सांप काटने का पता कैसे चलता है? - saamp kaatane ka pata kaise chalata hai?

महर्षि कश्यप के अनुसार, सांप किसी भी व्यक्ति को केवल 8 कारणों से काटता है। सांप के काटने के बाद जो निशान व्यक्ति के शरीर पर बनता है, उस निशान के आकार को देखकर समझा जा सकता है कि आखिर किस कारण से सांप ने काटा है।

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ये हैं सांप के काटने के 8 कारण

सांप काटने का पता कैसे चलता है? - saamp kaatane ka pata kaise chalata hai?

सांप किसी व्यक्ति को दबाव पड़ने पर, पुराने वैर के कारण, मद में होने के कारण, भूख से, भय से, विष का वेग होने के कारण, अपने बच्चों की रक्षा के लिए या काल की प्रेरणा होने पर काटता है सांप।

ऐसे पहचानें सांप ने क्यों काटा

सांप काटने का पता कैसे चलता है? - saamp kaatane ka pata kaise chalata hai?

जब सांप काटते ही पेट की तरफ उल्टा हो जाता है तो उसकी दाढ़ टेढ़ी हो जाती है। ऐसा होता दिखे तो समझ जाना चाहिए कि सांप ने दबाव पड़ने के कारण काटा है। यदि सांप के काटने से बहुत बड़ा घाव हो गया है तो समझना चाहिए कि सांप ने किसी द्वेष के कारण काटा है।

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डरने पर ऐसे काटता है सांप

सांप काटने का पता कैसे चलता है? - saamp kaatane ka pata kaise chalata hai?

यदि सांप के काटने के बाद एक दाढ़ का निशान बने और वह निशान भी ठीक से दिखाई न दे तो समझना चाहिए कि सांप ने भय के कारण काटा है। वहीं, अगर सांप के काटने के बाद दाढ़ का निशान किसी रेखा की तरह बना है तो समझना चाहिए कि सांप ने मद के कारण काटा है।

भूख लगने पर इस तरह काटता है सांप

सांप काटने का पता कैसे चलता है? - saamp kaatane ka pata kaise chalata hai?

अगर सांप के काटने के बाद दो दाढ़ का निशान दिखाई दे और घाव बड़ा हो तो समझना चाहिए कि सांप ने भूख के कारण काटा है। वहीं, दो दाढ़ का निशान दिखाई दे और निशान रक्त से भर जाए तो समझना चाहिए कि सांप ने विष के वेग के कारण काटा है।

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बच्चों की रक्षा करते वक्त

सांप काटने का पता कैसे चलता है? - saamp kaatane ka pata kaise chalata hai?

अगर सांप के काटने के बाद निशान के रूप में दो दाढ़ दिखाई दें किन्तु घाव न बने तो समझना चाहिए कि आस-पास कहीं सांप के बच्चे हैं और उनकी रक्षा के लिए उसने काटा है।

मृत्यु की प्रेरणा से ऐसे काटता है सांप

सांप काटने का पता कैसे चलता है? - saamp kaatane ka pata kaise chalata hai?

जब सांप किसी व्यक्ति को काल की प्रेरणा के कारण काटता है तो काटी हुई जगह पर कौवे के पैर की तरह 3 या 4 दाढ़ का गहरा निशान बन जाता है। इस तरह का निशान होने पर समझना चाहिए कि यह असाध्य है और इसकी चिकित्सा नहीं है। यह निशान इस बात का संकेत है कि मृत्यु ने स्वयं सर्प रूप धारण करके व्यक्ति पर आघार किया है।

सर्प दंश (सांप का काटना डसना) सांप के काटने से हुआ एक घाव होता है। एक जहरीला सांप जहर को घाव, श्लेष्म झिल्ली या आंखों में डालने या थूकने में सक्षम होता है क्योंकि इन जगहों में विषाक्त पदार्थ अवशोषित हो सकता है। डब्ल्यूएचओ के आंकड़ों के अनुसार, भारत में प्रति वर्ष दस लाख लोगों को सांप काटते हैं जिनमें से पचास हजार लोग मर जाते हैं। इनमें सबसे ज़्यादा पीड़ित अपने परिवार का लालन-पालन करने वाले युवा किसान होते हैं।

एक विषैले सांप का काटना आमतौर पर जानलेवा नहीं होता लेकिन इसे हमेशा गंभीरता से लिया जाना चाहिए। एक हानिरहित सांप के काटने के भी गंभीर परिणाम हो सकते हैं, जैसे एलर्जी या संक्रमण। विषैले सांप के काटने से दर्द और सूजन, आवेग, मतली, और यहां तक ​​कि पक्षाघात सहित कई समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।

भारत में सांपों की 250 प्रजातियां हैं, जिनमें से पचास सांप विषैले हैं और पांच मनुष्यों के लिए बहुत खतरनाक हैं। इनमें से चार सबसे अधिक मौतों के लिए ज़िम्मेदार हैं - कॉमन कोबरा (जिसे नाग कहा जाता है), सॉ-स्केल्ड वाइपर, कॉमन क्रेट (बंगाल का एक जहरीला सांप) और रसेल वाइपर। हालांकि इन बिग-फोर की अवधारणा धीरे-धीरे अतीत की बात बन रही है। हम्प्नोज्ड पिट वाइपर (जिसे हाइपनेल भी कहा जाता है और जिसे मनुष्यों के लिए हानिरहित माना जाता था) के काटने से भी अनियंत्रित रक्तस्राव और अचानक गुर्दा खराब हो जाता है जिससे मृत्यु भी हो जाती है। वर्तमान एंटी-वेनम सीरम (एवीएस) इस वाइपर के काटने से सुरक्षा प्रदान नहीं करता।

कॉमन क्रेट इन 5 में से सबसे खतरनाक सांप है, क्योंकि इसके काटने के शायद ही कभी कोई दिखते हैं - कोई सूजन नहीं, कोई खून नहीं और कोई दर्द नहीं। यह बहुत ही अनोखा साँप है, गांवों में यह गहरी रात में चूहों को खाने के लिए बाहर आता है और फर्श पर सोने वाले लोगों को काट लेता है। यह बाहर कैंपिंग कर रहे लोगों के साथ भी हो सकता है। क्रेट सांप के काटने के साथ समस्या यह है कि कभी-कभी इसका कोई घाव नजर नहीं आता है और कई मामलों में लोग, विशेष रूप से बच्चे अनजान होते हैं कि उन्हें इस सांप ने काटा है। क्रेट का काटना भ्रामक हो सकता है। इसके प्रत्यक्ष लक्षण बहुत कम होते हैं जबकि जहर की मात्रा बहुत अधिक होती है।

ज्यादातर मामलों में पीड़ित को गंभीर पेट दर्द और उल्टी होती है और डॉक्टर के पास ले जाने के बावजूद, उसका इलाज पेट दर्द के लिए किया जाता है। सुबह तक न्यूरोटॉक्सिन शरीर में फैल जाता है जिसके कारण व्यक्ति श्वासरोध (रेस्पिरेटरी फेलियर : ऑक्सीजन का कम हो जाना या कार्बनडाइऑक्साइड का बढ़ जाना) से मर सकता है। इसलिए लोगों को हमेशा खाट पर सोना चाहिए। और बाहर सफ़र के दौरान सरीसृपों को दूर रखने के लिए मच्छरदानी का उपयोग करना चाहिए।

रसेल वाइपर भी बहुत खतरनाक सांप है क्योंकि ये अधिकतम मात्रा में जहर शरीर में छोड़ता है और इसकी ड्राई बाइट्स (बिना जहर छोड़े काटना) की संख्या बहुत कम होती है। सांप के काटने को हमेशा शुरुआत में जहरीला ही माना जाना चाहिए।

कैसे जाने कि सांप ने काटा है?

सांप के काटने के लक्षण.
दो नुकीले निशान या घाव जो छिद्रित दिखते हैं.
घाव से खून बहना.
स्थानीयकृत सूजन, जलन और काटने के आसपास लाली.
काटने के आसपास तेज दर्द.
त्वचा के रंग में बदलाव.
दस्त और बुखार.
पेट दर्द और सिरदर्द.
सांस लेने में दिक्कत.

सांप काटने का असर कितनी देर में होता है?

डेढ़ से दो घंटे में जहर पूरी बॉडी में फैल सकता है। इसलिए इस अवधि के अंदर ही डॉक्टर के पास जाना जरूरी है। सांप के काटने पर क्या करें और क्या न करें...

सांप काटने कितने दिन तक रहता है?

तो यहां बता दें कि हां ऐसा संभव है। क्योंकि सांप को मारने या काटने के बाद भी उसका फन जीवित रहता है। कैरोलिना यूनिवर्सिटी के सर्प विशेषज्ञ सेन पुश के अनुसार, सांप का फन कट जाने के बाद भी करीब 90 मिनट तक जीवित रहता है। यानी वो इस दौरान तक किसी को डंस सकता है।

सांप इंसान को क्यों काटता है?

सांप किसी भी व्यक्ति का दबाव पड़ने पर, पुरानी दुश्मनी को लेकर, मद में होने के चलते, भूख व भय से, विष के वेग के कारण, बच्चों की सुरक्षा के लिए या काल की प्रेरणा होने पर ही सांप काटता है।