तुला राशि के स्वामी कौन है - tula raashi ke svaamee kaun hai

तुला राशि के स्वामी कौन है - tula raashi ke svaamee kaun hai

तुला राशि ज्योतिष के राशि चक्र की सातवीं राशि है। वायु तत्व प्रधान इस राशि का स्वामी शुक्र है इसके कारण ग्रह बुध, शुक्र और शनि माने गए हैं। चित्रा, स्वाति और विशाखा इस राशि के नक्षत्र हैं। चित्रा नक्षत्र के देव त्वाशत्व और स्वामी मंगल हैं। इस...

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

Characteristics and Personality Traits of Libra- तुला राशि ज्योतिष के राशि चक्र की सातवीं राशि है। वायु तत्व प्रधान इस राशि का स्वामी शुक्र है इसके कारण ग्रह बुध, शुक्र और शनि माने गए हैं। चित्रा, स्वाति और विशाखा इस राशि के नक्षत्र हैं। चित्रा नक्षत्र के देव त्वाशत्व और स्वामी मंगल हैं। इस नक्षत्र के जातक शौकीन मिजाज होते हैं।

तुला राशि के स्वामी कौन है - tula raashi ke svaamee kaun hai

Tula Rashi Personality- एक साथ अनेक विषयों में शौक होने के कारण किसी विशेष विषय में ध्यान फोकस नहीं कर पाते। इनमें चंचलता बहुत होती है। सफलता की उम्मीद तो ये बहुत करते हैं लेकिन उसके लिए उतनी दिमागी मेहनत नहीं करते। स्वाति नक्षत्र के देव वायु और स्वामी राहू हैं। इस राशि के जातकों में एकाग्रता और सफल होने के भरपूर गुण पाए जाते हैं। इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले काफी भाग्यवान होते हैं। विशाखा नक्षत्र के देव इंद्र-अग्नि हैं और स्वामी गुरु हैं। इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले अधिकतर दुविधा में रहते हैं और इनके मन में विरोधाभासी विचार चलते रहते हैं।

Libra Sign- तुला राशि पर शुक्र का आधिपत्य होने के कारण इस राशि के जातकों को बनने-संवरने, संगीत, चित्रकारी और बागवानी जैसे शौक होते हैं। इन जातकों का शरीर दुबला-पतला और अच्छे गठन वाला होता है। मुस्कान मोहक होती है। एक बार मित्र बना लें तो हमेशा के लिए अच्छे मित्र सिद्ध होते हैं।

Tula Rashi Nature- तुला राशि वालों की खूबी यह होती है कि वे विवादों को बड़ी कुशलता से निपटाते हैं और संघर्ष व टकराव की स्थिति से बचने के लिए स्वयं को निष्पक्ष रखते हुए बड़ी चतुराई से अपनी बात कहते हैं। निष्पक्ष तर्क करने के लिए अगर कूटनीति का सहारा लेना पड़े या समझौते का रास्ता बनाना पड़े तो भी गुरेज नहीं करते और अपनी बौद्धिक क्षमता का भरपूर इस्तेमाल करना जानते हैं। हालांकि, स्वयं अपने लिए तुरन्त निर्णय नहीं ले पाते और अनिर्णय की स्थिति में रहते हैं।

और ये भी पढ़े

  • तुला राशि के स्वामी कौन है - tula raashi ke svaamee kaun hai

    विचार करें, सरकारी खजाने पर है किसका हक

  • तुला राशि के स्वामी कौन है - tula raashi ke svaamee kaun hai

    Intelligent लोगों में होती है ये खूबी, क्या आप में है ?

  • तुला राशि के स्वामी कौन है - tula raashi ke svaamee kaun hai

    Mata Vaishno Devi: ठंड के चलते दिन में यात्रा कर रहे माता वैष्णो देवी के श्रद्धालु

तुला राशि के स्वामी कौन है - tula raashi ke svaamee kaun hai

Tula Rashi Character- ये अपने नफा-नुक्सान के बारे में सोचने में ज्यादा वक्त लगाते हैं। हालांकि, विपरीत सैक्स के प्रति तुला जाति वाले जल्दी आकर्षित होते हैं लेकिन जीवनसाथी बनाने का निर्णय लेते समय काफी सावधान रहते हैं और बहुत सोच-विचार करते हैं। ऐसा भी माना जाता है कि इस राशि के लोग निर्णय लेने से डरते हैं और इसलिए हर बात के लिए अपने पार्टनर पर निर्भर होते हैं। ये अकेलेपन से काफी घबराते हैं और इसलिए कई बार परख किए बिना ये लोगों से जुड़ जाते हैं। इससे कई बार उनका गलत रिश्तों से सामना होता है।

Libra People Nature- तुला राशि के लड़के अपने रिश्ते को लेकर काफी ईमानदार होते हैं। हालांकि, ये अपने साथी पर हावी रहते हैं लेकिन अगर इनका साथी इन पर रौब जमाए तो यह इनको बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं होता। ये चाहते हैं कि हमेशा सौंदर्य इनके आसपास रहे। हालांकि, ये चेहरे से ज्यादा लोगों के दिल की खूबसूरती पर मर मिटते हैं।

Libra People Personality- यह भी कहा जाता है कि तुला राशि वाले जातक किसी भी परिस्थिति में विचलित नहीं होते, दूसरों को प्रोत्साहन देना, सहारा देना इनका स्वभाव होता है। ये कलाकार, सौंदर्योपासक व स्नेहिल होते हैं। व्यवहारिक भी होते हैं और इनके मित्र इन्हें पसंद करते हैं।

Tula rashi- तुला राशि की स्त्रियां मोहक होती हैं। स्वभाव खुशमिजाज व हंसी खनखनाहट वाली होती है। बुद्धि वाले काम करने में अधिक रुचि होती है। घर की साज-सज्जा व स्वयं को सुंदर दिखाने का शौक रहता है। कला, गायन आदि गृह कार्य में दक्ष होती हैं। बच्चों से बेहद जुड़ाव रहता है।

तुला राशि के स्वामी कौन है - tula raashi ke svaamee kaun hai

हिंदी न्यूज़ धर्मRatna jyotish: इस रत्न को धारण करते ही सोने सा चमक उठेगा तुला राशि वालों का भाग्य

तुला राशि का स्वामी शुक्र ग्रह है। ग्रहों की स्थिति को मजबूत करने के लिए ज्योतिषी रत्न धारण करने की सलाह देते हैं। रत्न शास्त्र में हर राशि के लोगों के लिए कोई न कोई रत्न बताया गया है।

तुला राशि के स्वामी कौन है - tula raashi ke svaamee kaun hai

तुला राशि का स्वामी शुक्र ग्रह है। इस राशि के जातक आकर्षक व्यक्तित्व के साथ ही साथ महान कूटनीतिक भी होते हैं। यह ज्यादा से ज्यादा लोगों के साथ घुल-मिल कर रहना पसंद करते हैं। मुश्किल परिस्थिति को यह बेहद सोच- समझ कर आसानी से हल कर लेते हैं। यह बहुत आसानी से लोगों के साथ संबंध स्थापित कर लेते हैं। तुला राशि के जातक हर परिस्थिति में संतुलन व निष्पक्ष बने रहने की कोशिश करते हैं। ग्रहों की स्थिति को मजबूत करने के लिए ज्योतिष रत्न धारण करने की सलाह देते हैं। आइए जानते हैं तुला राशि के जातकों के लिए कौन सा रत्न धारण करना होगा शुभ।

तुला राशि कर लिए भाग्यशाली रत्न- 
ज्योतिषी के अनुसार तुला राशि के जातक को सुनहरे नारंगी रंग का ओपल रत्न धारण करना चाहिए। इस रत्न को धारण करने से रोजगार बना रहता है। कर्ज जैसी समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ता है। ओपल रत्न को धारण करने से विवाह व प्रेम संबंधों में आ रही सभी तरह की परेशानियां हमेशा के लिए खत्म हो जाती है। व्यक्ति को आर्थिक परेशानियों का सामना नहीं कर्म पड़ता है। 

तुला राशि वाले लोगों के लिए सबसे भाग्यशाली रत्न हीरा है। इस रत्न को धारण करने से शुक्र ग्रह मजबूत होता है। प्रेम- विवाह में आ रही समस्या दूर होगी। कला के क्षेत्र में करियर बनाने वाले लोगों के लिए हीरा रत्न धारण करना चाहिए। 

इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। विस्तृत और अधिक जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।

तुला राशि के देवता कौन है?

तुला राशि तुला राशि के जातक शिव का दूसरा रूप कालभैरव या शनिदेव को अपना इष्टदेव मान सकते हैं।

तुला राशि वालों को कौन से भगवान की पूजा करनी चाहिए?

इष्ट देव : तुला राशि के जातको के इष्ट देव शंकर भगवान होते है। इसलिए तुला राशि वालो को प्रतिदिन सुबह शंकर भगवान की पूजा करनी चाहिए। शंकर भगवान की पूजा करने से इनको पूजा का तुरंत लाभ प्राप्त होगा।

तुला राशि का गुरु कौन होता है?

तुला राशि का स्‍वामी शुक्र है इसलिए यह जीवन में एशो-आराम और सामाजिक एश्‍वर्य लेकर आता है। तुला राशि से संबंध व्‍यक्‍ति को अच्‍छा व्‍यापारी बनाता है और गुरू से इसका संबंध व्‍यक्ति‍ को धर्म और समाजसेवा की ओर ले जाता है। इस प्रकार यह संयोग व्‍यक्ति को धर्म, ज्ञान और समाजसेवा के क्षेत्र से धनार्जन करने की क्षमता देता है।

तुला राशि का जीवनसाथी कौन है?

ज्योतिष विद्या के अनुसार यदि तुला और वृष राशि आपस में संबंध बनाते हैं अर्थात किसी शादी के बंधन में बनते हैं तो उनके लिए बहुत ही शुभ साबित होगा क्योंकि इन राशियों का स्वामी ग्रह शुक्र है और यदि इनकी जोड़ी बनती है तो इनका जीवन सदैव सुख में रहेगा और साथ ही यह सदैव एक दूसरे से प्यार करते रहेंगे और इन सब प्रेम संबंध अटूट ...