Show पाठशाला भेजने के लिए लेखक के दादा ने उस से क्या वचन लिए थे?दादा ने भी पाठशाला भेजने की हामी भर दी। घर आकर दादा ने लेखक से यह वचन ले लिया कि दिन निकलते ही खेत पर जाना और वहीं से पाठशाला पहुँचना। । पाठशाला से छुट्टी होते ही घर में बस्ता रखकर सीधे खेत पर आकर घंटा भर ढोर चराना और खेतों में ज्यादा काम होने पर पाठशाला से गैर-हाजिर रहना होगा।
जूझ कहानी के आधार पर बताइए कि लेखक की माँ ने पाठशाला जाने में लेखक की क्या सहायता की अथवा?उत्तर: लेखक के पिता उसे पढ़ाना नहीं चाहता था जबकि लेखक व उसकी माँ पिता के रवैये से सहमत नहीं थे। उन्होंने दत्ताजी राव की सहायता से यह कार्य करवाया। लेखक पाठशाला जाना शुरू कर देता है।
जूझ पाठ के लेखक का नाम क्या है?'जूझ' यह मराठी के प्रख्यात कथाकार 'डा. आनंद यादव' का बहुचर्चित एवं बहु- प्रशंसित आत्मकथात्मक उपन्यास है , जिसका एक अंश यहां दिया गया है । यह एक किशोर के देखे और भोगे हुए गंवाई जीवन के खुरदरे यथार्थ और उसके रंगारंग परिवेश की अत्यन्त विश्वसनीय जीवंत गाथा है ।
आनंदा खेतों में काम क्यों करता था?खेतों पर आनंदा क्या-क्या काम करता था? खेतों पर आनंदा सारे दिन निराई-गुड़ाई का काम करता था। वह फसलों की रक्षा भी करता था। ईख पेरने के लिए वह कोल्हू भी चलाता था।
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