Show Solution : अपनी हितों के चलते अनेक वर्गों और समूहों के भारतीय लोगों ने सविनय अवज्ञा आंदोलन में हिस्सा लिया। उनके लिए स्वराज के मायने अलग-अलग थे। जैसे कि - (i) ज्यादातर व्यवसायी स्वराज को एक ऐसे युग के स्वप्न में देखते थे जहाँ कारोबार पर औपनिवेशिक पाबंदियाँ नहीं होंगी और व्यापार व उद्योग , निर्बाथ ढंग से फल-फूल सकेंगे। <br> (ii) इसी प्रकार धनी किसानों के स्वराज का अर्थ था, भारी लगन के खिलाफ लड़ाई। <br> (iii) महिलाओं के लिए स्वराज का अर्थ था, भारतीय समाज में पुरुषों के साथ बराबरी और स्तरीय जीवन की प्राप्ति। <br> (iv) गरीब किसान स्वराज को ऐसे समय के रूप में देखते थे जब उनके पास स्वयं की जमीन होगी, उन्हें जमीन का किराया नहीं देना होगा और बेगार नहीं करनी पड़ेगी। <br> (v) औद्योगिक श्रमिक इसे उच्च वेतन और अच्छी कार्य-स्थितियों के रूप में देखते थे। इस प्रकार, स्वराज का अर्थ भारत के विभिन्न वर्गों और समूहों के लिए भिन्न-भिन्न था। सविनय अवज्ञा आंदोलन में भारत के विभिन्न सामाजिक समूहों ने क्यों भाग लिया?Solution : अपनी हितों के चलते अनेक वर्गों और समूहों के भारतीय लोगों ने सविनय अवज्ञा आंदोलन में हिस्सा लिया। उनके लिए स्वराज के मायने अलग-अलग थे। जैसे कि - (i) ज्यादातर व्यवसायी स्वराज को एक ऐसे युग के स्वप्न में देखते थे जहाँ कारोबार पर औपनिवेशिक पाबंदियाँ नहीं होंगी और व्यापार व उद्योग , निर्बाथ ढंग से फल-फूल सकेंगे।
सविनय अवज्ञा आंदोलन में विभिन्न वर्गों और समूह ने क्यों हिस्सा लिया था?उत्पीड़न और दमन के साझा भाव ने विभिन्न समूहों को एक-दूसरे से बाँध दिया था। लेकिन हर वर्ग और समूह पर उपनिवेशवाद का असर एक जैसा नहीं था। उनके अनुभव भी अलग थे और स्वतंत्रता के मायने भी भिन्न थे। महात्मा गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस ने इन समूहों को इकट्ठा करके एक विशाल आंदोलन खड़ा किया।
समाज के विभिन्न वर्ग सविनय अवज्ञा आंदोलन से क्यों जुड़े वर्णन कीजिए?सविनय अवज्ञा आन्दोलन में विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार तथा लोगों के द्वारा हड़ताल की गई। लोगों ने सरकार को कर देने से मना कर दिया। इस आंदोलन में लाखों लोगों के साथ महिलाओं ने भी काफी बड़ी संख्या में भाग लिया। ब्रिटिश सरकार के द्वारा नवम्बर 1930 लंदन में प्रथम गोलमेज सम्मेलन का आयोजन किया गया।
सविनय अवज्ञा आंदोलन और असहयोग आंदोलन में क्या अंतर है?A) सविनय अवज्ञा आंदोलन का उद्देश्य पूर्ण स्वराज था, जबकि असहयोग आंदोलन का उद्देश्य स्वराज था। B) सविनय अवज्ञा आंदोलन की तुलना में असहयोग आंदोलन के दौरान मुस्लिम भागीदारी अपेक्षाकृत कम थी।
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