तुर्की की राजधानी का क्या नाम है? - turkee kee raajadhaanee ka kya naam hai?

तुर्की गणराज्य
Türkiye Cumhuriyeti

तुर्की

तुर्की की राजधानी का क्या नाम है? - turkee kee raajadhaanee ka kya naam hai?
तुर्की की राजधानी का क्या नाम है? - turkee kee raajadhaanee ka kya naam hai?
ध्वज कुल चिह्न
राष्ट्रवाक्य: Yurtta Sulh, Cihanda Sulh (तुर्की)
"Peace at Home, Peace in the World" (अंग्रेजी)
"शांति घर पर, शांति दुनिया में"
राष्ट्रगान: İstiklâl Marşı

तुर्की की राजधानी का क्या नाम है? - turkee kee raajadhaanee ka kya naam hai?

राजधानी अंकारा
52°31′N 13°24′E / 52.517°N 13.400°E
सबसे बड़ा नगरइस्तांबुल
राजभाषा(एँ)तुर्की भाषा
धर्मइसलाम
निवासीतुर्कीश
सरकारगणराज्य
 -  राष्ट्रपति रिसेप तैयिप ईदोगान[1]
 -  प्रधानमंत्री बिन अली यलदरम
 -  विधानसभा अध्यक्ष मुस्तफा सेनटोप
विधान मण्डलतुर्की की ग्रैंड नेशनल असेंबली
राष्ट्रीय दिवस
 -  संसद का गठन 23 अप्रैल 1800 
 -  स्वतंत्रता की लड़ाई की शुरूआत 19 मई 1919 
 -  विजय दिवस 30 अगस्त 1922 
 -  गणराज्य की घोषणा 29 अक्टूबर 1923 
क्षेत्रफल
 -  कुल 780,580 km2 (36वां)
 -  जल (%) 1.3
जनसंख्या
 -  2005 जनगणना 73,193,000 (17वां 1)
 -  2016 जनगणना 77,844,903
सकल घरेलू उत्पाद (पीपीपी) 2016 प्राक्कलन
 -  कुल $1.665 trillion[2] (17th)
 -  प्रति व्यक्ति $21,198[2] (60th)
सकल घरेलू उत्पाद (सांकेतिक) 2016 प्राक्कलन
 -  कुल $751 billion[2] (18th)
 -  प्रति व्यक्ति $9,562 [2] (62nd)
गिनी (2013)
तुर्की की राजधानी का क्या नाम है? - turkee kee raajadhaanee ka kya naam hai?
 40.0[3]
मध्यम · 56th
मानव विकास सूचकांक (2014)
तुर्की की राजधानी का क्या नाम है? - turkee kee raajadhaanee ka kya naam hai?
 0.761[4]
उच्च · 72nd
मुद्रानई तुर्कीश लीरा2 (TRY)
समय मण्डलEET (यू॰टी॰सी॰+2)
 -  ग्रीष्मकालीन (दि॰ब॰स॰) CEST (यू॰टी॰सी॰+3)
दूरभाष कूट90
इंटरनेट टीएलडी.tr
जालस्थल
तुर्की का वेब पोर्टल
1. Population & Density ranks based on 2005 figures.
2. Since 1 January 2005, the New Turkish Lira (Yeni Türk Lirası) replaced the old Turkish Lira.

तुर्की (तुर्की भाषा: Türkiye उच्चारण: तुर्किया) यूरेशिया में स्थित एक देश है। इसकी राजधानी अंकारा है। इसकी मुख्य- और राजभाषा तुर्की भाषा है। ये संसार का अकेला मुस्लिम बहुमत वाला देश है जो कि धर्मनिर्पेक्ष है। ये एक लोकतान्त्रिक गणराज्य है। इसके एशियाई भाग को अनातोलिया और यूरोपीय अंश को थ्रेस कहते हैं।

स्थिति : 39 डिग्री उत्तरी अक्षांश तथा 36 डिग्री पूर्वी देशान्तर। इसका कुछ भाग यूरोप में तथा अधिकांश भाग एशिया में पड़ता है अत: इसे यूरोप एवं एशिया के बीच का 'पुल' कहा जाता है। इजीयन सागर (Aegean sea) के पतले जलखंड के बीच में आ जाने से इस पुल के दो भाग हो जाते हैं, जिन्हें साधारणतया यूरोपीय टर्की तथा एशियाई टर्की कहते हैं। टर्की के ये दोनों भाग बॉसपोरस के जलडमरूमध्य, मारमारा सागर तथा डारडनेल्ज द्वारा एक दूसरे से अलग होते हैं।

टर्की गणतंत्र का कुल क्षेत्रफल 2,96,185 वर्ग मील है जिसमें यूरोपीय टर्की (पूर्वी थ्रैस) का क्षेत्रफल 9,068 वर्ग मील तथा एशियाई टर्की (ऐनाटोलिआ) का क्षेत्रफल 2,87,117 वर्ग मील है। इसके अंतर्गत 451 दलदली स्थल तथा 3,256 खारे पानी की झीलें हैं। पूर्व में रूस और ईरान, दक्षिण की ओर इराक, सीरिया तथा भूमध्यसागर, पश्चिम में ग्रीस और बुल्गारिया और उत्तर में कालासागर इसकी राजनीतिक सीमा निर्धारित करते हैं।

यूरोपीय टर्की - त्रिभुजाकर प्रायद्वीपी प्रदेश है जिसका शीर्षक पूर्व में बॉसपोरस के मुहाने पर है। उसके उत्तर तथा दक्षिण दोनों ओर पर्वतश्रेणियाँ फैली हुई हैं। मध्य में निचला मैदान मिलता है जिसमें होकर मारीत्सा और इरजिन नदियाँ बहती हैं। इसी भाग से होकर इस्तैस्म्यूल का संबंध पश्चिमी देशों से है।

एशियाई टर्की - इसको हम तीन प्राकृतिक भागों में विभाजित कर सकते हैं: 1. उत्तर में काला सागर के तट पर पॉण्टस पर्वत, 2. मध्य में ऐनाटोलिया ओर आरमीनिया के निचले भाग, 3. दक्षिण में टॉरस एवं ऐंटिटॉरस पर्वत जो भूमध्यसागर के तट तक विस्तृत हैं।

दोनों समुद्रों के तट पर मैदान की पतली पट्टियाँ मिलती हैं। पश्चिम में इजीयन तथा मारमारा सागरों के तट पर अपेक्षाकृत कम ऊँची पहाड़ियाँ मिलती हैं, जिससे मध्य के पठार तक आवागमन सुगम हो जाता है। उत्तर से दक्षिण की ओर आने पर काला सागर के तट पर सँकरा मैदान मिलता है जिससे एक से लेकर दो मील तक ऊँची पॉण्टस पर्वतश्रेणियाँ एकाएक उठती हुई दृष्टिगोचर होती हैं। इन पर्वतश्रेणियों को पार करने पर ऐनाटोलिया का विस्तृत पठार मिलता है। इसके दक्षिण टॉरस की ऊँची पर्वतश्रेणियाँ फैली हुई है और दक्षिण जाने पर भूमध्यसागरीय तट का निचला मैदान मिलता है। एनाटोलिया पठार में टर्की का एक तिहाई भाग सम्मिलित है।

भूगोल[संपादित करें]

जलवायु एवं वनस्पति[संपादित करें]

जलवायु के विचार से टर्की दो प्रमुख भागों में विभाजित किया जा सकता है।

1. मैदानी भाग जहाँ की जलवायु भूमध्यसागरीय है और जहाँ जाड़े में करीब 20"" वर्षा होती है,

2. अर्धशुष्क पठारी भाग जिसकी अधिकतम वर्ष का औसत 10"" है।

समुद्रतटीय भागों की जलवायु ग्रीस से मिलती जुलती है जहाँ गर्मी प्राय: शुष्क रहती है और शीतकाल में वर्षा होती है। जाड़े के दिनों में इस क्षेत्र में शीतलहरी भी चलती है काला सागर के तट पर सबसे अधिक वर्षा होती है। पूर्व की ओर तो करीब 100"" वर्षा होती है। अत: ऊँचाई के अनुसार विभिन्न वनस्पतियाँ मिलती हैं। निचले मैदानी भाग में प्राय: छोटे छोटे पेड़ तथा झाड़ियाँ मिलती है, पठारी ढालों पर शीत कटिबंधीय पर्णपाती वन (deciduous forest) तथा 6,000 फुट की ऊँचाई तक कोनिफरस (coniferous) वन तथा और ऊँचाई पर घास के मैदान मिलते हैं।

ऐनाटोलिया के पठारी भाग की जलवायु दक्षिण पूर्वी रूस की जलवायु से मिलती जुलती है जहाँ जाड़े में उत्तर पूर्वी शीतल हवाएँ चलती हैं, जिनसे ताप कभी कभी शून्य अंश सेंटीग्रेड तक पहुँच जाता है। गर्मी में अधिक गर्मी पड़ती है तथा कभी कभी आँधी भी आती है। वर्षा 10"" से कम होती है। जाड़े में लगभग तीन महीनों तक बर्फ पड़ती रहती है। फलस्वरूप यह पेड़ों से रहित शुष्क घास का मैदान है। आरमीनिया का पहाड़ी भाग और भी ठंडा है जहाँ जाड़े की ऋतु छह महीनें की होती है। इसीलिए लोग इस भाग को "टर्की का साइवीरिया" कहते हैं।

मिट्टी[संपादित करें]

टर्की के अधिकांश भाग में मिट्टी की गहराई कम मिलती है। मिट्टी का अधिक भाग कटकर निकल गया है। घास के मैदानों में अधिक चरागाही के कारण मिट्टी का कटाव अधिक हुआ है। कुछ स्थलों पर जंगलों के कट जाने से भी मिट्टी का कटाव अधिक हुआ है।

उद्यम[संपादित करें]

एशियाई टर्की का मुख्य उद्यम कृषि एवं चरागाही हैं। गेहूँ मुख्य फसल है, जो कृष्य भूमि के 45 प्रतिशत भाग में उपजाया जाता है। इसके आधे भाग में जौ उपजाया जाता है। तीन प्रतिशत भाग में कपास तथा एक प्रतिशत भाग में तंबाकू की खेती होती है।

यहाँ से निर्यात होनेवाली वस्तुओं में गेहूँ, ऊन, तंबाकू, अंजीर तथा किशमिश मुख्य हैं।

यहाँ के मुख्य खनिज पदार्थ कोयला, लिग्नाइट, लोहा, ताँबा, मैंगनीज, सीसा, जस्ता, क्रोम तथा एमरी हैं; किंतु लिग्नाइट, लोहा तथा क्रोम का अत्यधिक उत्पादन होता है।

प्राकृतिक विभाग[संपादित करें]

टर्की को भौगोलिक दृष्टि से पाँच मुख्य भागों में विभाजित किया जा सकता है:

  • 1. मारमारा का निचला भाग,
  • 2. काला सागर का समुद्रतट,
  • 3. भूमध्यसागर का तटीय भाग,
  • 4. ऐनाटोलिया पठार और
  • 5. आरमीनियन पर्वतीय भाग।
मारमारा का निचला मैदान -

पश्चिम में डारडनेल्ज और पूर्व से बाँसपोरस के जलडमरूमध्य के बीच में स्थित मारमारा समुद्र यूरोप और एशिया के बीच की सीमा निर्धारित करता है। उत्तर की ओर यूरोप में थ्रैस का मैदान तथा दक्षिण की ओर ट्रॉय, वरसा और विथुनिया के मैदान मिलते हैं। वार्षिक वर्ष 120"" के निकट है। गेहूँ, जौ, जई, जैतून, अंगूर तथा तंबाकू उपजाई जाती है। जैतून इस देश के लिये बहुत महत्वपूर्ण वस्तु है। इसका उपयोग मक्खन के अभाव में होता है। इस क्षेत्र में 750 फुट से निचले स्थलों में कृषि मुख्य उद्यम है। खेती करने कराने का ढंग बड़ा पुराना है, भारतीय देशी हल की भाँति के हल का उपयोग होता है, पर लोहे के हल का उपयोग बढ़ता जा रहा है।

इस्तैम्बूल टर्की का सबसे बड़ा नगर है। यह बॉसपोरस जलडमरूमध्य के दक्षिण ओर एक पहाड़ी पर स्थित है। यहाँ की "गोल्डेन हार्न" नामक लंबी खाड़ी के कारण यह अच्छा बंदरगाह भी हो गया है। जलडमरूमध्य कहीं भी पाँच मील से अधिक चौड़ा नहीं है, कुछ स्थल पर इसकी चौड़ाई आधा मील ही है।

कालासागर का समुद्रतट -

यहाँ का समुद्रतट कम समतल है और पर्वतीय भाग दक्षिण की ओर एकाएक ऊपर उठते हैं। अत: यहाँ बंदरगाहों का निर्माण बहुत कम हो पाया है। बस्तियाँ इसी सँकरे भाग तक ही सीमित हैं। वर्षा की अधिकता के कारण जंगली क्षेत्र अधिक हैं, जिनमें चेस्टनट वृक्ष मुख्य हैं। लकड़ी का काम यहाँ का मुख्य उद्यम है। तंबाकू दूसरी निर्यात की वस्तु है। दक्षिण की ओर पॉण्टस का पहाड़ी भाग पूर्व से पश्चिम की ओर फैला हुआ है। इसका अधिकतर भाग जंगली तथा घास का मैदान है। भीतरी भाग में जहाँ की ऊँचाई 3,000 फुट से लेकर 6,000 फुट तक है, अर्धमरुस्थलीय वातावरण मिलता है। यहाँ जनसंख्या भी विरल है। पूर्व की ओर कुछ कोयला क्षेत्र है, जिसका प्रति वर्ष उत्पादन 30 लाख मीट्रिक टन है।

भूमध्यसागरीय तट -

टर्की का पूर्वी तथा पश्चिमी निचला मैदान कृषि के विचार से अधिक महत्वपूर्ण है। भूमध्यसागरीय जलवायु होने के कारण यहाँ तीन से लेकर छह महीने तक गर्मी की शुष्क ऋतु होती है और जाड़े में करीब 20"" वर्षा होती हैं। इजीयन सागर के तट पर बस्तियाँ बड़ी घनी हैं। अनेक धँसी हुई घाटियों में मिट्टी का पूर्णत: अथवा आंशिक जमाव हो गया है जिससे खेती के लिए उपजाऊ मैदान निर्मित हो गए हैं। यहाँ के तीन मैदानी भाग अधिक महत्वपूर्ण हैं। प्रथम पश्चिम में इजमिर के पीछे, मध्य में अंटालया के आसपास पंफीलियन का मैदान तथा उत्तर-पूर्व कें काने पर अदागा के पास सिलीसियन का मैदान है। यहीं पर एक बीहड़ दर्रे से होकर बगदाद रेलवे जाती है।

गेहूँ तथा जौ मुख्य फसलें हैं। कपास हर एक मैदानी भाग में होती है, विशेषकर सिलीसियन के मैदान में। इजमिर के आसपास अंगूर, किचामिश, जैतून, अंजीर तथा अफीम अधिक होती है। टॉरस पर्वतमालाएँ जंगलों से ढकी हैं परंतु वृक्ष 8,500 फुट की ऊँचाई तक ही सीमित हैं। पहाड़ों पर बर्फ अधिक पड़ती है।

ऐनाटोलिया का पठार -

इसकी ऊँचाई पश्चिम में 2,000 फुट तक और पूर्व में 4,000 फुट तक है। यह 10,000 फुट से भी अधिक ऊँचे टॉरस और पॉण्टस पर्वतमालाओं से घिरा हुआ है। टर्की का भीतरी भाग ऊँचे बेसिन की भाँति है। जहाँ तहाँ ऊँचे पहाड़ भी मिलते हैं। अधिकांश भाग का जलप्रवाह भीतर की ओर है और नदियाँ या तो झीलों में गिरती हैं अथवा नमकीन निचले दलदलों में लुप्त हो जाती हैं। परंतु कुछ नदियाँ पर्वतों को काटती और गुफाएँ निर्मित करती हुई बहती हैं। चारों तरु ऊँचे पर्वतों से घिरे रहने के कारण यह भाग जाड़े तथा गर्मी दोनों मौसमों में भापभरी हवाओं से साधारणतया वंचित रहने के कारण शुष्क रहता है, वार्षिक वर्ष का औसत लगभग 10"" है। जाड़े में भूमि कभी कभी बर्फ से ढक जाती है। गर्मी में गरम तथा तेज हवाएँ चलती हैं। अत: शुष्क प्रदेशों में मिट्टी हट गई है ओर मरुस्थलीय कंकड़ों का उभार हो गया है। इस अर्धशुष्क घास के मैदानों में भेड़ बकरियाँ पाली जाती हैं। दूध दही का समावेश यहाँ के भोजन में अधिक होता है। ऊन तथा ऊनी कंबल तैयार करना मुख्य पेशा है। अंगोरा से उनका निर्यात होता है। गर्मी के दिनों में गड़ेरिए अपने जानवरों के साथ पहाड़ों पर चले जाते हैं और अन्य मौसम में मैदानी भाग में उतर आते हैं। जहाँ सिंचाई के साधन उपलब्ध हैं वहाँ गेहूँ की खेती होती है। इस पठार में टर्की की एक तिहाई जनसंख्या रहती है। ऐनाटोलिया का यह पठारी भाग तुर्क ो का मुख्य स्थान है। टर्की की राजधानी अंकारा इसी भाग में स्थित है।

आरमीनिया का पहाड़ी भाग -

टर्की के पूर्व में पॉण्टस तथा टॉरस पर्वतश्रेणियाँ मिलकर आरमीनिया के पहाड़ी भाग का निर्माण करती हैं। यहीं से दजला और फरात नदियाँ निकलती हैं। उत्तर और दक्षिण की ओर से पहाड़ी श्रेणियाँ मध्य के पठार को घेरती हैं। दक्षिण की ओर टॉरस की क्षेणी कुर्दिस्तान तथा उत्तर की ओर पॉण्टस की श्रेणी कारावाग, इस भाग को घेरे हुए हैं। ज्वालामुखी पर्वत तथा लाबा के विस्तार से धरातल और भी ऊँचा नीचा हो गया है। ऊँचाई के कारण यह भाग अधिक ठंडा रहता है और बहुत से दरें वर्ष में करीब आठ महीने तक बर्फ से ढके रहते हैं। पूर्व की ओर अरादार ज्वालामुखी पर्वत (19,916 फुट) टर्की, ईरान और रूस की सीमा पर स्थित है। कृषि की अपेक्षा चरागाही इस क्षेत्र में अधिक महत्वपूर्ण है।

निवासी एवं भाषा[संपादित करें]

टर्की के अधिकांश मनुष्य तुर्क जाति के हैं। इनके अतिरिक्त कॉकेशियन, आरमीनियन, जार्जियन, कुर्द, अरब तुर्कमान,और अरब अल अंसार जातियाँ भी टर्की में पाई जाती हैं।

इतिहास[संपादित करें]

तुर्की एक ऐसा क्षेत्र है जहाँ मानव-जातियों के स्थानान्तरण तथा संघर्ष की प्रंमुखता रही है। ईसा से पूर्व यूनानी (आर्य) जातियों का बसाव और फिर स्थानान्तरण तथा ईसा के बाद सन् 800-1400 तक तुर्क जाति का प्रादुर्भाव इस भौगोलिक क्षेत्र की इतिहास की प्रमुख लिखित घटना है।

होमर के ओडिसी में वर्णित ट्राय की लड़ाई तुर्की के पश्चिमी तट पर ट्रॉय के वासियों तथा यूनानी द्वीपों पर बसे साम्राज्यों के बीच हुई थी। इसका काल सन् 1200 ईसा पूर्व के आसपास माना जाता है। इसके पूर्व यही तट हिट्टी तथा फिनिक साम्राज्यों का भी स्थान रहा था। सन् 530 ईसापूर्व में ईरान के फ़ारसी साम्राज्य के अंतर्गत आया जो कई सालों तक यूनानियों द्वारा संघर्ष के कारण ग्रीक और ईरानी साम्राज्यों में बंटा रहा। सन् 330 ईसापूर्व में सिकंदर जब पूर्व की ओर विजय अभियान पर निकला तो यह प्रदेश भी यूनानी (मेसीडोनी) साम्राज्य के अंदर आ गया। सन् 24 के बाद से यह रोमन साम्राज्य का अंग बना रहा। सासानी और बाद में तुर्क जातियों के संगठनों ने पूर्वी रोमन साम्राज्य पर हमला कर इसके कई क्षेत्रों पर अधिकार बना लिया। तुर्क लोग धीरे-धीरे नौवीं सदी में इस क्षेत्र में बसते गए। सासानी साम्राज्य के अंत (सन् 635) के बाद पूर्वी तथा दक्षिणी तुर्की में इस्लाम का प्रचार हुआ। औगुज, सल्जूक़ और उस्मानी तुर्क सुन्नी इस्लाम में परिवर्तित हो गए।

उस्मानी काल[संपादित करें]

उस्मानी तुर्कों ने रोमन राजधानी इस्तांबुल पर भी अधिकार करने के कई प्रयास किए। सन् 1453 में वे इस्तांबुल को स्थाई रूप से विजयी करने में कामयाब रहे। इसके बाद इस्तांबुल एक मजबूत तुर्क साम्राज्य का केन्द्र बना जो सोलहवीं सदी में हंगरी से लेकर अरब देशों तक फैल गया। इस साम्राज्य ने यूरोप तथा ईरान के सफ़वियों से कई लड़ाईयाँ लड़ी। ईरानी शासकों ने बारुद का प्रयोग तुर्कों से ही सीखा - जिसके बाद बाबर जैसे आक्रांता (सफ़वी मदद लेकर) भारत पर बारुदी तोपों से लैश सेना लेकर आक्रमण कर सका। उस्मानी शासकों ने सोलहवीं सदी में मक्का और मदीना पर भी अधिकार कर लिया जिसकी वजह से वो इस्लाम के ख़लीफ़ा (प्रमुख) भी बन गए। लेकिन उत्तर और पूर्व के रूसी तथा दक्षिण-पूर्व के सफ़वी (ईरानी, शिया) शासकों से उनकी लड़ाई होती रही। ईरानी शासकों को तो उन्होंने उत्तर में बढ़ने से रोक दिया पर रूसियों के साथ क्रीमिया के युद्ध में (1853-54) में उन्हें हार का मुँह देखना पड़ा।

आधुनिक काल[संपादित करें]

प्रथम विश्वयुद्ध में उस्मानी तुर्क जर्मनों के साथ थे। जर्मनों की हार और अरब में अंग्रेजों द्वारा खदेड़ दिए जाने के बाद उस्मानी साम्राज्य का अंत हो गया। इसके बाद मुस्तफ़ा कमाल पाशा ने लोकतंत्र का प्रचार और धर्मनिरपेक्ष प्रणाली की वकालत की जिसके फलस्वरूप तुर्की एक धर्मनिरपेक्ष देश बना। अरबी लिपि को त्याग कर यूरोपीय रोमन आधारित लिपि को अपनाया गया और शासन को धर्म से अलग किया गया।

एक दृष्टि में तुर्की का आधुनिक इतिहास
  • तुर्की को "यूरोप का मरीज" कहा जाता था।
  • युवा तुर्क आन्दोलन की शुरुआत अब्दुल हमीद द्वितीय के शासनकाल में 1908 ई. में हुई। पान इस्लामिज्म का नारा अब्दुल हमीद द्वितीय ने दिया था।
  • प्रथम विश्वयुद्ध के बाद 10 अगस्त, 1920 ई. को तुर्की के साथ भीषण अपमानजनक सेब्र की संधि की गयी। मुस्तफा कमाल पाशा ने इसे मानने से इनकार कर दिया।
  • आधुनिक तुर्की का निर्माता मुस्तफा कमाल पाशा को माना जाता है। इसे ‘अतातुर्क’ (तुर्की का पिता) के उपनाम से भी जाना जाता है।
  • तुर्की में एकता और प्रगति समिति का गठन 1889 ई. में हुआ । प्रारम्भ में कमाल पाशा एकता और प्रगति समिति के प्रभाव में आया।
  • एक सेनापति के रूप में कमाल पाशा ने गल्लीपोती युद्ध में शानदार सफलता हासिल की। इसके बाद 1919 ई. में कमाल पाशा ने सैनिक पद से इस्तीफा दे दिया।
  • 1919 ई. के अखिल तुर्क काँग्रेस के प्रथम अधिवेशन की अध्यक्षता मुस्तफा कमाल पाशा ने की। 1923 ई. में तुर्की एवं यूनान के बीच में लोजान की संधि हुई।
  • 23 अक्टूबर, 1923 ई. को तुर्की गणतंत्र की घोषणा हुई।
  • 20 अप्रैल, 1924 ई. को तुर्की में नये संविधान की घोषणा हुई। तुर्की के नये गणतंत्र का राष्ट्रपति मुस्तफा कमाल पाशा बने। मुस्तफा कमाल पाशा द्वारा किये गये महत्वपूर्ण कार्य निम्न हैं :
1924 ई. में तुर्की को धर्मनिरपेक्ष राज्य की घोषणा।कमाल पाशा ने तुर्की में 3 मार्च, 1924 ई. को खिलाफत को समाप्त कर दिया।ग्रेगोरियन कैलेडर का प्रचलन (26 दिसम्बर, 1925 ई. से लागू)।25 नवम्बर, 1925 ई. को तुर्की में टोपी और औरतों को बुरका पहनने पर कानूनी प्रतिबंध लगाया गया।1932 ई. में तुर्की भाषा परिषद की स्थापना।1933 ई. में तुर्की में प्रथम पंचवर्षीय योजना का लागू होना।इस्ताम्बुल में एक मेडिकल कॉलेज की स्थापना।1938 ई. में कमाल पाशा की मृत्यु हो गयी।

विभाग[संपादित करें]

तुर्की की राजधानी और दूसरे सबसे बड़े शहर इस्तांबुल में है। सबसे बड़ा और सबसे अधिक भीड़ शहर इस्तांबुल जो दुनिया के दो अलग-अलग महाद्वीपों पर भूमि है, में केवल शहर है। तीसरा सबसे बड़ा शहर इस्तांबुल के तटीय शहर है जो देश के मुख्य बंदरगाह है। तुर्की में 81 प्रांतों में बांटा गया है। प्रत्येक प्रांत अपने खुद के छोटे सरकार है, लेकिन वे केवल छोटी-छोटी बातों के बारे में निर्णय लेने के लिए कर सकते हैं: अंकारा में सरकार महत्वपूर्ण मुद्दों का फैसला किया। प्रांतों 7 क्षेत्रों में हैं। प्रत्येक प्रांत जिलों में बांटा गया है। वहाँ 923 जिलों को पूरी तरह से कर रहे हैं।

तुर्की को 81 राज्यों में बांटा गया है। इनको व्यवस्था और ख़ासकर जनगणना में सहुलियत के लिए 7 प्रदेशों में बाँटा गया है। हालांकि इन प्रदेशों का प्रशासनिक तौर पर कोई महत्व नहीं है।

तुर्की की राजधानी का क्या नाम है? - turkee kee raajadhaanee ka kya naam hai?

    एजियन क्षेत्र
    1. अफ्योंकरहिसार
    2. ऐदिन
    3. देनिज़ली
    4. इज़मिर
    5. कुटहया
    6. मनिसा
    7. मुग्ला
    8. उशाक
काला सागर क्षेत्र
  1. अमास्या
  2. अर्तविन
  3. बेबर्त
  4. कोरुम
  5. गिरेसुन
  6. गुमुशाने
  7. ओर्दु
  8. रिज़े
  9. सम्सुन
  10. सिनोप
  11. तोकात
  12. त्राब्जोन
  13. बार्तिन
  14. बोलू
  15. दुज्के
  16. काराबुक
  17. कस्तमोनू
  18. ज़ोंगुलडक
मध्य अनातोलियाई क्षेत्र
  1. अक्साराय
  2. अंकारा
  3. शांकिरि
  4. एस्किसेहर
  5. कारमान
  6. कायसेरी
  7. किरिक्काले
  8. किरसेहर
  9. कोन्या
  10. नवसेहर
  11. निगडे
  12. सिवास
  13. योज़्गत
पूर्वी अनातोलिया
  1. अग्री
  2. अर्दहान
  3. बिंगोल
  4. बितलिस
  5. एलाज़िग
  6. एर्ज़िंकान
  7. एर्ज़ुरम
  8. हक्कारी
  9. इग्दीर
  10. कार्स
  11. मलात्या
  12. मुस
  13. तुन्सेली
  14. वान
मारमरा क्षेत्र
  1. बालिकेसिर
  2. बिलेसिक
  3. बुरसा
  4. चानकले
  5. एदिर्ने
  6. इस्ताम्बुल
  7. किरक्लालेरी
  8. कोकाएली
  9. साकर्या
  10. तेकिरडाग
  11. येलोवा
भूमध्य सागरीय क्षेत्र
  1. अदन
  2. अन्ताल्या
  3. बुरदुर
  4. हताय (सीरिया के साथ विवदित)
  5. इस्पार्टा
  6. कड़ांमनास
  7. मर्सिन
  8. ओस्मानिये
  9. अदियमान
  10. बतमान
  11. दियारबकिर
  12. गज़ियान्तेप
  13. किलिस
  14. मर्दिन
  15. सनलिउर्फ़
  16. सीइर्त
  17. सिरनाक

अर्थव्यवस्था[संपादित करें]

तुर्की ओईसीडी और जी -20 में है, और 20 सबसे अमीर देशों में से एक है। तुर्की की मुद्रा को लीरा मुद्रा कहा जाता है। सबसे पहले सिक्के तुर्की में इस्तेमाल किए गए थे।

1970 के दशक में, कई तुर्क, अन्य देशों में ले जाया जर्मनी की तरह, समय पर बुरा अर्थव्यवस्था से बचने के लिए और बेहतर रोजगार पाने के लिए। वे अक्सर अपनी गर्मी की छुट्टियों के लिए वापस सफर के लिए आते हैं। आज, लोग हैं, जो 1970 के दशक में छोड़ के कई सफर के लिए वापस ले जाना चाहते हैं।

1980 के दशक तक सरकार ज्यादातर कंपनियों के स्वामित्व में थी लेकिन तत्कालीन प्रधानमंत्री तुर्गुत ओज़ाल उन्हें बेच दिया। इससे पहले, आमतौरपर विदेशियों कम्पनियों को, भूमि या संपत्ति खरीदने के लिए अनुमति नहीं थी। 1994, 1999, और 2001 में भूकंप के बाद तुर्की का आर्थिक विकास धीमा हो गया

तुर्की ज्यादातर खरीदता है और यूरोपीय संघ, संयुक्त राज्य अमेरिका, रूस और जापान के साथ बेचता है। तुर्की और यूरोपीय संघ के लिए वे क्या खरीदने के लिए और एक-दूसरे को बेचने पर टैक्स का एक बहुत डाल करने के लिए सहमत नहीं। उसके बाद यह आसान तुर्की कारखानों यूरोपीय संघ के लिए और यूरोपीय संघ में व्यापार लोगों के लिए उत्पादों को बेचने के लिए तुर्की में कंपनियों को खरीदने के लिए किया गया था।

2010 में तुर्की का निर्यात 117 अरब अमेरिकी डालर था

तुर्की में कोई पेट्रोलियम या प्राकृतिक गैस उत्पादन प्लांट नहीं है, इसलिए यह उसे रुस जैसे अन्य देशों से खरीदता है। 2010 में, तेल दियारबाकिर के तुर्की शहर में पाया गया था, लेकिन वहाँ पर्याप्त मात्रा में तेल निकालने के लिए नहीं था। तुर्की उत्तरी तुर्की साइप्रस में प्राकृतिक गैस की खोज कर रहा है।

संस्कृति[संपादित करें]

भाषा[संपादित करें]

तुर्की में ज्यादातर लोग तुर्की भाषा बोलते हैं। यह तुर्की भाषा समूह है, जो भी कई अन्य ऐसे अज़रबैजानी और तातारी के रूप में एशिया भर में बोली जाने वाली भाषाओं में शामिल हैं, के अंतर्गत आता है। तुर्की भाषा मध्य एशिया से आया है, लेकिन अब यह मध्य एशिया में बोली जाने वाली भाषाओं से थोड़ा अलग है।

तुर्की में भी अल्पसंख्यकों जैसे अरबी, कुर्द, अर्मेनियाई, यूनानी या लादीनो, और कई दूसरों के रूप में जो भाषाओं में बात कर रहे हैं।

युवा वयस्कों के कई लोग भी अंग्रेजी, जो मध्यम और उच्च विद्यालय के दौरान सिखाया जाता है बात कर सकते हैं।

जीवन शैली[संपादित करें]

तुर्की में एक आधुनिक संस्कृति है। तुर्क के जीवन शैली गोरों के समान है। तुर्की संस्कृति पश्चिमी देशों और आधुनिक इस्लामी संस्कृति के बीच एक अंतर है।

तुर्की के विभिन्न भागों समान नहीं बल्कि वास्तव में एक ही जीवन शैली है। पश्चिम, दक्षिण पश्चिम और उत्तर पश्चिम में जीवन शैली और अधिक आधुनिक है। उस क्षेत्र में रहने वाले लोगों को आधुनिक लहजे है। दक्षिणी तुर्की में भी एक आधुनिक जीवन शैली है लेकिन तुर्क भूमध्य द्वारा रहने वाले पश्चिमी तुर्की से, दक्षिणी बहुत मोटा है, और अधिक मर्दाना लहजे है। उत्तरी, काला सागर से नरम लहजे और भी आधुनिक जीवन शैली है। पूर्वी और दक्षिण पूर्वी तुर्की ज्यादातर कुर्दों से बना है। वे आम तौर पर कम आधुनिक और अधिक इस्लामी जीवन शैली है।

तुर्की में अमीर शहरों इस्तांबुल, इज़्मिर, अंकारा, इस्तांबुल (भी Icel रूप में जाना जाता है), और इस्तांबुल में शामिल हैं।

बहुसंख्यक और अल्पसंख्यक समाज[संपादित करें]

तुर्की के बहुमत तुर्क से बना है। सबसे बड़ा अल्पसंख्यक कुर्द लोग है। कुर्दों दक्षिण पूर्वी और पूर्वी तुर्की में ज्यादातर रहते हैं और गरीब वित्तीय स्थितियों की है। दूसरा सबसे बड़ा अल्पसंख्यक अरामियोंको हैं।

शिक्षा[संपादित करें]

मुख्य | तुर्की में शिक्षा

तुर्की के साक्षरता दर वर्तमान में 95% है। तुर्की के लोगों में 12 साल के लिए स्कूल जाने के लिए आवश्यक हैं।

इस्तांबुल विश्वविद्यालय तुर्की में पहला विश्वविद्यालय था। यह 1453. में स्थापित किया गया था अंकारा विश्वविद्यालय पहला विश्वविद्यालय है कि उसके बाद तुर्की एक गणतंत्र बन शुरू कर दिया गया था। यह 1946 में स्थापित किया गया था।

वहाँ राष्ट्रीय शिक्षा मंत्रालय के अनुसार 2002 में तुर्की में 6065 उच्च विद्यालयों थे। 2011 की स्थिति अनुसार तुर्की में कुल 166 विश्वविद्यालयों थे [5]

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. "राष्‍ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी ने तुर्की के प्रधानमंत्री को राष्‍ट्रपति चुने जाने की बधाई दी". पत्र सूचना कार्यालय, भारत सरकार. 25 अगस्त 2014. मूल से 2 अप्रैल 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 26 अगस्त 2014.
  2. ↑ अ आ इ ई "Report for Selected Countries and Subjects". IMF World Economic Outlook Database, April 2016. 24 April 2016. मूल से 22 नवंबर 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 24 April 2016.
  3. "Gini Coefficient by Equivalised Household Disposable Income". Turkstat. मूल से 20 मई 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 16 May 2015.
  4. "2015 Human Development Report" (PDF). 15 December 2015. मूल से 19 मार्च 2016 को पुरालेखित (PDF). अभिगमन तिथि 15 December 2015.
  5. University numbers on the rise in Turkey Archived 2016-09-05 at the Wayback Machine (Hürriyet Daily News, 4 September 2011)

तुर्की किसकी राजधानी है?

तुर्की (तुर्की भाषा: Türkiye उच्चारण: तुर्किया) यूरेशिया में स्थित एक देश है। इसकी राजधानी अंकारा है।

तुर्की देश में कितने राज्य हैं?

तुर्की को 81 राज्यों में बांटा गया है। इनको व्यवस्था और ख़ासकर जनगणना में सहुलियत के लिए 7 प्रदेशों में बाँटा गया है। हालांकि इन प्रदेशों का प्रशासनिक तौर पर कोई महत्व नहीं है।

तुर्की देश का दूसरा नाम क्या है?

Turkey Name Change Turkiye: तुर्की का नाम बदलकर तुर्किये कर दिया गया है। राष्ट्रपति एर्दोगन ने कहा कि तुर्किये शब्द तुर्की राष्ट्र की संस्कृति, सभ्यता और मूल्यों को बेहतरीन तरीके से दर्शाता है। इससे पहले भी दुनिया में कई देशों ने अपने नाम को बदला है। उनमें यूनाइटेड किंगडम, नीदरलैंड, ईरान और उत्तरी मैसेडोनिया शामिल हैं।

तुर्की की राजधानी कब बनी थी?

28 मार्च 1930 को तुर्की के कई शहरों का नाम बदला गया था जिनमें से राजधानी का नाम 'अंगोरा' से अंकारा और 'कॉन्सटानिनोपल' का नाम 'इस्तांबुल' कर दिया गया था। ऑटोमन साम्राज्य के विघटन के बाद 1923 में इस्तांबुल की जगह तुर्की की राजधानी अंकारा बनी थी