभावी नहीं होता है।
क्या पित्त की थैली की पथरी बिना ऑपरेशन के निकल सकती है?ऐसे फलों का जूस पी सकते हैं जिनमें विटामिन सी प्रचुर मात्रा में हो जैसे संतरा, टमाटर आदि का रस पिएं. इनें मौजूद विटामिन सी शरीर के कोलेस्ट्राल को पित्त अम्ल में परिवर्तित करती है जो पथरी को तोड़कर बाहर निकालता है. आप विटामिन सी संपूरक ले सकते हैं या पथरी के दर्द के लिए यह एक उत्तम घरेलू उपचार है.
पित्त की थैली में पथरी का आयुर्वेदिक इलाज क्या है?अगर आपको पित्त की पथरी की समस्या है तो गाजर और ककड़ी का रस प्रत्येक 100 मिलिलीटर की मात्रा में मिलाकर दिन में दो बार पीएं. इस समस्या में ये अत्यन्त लाभदायक घरेलू नुस्खा माना जाता है. ये कॉलेस्ट्रॉल के सख्त रूप को नर्म कर बाहर निकालने में मदद करती है. पथरी के लिए यह एक उत्तम घरेलू उपचार है.
पित्त की थैली में पथरी होने पर क्या nahi खाना चाहिए?परिष्कृत कार्बोहाइड्रेट (Refined carbohydrates)
परिष्कृत कार्बोहायड्रेट का सेवन करने से पित्ताशय की पथरी बढ़ने लगती है। इसलिए पित्ताशय की पथरी से जूझ रहे व्यक्ति को कैंडी, कुकीज़, केक, सफेद आटा, या अन्य किसी भी परिष्कृत अनाज का सेवन नहीं करना चाहिए।
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