इन जिलों में तबादलों पर लगी है रोक, इस प्रतिबंध के खिलाफ शिक्षकों ने दिया उद्योग मैदान पर धरना
शिक्षा विभाग ने गुपचुप बढ़ाई प्रतिबंधित जिलों की संख्याडार्क जोन में भीलवाड़ा को भी जोड़ा अब 10 नहीं 11 जिले होंगे एजुकेशन रिपोर्टर| जयपुर शिक्षाविभाग ने 10 जिलों से तबादलों पर पिछले 20 सालों से प्रतिबंध लगा रखा है। यहां के शिक्षक गृह जिले में आने के लिए लंबे समय से संघर्ष कर रहे हैं। विभाग ने यहां से तबादलों पर तो प्रतिबंध नहीं हटाया, बल्कि एक जिला इन प्रतिबंधित जिलों में गुपचुप तरीके से शामिल और कर लिया। अब भीलवाड़ा को 11वां प्रतिबंधित जिला बनाया गया है। विभाग की ओर से शुक्रवार को इन सभी 11 जिलों के जिला शिक्षा अधिकारियों को आदेश जारी कर यहां काम कर रहे बाहरी जिलों के शिक्षकों की सूचना मांगी है। शिक्षा विभाग में पहले बांसवाड़ा, बारां, बाड़मेर, बीकानेर, डूंगरपुर, जैसलमेर, जालौर, झालावाड़, प्रतापगढ़ और सिरोही को प्रतिबंधित जिला माना हुआ था। यहां लगे तृतीय श्रेणी शिक्षकों का किसी अन्य सामान्य जिलों में तबादलों पर रोक लगा रखी है। अब विभाग ने 31 दिसंबर 2008 तक इन जिलों में नियुक्त शिक्षकों के गृह जिलों की जानकारी मांगी है। इसमें भीलवाड़ा को भी शामिल करते हुए यहां की जानकारी भी मांगी गई है। हालांकि माना जा रहा है कि इस सूचना को मंगवाने के बाद विभाग इस बात का अध्ययन करेगा कि अगर इन जिलों से तबादलों पर लगा प्रतिबंध हटाया जाता है तो कितने शिक्षक बाहरी जिलों में जा सकते हैं। अगर संख्या कम रहती है तो तबादले खुलने की संभावना बन सकती है। शिक्षकसंगठन विरोध में उधर,भीलवाड़ा को इस सूची में देखकर इस जिले में नियुक्त शिक्षक हैरान है। शिक्षक संगठन भी इसके विरोध में उतर आए हैं। राजस्थान प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षक संघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष विपिन प्रकाश शर्मा, राजस्थान शिक्षक कांग्रेस के संरक्षक गोवर्धन स्वामी का कहना है कि विभाग ने गुपचुप तरीके से प्रतिबंधित जिलों की संख्या बढ़ाई है। वे तो इन जिलों से तबादले खोलने की मांग कर रहे हैं। सरकार इस पर तो कोई निर्णय कर नहीं पा रही है, बल्कि इन जिलों की संख्या बढा रही है, जो गलत है। मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ राजस्थान के 7 मंडलों में 33जिले हैं जो इस प्रकार हैं।
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