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खबर की भाषा और शीर्षक से आप संतुष्ट हैं? खबर के प्रस्तुतिकरण से आप संतुष्ट हैं? खबर में और अधिक सुधार की आवश्यकता है? अक्सर देखने को मिलता है कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन एटम बम की धमकी देते नजर आते हैं. तो आज जानते हैं रूस के पास कितनी न्यूक्लियर पावर है.रूस और यूक्रेन के बीच लंबे समय से जंग जारी है. रूस, यूक्रेन पर लगातार हमले करने के साथ ही दुनिया को अन्य देशों को संकेत देने की कोशिश कर रहा है कि वो किसी से डरता नहीं है. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन तक ने कई बार न्यूक्लियर वॉर की धमकी दी है और बताया है कि रूस जरूरत पड़ने पर एटमी वॉर करने से पीछे नहीं हटेगा. पुतिन ने बुधवार को ही अमेरिका समेत पश्चिमी देशों को धमकी देते हुए ऐलान किया कि कोई भी न्यूक्लियर अटैक की चेतावनी को हल्के में ना लें. रिपोर्ट्स के अनुसार, रूस ने यह भी कहा है कि एटमी चेतावनी कोई ड्रामा नहीं है और रूस जरूरत के वक्त एटमी हमला कर सकते हैं. इस बार रtस ने यह धमकी यूक्रेन नहीं अमेरिका जैसे बड़े देशों को दी है. ऐसे में सवाल है कि आखिर रूस न्यूक्लियर जंग में अमेरिका से कितना पावरफुल है कि वो यूएस को भी लगातार धमकी दे रहा है. तो जानते हैं कि परमाणु ताकत के मामले में रूस और अमेरिका का क्या हाल है… दुनिया में कितने परमाणु बम?बता दें कि दुनिया में 90 फीसदी परमाणु विस्फोटक रूस और अमेरिका के पास है. ये दोनों देश ही ऐसे हैं, जिनके पास हजारों की संख्या में परमाणु हथियार हैं और अगर दोनों देश इनका इस्तेमाल करते हैं तो काफी तबाही हो सकती है. इसके अलावा अन्य देशों के पास 100-200 के आसपास ही परमाणु विस्फोटक हैं और माना जाता है कि एक देश की रक्षा के लिए पर्याप्त हैं. वैसे तो विश्व स्तर पर परमाणु हथियारों की कुल सूची में गिरावट आ रही है, लेकिन पिछले 30 सालों की तुलना में यह कटौती कम हुई है. दरअसल, ये कटौती केवल इसलिए हो रही है क्योंकि संयुक्त राज्य अमेरिका और रूस पहले से सेवानिवृत्त विस्फोटक को अब नष्ट कर रहे हैं. फेडरेशन ऑफ अमेरिकन साइंटिसिट्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया में करीब 12700 परमाणु बम हैं, जिनमें से 9400 तो कई देशों की सेनाओं के पास हैं, जिनका मिसाइल, एयरक्राफ्ट, शिप आदि के जरिए इस्तेमाल किया जा सकता है. इसके अलावा बाकि परमाणु हथियार रिटायर्ड हैं. कौन ज्यादा ताकतवर?
अन्य देशों का क्या है हाल?दूसरे देशों में यूके के पास 225, फ्रांस के पास 290, इजरायल के पास 90, पाकिस्तान के पास 165, भारत के पास 160, चीन के पास 350, नॉर्थ कॉरिया के पास 20 हथियार हैं. अमेरिका ने 13 अरब डॉलर (करीब 83,928 करोड़ रुपए) की लागत से बना अपना सबसे महंगा युद्धपोत "यूएसएस गेराल्ड आर फोर्ड' लॉन्च कर दिया हैं.युद्ध के समय इस वॉरशिप से एक दिन में 220 उड़ानें भरी जा सकेंगी. इससे पहले सीरिया में केमिकल हमले के बाद रूस और अमेरिका एक बार फिर आमने-सामने है. सीरिया की असद सरकार के बचाव के लिए रूस ने अपना एक जंगी पोत भी सीरिया भेज दिया है. ऐसे में ये कयास लग रहे हैं कि क्या दुनिया तीसरे विश्वयुद्ध के मुहाने पर है. बता दें कि रूस और अमेरिका दोनों ही के पास ऐसे ताकतवर हथियार है, जो यदि भिड़े तो दुनिया तबाह हो सकती है, रूस की बात करें तो उसके प्योत्र वेलिकी वॉरशिप की ताकत से दुनिया के ताकतवर देश भी घबराते हैं. 1986 में बने इस युद्धपोत से बैलेस्टिक मिसाइलों को भी सेकंडों में गिराया जा सकता है. एटमिक पॉवर से चलने वाले इस वॉरशिप को नाटो देश रूस की एस-400 मिसाइल एस-300एमयू-3 का मॉर्डन वर्जन है. इस मिसाइल की स्पीड अब 18 हजार किमी प्रति घंटा कर दी गई है. यानी कि इसे राडर जब तक पकड़ेंगे, तब तक उस जगह तबाही मचा चुकी होगी. यह 400 किमी के दायरे में किसी भी टार्गेट को निशाना बना सकती है। रिपोर्ट के अनुसार रूस अब भी इसे और आधुनिक रूप देने की कोशिश में लगा हुआ है. टी-14 टैंक को रूस ने 2015 में लॉन्च किया था. इस टैंक को रोबोटिक कॉम्बैट व्हीकल में भी बदला जा सकता है. इस टैंक की ताकत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि तोप का गोला एक मीटर मोटी स्टील की चादर को भी भेद सकता है. रूस का तुपोलय टीयू-160 दुनिया का सबसे बड़ा बॉम्बिंग प्लेन है. इसे 18 दिसंबर 1981 को सेना में ऑफिशियल तौर पर शामिल किया गया था. इसकी स्पीड 2,250 किमी प्रति घंटा है. रिपोर्ट के अनुसार रूस ने इसे मोडिफाई कर इसे और भी खतरनाक बना दिया है। रूस में इसे रूस में इसे व्हाइट गूस यानि ‘सफेद हंस’ भी कहा जाता है. रूस ने न्यूक्लियर सबमरीज यूरी डोग्लोरुकी को जनवरी 2013 में लॉन्च किया गया. इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि न्यूक्लियर वेपंस से लैस यह साउंडप्रूफ है. इसके चलते समुद्र में इसकी मौजूदगी का सही अंदाजा नहीं लगाया जा सकता. अब यदि अमेरिका के हथियारों की बात करें तो इसका 'द ब्लैक नाइट' टैंक सबसे ज्यादा खतरे वाली जगह पर इस्तेमाल किया जाता है. खासकर उन जगहों पर जहां सोल्जर की जान को खतरा होता है. इसे रिमोट से कंट्रोल किया जा सकता है. इसमें 30 एमएम की कैनन, 7.62 एमएम की मशीन गन होती है. इसकी स्पीड 77 किमी प्रति घंटा है. अमेरिका की एटचिसन एसॉल्ट शॉटगन एक मिनट में 300 राउंड फायर कर सकती है. इसमें 12 गौज की काट्रिज होती है.इसकी मैग्जीमम फायरिंग रेंज 200 मीटर है. वहीं इसकी लेंथ 966 एमएम होती है. यूएस आर्मी का एडेप्टिव मिलिट्री क्लोक किसी भी हथियार को छिपा देता है, दरअसल, ये एक तरह की थर्मल टीवी स्क्रीन की तरह है. इसे मिलिट्री व्हीकल पर लगाया जाता है, जिसकी वजह से व्हीकल को पकड़ना आसान नहीं होता. ये इंफ्रारेड रेज को रोकता है और नाइट विजन डिवाइज भी इसे नहीं पकड़ सकते. यूएस का एक्टिव डिनायल सिस्टम इलेक्ट्रोमैग्नेटिक वेव को हीट रे भी कहा जाता है. इस हथियार से इलेक्ट्रोमैग्नेटिक वेव निकलती हैं, जो किसी को भी जिंदा जला सकती है. इस हथियार का इस्तेमाल अमेरिका ने अफगानिस्तान युद्ध के दौरान किया था. एमक्यू 9 रीपर ड्रोन अमरिकी एयरफोर्स का जासूसी ड्रोन है. इसकी मैक्जिमम स्पीड 482 किमी प्रति घंटा है.इसकी लेंथ 36 फीट और विंग्स की चौड़ाई 65 फीट 7 इंच है.ये 500 पाउंड के बम, जमीन से हवा में और हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल ले जाने में सक्षम है. अमेरिका और रूस में सबसे ताकतवर देश कौन है?अमेरिका उत्तरी अमेरिका में स्थित, संयुक्त राज्य अमेरिका को दुनिया का सबसे शक्तिशाली देश माना जाता है।
रूस और अमेरिका में कौन बड़ा है?किसी मामले में रूस अमेरिका पर भारी है तो किसी मामले में अमेरिका रूस पर भारी है।
अमेरिका से रूस कितना शक्तिशाली है?सिप्री की रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका के पास 2020 तक अमेरिका के पास 5,800 और रूस के पास 6,375 परमाणु हथियार थे. भारत के पास कितने परमाणु हथियार हैं?
दुनिया के सबसे ताकतवर देश कौन सा है?सबसे शक्तिशाली है अमेरिका
अमेरिका दुनिया का सबसे ताकतवर देश है. उसका रक्षा बजट 801 अरब डॉलर का है. उसके पास करीब 14 लाख से ज्यादा सैनिक हैं, जो दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी सेना है.
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