इसे सुनेंरोकेंरोग ग्रसित बकरी को बदबूदार दस्त आती है और खून की कमी हो जाती है। इसके बचाव के लिए कृमिनाशक औषधियां वर्ष में कम से कम दो बार बरसात के पहले और बरसात के बाद अवश्य देनी चाहिए। इसके लिए एलबेन्डाजोल ७.५ मि. ली. Show
बकरी कितने महीने में भी आती है?इसे सुनेंरोकेंअगर कोई व्यवसायिक रूप में बकरी पालन शुरू करना चाहता है तो बरबरी बकरी सबसे अच्छी नस्ल है। जमुनापारी नस्ल 22 से 23 महीने में, सिरोही 18 महीने में गाभिन होती है वहीं बरबरी 11 महीने में बच्चे देने के लिए तैयार हो जाती है। यह साल में दो बार दो से तीन बच्चे दे सकती है। पतले दस्त को कैसे रोके?
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बकरी ब्याने के बाद क्या खिलाए?इसे सुनेंरोकेंब्याने के 3 से 4 दिन बाद सामान्य दाना जिसमें गेहूं का चोकर, दाल की चुनी व खल देना आरंभ कर सकते हैं। हरा चारा यदि उपलब्ध हो तो आवश्यक रूप से खिलाना चाहिए। लगभग 50 ग्राम नमक भी पशु को देना चाहिए। बकरी को क्या खाना चाहिए?इसे सुनेंरोकेंगहन प्रणाली के अंतर्गत बकरी पालन करने के लिए बकरियों के भोजन में सूखा चारा, हरा चारा एवं दानेदार भोजन का अनुपात समान होना चाहिए | यदि किसान बकरियों को सिर्फ हरा चारा खिलाना चाहते हैं तो इसमें प्रोटीन और कम प्रोटीन वाला खाना समान अनुपात में खिलाना चाहिए | पढ़ना: 1 किलो वाट में कितना यूनिट होता है? बकरी का बच्चा कितने दिन में? इसे सुनेंरोकेंबकरी 144-152 दिन तक गर्भधारण करती है। अच्छा पोषण बकरी की प्रजनन क्षमता को बढ़ाता है साथ ही जुड़वा बच्चे की संभावना प्रबल होती है। आइए जानते हैं बकरी के दस्त की दवा bakri ke dast ki tablet के बारे में इस लेख मे हम विस्तार से जानने वाले हैं।बकरियों के अंदर दस्त एक गम्भीर बीमारी है।यदि समय पर इस पर ध्यान नहीं दिया गया तो बकरी की मौत हो सकती है। यह बीमारी छोटी बकरियों को अधिक नुकसान पहुंचाती है।और इससे किसानों को आर्थिक नुकसान होता है। पशुओं के अंदर दस्त को रोकने के लिए उनके रहने के स्थान को अच्छे से साफ करना चाहिए और पोटेशियम परमेगनेट या जिसे लाल दवा भी कहते हैं , का छिड़का करना चाहिए । बकरियों के अंदर 70 फीसदी बीमारियां सफाई का सही ध्यान नहीं रखने की वजह से होता है। यदि आप बकरीपालन कर रहे हैं तो आपको अपनी बकरियों की साफ सफाई का ध्यान रखें ताकि आपको किसी प्रकार का नुकसान ना हो । इसके अलावा समय समय पर बकरियों का टिकाकरण करवाना बेहद ही जरूरी होता है ताकि उनको कोई भी रोग ना हो सके । आजकल हर गांव के अंदर पशुओं के डॉक्टर सरकार नियुक्त कर रही है। यदि आप के पशुओं को कोई रोग होता है तो आप डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं। Table of Contents
बकरी के अंदर दस्त के लक्षणबकरी को दस्त लग रही है या नहीं । इसको जानने का सरल तरीका यह है कि जब बकरी की मिंगनी पतले तरल पदार्थ के अंदर बदल जाती हैं तो यह दस्त होती है। इसके अलावा बकरी बार बार तरल पदार्थ को बाहर निकालती है। ऐसी स्थिति के अंदर आपकी बकरी की मौत भी हो सकती है। यदि उसका समय पर इलाज नहीं करवाया तो समस्या काफी बढ़ सकती है। दस्त रोग भी कई प्रकार के होते हैं। जिनके बारे मे हम नीचे चर्चा करने वाले हैं । कई बार दूसरे किसी रोग की वजह से भी बकरियों के अंदर दस्त लग सकती हैं। तो उनके बारे मे भी हम चर्चा करने का प्रयास करेंगे । बकरी की दस्त का उपचार करने से पहले आपको यह पता करना बेहद ही जरूरी होता है कि बकरी को नोर्मल दस्त है या फिर किसी इन्फेक्सन की वजह से दस्त हो रही है। उस हिसाब से ही आपको उपचार करना होगा । सबसे पहले बकरी को सीधा खड़ा करें और उसके बाद बकरी के पेट पर हाथों से मारें । दोनों तरफ मार कर देखें । यदि बकरी के पेट के अंदर पानी बोल रहा है तो बकरी को खान पान की वजह से अपच की शिकायत हुई है। इसके अलावा यदि बकरी के पेट के अंदर पानी नहीं बोलता है तो इसका मतलब यह है कि उसे इन्फेक्सन हो सकता है। जिसमे बकरी के दस्त मे खून भी आ सकता है। इसके लिए आप नीचे बताए गए नुस्खों का यूज कर सकते हैं। और यदि जल्दी ही बकरी को आराम नहीं मिलता है तो आप किसी नजदिगी पशु चिकित्सक से संपर्क करें। बकरियों मे खूनी दस्त CoccidiosisCoccidiosis माइक्रोस्कोपिक प्रोटोजोआ परजीवी के कारण होता है जिसे coccidian (Eimeria spp) के नाम से भी जाना जाता है।यह परजीवि बकरी की आंतों के अंदर पहुंच जाते हैं और वहां पर अंडों का उत्पादन करते हैं ,जो मल मे बदल जाते हैं।कोक्सीडिया कई आंतों की कोशिकाओं को नष्ट कर देते हैं। जिससे दस्त हो सकते हैं। Coccidiosis 3 सप्ताह से 5 महीने की उम्र की बकरियों को अधिक शिकार बनाता है। जब छोटी बकरियों को अलग रखा जाता है तो यह रोग उनपर हमला कर देता है।वयस्क बकरियां अपनी आंतों में कोकसीडिया ले जाती हैं और बाद मे इनके अंडे वे मल के द्धारा वातावरण मे डाल देती हैं। दूषित भोजन की वजह से Coccidiosis बकरी के पेट मे पहुंचते हैं।यदि एक छोटी संख्या मे कोकसीडिया बकरी के शरीर मे मौजूद होते हैं तो यह कोई समस्या पैदा नहीं करते हैं।कोकसीडिया की कई प्रजातियां होती हैं। जिनमे से कुछ गम्भीर रोगजनक होते हैं।बकरी के शरीर मे कम रोगजनक कोकसीडिया के अंडे हो सकते हैं लेकिन यदि बकरी को दस्त वैगरह की समस्या नहीं है तो इसका अर्थ यह है कि उसे संक्रमण नहीं है। उपयुक्त तापमान, नमी और ऑक्सीजन की उपस्थिति में अंडे मल से पारित होते हैं और भोजन को दूषित करते हैं।इसके अंदर यह पानी को भी दूषित कर सकते हैं।और अन्य बकरियों के पेट से यह गुजरते हैं।आंतों को अस्तर करने वाली कोशिकाओं का विनाश और ऊतकों को नुकसान होने से इसके लक्षण नजर आने लगते हैं। coccidiosis एक बार जब फैलना शुरू हो जाता है तो बीमार बकरियों को अलग कर दिया जाना चाहिए ताकि इसको फैलने से रोका जा सके ।Coccidia अंडे एक वर्ष से अधिक समय तक रह सकते हैं। यदि उनको नमी और ठंडा वातावरण मिले तो ।हालांकि अधिक तापमान होने पर यह नष्ट हो जाते हैं। Coccidiosis के लक्षण क्या हैंबकरियों के अंदर खूनी दस्त के लक्षणों के उपर भी आइए हम एक नजर डाल लेते हैं।ताकि हम इसकी पहचान अच्छी तरह से कर सकें। बकरी की भूख मे कमीयदि बकरी को परजीवी ने संक्रमित कर लिया है तो उसकी भूख के अंदर कमी आ जाएगी । और बकरी को भूख लगना ही बंद हो जाएगी । यदि आपकी बकरी सुस्त दिखाई दे रही है और उसे भूख नहीं लग रही है तो समस्या हो सकती है। बकरी को दस्त लगनापहली दफा मे बकरी को मामूली दस्त हो सकती है लेकिन यह बाद मे गम्भीर स्थिति को धारण करती चली जाएगी । यदि बकरी मे दस्त की समस्या बढ़ रही है तो संक्रमण गम्भीर होता जा रहा है। दस्त के अंदर खून दिखाई देनासंक्रमण का यह एक बहुत बड़ा लक्षण है। यदि दस्त के अंदर खून दिखाई देता है तो आपको समझ जाना चाहिए कि बकरी को जल्दी से जल्दी किसी डॉक्टर के पास ले जाना उचित रहेगा । क्योंकि समय पर ईलाज ना होने से उसकी मौत भी हो सकती है। मल को पारित करने के प्रयास में लगातार तनावआप देखें कि जब बकरी मल को पारित करने का प्रयास कर रही है तो उसे तनाव महसूस होगा । आपको यदि यह नजर आ रहा है तो इसका अर्थ है कि बकरी को संक्रमण हो चुका है। हकलाने की समस्याउपचार या रिकवरी के कारण आंतों के अस्तर पर निशान पड़ने और क्षति के कारण स्थायी रूप से अप्रसन्नता और हकलाने वाली बकरियां हो सकती हैं। कोकिडिया अंडे स्वस्थ बकरियों के मल मे भी पाये जा सकते हैं लेकिन यह उनको संक्रमित नहीं कर पाते हैं। इसका अर्थ यह है कि वे रोगग्रस्त नहीं हैं। Coccidiosis का इलाज कैसे करें , बकरी की दस्त रोकने की दवावैसे तो हम आपको बकरियों की दस्त को दूर करने के घरेलू नुस्खे के बारे मे विस्तार से बताएंगे लेकिन यहां पर केवल खूनी दस्त के उपचार के दो प्रभावी उपचार बता रहे हैं।
बकरी की दस्त को रोकने के घरेलू उपचारयदि आपकी बकरी को दस्त की समस्या है तो आइए जानते हैं बकरी के दस्त को दूर करने के घरेलू उपचार के बारे मे । बकरी को छाछ और हल्दी देंयदि आपकी बकरी को दस्त लग रहा है तो उसे छाछ और हल्दी दें । यदि गर्मी का मौसम है तो ही यह प्रयोग करें । एक गिलास छाछ के अंदर हल्दी मिलाएं और किसी भी तरह से बकरी को पिलादें । आपकी बकरी को आराम मिलेगा । लौंग को खिलाएंलौंग को भून कर पशु को खिलाने से भी दस्त की समस्या दूर हो सकती है।यदि आपके पास एक छोटी बकरी को दस्त है तो केवल एक लौंग दें और बड़ी बकरी को दो से 3 लौंग दे सकते हैं। सतु का प्रयोगसतु 30 ग्राम और गुड़ 10 ग्राम । चने और जों का सतु ले सकते हैं।दोनों को आपस मे अच्छी तरह से मिलाएं और उसके बाद पशु को दिन मे दो से 3 बार खिला सकते हैं। इससे पशु की दस्त रूक जाएंगी । चाय की मदद से बकरी का दस्त रोकनाहमारे घर के अंदर चाय तो आसानी से मिल जाती है। सबसे पहले आपको 30 ग्राम चाय लेनी है और उसके बाद उसे अच्छी तरह से पानी के अंदर उबालें । फिर ठंडी करके अपनी बकरी को पिलादें । ऐसा करने से बकरी के शरीर मे पानी की कमी दूर होगी और दस्त लगना बंद हो जाएगा । बबलू के पत्तों का प्रयोगदोस्तों हमारे यहां पर गांवों मे बबलू तो आसानी से मिल जाता है। उसके पत्ते लें और उनको पानी के अंदर अच्छी तरह से उबालें । इस दौरान थोड़ा जीरा भी लें और उसको कूट कर इसके अंदर डालें । फिर इस काढ़े को अच्छी तरह से छान लें । उसके बाद उस के रस को बकरी को दिन मे दो बार पिला देना है। ऐसा करने से बकरी के दस्त लगना बंद हो जाएगी । यह बहुत ही कारगर उपचार है। ofloxacin and ornidazole tabletsबकरी की दस्त को रोकने के लिए ofloxacin and ornidazole tablets प्रभावी होती है। इस टेबलेट को आप किसी भी मेडिकल स्टोर से ले सकते हैं।
sulfadiazinesulfadiazine मार्केट के अंदर 5 ग्राम से लेकर 0.5 ग्राम तक मिल रही हैं। यदि बकरी छोटी है तो उसे आधी टेबलेट दें । और एक साल की बकरी को आप एक पूरी टेबलेट दे सकते हैं। और बड़ी बकरी को 5 ग्राम टेबलेट को आधी । यह दोनों टेबलेट आप बकरी को दे सकते हैं। cflox-tzcflox-tz यह दवा आप बकरी के छोटे बच्चों को और बड़ी बकरी को दस्त को रोकने के लिए दे सकते हैं।छोटी बकरी को सिर्फ एक गोली ही दें और बड़ी बकरी को आप दो गोली दे सकते हैं। एक दिन आप बकरी को यह गोली दें । ताकि दस्त पूरी तरह से बंद हो जाए । biotrim- imbiotrim- im इंजेक्सन भी बकरी की दस्त को रोकने के लिए दिया जा सकता है।यदि गोली बकरी के इंजेक्सन को सही नहीं कर पाती है। यदि बकरी का बच्चा 20 किलो से उपर का है तो आप इसको 1/2ml दे सकते हैं।और बड़ी बकरी है तो आप 2एमएल तक दे सकते हैं। सुबह और शाम आप बकरी को दे सकते हैं। बकरियों मे दस्त का रोकथामदोस्तों यदि आप बकरियों पर थोड़ा ध्यान देते हैं तो उनको दस्त लगने से रोका जा सकता है। अक्सर बकरी मे दस्त के पीछे कई कारण जिम्मेदार होता हैं। खास कर यदि हम बकरियों के रहने के स्थान को साफ सुथरा नहीं रखते हैं तो भी उनमे दस्त हो सकता है। बकरियों की डिवोर्मिंग अवश्य ही करवाएंयदि आप समय पर बकरियों की डिवोर्मिंग नहीं करवाते हैं तो उनके पेट के अंदर कीड़े पनपजाते हैं। जो बाद मे दस्त का कारण बनते हैं। यह पेट के अंदर कई प्रकार की समस्याएं पैदा करते हैं। इसलिए बकरी का हर 6 महिने मे एक बार डिवोर्मिंग किया जाना चाहिए । खास कर बकरी के छोटे बच्चों की डिवोर्मिंग करना बेहद ही जरूरी होता है। व्यर्थ फ़ीड को नियमित रूप से निकालनाआमतौर पर यह देखा गया है कि कुछ लोग बकरियों को डालने वाले चारे के अंदर बेकार के फीड को लंबे समय तक निकालते नहीं हैं। और नमी पाकर वहां पर कई प्रकार के परजीवी विकसित हो सकते हैं तो समय समय पर व्यर्थ के फीड को बाहर निकालते रहें । बकरी के फर्श को साफ सुथरा और सूखा रखेंबेहतर होगा कि आप बकरी को पके फर्श पर ना बांधें । क्योंकि पेशाब वैगरह करने से फर्श गिला हो जाएगा ।और वह सूखेगा नहीं और यदि वह नहीं सूखेगा तो कई परजीवी वहां पर पनप सकते हैं। बकरी को हमेशा सूख जमीन पर बांधें और जमीन गिली हो गई है तो तो आप वहां पर सूखी मिट्टी डाल सकते हैं। इसके अलावा समय समय पर गंदगी को साफ करते रहें । बकरी के लिए साफ सुथरा पानी पिलाएंयदि आप बकरी को खराब पेयजल पिलाते हैं तो इसके साथ परजीवी बकरी के पेट के अंदर जा सकते हैं। इस वजह से समय समय पर पशुओं के पानी के पानी के स्त्रोतों को साफ करना उचित रहता है। और इसके अंदर दवा का छिड़काव भी आप कर सकते हैं। जिससे परजीवी मर जाएं । अपने फार्म के अंदर दस्त वैगरह की टेबलेट रखेंयदि आपका बकरी फार्म है तो आपको चाहिए कि अपने फार्म मे दस्त वैगरह की टेबलेट रख सकते हैं। इसका फायदा यह होता है कि जब भी आपकी बकरी को दस्त की समस्या होती है तो आप उसका ईलाज तुरंत कर सकते हैं। कई बार क्या होता है कि हम किसी काम के अंदर उलझे होते हैं और इसकी वजह से बकरी के लिए दस्त की दवा नहीं ला पाते हैं। ऐसी स्थिति के अंदर बकरी की हालत और अधिक बिगड़ जाती है। बकरी के खाने पीने पर ध्यानदेंबकरी के अंदर दस्त होने का कारण अक्सर आप उसे कुछ गलत चीजें भी खिला देते हैं। जिसकी वजह से उसे अपच की समस्या हो जाती है। कुछ लोग बकरियों को मिठाई वैगरह खिला देते हैं या अधिक रोटी खिला देते हैं जो बकरियों के लिए नुकसान दायी होती है। आपको बतादें कि इंसानों के खाने योग्य स्वादिष्ट भोजन बकरियों के लिए उचित नहीं होता है । इसलिए उन्हें यह ना ही खिलाएं तो अच्छा होगा । बकरी के बच्चे को अधिक दूध ना पीने देंयदि आपकी बकरी का एक छोटा बच्चा है तो उसे कभी भी बकरी का अधिक दूध ना पीने दें । क्योंकि इससे उसको दस्त की शिकायत हो सकती है। बच्चे को कम दूध पिलाएं । खास कर उतना जितना उसे जरूरी है। वरना बकरी का बच्चा इसे पचा नहीं पाएगा । बकरी के खाने के अंदर नमक मिलाकर देवेंयदि आप बकरी को बांटा वैगरह देते हैं तो उसे नमक मिलाकर देना चाहिए । इसके लिए आप सेंधा नमक का प्रयोग कर सकते हैं। बकरी को सेंधा नमक देने से उसको अपच की समस्या उतनी नहीं होगी । और बकरी को दस्त भी नहीं लगेगा । यदि बकरी का बच्चा मिट्टी खाता है तो उसे रोकेबकरी के बच्चे के अंदर दस्त लगने का कारण उसका मिट्टी खाना भी हो सकता है। कई बार बकरी के बच्चे मिट्टी खाने लगते हैं और हमे पता नहीं चल पाता है बाद मे बच्चे को दस्त हो जाता है। बकरी के छोटे बच्चे जब मिट्टी खाते हैं तो उनके पेट के अंदर कीड़े पनप जाते हैं। जो दस्त का कारण बनते हैं। बकरी को दस्त होने के कारणबकरी को दस्त कई कारणों से हो सकता है। यह वायरस, बैक्टीरिया, प्रोटोजोआ, कीड़े, तनाव, विषाक्त पदार्थों और आहार के कारण हो सकता है नीचे बकरी को दस्त होने के कारण दिये जा रहे हैं। जिससे आप दस्त रोग के बारे मे और अधिक विस्तार से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। बकरी के आहार मे अचानक से बदलाव होनायदि बकरी के आहार मे अचानक से बदलाव होता है तो उसे दस्त की समस्या हो सकती है। जो भी आहार आप बकरी को निरंतर दे रहे हैं । वही आप देते रहे यदि आप आहार के अंदर बदलाव करते हैं तो बकरी इसे पचा नहीं पाती है तो उसे दस्त हो सकती है। जैसे यदि आपके पास एक बकरी है और आप उसे अनाज देना शूरू करते हैं तो पहले कम से कम अनाज से शूरू करें यदि आप अचानक से उसे अधिक अनाज देते हैं तो उसे दस्त हो सकते हैं। इसी प्रकार छोटे बकरे के बच्चों को अधिक दूध ना पीने दें वरना दस्त की समस्या हो सकती है। यदि खाने पीने की वजह से बकरी को दस्त हो रहा है तो यह समस्या उपर दिये गए उपाय करने से अपने आप ही दूर हो जाती है। बकरी कितने प्रकार की होती हैं type of goat in hindi केकड़ा खाने से क्या फायदा होता है ? crab meat benefits in hindi भैंस का बुखार उतारने की दवा और बुखार का रोकथाम बिल्ली भगाने के 20 उपाय billi ko ghar se bhagane ka upay बकरे का वजन बढ़ाने के सबसे बेहतरीन टिप्स तनाव की वजह से भी बकरी को दस्त हो सकता हैऐसा नहीं है कि तनाव सिर्फ इंसानों को भी होता है , बकरियों को भी तनाव की समस्या हो सकती है। और इस वजह से दस्त हो सकता है।एक बार जब मैंने बकरी को एक कुत्ते के बॉक्स के अंदर रख दिया था जिसके बाद उसे दस्त की समस्या होने लगी थी। बकरी के पेट मे कीड़े होनापेट के अंदर कीड़े होना भी बकरी के अंदर दस्त पैदा कर सकता है।यदि आपकी बकरी के अंदर कीड़े की समस्या है तो दस्त होना संभव है। और यदि आपने बकरी को कीड़े मारने वाली टेबलेट दी है तो संभव है कि कीड़े इसके प्रतिरोधी हो चुके हों ।मूल रूप से, कीड़े के साथ एक बकरी को दस्त या एनीमिया या दोनों हो सकते हैं। जबड़े के नीचे सूजन (बॉटल जॉ) कीड़े का लक्षण भी हो सकता है।यदि आपको बकरी के पेट के अंदर कीड़े के लक्षण दिखाई देते हैं तो आपको उसे डॉक्टर के पास लेकर जाना चाहिए । Coccidiosis की वजह से बकरी को दस्त लगनाइसके बारे मे हम आपको उपर बता चुके हैं। यह एक प्रकार का परजीवी होता है जो दूषित भोजन और पानी की मदद से बकरी के पेट मे चला जाता है और बाद मे यह बकरी की आंतों की कोशिकाओं को नष्ट कर देता है। इसके बहुत सारे लक्षण होते हैं। यदि समय पर बकरी का इलाज नहीं करवाया जाता है तो उसकी मौत तक हो सकती है।Coccidiosis परजीवी बकरी के अंदर वैसे तो होते ही हैं लेकिन कुछ बकरी इसको सहन नहीं कर पाती हैं तो कुछ इसके प्रतिरोधी होती हैं। दवाओं की वजह से दस्त होनाकई बार जब हम बकरी को कोई दवा देते हैं ।उसकी वजह से भी दस्त हो सकता है। यदि आप बकरी को कोई दवा दे रहे हैं और उसे दस्त हो जाता है तो दवा को बंद कर देना चाहिए और उसके बाद डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए । उसके बाद ही कुछ करना चाहिए । बकरी को दस्त लगने से जुड़े कुछ प्रश्नयदि आपकी बकरी को दस्त की समस्या है तो उससे जुड़े कुछ सवालों के उत्तर हम यहां पर दे रहे हैं ताकि आपको चीजों को समझने मे आसानी हो सके । Q1. बकरी को अधिक गुड़ देना क्या दस्त का कारण हो सकता है ? Ans- हां बकरी को अधिक गुड़ देना दस्त का कारण बन सकता है। गुड़ बकरी के शरीर मे गर्मी पैदा करता है। और अधिक गुड़ बकरी मे दस्त पैदा कर सकता है। Q2. बकरी को अधिक हरा चारा खाने से दस्त की समस्या हो गई है। इसका उपाय क्या है जरा बताएं Ans- यदि आपकी बकरी अधिक हरा चारा खा रही है तो संभव है उसका पेट खराब हो गया हो । आप बकरी को छाछ के अंदर हल्दी मिलाकर दे सकते हैं। और उसे सूखा चारा खिलाएं ।पहले बकरी के पेट को हिला कर देखें की उसका पेट ही खराब है या कुछ और समस्या है। यदि बकरी के अंदर कोई और इन्फेक्सन वैगरह हुआ है तो डॉक्टर से संपर्क करें । Q3. बकरी को दस्त लग रहा है और दस्त मे खून भी आ रहा है। इस समस्या का क्या उपचार हो सकता है ? Ans- संभव है बकरी को खूनी दस्त हो चुका है। इसका उपचार तुरंत करवाना चाहिए आप सबसे पहले उपर दिये गए देशी उपाय को अजमाएं और उसके बाद जितना जल्दी हो सके । किसी डॉक्टर के पास लेकर जाएं । यदि बकरी के बाड़े के अंदर अन्य बकरियां भी बंधी हुई हैं तो सबसे पहले अन्य बकरियों को इससे अलग करदें । ताकि संक्रमण ना फैल सके । Q4. बकरी के बच्चे के अंदर दस्त लग रही है उसको रोकने के उपाय बताएं ? Ans- यदि आपके बकरी के बच्चे को दस्त हो रही हैं तो इसके लिए एक सरल उपाय आजमाया जा सकता है।दो चम्मच चाय को पानी मे उबालें और उसके बाद उस पानी को ठंडा करें । इसके अंदर एक चम्मच हल्दी मिलाएं और एक चम्मच मेहंदी मिलाएं । अब इस पाउडर को इंजेक्सन की मदद से बकरी के बच्चे को पिला सकते हैं।इससे बकरी के बच्चे की दस्त रूक जाएंगी । Q5.मेरे पास एक बकरी का बच्चा है जो 6 महिने का है।उसके आफरा है और पेट मे पानी बोल रहा है। और दस्त की भी शिकायत है ? Ans – आपके बकरें के बच्चे को दस्त को रोकने के लिए उपर अनेक उपाय बताये जा चुके हैं आप उनका यूज कर सकते हैं। यदि बकरी के बच्चे को आफरा है तो उसे थोड़ा मीठा सोड़ा दे सकते हैं जो घर के आसानी से मिल जाएगा ।इसके अलावा बकरी के बच्चे के मुंह पर किरोसनी डालदें । यह बकरे के बच्चे को सही करने का घरेलू उपचार है। Q6. मेरी बकरी के के दस्त के अंदर दांते और झाग आ रहे हैं ? इसका क्या ईलाज हो सकता है ? Ans- यदि आपकी बकरी के दस्त के अंदर दांते या झाग और खून दिखाई देता है तो इसका सीधा मतलब यह है कि आपकी बकरी को इन्फेक्सन हुआ है। जितना जल्दी हो सके बकरी को नजदिगी पशुचिकित्सक के पास लेकर जाएं । बकरी के दस्त की दवा ,लेख के अंदर हमने बकरियों की दस्त को रोकने के घरेलू उपचारों के बारे मे जाना उम्मीद करते हैं कि आपको यह लेख पसंद आया होगा । यदि आपका कोई सवाल है तो आप नीचे कमेंट करके हमें बता सकते हैं। बकरी के बच्चे को दस्त लगे तो क्या करना चाहिए?''बकरियों के बच्चों में दस्त सबसे गंभीर बीमारी है। इसकी चपेट में जो भी बच्चा आता है उसकी तो मौत होती ही है साथ ही और बच्चों में भी यह बीमारी फैल जाती है। इससे किसानों को आर्थिक नुकसान होता है। पशुओं के पास साफ-सफाई और उनके पानी में पोटेशियम परमेगनेट (लाल दवा) के प्रयोग से ही इस बीमारी को रोका जा सकता है।
दस्त बंद होने के लिए क्या करना चाहिए?ज्यादा से ज्यादा करें पानी पिएं पेट खराब होने पर शरीर में पानी की कमी हो जाती है. ... . अदरक भी करेगा फायदा अपसेट पेट में अदरक का इस्तेमाल काफी कारगर होता है. ... . दही है फायदेमंद पेट दर्द में दही का इस्तेमाल काफी फायदेमंद रहता है. ... . केला खाना भी रहेगा सही ... . जीरा को अनदेखा नहीं कर सकते. बकरी का पेट खराब हो जाए तो क्या करना चाहिए?एंटीबायोटिक क्रीम लगाने के साथ एंटीबायोटिक दवा भी दें। एंट्रोटॉक्सिमिया(फिड़किया) : इसबीमारी में बकरी के पेट में तेज दर्द होता है। दस्त के साथ खून आता है। पशु मर भी सकता है।
बार बार दस्त आने का क्या कारण है?दस्त लगने का सबसे मुख्य कारण संक्रमण होता है। यह संक्रमण वायरस, बैक्टीरिया, प्रोटोजुआ या फंगस के संक्रमण से हो सकता है। यह संक्रमण प्रदूषित खान-पान या गंदे हाथों से किसी खाद्य पदार्थ के खाने से मानव शरीर में फैल जाता है, जो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है।
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