दोस्तों इस पेज के माध्यम से हमने राजस्थान के कृषि के सम्बन्धित सभी महत्वपूर्ण प्रश्नों का संग्रह किया है जो सभी प्रकार के प्रतियोगी परिक्षाओं में बार बार पूछे गये । Show
Answer : [C] जैसलमेर Page 3 of 10
राजस्थान में कृषि का विकास (Agriculture Development in Rajasthan) राजस्थान की अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार कृषि है। राज्य यद्यपि खनिजों में धनी है लेकिन संसाधन इतने अधिक विकसित नहीं है कि कृषि प्रधान अर्थव्यवस्था के रूप को परिवर्तित किया जा सके। राजस्थान राज्य की लगभग 75% जनसंख्या कृषि एवं पशुपालन से ही अपना जीविकोपार्जन करती है। कृषि न केवल ग्रामीण जनसंख्या के व्यवसाय एवं आय का आधार है बल्कि औद्योगिक कच्चे माल का स्रोत और राज्य की अर्थव्ययवस्था की आधारशिला भी है। राजस्थान का कुल क्षेत्रफल 3,42,239 वर्ग किलोमीटर है। जो की देश का 10.41 प्रतिशत है। राजस्थान में देश का 11 प्रतिशत क्षेत्र कृषि योग्य भूमि है और राज्य में 50 प्रतिशत सकल सिंचित क्षेत्र है जबकि 30 प्रतिशत शुद्ध सिंचित क्षेत्र है। राजस्थान में कृषि तापक्रम, वर्षा के वितरण, उच्चावचन तथा मिट्टी की दशाओं से प्रभावित होती है। जयपुर, अलवर, भरतपुर, कोटा जिलों में ये दशाएं अनुकूल हैं, इसलिए कृषि का अधिक विकास हुआ है। राज्य के पश्चिमी रेतीले मैदान में वर्षा का अभाव कृषि कार्यों को अधिक प्रभावित किए हुए है। इन्दिरा गांधी नहर तथा चम्बल नदी द्वारा सिंचित क्षेत्र में कृषि की उपज अधिक प्राप्त होती है। दक्षिण-पूर्वी एवं पूर्वी भाग में मिट्टी का प्रभाव कृषि उपज पर स्पष्ट दृष्टिगोचर होता है। राजस्थान का 60 प्रतिशत क्षेत्र मरूस्थल और 10 प्रतिशत क्षेत्र पर्वतीय है। राजस्थान का अधिकांश भाग शुष्क प्रदेश है, जिसमें पानी का अभाव है। अतः कृषि कार्य संपन्न नहीं हो पाता है और मरूस्थलीय भूमि में सिंचाई के साधनों का अभाव पाया जाता है। अधिकांश खेती राज्य में वर्षा पर निर्भर होने के कारण राज्य में कृषि को मानसून का जुआ (Monsoon gambling) कहा जाता है। राजस्थान में फसलों का प्रकार → 1. रबी की फसल → अक्टूबर, नवम्बर व जनवरी-फरवरी 2. खरीफ की फसल → जून, जुलाई व सितम्बर-अक्टूबर 3. जायद की फसल → मार्च-अप्रेल व जून-जुलाई नोट → रवि को उनालु भी कहा जाता है तथा खरीफ को स्यालु/सावणु भी कहा जाता है। राजस्थान में 2010-11 में कृषि जोत का औसत आकार 3.07 हेक्टेयर जबकि अखिल भारतीय स्तर पर कृषि जोत का औसत आकार 1.15 हेक्टेयर था। भारत में कृषि जोत के आकार के आधार पर राजस्थान का क्रमशः नागालैंड, पंजाब व अरुणाचल प्रदेश के बाद चौथा स्थान है। संपूर्ण देश में क्रियाशील जोतों का आकार घटने की प्रवृत्ति विद्यमान है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार राज्य में 1951 में वास्तविक बोया गया क्षेत्र 93.13 लाख हैक्टेयर था जो बढ़कर 2006-7 में 167.63 लाख हेक्टेयर हो गया। इसी प्रकार सकल बोया गया क्षेत्रफल 1951 में 97.5 लाख हेक्टेयर था जो बढ़कर 2006-07 में 215.33 लाख हेक्टेोयर हो गया राज्य में कृषि उत्पादन : खाद्यान्न के अंतर्गत अनाज और दलहन शामिल हैं। वर्ष 2015-16 में खाद्यान्न का कुल उत्पादन 182.25 लाख टन अनुमानित था, जो कि गत वर्ष के 196.22 लाख टन की तुलना में 7.1 प्रतिशत कम रहा। तिलहन का उत्पादन वर्ष 2015-16 में 58.59 लाख टन अनुमानित था, जो कि पिछले वर्ष के 53.14 लाख टन की तुलना में 10.26 प्रतिशत अधिक रहा। राजस्थान में कृषि की विशेषताएं (Characteristics of Agriculture in Rajasthan) :
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Post Views: 2,805 राजस्थान में सर्वाधिक कृषि योग्य भूमि वाला जिला कौन सा है?राजस्थान का नागौर जिला उत्पादन में प्रथम स्थान पर है। राजस्थान में कुल कृषि भूमि का 18 प्रतिशत दाले बोयी जाती है।
राजस्थान का सर्वाधिक बंजर और व्यर्थ भूमि वाला जिला कौन सा है?राजस्थान के किस जिले में बंजर एवं व्यर्थ भूमि का सर्वाधिक क्षेत्र है? Notes: राजस्थान के जैसलमेर जिले में बंजर एवं व्यर्थ भूमि का सर्वाधिक क्षेत्र है| खेती-बाड़ी की जमीन, जो घटिया किस्म की है या लाभदायक खेती के उपयुक्त नहीं है, उसे बंजर एवं व्यर्थ भूमि कहा जाता है।
कृषि योग्य भूमि कितने प्रतिशत है?भारत में कृषि भूमि का प्रतिशत : 51 प्रतिशत।
राजस्थान भारत में कौन सी फसल का सर्वाधिक उत्पादक राज्य है?Key Points राजस्थान में सबसे बड़ी उत्पादक फसल: वर्तमान में राजस्थान सरसों उत्पादन में भारत में प्रथम स्थान प्राप्त कर रहा है। भारत में सरसों के कुल उत्पादन में हिस्सेदारी 46.06% है। राजस्थान में 2019-2020 में लगभग 4202 हजार टन सरसों का उत्पादन होता है।
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