सामाजिक अनुसंधान या शोध का महत्वsamajik anusandhan ka mahatva;सामाजिक शोध जैसा कि इसके नाम से स्पष्ट है, सामाजिक जीवन और घटनाओं को जानने का प्रयास है। संसार अनेक रहस्यों से भरा पड़ा है। मानव जिज्ञासु प्राणी है, जो इन रहस्यों का उद्घाटन करना चाहता है। सामाजिक जीवन और घटनाओं को उद्घाटित करना सामाजिक शोध की मूल आत्मा है। सामाजिक अनुसंधान का महत्व निम्नलिखित हैं-- Show यह भी पढ़े; सामाजिक अनुसंधान का क्षेत्र सामाजिक अनुसंधान की सीमाएंsamajik anusandhan ki simaye;विभिन्न सामाजिक विज्ञानों की अनुसंधान संबंधी समस्या होती है और
यही बात समाजशास्त्री अनुसंधान पर भी लागू होती है। इन समस्याओं तथा कठिनाइयों के कारण समाजशास्त्री अनुसंधान की वैज्ञानिक प्रकृति के संबंध में आपत्ति उठाई जाती है। सामाजिक अनुसंधान की सीमाएं इस प्रकार हैं-- सामाजिक अनुसंधान में संगणक का महत्व क्या है?सामाजिक शोध कि बात करें तो कंप्यूटर के आने से शोध उपकरण कम हुये हैं और इसके उलट शोध का दायरा ज़्यादा गहरा और सत्यता के करीब हुआ है । साथ ही कम्प्यूटर के आने से शोध संबंधी गणनाएँ ज़्यादा आसानी से एवं ज़्यादा विश्वशीनीय होने लगी हैं ।
सामाजिक अनुसंधान क्या है सामाजिक अनुसंधान के महत्व का वर्णन कीजिए?संक्षेप में," सामाजिक अनुसंधान वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा सामाजिक घटनाओं और सामाजिक समस्याओं के कारण इनके अन्तःसम्बन्धों का ज्ञान, उनमें निहित प्रक्रियाओं का अध्ययन, विश्लेषण और तदनुसार परिणामों का ज्ञान प्राप्त किया जाता है।" समाज में अनेक प्रकार की समस्याएँ होती हैं, हम इन समस्याओं का निदान करना चाहते हैं।
सामाजिक अनुसंधान का महत्व क्या है?सामाजिक अनुसंधान का महत्व | importance of social research
इससे बुद्धि भी विकसित होती है। वर्तमान जटिल समाज को समझने के लिए ज्ञान में निरंतर वृद्धि अनिवार्य है। 2. ज्ञान और अंधविश्वास के निवारण में सहायक- सामाजिक अनुसंधान नवीन ज्ञान द्वारा अज्ञानता एवं अंधविश्वास का निवारण करने में सहायता देता है।
अनुसंधान के महत्व क्या है?महत्व शोध मानव ज्ञान को दिशा प्रदान करता है तथा ज्ञान भण्डार को विकसित एवं परिमार्जित करता है। शोध जिज्ञासा मूल प्रवृत्ति (Curiosity Instinct) की संतुष्टि करता है। शोध से व्यावहारिक समस्याओं का समाधान होता है।
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