रोहिड़ा को राजस्थान का राज्य पुष्प कब घोषित किया गया? - rohida ko raajasthaan ka raajy pushp kab ghoshit kiya gaya?

रोहिड़ा
रोहिड़ा को राजस्थान का राज्य पुष्प कब घोषित किया गया? - rohida ko raajasthaan ka raajy pushp kab ghoshit kiya gaya?
हरसवा गाँव में रोहिड़ा का पेड़
वैज्ञानिक वर्गीकरण
जगत: वानस्पतिकी
अश्रेणीत: एंजियोस्पर्म्स
अश्रेणीत: यूडिकॉट्स
अश्रेणीत: ऐस्टेराइड्स
गण: लेमिएल्स
कुल: बिग्नोनिएन्सी
वंश: टेकोमेला
जाति: टी॰ उण्डुलता
द्विपद नाम
टेकोमेला उण्डुलता
डेविड डॉन

रोहिड़ा या टेकोमेला उण्डुलता (इसका वानस्पतिक नाम (Tecomella undulata) है) राजस्थान का राजकीय पुष्प (१९८३ में घोषित) है। यह मुख्यतः राजस्थान के थार मरुस्थल और पाकिस्तान मे पाया जाता है। रोहिड़ा का वृक्ष राजस्थान के शेखावटी व मारवाड़ अंचल में इमारती लकड़ी का मुख्य स्रोत है। यह मारवाड़ टीक के नाम से भी जाना जाता है। शुष्क व अर्ध शुष्क क्षेत्रों में पाया जाने वाला यह वृक्ष पतझड़ी प्रकार का है। रेत के धोरों के स्थिरीकरण के लिए यह वृक्ष बहुत उपयोगी है।

बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]

Rohida - State Flower राजस्थान वन विभाग के आधिकारिक जालघर पर।

राजस्थान का राज्य पुष्प रोहिडा कब घोषित किया गया?...


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राजस्थान का राज्य पुष्प रोहिडा 1983 में घोषित किया गया था राजस्थान का राज्य पुष्प रोहिडा 1983 में घोषित किया गया था

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रोहिड़ा को राजस्थान का राज्य पुष्प कब घोषित किया गया? - rohida ko raajasthaan ka raajy pushp kab ghoshit kiya gaya?

2 जवाब

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रोहिड़ा को राजस्थान का राज्य पुष्प कब घोषित किया गया? - rohida ko raajasthaan ka raajy pushp kab ghoshit kiya gaya?

रोहिड़ा को राजस्थान का राज्य पुष्प कब घोषित किया गया? - rohida ko raajasthaan ka raajy pushp kab ghoshit kiya gaya?

प्रकृति में अपने रंग बिखेरा रहा राज्य पुष्प अप्रैल के अंत तक फूलों में से लदकद हो जाते हैं. रोहिड़ा के पेड़ रंगों के पर्व होली से ही प्रकृति में रंगों की घटा बिखेरने लगते हैं जो अप्रेल के अंत तक दिखाई देते हैं. यही कारण है की रेतीले धोरो में दायर से गुलदस्ते जैसे नजर आने वाले ये रोहिड़े के पेड़ों से यो लगता है जैसे इन रोहिड़ा के पेड़ों में से पुष्प वर्षा हो रही हो, मानो धरती पर फूल बिछाए हुए हैं.

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सूखे क्षेत्र का आभूषण पेड़ रोहिड़ा इन दिनों अपने सौंदर्य की छटा बिखेरते हुए है. इन पर फूलों की बहार छाई हुई है चुरू जिले के सरदारशहर, रतनगढ़, चूरू तहसील, राजगढ़, तारानगर क्षेत्र को रोहिडा के फूलों का हब कहा जाता है. किसानों की मानें तो उन्होंने बताया कि यह पेड़ कम बरसात में भी हरा-भरा रहता है. सबसे मजबूत पेड़ होता है, यह भारत में ही नहीं पाकिस्तान के साथ अन्य देशों में भी पाया जाता है. राजस्थान में सबसे ज्यादा चूरू में पाया जाता है इसके अलावा कुछ मात्रा में नागौर, बीकानेर, जैसलमेर, बाड़मेर, पाली, जालौर में भी दिखाई देता है. रेतीली धरती में आसानी से पनप जाता है. इसका वैज्ञानिक नाम टीकोवेला अंडुलिका है. इसके लिए राजस्थान की जलवायु ज्यादा उपयुक्त है.

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रोहिड़ा का फूल सुंदर बहुत है लेकिन दिन में खुशबू नहीं होने के कारण कभी मंदिर में नहीं चढ़ाया जाता. यह पेड़ फरवरी से अप्रैल अंतिम तक फूलों से अलग हो जाता है. इस समय उसकी सुंदरता देखने लायक होती है. रोहिड़ा के फूल को 1983 में राज्य पुष्प घोषित किया गया था. की सुंदरता देखने लायक है. इसे मरूशोभा या रेगिस्तान का सागवान भी कहते हैं.

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रोहिड़ा के पेड़ का हर हिस्सा आयुर्वेदिक गुणों से उपयुक्त माना गया है. इसके शाखा को पानी के गिलास में रात को रखकर सुबह इसका पानी पीने से शुगर, बीपी के पेशेंट को काफी लाभ मिलता है. शुगर ओर बीपी के लिए इस पेड़ को रामबाण माना जाता है. वही बुजुर्गों की माने तो बच्चो के फोड़े, फुंसिया होने पर इसकी छाल को घिसकर लगाया जाता था और काफी लाभ मिलता था.

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रोहिड़ा पेड़ की बात करे तो ये सेकड़ो वर्षो तक अपना लाभ देता रहता है, इस पेड़ की उम्र 200 वर्षो से भी ज्यादा होती है. अगर इससे निर्मित फर्नीचर की बात की जाए तो ये गुणवत्ता में अन्य किसी भी पेड़ो से काफी बेहतर होते जो राजस्थान के वातावरण के अनुकूल होते है यही कारण है कि इनसे बना फर्नीचर बेहतरीन किस्म का होता है और बहुत पंसद किया जाता है. राज्य पुष्प अपने आप मे एक अलग पहचान रखता है यह जब खिलता है तब इसका रंग लाल होता है कुछ दिनों पश्चात यह केशरिया रंग में बदल जाता है, केशरिया रंग के बाद इसका रंग सफेद हो जाता है जो देखने मे बहुत ही सुंदर लगता है.

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रोहिडा को राजस्थान का राज्य पुष्प कब घोषित किया गया?

रोहिड़ा या टेकोमेला उण्डुलता (इसका वानस्पतिक नाम (Tecomella undulata) है) राजस्थान का राजकीय पुष्प (१९८३ में घोषित) है। यह मुख्यतः राजस्थान के थार मरुस्थल और पाकिस्तान मे पाया जाता है। रोहिड़ा का वृक्ष राजस्थान के शेखावटी व मारवाड़ अंचल में इमारती लकड़ी का मुख्य स्रोत है। यह मारवाड़ टीक के नाम से भी जाना जाता है।

राजस्थान का राजकीय पुष्प कौन सा है?

रोहिड़ा के फूल को 1983 में राज्य पुष्प घोषित किया गया था.

रोहिड़ा का फूल क्या काम आता है?

रोहिडा की गणना उन वृक्षों में की जाती है जो पर्यावरण संतुलन बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है। इसकी जड़े मिट्टी की ऊपरी सतह पर फैल जाती है। इससे मिट्टी का कटाव रूक जाता है। इसके चलते यह मिट्टी को बांधे रखने का काम करता है।