शीतली प्राणायाम की उपयोगिता क्या है? - sheetalee praanaayaam kee upayogita kya hai?

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शीतली प्राणायाम जो शरीर को शीतलता प्रदान करता है, साथ ही कई समस्याओं से बचाता है. अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर जानिए इस प्राणायाम को करने का तरीका और सावधानी.

इन दिनों गर्मी का प्रकोप काफी बढ़ गया है. बारिश से अगर कुछ देर की राहत मिल भी जाए तो धूप निकलते ही उमस कहीं ज्यादा बढ़ जाती है. ऐसे में कोई भी काम ठीक से नहीं किया जाता. 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2021 (International Yoga Day 2021) है, इस मौके पर हम आपको बताने जा रहे हैं शीतली प्राणायाम के बारे में. शीतली प्राणायाम के नाम से ही स्पष्ट है कि ये गर्मी को शांत करता है और शीतलता प्रदान करता है.

इतना ही नहीं इस प्राणायाम को करने से आपका दिमाग तनावमुक्त होता है, सिर में अच्छे से ऑक्सीजन का प्रवाह होता है, जिससे मूड फ्रेश होता है और सिरदर्द की समस्या दूर होती है. इसके अलावा शीतली प्राणायाम आपके दिल को दुरुस्त करता है और ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करता है. पाचन से जुड़ी समस्याएं जैसे गैस, अपच, एसिडिटी के अलावा पेट के अल्सर में भी राहत देता है. जानें इसे करने का सही तरीका.

ऐसे करें

शीतली प्राणायाम की उपयोगिता क्या है? - sheetalee praanaayaam kee upayogita kya hai?

शीतली प्राणायाम

जमीन पर एक आसन बिछाकर सुखासन, वज्रासन या पद्मासन में बैठ जाएं. अपनी पीठ को सीधा रखें. अब अपनी जीभ को बाहर निकालें और दोनों साइड से मोड़कर इसे नली जैसा आकार दें.अब उस नली के सहारे लंबी सांस खींचकर पेट तक ले जाएं और मुंह को बंद कर लें. कुछ देर सांस को रोकें. फिर नाक के सहारे बाहर छोड़ दें. लेकिन ध्यान रहे कि छोड़ते समय आपको सांस को धीरे धीरे और देर तक छोड़ना है. सांस छोड़ने का समय सांस लेने की तुलना में ज्यादा लंबा होना चाहिए और छोड़ते समय पेट अंदर की ओर जाना चाहिए. इस क्रम को एक बार में कम से कम 10 और ज्यादा से ज्यादा 50 बार तक कर सकते हैं.

ये बातें रखें ध्यान

1- इस प्राणायाम को वैसे तो कभी भी कर सकते हैं, लेकिन खाना खाने के तुरंत बाद करने से परहेज करें. खाने के दो घंटे बाद किया जा सकता है. वैसे सबसे अच्छा समय सुबह और शाम का है.

2- अगर आप इसे खुले स्थान पर ताजी हवा के बीच करेंगे तो ये ज्यादा लाभकारी साबित होगा.

3- यदि आप अस्थमा के मरीज हैं या सांस की कोई गंभीर बीमारी है, बीपी लो रहता है तो इसे डॉक्टर की सलाह के बगैर कभी न करें.

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Sheetali Pranayama Benefits: इस साल गर्मी सारे रिकॉर्ड तोड़ रही है. चिलचिलाती धूप, बहता पसीना और उस पर जानलेवा गर्मी ने लोगों को परेशान कर दिया है. ऐसे में लोगों को सिर्फ एसी कूलर ही याद आ रहे हैं. लेकिन आप चाहें तो इस भीषण गर्मी में बिना AC और कूलर के भी शरीर को ठंडा रख सकते हैं. आप योग से अपने शरीर को ठंडक पहुंचा सकते हैं. प्राणयाम के एक आसन को करने से आपको ऐसी ठंडक मिलेगी जो आपके दिल, दिमाग और शरीर को अंदर तक शीतलता का अहसास करा देगी. आपको भीषण गर्मी लग रही हो, पसीना बह रहा हो या एक्सरसाइज के बाद शरीर से गर्मी निकल रही हो आप कुछ देर शीतली प्राणायाम करके अपने शरीर को ठंडा बना सकते हैं. जैसा कि इस प्राणायाम का नाम है शीतली वैसे ही ये आपके शरीर को भी शीतल बना देता है. जानिए कैसे करें शीतली प्राणायाम और क्या हैं इसके फायदे.

ऐसे करें ‘शीतली’ प्राणाायाम 

  • सबसे पहले एक शांत जगह पर आसन बिछाकर बैठ जाएं
  • कोशिश करें आप सिद्धासन या पद्मासन अवस्था में बैठें
  • आंखें बंद कर लें और पूरे शरीर को शिथिल करने की कोशिश करें
  • अब अपनी जीभ को बाहर निकाल कर उसे एक नली या पाइप के जैसे आकार दें
  • इसके बाद जीभ के सहार सांस लें और फिर जीभ अंदर करके मुंह बंद कर लें
  • अब बहुत धीरे धीरे नाक से सांस बाहर निकालें
  • सांस लेते वक्त तेज हवा की ध्वनि उत्पन्न होनी चाहिए
  • ये एक चक्र हैं इसे शुरुआत में दिन में 9 बार करें उसके बाद इस 30 से 40 बार कर सकते हैं

 
शीतली प्रणायाम के फायदे

1-शीतली प्रणायाम हमारे दिमाग और शरीर को ठंडा रखता है
2- तनाव और चिंतो को दूर भगाता है
3- डिप्रेशन को दूर भगाने में रामवाण की तरह काम करता है ये प्राणायाम
4- गले की बीमारी और क्रोध पर नियंत्रण के लिए अच्छा है
5- भूख, प्यास और रक्तचाप को भी नियंत्रित करने में मदद करता है
6- अपच, बलगम और पित्त से होने वाले पेट के विकारों में भी फायदा करता है
7- आंख और त्वचा के लिए भी फायदेमंद है
8- स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभकारी इस प्राणायाम को नियमित करने से आप बहुत सारी परेशानियों से बच सकते हैं.

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 शीतली प्राणायाम की विधि, फायदे और सावधानियां|Sheetli Pranayam Steps,Benefits And Precautions In Hindi

दोस्तों नमस्कार आज इस लेख में हम जानेंगे, कि शीतली प्राणायाम करने की विधि क्या है ,और इस प्राणायाम को करने से कौन से फायदे मिलते हैं ।शीतली प्राणायाम करते वक्त हमें किन बातों का ध्यान रखना चाहिए । कौन सी सावधानियां होती हैं। आइए सबसे पहले जानते हैं, कि

शीतली प्राणायाम क्या हैISheetli Pranayam In Hindi

शीतली प्राणायाम शरीर के ताप को कम करता है ।पूरे शरीर में ठंडक पहुंचाता है।शरीर के साथ-साथ मन को शांत करता है। मस्तिष्क को शांत करता है। जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है शीतली अर्थात शीतलता प्रदान करना इस प्राणायाम को करने से संपूर्ण शरीर, मन ,मस्तिष्क में शीतलता आती है। यह प्राणायाम शीतकारी प्राणायाम के समान लाभ प्रदान करता है। अब आइए जानते हैं

 शीतली प्राणायाम करने की विधि | Sheetli Pranayam Steps In Hindi

शीतली प्राणायाम की उपयोगिता क्या है? - sheetalee praanaayaam kee upayogita kya hai?

1-इस आसन को करने के लिए सबसे पहले आप पद्मासन या किसी भी आरामदायक आसन में बैठ जाएं।

2-अपनी आंखों को बंद करके अपने हाथों को ज्ञान मुद्रा में रखते हुए घुटनों पर रखें।

3-अपनी जीभ के दोनों किनारों को मोड़कर नली का आकार बना ले।

4-नली नुमा जीभ के सहारे धीरे-धीरे श्वास को अंदर खींचे।

5-स्वास को पेट के अंदर भर कर मुंह बंद कर ले।

6-अब अपने जबड़े को छाती से सटाकर रखें (जालंधर बंध) लगाकर रखें।

7-जालंधर बंध के साथ जितनी देर तक श्वास को रोककर रख सकते हैं ,उतनी देर तक रखें।

8-जालंधर बंध को खोलते हुए अर्थात अपने जबड़े को छाती से ऊपर उठाते हुए स्वास को नासिका से धीरे-धीरे बाहर निकाले।

9-इस तरह आपका एक चक्र पूरा हुआ।

10-पहले कुछ दिनों तक इसे 10-15 बार तक करें। फिर इसे लगभग आधा घंटा तक कर सकते हैं।

अब आइए जानते हैं

शीतली प्राणायाम के फायदे | Sheetli Pranayam Benefits In Hindi

वैसे तो शीतली प्राणायाम के बहुत से फायदे, लेकिन कुछ फायदे विशेष हैं जिनके बारे में जानकारी दी जा रही है।

1-इस प्राणायाम के नियमित अभ्यास से तनाव कम होता है।

2-इस प्राणायाम के अभ्यास से चिंता कम होती है। जो लोग अधिक चिंतित रहते हैं, उनके लिए यह अच्छा प्राणायाम है।

3-जो लोग डिप्रेशन के शिकार हैं उन लोगों को यह प्राणायाम जरूर करना चाहिए ।क्योंकि डिप्रेशन को दूर करने के लिए यह रामबाण प्राणायाम है।

4-जिन लोगों को गुस्सा अधिक लगती है, या क्रोध के शिकार हैं। जरा जरा सी बात पर क्रोध करते हैं । वे लोग यदि इस प्राणायाम का अभ्यास करते हैं ,तो गुस्सा काफी हद तक कम हो जाता है।

5-इस प्राणायाम के अभ्यास से भूख और प्यास नियंत्रित होती है।

6-इस प्राणायाम के अभ्यास से शरीर में शीतलता आती है। इसलिए इसका अभ्यास करने से रक्तचाप कम हो जाता है।

7-शरीर में गर्मी से उत्पन्न होने वाली बीमारियों को कम करता है जिससे पित्त नियंत्रित होता है।

8-यह प्राणायाम जननांगों में हारमोंस को नियंत्रित करता है।

9-इसके अभ्यास से वासना का मानसिक और शारीरिक दोनों तरह का प्रभाव कम हो जाता है।

10-इस प्राणायाम का अभ्यास नियमित रूप से करने वालों पर जहर का प्रभाव कम हो जाता है।

11-जिस तरह से सांप अपने केचुली को बदल देता है और उसके शरीर पर दूसरी त्वचा आ जाती है। इसी तरह से यह प्राणायाम त्वचा को बदलने की क्षमता रखता है।

12-इस प्राणायाम के अभ्यास से पाचन तंत्र मजबूत होता है व पाचन से संबंधित बीमारियों में लाभ मिलता है।

13-इस प्राणायाम के अभ्यास से आंखों की रोशनी बढ़ती है।

14-इसके अभ्यास से रक्त शुद्ध होता है।

15-इस प्राणायाम के अभ्यास से व्यक्ति शारीरिक और मानसिक दोनों तरह से फिट रहता है।

अब आइए जानते हैं इस प्राणायाम को करते वक्त किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।

शीतली प्राणायाम की सावधानियां |  Sheetli Pranayam Precautions In Hindi

1-इस प्राणायाम का अभ्यास सर्दियों के मौसम में नहीं करना चाहिए।

2-जिन व्यक्तियों को खांसी या टॉन्सिल्स की बीमारी है उन लोगों को भी यह प्राणायाम नहीं करना चाहिए ,क्योंकि यह ठंडक को बढ़ावा देता है शरीर में शीतलता लाता है।

3-लो ब्लड प्रेशर आज उनका रक्तचाप  कम रहता है। उन लोगों को इस प्राणायाम का अभ्यास नहीं करना चाहिए।

4-यदि काफी दिन से कब्ज की समस्या है तो भी इस प्राणायाम को करने से बचना चाहिए।

5-जिन लोगों को हृदय रोग है उनको प्राणायाम करते वक्त श्वास को अंदर नहीं रोकना चाहिए।

शीतली प्राणायाम के बाद करने वाले आसन।

शीतली प्राणायाम करने के बाद सवासन करना चाहिए।

शीतली प्राणायाम का क्या लाभ है?

ये प्राणायाम ब्लडप्रेशर कम करता है। एसीडिटी और पेट के अल्सर तक में आराम मिलता है। पाचन शक्ति बढ़ती है और दिल की बीमारियां नहीं होतीं। सबसे जरूरी बात, जिससे आज कोई अछूता नहीं है यानी मानसिक और भावनात्मक उत्तेजना को ये प्राणायम कम करता है।

शीतकारी प्राणायाम करने से क्या फायदा होता है?

शीतकारी प्राणायाम के लाभ इस प्रकार हैं:.
यह तन और मन को शीतल कर देता है। ( ... .
शीतकारी प्राणायाम मस्तिष्क के उन केंद्रों को प्रभावित करता है जो शारीरिक तापमान को केंद्रित करते हैं।.
यह सारे शरीर में प्राण-प्रवाह को आसान बनाता है।.
शीतकारी प्राणायाम सारे शरीर की मांसपेशियों को आराम पहुँचाता है। (.

शीतली प्राणायाम कब करना चाहिए?

हमेशा गर्मियों के दिनों में ही करें : शीतली प्राणायाम को हमेशा गर्मियों के दिनों में ही करना चाहिए। क्योंकि गर्मियों में हमारे शरीर का तापमान काफी बढ़ा हुआ होता है, इसे कर हम शरीर के तापमान को नियंत्रण में रख सकते हैं।

शीतली प्राणायाम करने से शरीर के अंदर क्या पैदा होता है?

शीतली प्राणायाम करने के फायदे इससे शरीर का तापमान कम होता है और शरीर की गर्मी कम होती है. इस प्राणायाम को करने से पित्त से राहत मिलती है. मुंहासे की समस्या से छुटकारा मिलता है. हाई बीपी की परेशानी है तो इस प्राणायाम के करने से उस पर नियंत्रण रखा जा सकता है.