ट्रेन में D2 का मतलब क्या होता है? - tren mein d2 ka matalab kya hota hai?

नई दिल्ली, जेएनएन। रेलवे के सफर जितना मजेदार है, टिकट बुक करना उतना मुश्किल काम है। छठ और दीपावली जैसे त्योहारों के समय कन्फर्म टिकट मिलना मुश्किल हो जाता है। ऐसे में जब वेटिंग टिकट मिलता है, तो आप लगतार चेक करते हैं कि फिलहाल टिकट किस स्थिति में है। इसके लिए हम टिकट पर दर्ज पीएनआर नंबर का इस्तेमाल कर स्टेट्स चेक करते हैं। जब हम स्टेट्स चेक करते हैं, तब उस पर कई तरह शॉर्ट वर्ड लिखे होते हैं, जैसे - WL, CNF, CAN, RAC। आपको पता इन शब्दों का मतलब क्या है? हम आपको बताते हैं...

RAC- RAC का फुल फॉर्म होता है Reservation Against Cancellation। इसमें दो यात्री को यात्रा करने के लिए एक बर्थ दी जाती है। ऐसा उस स्थिति में किया जाता है, जब किसी ने अपना टिकट कैंसिल किया हो।

CNF- इसका मतलब है कि यात्री टिकट कन्फर्म है।

CAN- इसका मतलब है कि यात्री ने टिकट रद कर दिया है।

WL- इसका मतलब कि यात्री ने टिकट बुक किया है, लेकिन वह बोर्डिंग नहीं कर सकता। यात्री ट्रेन चलने से 30 मिनट पहले तक वेटिंग लिस्ट टिकट रद कर सकता है। अगर टिकट कन्फर्म नहीं हुआ, तो वह अपने आप कैंसिल हो जाता है।

GNWL- सामान्य श्रेणी का टिकट किसी दूसरे यात्री के टिकट रद करने के बाद कन्फर्म हुआ है।

TQWL- TQWL का तात्पर्य तत्काल वेटलिस्ट से है। जब कोई यात्री तत्काल बुकिंग करता है और उसे प्रतीक्षा सूची में डाला जाता है। इसे TQWL के रूप में दिखाया जाता है। इस टिकट की कन्फर्म होने की संभावना कम होती है।

PQWL - पूल्ड कोटा वेटलिस्ट के तहत मध्यवर्ती स्टेशनों के बीच यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए अलग वेटलिस्ट बनाई जाती है, जो सामान्य वेटलिस्ट से होती है।

RLWL - रिमोट लोकेशन वेटलिस्ट के कन्फर्म होने की संभावना अधित होती है। छोटे स्टेशनों में सीटों का अलग कोटा होता है और RLWL का दर्जा दिया जाता है।

RSWL - एक स्टेशन स्फेसिक वेटलिस्ट को रोड-साइड वेटलिस्ट कहा जाता है।

NR - NR का अर्थ है 'नो रूम' और NR टिकट के साथ आगे बुकिंग की अनुमति नहीं होती है।

NOSB - NOSB का मतलब है नो सीट बर्थ । 12 साल से कम उम्र के बच्चे किराया देते हैं और उन्हें सीटें आवंटित नहीं की जाती हैं। ऐसे में उनका पीएनआर स्टेटस NOSB - नो सीट बर्थ दिखता है।

REL- आरईएल का मतलब है स्टैंड फॉर रिलीज

WEBCAM - इस का मतलब यह एक रेलवे काउंटर टिकट है, जिसे किसी यात्री ने इंटरनेट पर रद्द किया है और उसे रिफंड नहीं मिला है।

WEBCANRF- इस का मतलब यह एक रेलवे काउंटर टिकट है, जिसे किसी यात्री ने इंटरनेट पर रद्द किया है और उसे रिफंड मिला है।

सेकंड सीटिंग कोच सबसे निचले वर्ग के कोच होते हैं। इसमें यात्रियों के लिए केवल बैठने के लिए सीटे होती है एक बर्थ पर 3 यात्री बैठते हैं। इसमें LHB कोच में बैठने के लिए 108 सीटें होती हैं।

Second Seating LHB Layout

123   456121110   987131415   161718242322   212019252627   282930363534   333231373839   404142484746   454443495051   525354605958   575655616263   646566727170   696867737475   767778848382   818079858687   888990969594   939291979899   100101102108107106   105104103

2S
Second Sitting
सेकंड सिटींग

Aisle
गलियारा

Middle
मध्य

Window
खिड़की

भारत में ट्रेन से हर दिन लाखों लोग यात्रा करते हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि आपके रिजर्वेशन टिकट या ट्रेन के कोच पर लिखे 5 अंकों के नंबर से आप ट्रेन से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण जानकारियां पा सकते हैं। ट्रेन किस जोन और डिविजन की है, ट्रेन की कैटिगरी क्या है, ये सारी बातें आपको उस 5 अंकों के नंबर से पता लग सकती हैं। जानिए ट्रेन नंबर का पूरा गणित...

ट्रेन नंबर का पहला अंक ट्रेन की कैटिगरी बताता है, समझिए:

0 नंबर- स्पेशल ट्रेन
1 नंबर- लंबी दूरी की ट्रेन
2 नंबर- सुपरफास्ट
3 नंबर- यह कोलकाता सब अर्बन ट्रेन के बारे में बताता है।
4 नंबर- यह चेन्नै, नई दिल्ली जैसे अन्य मेट्रोपॉलिटन शहर को दर्शाता है।
5 नंबर- कन्वेंशनल कोच वाली पैसेंजर ट्रेन।
6 नंबर- मेमू ट्रेन।
7 नंबर- यह डूएमयू और रेलकार सर्विस के लिए होता है।
8 नंबर- यह मौजूदा आरक्षित स्थिति के बारे में बताता है।
9 नंबर- यह मुंबई क्षेत्र की सब-अर्बन ट्रेन के बारे में बताता है।

ट्रेन नंबर के अन्य अंकों का मतलब
ट्रेन नंबर के दूसरे और उसके बाद के अंकों का मतलब उसके पहले अंक के अनुसार ही तय होता है। किसी ट्रेन का पहला अंक 0, 1 और 2 है तो बाकी के चार अंक रेलवे जोन और डिवीजन को बतलाते हैं। जानिए किस जोन का क्या है नंबर।
0 नंबर- कोंकण रेलवे
1 नंबर- सेंट्रल रेलवे, वेस्ट-सेंट्रल रेलवे, नॉर्थ सेंट्रल रेलवे
2 नंबर- सुपरफास्ट, शताब्दी, जन शताब्दी तो दर्शाता है। इन ट्रेन के अगले डिजिट जोन कोड को दर्शाते हैं।
3 नंबर- ईस्टर्न रेलवे और ईस्ट सेंट्रल रेलवे
4 नंबर- नॉर्थ रेलवे, नॉर्थ सेंट्रल रेलवे, नॉर्थ वेस्टर्न रेलवे
5 नंबर- नैशनल ईस्टर्न रेलवे, नॉर्थ ईस्ट फ्रंटियर रेलवे
6 नंबर- सदर्न रेलवे और सदर्न वेस्टर्न रेलवे
7 नंबर- सदर्न सेंट्रल रेलवे और सदर्न वेस्टर्न रेलवे
8 नंबर- सदर्न ईस्टर्न रेलवे और ईस्ट कोस्टल रेलवे
9 नंबर- वेस्टर्न रेलवे, नार्थ वेस्टर्न रेलवे और वेस्टर्न सेंट्रल रेलवे

ट्रेन में D2 का मतलब क्या होता है? - tren mein d2 ka matalab kya hota hai?

गरीबरथ एक्सप्रेस (फाइल फोटो)

यह है ट्रेन नंबर को समझने का तरीका
मान लीजिए गाड़ी का नंबर 12114
1- आपकी ट्रेन लंबी दूरी की है।
2- आपकी ट्रेन सुपरफास्ट है।
1- सेंट्रल रेलवे, वेस्ट-सेंट्रल रेलवे, नॉर्थ सेंट्रल रेलवे में से कहीं की है।
14 अप गाड़ी का नंबर है। इसी तरह वापसी में इस गाड़ी का नंबर 13 हो जाएगा।

ट्रैन में D1 D2 कोच क्या है?

D1 D2 Coach kya hai आम भाषा में समझने के लिए इसे ऐसे समझिए की पहले जो अनारछित (unreserved general) कोच हुआ करते थे ये वही कोच है। बस अब अंतर इतना है की अब इनमें जितनी सीटें है (आम तौर पर 90 से 100 सीटें हुआ करती है) उतने ही यात्री सफर कर पाएंगे।

ट्रेन में 2S सीट का क्या मतलब है?

सेकंड सीटिंग कोच सबसे निचले वर्ग के कोच होते हैं। इसमें यात्रियों के लिए केवल बैठने के लिए सीटे होती है एक बर्थ पर 3 यात्री बैठते हैं। इसमें LHB कोच में बैठने के लिए 108 सीटें होती हैं।

ट्रेन में D3 का मतलब क्या होता है?

इसे D से क्यों दर्शाया जाता है। इसे D से इसलिए प्रदर्शित किया जाता है क्योंकि A से एसी को B से सेकंड और थर्ड क्लास एसी को तथा C से चेयर कार को प्रदर्शित किया जाता हैं, और इन सबसे बाद आता है जनरल इस लिए इसे D से प्रदर्शित किया जाता है।

SL का मतलब क्या होता है?

स्लीपर क्लास (SL) भारतीय रेलवे के सबसे आम कोचों में से एक है। स्लीपर क्लास (SL) में बैठने के लिए सीटें हैं और साथ ही सोने के लिए बर्थ भी हैं।