समाज - मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है। समाज के बिना मनुष्य के जीवन का कोई महत्व नहीं है। व्यक्ति जो कुछ भी बनना चाहता है वह समाज के वातावरण में ही बन सकता है। दरअसल, समाज एक प्राकृतिक संस्था है, जिस पर व्यक्ति का अस्तित्व और विकास निर्भर करता है। यदि यह कहा जाए कि समाज मानव जाति की सुरक्षा और विकास का मूल आधार है तो इसमें कोई अतिकथनी नहीं होगी। मानव जाति में सर्वश्रेष्ठ संस्था की परिभाषाओं और विशेषताओं का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है:- Show समाज की परिभाषाआम तौर पर, सामाजिक शब्द का उपयोग ठीक से नहीं किया जाता है। कई बार हम किसे समुदाय या संघ के लिए समाज शब्द का उपयोग करने में संकोच नहीं करता है, उदाहरण के लिए, भारतीय युवा समाज, आर्य समाज, साधु समाज आदि। वास्तव में यह सभी समुदाय हैं और इनके साथ सामज शब्द का उपयोग करना गलत है, समाज एक बहुत बड़ा संगठन है जिसमें प्रत्येक समुदाय, संघ और संप्रदाय आते हैं। समाज की परिभाषा - समाज की परिभाषा को विभिन्न लेखकों द्वारा उनकी विचारधारा के अनुसार परिभाषित किया गया है। उन में से कुछ समाज की कुछ परिभाषाएँ इस प्रकार हैं :-
इन सभी परिभाषाओं की समीक्षा करने के बाद, हम इस निष्कर्ष पर पहुँचते हैं कि समाज लोगों का एक बहुत बड़ा समूह है जिसमें मनुष्यों के कई समुदाय, संप्रदाय और संस्थाएँ भी आती हैं। मानव अपने सामाजिक हित और अन्य हितों को पूरा करने के लिए कई संस्थाएं बनाता है। ये सभी संस्थाएं समाज का हिस्सा हैं। संक्षेप में, हम कह सकते हैं कि समाज उन समुदायों, संप्रदायों और संस्थाओं का एक समूह है जिसके द्वारा व्यक्ति अपने सामाजिक हितों को पूरा करता है और जो अपने आपसी संबंधों को नियंत्रित करता है। इन्हें भी पढें:- समाज की विशेषताएंउपरोक्त परिभाषाओं के आधार पर, निम्नलिखित विशेषताएं समुदाय में होनी चाहिए।
दोस्तों अगर आपको हमारी जानकारी अच्छी लगी तो आप इसे शेयर करे और किसी भी प्रकार की जानकारी के लिए कमेंट करें और हमें फालो कर ले ताकि आपको हमारी हर पोस्ट की खबर मिलती रहे। समाज किसे कहते हैं और यह कितने प्रकार के होते हैं?समाज एक से अधिक लोगों के समुदायों से मिलकर बने एक वृहद समूह को कहते हैं जिसमें सभी व्यक्ति मानवीय क्रियाकलाप करते हैं। मानवीय क्रियाकलाप में आचरण, सामाजिक सुरक्षा और निर्वाह आदि की क्रियाएं सम्मिलित होती हैं। समाज लोगों का ऐसा समूह होता है जो अपने अंदर के लोगों के मुकाबले अन्य समूहों से काफी कम मेलजोल रखता है।
समाज में कितने प्रकार के होते हैं?समाज के प्रकार. शिकार तथा आहार संग्रहण समाज. पशु-पालन समाज. कृषि-समाज. ग्रामीण समाज. नगर समाज. औद्योगिक समाज. सूचना समाज. समाज के 6 प्रकार कौन कौन से हैं?समास के 6 भेद है -. अव्ययीभाव समास. तत्पुरुष समास. द्विगु समास. द्वंद समास. कर्मधारय समास. बहुव्रीहि समास. समाज क्या है समाज की विशेषताएं बताइए?समाज की विशेषताएं या लक्षण (samaj ki visheshta) समाज व्यक्तियों का समूह नही हैं, अपितु यह मानवीय अन्तः सम्बन्धों की एक जटिल व्यवस्था हैं। मानवीय अन्तः सम्बन्धों को न तो देखा जा सकता है और न ही उन्हे स्पर्श किया जा सकता हैं। अमूर्त का अर्थ हैं जिसे देखा ना जा सके, स्पर्श ना किया जा सके।
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