सोमवार को शिवलिंग पर क्या क्या चढ़ाना चाहिए? - somavaar ko shivaling par kya kya chadhaana chaahie?

हिंदू कैलेंडर का पांचवा महीना सावन का प्रारंभ आज 14 जुलाई से हो चुका है। सावन में भोलेनाथ के मंदिरों में श्रद्धालुओं की लंबी कतार लगी रहती है। मान्यता है कि सावन में भगवान शिव स्वयं धरती पर आकर ब्रह्मांड का संचालन करते हैं। ऐसे में सावन में शिवलिंग पर रुद्राभिषेक करने और भोलेनाथ को प्रिय वस्तुएं अर्पित करने से मनोवांछित फल प्राप्त होता है। वहीं कुछ ऐसी चीजें हैं जिन्हें भोलेनाथ की पूजा में वर्जित माना गया है। तो आइए जानते हैं शिवलिंग पर क्या चढ़ाएं और क्या नहीं...

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शिवलिंग पर इन 14 चीजों को चढ़ाने से पूरी होती है हर मनोकामना- जल, दही, दूध, घी, इत्र, बेलपत्र, धतूरा, आक या चमेली का फूल, शहद, मिश्री, गंगाजल, सरसों का तेल, कुशा का जल और गन्ने का रस।

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सावन मास में शिवलिंग पर इन 14 चीजों को अर्पित करने से रोग, कष्ट, शत्रुओं और पापों का नाश होने के साथ ही धन, वैभव, पुत्र, आरोग्य, सद्बुद्धि, प्रेम, वाहन, भवन सभी सुखों में वृद्धि होने की मान्यता है।

Somwar Puja Vidhi : सावन के पहले सोमवार पर ऐसे करें पूजा- अर्चना, शिव पूजा में इन चीजों को भूलकर भी न करें शामिल

Somwar Puja Vidhi : सावन के पहले सोमवार पर ऐसे करें पूजा- अर्चना, शिव पूजा में इन चीजों को भूलकर भी न करें शामिल

sawan ka pehla somwar : सावन का पहला सोमवार कल यानी 18 जुलाई को है। सावन के सोमवार का बहुत अधिक महत्व होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सोमवार का दिन भोले शंकर को समर्पित होता है।

सोमवार को शिवलिंग पर क्या क्या चढ़ाना चाहिए? - somavaar ko shivaling par kya kya chadhaana chaahie?

Yogesh Joshiलाइव हिन्दुस्तान,नई दिल्लीMon, 18 Jul 2022 06:31 AM

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Sawan Ka Pehla Somwar : सावन का पहला सोमवार कल यानी 18 जुलाई को है। सावन के सोमवार का बहुत अधिक महत्व होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सोमवार का दिन भोले शंकर को समर्पित होता है। इस दिन विधि- विधान से भगवान शंकर की पूजा- अर्चना की जाती है। सावन माह भोले शंकर को अतिप्रिय होता है। शिव जी को प्रसन्न करने के लिए शिवलिंग की पूजा- अर्चना की जाती है। शिवलिंग पर कुछ चीजें अर्पित करने से शिवजी की विशेष कृपा प्राप्त होती है। कुछ चीजों को शिव पूजा में भूलकर भी शामिल नहीं करना चाहिए। आइए जानते हैं शिवलिंग पर क्या चढ़ाना चाहिए और क्या नहीं....

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सोमवार का दिन भोलेशंकर को समर्पित होता है। इस दिन विधि- विधान से भगवान शंकर की पूजा- अर्चना की जाती है। शिव जी को प्रसन्न करने के लिए शिवलिंग की पूजा- अर्चना की जाती है। शिवलिंग पर कुछ चीजें अर्पित करने से शिवजी की विशेष कृपा प्राप्त होती है। कुछ चीजों को शिव पूजा में भूलकर भी शामिल नहीं करना चाहिए। आइए जानते हैं शिवलिंग पर क्या चढ़ाना चाहिए और क्या नहीं.... Somwar Ke Upay: सोमवार का दिन भगवान भोलेनाथ को समर्पित है और इस दिन उनका विधि-विधान से पूजन करने से जातकों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.

सोमवार को शिवलिंग पर क्या क्या चढ़ाना चाहिए? - somavaar ko shivaling par kya kya chadhaana chaahie?

Somwar Ke Upay: हिंदू पंचांग के अनुसार आज यानि 19 सितंबर को सोमवार का दिन है और (Somwar ke Totke) यह दिन भगवान शिव को समर्पित है. भगवान को देवो का देव महादेव भी कहा जाता है और हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार यह एक ऐसे भगवान हैं जिनको प्रसन्न करना बेहद ही सरल है. सोमवार के दिन भगवान शिव (Somwar Fast) की कृपा पाने के लिए व्रत-उपवास किया जाता है. मान्यता है कि सोमवार को पूजा करते समय शिवलिंग पर बेलपत्र और धतूरा जरूर चढ़ाना चाहिए. लेकिन इनके अलावा एक और महत्वपूर्ण चीज है जिसे शिवलिंग पर चढ़ाने से जातकों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.

शिवलिंग पर जरूर चढ़ाएं शमी के पत्ते

आमतौर पर भगवान भोलेनाथ की पूजा करते समय शिवलिंग पर बेलपत्र और धतूरा चढ़ाया जाता है. लेकिन धर्म शास्त्रों के अनुसार शिवलिंग पर शमी के पत्ते अर्पित करने का भी विशेष महत्व है. कहा जाता है कि शिवलिंग पर पूजा करते समय यदि शमी के पत्ते अर्पित किए जाएं भोलेनाथ प्रसन्न होते हैं और जातकों सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.

सुख-शांति का प्रतीक है शमी का पौधा

शमी के पौधे को सुख-शांति और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है. कहा जाता है कि इसे घर में लगाने से कभी धन संबंधी समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ता. लेकिन ध्यान रखें कि शमी का पौधे कभी भी घर के अंदर नहीं लगाया जाता. बल्कि इसे बालकनी या घर के बाहर रखा जाता है.

शनिवार को करें शमी की पूजा

भगवान भोलेनाथ को शमी के पत्ते अर्पित करने के साथ ही इस बात का भी ध्यान रखें कि शमी के पौधे की पूजा शनिवार के दिन की जाती है. शनिवार की शाम को तुलसी की तरह ही इसमें भी घी का दीपक जलाया जाता है. इससे घर के भीतर मौजूद सभी नकारात्मक शक्तियां बाहर हो जाती हैं.

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हिंदू शास्त्र में हर पूजा विधि के अपने अलग नियम होते हैं. सावन के महीने की शुरुआत होते ही लोग भोले शंकर को खुश करने के लिए उन पर भांग, धतूरा, जल आदि अर्पित करते हैं. लेकिन आपको बता दें कि शिवलिंग पर जल चढ़ाने का भी अपना एक नियम है. शिवजी को जल चढ़ाने के लिए कौन सा बर्तन होना चाहिए, जल चढ़ाते समय किस तरफ मुंह होना चाहिए और कौन सा मंत्र बोलना चाहिए यह जानना भी जरूरी है. आज आपको इसी से जुड़े कुछ नियम और फायदे हम आपको बताएंगे.

किस दिशा में होना चाहिए मुंह?
शिवलिंग पर जल चढ़ाते समय ध्यान रखना चाहिए कि आपका मुंह पूर्व दिशा की ओर नहीं होना चाहिए. पूर्व दिशा को भगवान शिव का मुख्य प्रवेश द्वार होता है और इस दिशा की ओर मुंह करने से शिव के द्वार में अवरोध होता है और वो नाराज हो जाते हैं. ध्यान रहे कि जल देते समय आपका मुंह उत्तर दिशा की ओर हो क्योंकि उत्तर दिशा को शिव जी का बायां अंग माना जाता है जो मां पार्वती को समर्पित है. इस दिशा की ओर मुंह करके जल अर्पित करने से भगवान शिव और मां पार्वती दोनों की कृपा प्राप्त होती है. कभी भी भगवान की पीठ की तरफ खड़ें होकर न पूजा करनी चाहिए और न ही जल चढ़ाना चाहिए.

किस पात्र का करें इस्तेमाल 
शिवजी को जल चढ़ाते समय ध्यान रखें कि जल हमेशा कलश से ही चढ़ाएं. शिवजी का अभिषेक करने के लिए तांबे का पात्र सबसे अच्छा माना जाता है. कांसे या चांदी के पात्र से अभिषेक करना भी शुभ माना जाता है. लेकिन जल अभिषेक के लिए कभी भी स्टील का बर्तन इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. लेकिन याद रहे कि तांबे के बर्तन से कभी भी दूध का अभिषेक नहीं करना चाहिए क्योंकि ये अशुभ माना जाता है.

बैठकर चढ़ाएं जल 
शिवलिंग पर जल अर्पित करते समय ध्यान रखें जल हमेशा बैठकर ही दें. यहां तक कि रुद्राभिषेक करते समय भी खड़े नहीं होना चाहिए. बता दें कि पुराणों के अनुसार शिवलिंग पर खड़े होकर जल चढ़ाने से यह शिव जी को समर्पित नहीं होता है और इसका पुण्य नहीं मिलता है. 

दाहिने हाथ से जल चढ़ाएं
भगवान शिव का अभिषेक जलधारा से ही करना चाहिए. जैसे जल की धारा एकदम पतली बह कर  आती है ठीक वैसे ही एक धार में धीरे-धीरे भगवान शिव को जल चढ़ाना चाहिए. ध्यान रहे कि भगवान को हमेशा दाहिने हाथ से जल चढ़ाएं और बाएं हाथ से दाहिने हाथ का स्पर्श करें.

सोमवार के दिन शिवलिंग पर क्या क्या चढ़ाना चाहिए?

सोमवार के दिन सुबह शिव मंदिर में जाकर शिवलिंग पर दूध चढ़ाएं और साथ ही साथ 'ऊँ नम: शिवाय:' का जाप करते रहें. इसके अलावा, सोमवार के दिन पूजा में बिल्व पत्र, अक्षत (चावल) का इस्तेमाल करना चाहिए. पूजा में पीले चंदन का इस्तेमाल करें.

शिव जी को कौन से लोटे से जल चढ़ाना चाहिए?

शिवलिंग पर तांबे, चांदी या सोने के लोटे से जल चढ़ाना चाहिए। स्टील या लोहे के लोटे से जल न चढ़ाएं। जल चढ़ाते समय शिवजी के मंत्रों का जाप करना चाहिए

शिवलिंग पर पहले क्या चढ़ाना चाहिए?

सबसे पहले गणेश पूजा करें और इसके बाद शिवलिंग पर तांबे, चांदी या सोने के लोटे से जल चढ़ाएं। जल चढ़ाते समय शिव जी के मंत्रों का जप करें। जल के साथ ही शिवलिंग पर दूध, दही, शहद भी चढ़ाना चाहिए। इस तरह अभिषेक करने के बाद शिवलिंग पर बिल्व पत्र, धतूरा, आंकड़े के फूल आदि चीजें अर्पित करें।

शिवलिंग के ऊपर क्या क्या चढ़ाना चाहिए?

शिवलिंग पर इन 14 चीजों को चढ़ाने से पूरी होती है हर मनोकामना- जल, दही, दूध, घी, इत्र, बेलपत्र, धतूरा, आक या चमेली का फूल, शहद, मिश्री, गंगाजल, सरसों का तेल, कुशा का जल और गन्ने का रस।