4. तेलों का हाइड्रोजनीकरण (Hydrogenation of Oils) : उच्च दाब पर निकेल उत्प्रेरक की उपस्थिति में हाइड्रोजन वनस्पति तेलों (Vegetable oils) से संयोग करके उन्हें वनस्पति घी में परिवर्तित कर देता है, इस प्रक्रिया को तेलों का ‘हाइड्रोजनीकरण’ कहते हैं। Show
हाइड्रोजन के उपयोग1. प्रायः अन्य गैसों के साथ मिश्रित कर ईंधन के रूप में। 2. हैबर विधि से अमोनिया के उत्पादन में होता है। 3. वनस्पति घी के निर्माण में। 4. गैसोलिन (Gasolene) के उत्पादन में। 5. ऑक्सीजन-हाइड्रोजन लौ (ताप 2,800°C) का उपयोग धातुओं को काटने तथा जोड़ने में होता है। 6. हल्की गैस होने के कारण बैलून में भरने में होता है, किन्तु ज्वलनशील होने के कारण आजकल इसकी जगह हीलियम या हीलियम-हाइड्रोजन मिश्रण (He 85% + H215%) का व्यवहार होता है। 7. द्रव हाइड्रोजन रॉकेट ईंधन के रूप में प्रयुक्त होता है। हाइड्रोजन के समस्थानिकहाइड्रोजन के तीन समस्थानिक होते हैं, ये है: 1. प्रोटियम (1H1) । 2. ड्यूटेरियम (1H2 या D)। 3. ट्राइटियम (1H3 या T)। प्रोटियम (Protium): प्रोटियम की परमाणु संख्या एक तथा द्रव्यमान संख्या भी एक होता है। ड्यूटेरियम (Deuterium): ड्यूटेरियम को भारी हाइड्रोजन कहा जाता है। इसकी परमाणु संख्या 1 तथा द्रव्यमान संख्या 2 होती है। ड्यूटेरियम का उपयोग कार्बनिक अभिक्रियाओं की क्रियाविधि (Mechanism) समझने में तथा नाभिकीय अभिक्रियाओं (Nuclear reactions) में बमबारी के लिए होता है। ट्राइटियम (Tritium): यह हाइड्रोजन का एक दुर्लभ समस्थानिक है। इसकी परमाणु संख्या 1 तथा द्रव्यमान संख्या 3 होती है। भारी जल (Heavy Water)ड्यूटेरियम के ऑक्साइड को भारी जल कहा जाता है क्योंकि इसमें ड्यूटेरियम (D) होता है जो हाइड्रोजन का एक भारी समस्थानिक है। इसकी खोज सन् 1932 में यूरे तथा वाशबर्न ने की थी। भारी जल को भारी कहा जाता है क्योंकि इसका घनत्व साधारण जल से अधिक होता है। भारी जल का उपयोग ड्यूटेरियम के अनेक यौगिकों के निर्माण में तथा यूरेनियम के नाभिकीय विखण्डन में तीव्रगामी न्यूट्रॉनों को मंद करने के लिए न्यूट्रॉन मंदक (Neutron moderator) के रूप में होता है। हाइड्रोजन परॉक्साइड (Hydrogen Peroxide)हाइड्रोजन परॉक्साइड की खोज सन् 1818 में श्रीनार्ड ने की। यह अपने ऑक्सीकारक गुणों के कारण विरंजक का कार्य करता है। यह रेशम, ऊन, बाल, तिनके , हाथी दांत, आदि कोमल वस्तुओं का विरंजन करने में प्रयुक्त होता है। इसका उपयोग बालों के ब्लीचिंग (Bleeching) में होता है इसका उपयोग पुराने तैल चित्रों (Oil paintings) को चमकदार बनाने तथा उसके रंग को पुन: उभारने के लिए किया जाता है। यह जर्मनाशी और प्रतिरोधी के रूप में घाव धोने, गरारे करने, दांत और कान साफ करने के काम आता है। यह दूध, शराब, आदि का परिरक्षण करने में प्रयुक्त होता है। यह रॉकेट, पनडुब्बियों और टॉरपीडों में ईंधन के रूप में प्रयुक्त होता है क्योंकि इससे ऑक्सीजन प्राप्त होती है। Hydrogen in Hindi / हाइड्रोजन की सम्पूर्ण जानकारी हाइड्रोजन (Hydrogen) का परिचयहाइड्रोजन एक तत्त्व है इसकी को खोज हेनरी केवेंडिश ने 1766 में की थी तथा एंटोनी लेवाशियर ने 1783 में इसका नाम हाइड्रोजन रखा क्योकि यह ऑक्सीजन के साथ मिलकर जल बनती है। हाइड्रोजन का सिंबल (Symbol ) H होता है, हाइड्रोजन सबसे हल्का तत्त्व होता है इसकी परमाणु संख्या 1 होती है तथा इसका परमाणु भार 1.00794 है। यह आवर्त सारणी (Periodic Table) में प्रथम (1st) स्थान पर है। इसके एक परमाणु में एक इलेक्ट्रॉन और एक प्रोटोन होता है इस कारण यह सबसे सरल परमाणु होता है। हाइड्रोजन परमाणु बहुत ज्यादा क्रियाशील होता है इसलिए यह मुक्त अवस्था में नहीं पाया जाता है अर्ताथ हाइड्रोजन का एक अकेला परमाणु मुक्त अवस्था में नहीं पाया जाता, क्योंकि हाइड्रोजन के परमाणु बहुत ज्यादा क्रियाशील होते है इसलिए इसके दो परमाणु आपस में जुड़ कर हाइड्रोजन गैस का एक अणु H2 बना लेते है इसलिए ज्यादातर शुद्ध हाइड्रोजन जो होता है, वो हाइड्रोजन गैस के रूप में पाया जाता है। Hydrogen in Hindi हाइड्रोजन के गुण (Properties of Hydrogen)हाइड्रोजन रंगहीन, स्वादहीन, गंधहीन गैस होती है, यह अत्यधिक जवलनशील गैस होती है, यह ऑक्सीजन के साथ जलती है इसकी लौ (FLAME ) रंगहीन और लगभग अद्रश्य होती है इसकी लौ का तापमान बहुत अधिक होता है, हाइड्रोजन और ऑक्सीजन के एक साथ जलने पर बायोप्रोडक्ट के रूप में जल का निर्माण होता है। हाइड्रोजन साधारण तापमान पर गैस के रूप में होती है तथा माइनस 259.14 डिग्री सेंटीग्रेड के तापमान पर यह तरल हो जाती है। हाइड्रोजन के प्रकार (Types of Hydrogen Atom)हाइड्रोजन अणु तीन प्रकार के होते है।( 1 ) प्रोटियम (Protium )यह साधारण हाइड्रोजन अणु होता है जो की सबसे अधिक मात्रा में पाया जाता है इसमें केवल एक इलेक्ट्रॉन और एक प्रोटोन होता है। तथा इसमें कोई न्यूट्रॉन नहीं होता है।( 2 ) ड्यूटेरियम (Deuterium)साधारण हाइड्रोजन अणुओ में से 0.002 प्रतशित ड्यूटेरियम का होता है यह एक स्थिर अणु होता है इसकी खोज 1932 में हेरोल्ड उरे ने की थी। इस हाइड्रोजन अणु में एक इलेक्ट्रान और एक प्रोटोन के अलावा एक न्यूट्रॉन भी होता है। इसमें एक न्यूट्रॉन होने के कारन यह साधारण हाइड्रोजन अणु से दोगुना भरी होता है इसलिए इसे भारी हाइड्रोजन या ड्यूटेरियम (Deuterium) भी कहते है। यह ऑक्सीजन से क्रिया करके भारी जल (D2O) का निर्माण करता है।( 3 ) ट्रिटियम (Tritium)ट्रिटियम अत्यंत दुर्लभ और रेडियोएक्टिव हाइड्रोजन अणु होता है इसमें एक इलेक्ट्रान एक प्रोटोन और दो न्यूट्रॉन होते है यह साधारण हाइड्रोजन अणु से तीन गुना भारी होता है यह अत्यंत अस्थिर अणु होता है इसकी खोज 1934 में की गयी थी।हाइड्रोजन कहाँ पाई जाती है (Where Is hydrogen Found)हाइड्रोजन ब्रमाण्ड में सबसे ज्यादा पाया जाने वाला तत्त्व है ब्रमांड के सभी अरबो खरबों तारे और हमारा सूरज भी हाइड्रोजन से ही बने है इसके अलावा कई गैसीय गृह जैसे बृहस्पति (Jupitar) भी हाइड्रोजन से बने होते है एक अनुमान के मुताबिक ब्रमांड के कुल भार का 75 % हिस्सा केवल हाइड्रोजन का ही है। हमारी पृथ्वी पर ज्यादातर हाइड्रोजन यौगिक (Compound) के रूप में पायी जाती है हाइड्रोजन गैस बहुत हलकी होती है इस कारण यह पृथ्वी के ऊपरी वायुमंडल में बहुत ही कम मात्रा में पाई जाती है पृथ्वी पर यह जल (H2O) के रूप में पायी जाती है, जल (H2O) के हर एक अणु में हाइड्रोजन के दो परमाणु होते है इस तरह से हाइड्रोजन धरती पर महासागरों और नदियों में जल के रूप में तथा ध्रुवो और पहाड़ो पर बर्फ के रूप में बहुत बड़ी मात्रा में उपलब्ध है इसके अलावा यह प्रत्येक प्राणी तथा पौधों में भी जल के रूप में मौजूद है। सभी प्रकार के हाइड्रोकार्बन (जैसे मीथेन CH4, एथेन C2H6, प्रोपेन C3H8), एसिड (जैसे हाइड्रोक्लोरिक एसिड HCL, सल्फ्यूरिक एसिड H2SO4, नाइट्रिक एसिड NHO3 ), हाइड्रोऑक्साइडस (जैसे सोडियम हाइड्रोऑक्साइड NAOH), तेल, वसा (Oils ), और पेट्रोलियम पदार्थो आदि में हाइड्रोजन बड़ी मात्रा में होता है। इनके अलावा भी बहुत सारे पदार्थ हाइड्रोजन से बने होते है। इस तरह से हाइड्रोजन ब्रमांड के अलावा हमारी पृथ्वी पर भी प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है। हाइड्रोजन कैसे बनाई जाती है (How do we produce Hydrogen)हाइड्रोजन बनाने बहुत सी विधियाँ है जिनमे से कुछ इस प्रकार है।
हाइड्रोजन के उपयोग (Uses of Hydrogen)हाइड्रोजन जीवन के लिए बहुत उपयोगी है हाइड्रोजन के बिना जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती, हाइड्रोजन प्रत्यक्ष रूप में जीवन को प्रभावित नहीं करती बल्कि अप्रत्यक्ष रूप में जीवन को प्रभावित करती है जैसे की मुख्य रूप से सूरज जो हाइड्रोजन गैस से बना है उससे हमें उष्मा और प्रकाश मिलता है, जल जो हाइड्रोजन और ऑक्सीजन से बना है उसके बिना जीवन संभव ही नहीं है, सभी प्रकार के तेल और वसा जिनका हम उपयोग करते है या जिनसे हमारा शरीर बना होता है ये सभी हाइड्रोजन से ही बने होते है।
हाइड्रोजन का उपयोग सभी प्रकार के रॉकेट जो अंतरिक्ष में जाने में प्रयोग होते है उनमे ईंधन के रूप में होता है, इन रॉकेटों में तरल हाइड्रोजन और तरल ऑक्सीजन को एक साथ जलाया जाता है जिससे बहुत अधिक ऊर्जा उत्पन्न होती है जिससे रॉकेट आसानी से अंतरिक्ष में जा पाते है।
हाइड्रोजन अनेक धातुओं का शुद्दिकरण करने में प्रयोग की जाती है।
हाइड्रोजन गैस को नाइट्रोजन गैस के साथ अभिक्रिया कराकर अमोनिया गैस बनाई जाती है जिसका उपयोग उर्वरक (Fertilizer) निर्माण में होता है।
हाइड्रोजन और ऑक्सीजन को एकसाथ जलाकर ऑक्सीहाइड्रोजन ज्वाला उत्पन्न की जाती है जिसका तापमान बहुत अधिक होता है इसका उपयोग धातुओं को पिघलने, काटने, जोड़ने, और वेल्डिंग में होता है।
हाइड्रोजन का उपयोग मेथनॉल बनाने में भी होता है।
वनस्पति तेल के साथ हाइड्रोजन की क्रिया कराकर वनस्पति घी बनाया जाता है।
हाइड्रोजन का उपयोग कांच उद्योग में नाइट्रोजन के साथ फ्लैट कांच की शीटें बनाने में होता है।
फ्यूल सेल (Fuel Cell ) के द्वारा हाइड्रोजन से बिजली बनाई जाती है।
हाइड्रोजन के द्वारा सूर्य के समान प्रदुषण रहित ऊर्जा प्राप्त करने के लिए नाभिकीय सलयन (Nuclear Fusion) विधि द्वारा ऊर्जा उत्पन्न करने के लिए वैज्ञानिक शोध और प्रयास किये जा रहे है। इस विधि में हाइड्रोजन के परमाणुओं को उच्च ताप और उच्च दाब पर दबाया जाता है जिससे हीलियम का निर्माण होता है और बहुत अधिक ऊर्जा निकलती है परन्तु यह प्रक्रिया बहुत जटिल और कठिन होती है जिसे नियंत्रित करने के प्रयास किये जा रहे है। यदि नाभिकीय सलयन (Nuclear Fusion) विधि को नियंत्रित करने में सफलता मिल जाती है तो धरती पर असीमित ऊर्जा उत्पन्न की जा सकती है। हाइड्रोजन की कुछ तत्वों से अभिक्रियाएँ (Some Reactions with Hydrogen and other Elements)हाइड्रोजन और ऑक्सीजन की अभिक्रिया से जल का निर्माण होता है। 2H2+O2 = 2H2O हाइड्रोजन और नाइट्रोजन की अभिक्रिया से अमोनिआ गैस का निर्माण होता है। ЗН₂ + N₂ = 2NН₃ हाइड्रोजन और सल्फर की अभिक्रिया से हाइड्रोजन सल्फाइड गैस का निर्माण होता है। Н₂ + S = H₂S क्लोरीन और हाइड्रोजन की अभिक्रिया से हाइड्रोजन क्लोराइड बनता है। H2+Cl2 = 2HCl
हाइड्रोजन सम्बंधित कुछ रोचक जानकारी (Some interesting facts about Hydrogen)हाइड्रोजन अकेला ऐसा तत्त्व है जिसका परमाणु बिना न्यूट्रॉन के भी हो सकता है।हाइड्रोजन अकेला ऐसा तत्त्व है जो तीन रूपों में पाया जाता है (1) प्रोटियम (Protium), (2) ड्यूटेरियम (Deuterium), (3) ट्रिटियम (Tritium) . हाइड्रोजन ब्रमांड में सबसे ज्यादा पाया जाने वाला तत्त्व है। मानव शरीर में शरीर के भार का लगभग 10 % हाइड्रोजन होता है। हाइड्रोजन हवा से 14 गुना हलकी होती है। इस पोस्ट में हमने हाइड्रोजन सम्बंधित जानकारी सरल शब्दों में देने की कोशिश की है यदि इस पोस्ट से सम्बंधित आपके कोई सुझाव या सवाल है तो आप कमेंट बॉक्स में लिख सकते है, इस पोस्ट को पूरा पढ़ने के लिए धन्यवाद्।
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