ठुमरी एक कथा-संग्रह है जिसके रचायिता फणीश्वर नाथ रेणु हैं।[1] ठुमरी नामक इस कथा संग्रह में विविध प्रकार की कहानियाँ हैं और ठुमरी शीर्षक से कोई कहानी न होते हुए भी इसीलिए लेखक ने इसका नाम ठुमरी नमक गायन विधा के नाम पर रखा है जिसमें मिश्रित भावों और रागों का निरूपण होता है, क्योंकि यह संग्रह विविध प्रकार और भाव वाली कहानियों का संग्रह है।[2] Show इस कथा संग्रह की सर्वाधिक प्रसिद्द कहानी तीसरी कसम[3] है जिस पर शैलेन्द्र ने एक फ़िल्म का निर्माण किया जी इसी तीसरी कसम नाम से है और जिसमें राज कपूर तथा वहीदा रहमान मुख्य भूमिकाओं में हैं। इस संग्रह की एक अन्य कहानी पंचलाइट काफ़ी लोकप्रिय रही और यह कई जगह हिन्दी कहानी के पाठ्यक्रम का हिस्सा भी है। प्रमुख कहानियाँ[संपादित करें]
सन्दर्भ[संपादित करें]
रेणु जी के ठुमरी कहानी संग्रह का प्रकाशन कब हुआ?1959 में उनका पहला कहानी संकलन 'ठुमरी' शीर्षक से प्रकाशित होता है, जिसमें उनकी नौ कहानियाँ होती हैं.
तीसरी कसम कहानी का प्रकाशन कब हुआ था?तीसरी कसम 1966 में बनी हिन्दी भाषा की नाट्य फिल्म है।
लाल पान की बेगम कहानी कब प्रकाशित हुई?ठुमरी संग्रह में संकलित लालपान की बेगम 1956 की कहानी है। यह इलाहाबाद से प्रकाशित 'कहानी' पत्रिका के जनवरी 1957 के अंक में प्रकाशित हुई थी।
ठुमरी किसकी विधा है?ठुमरी एक कथा-संग्रह है जिसके रचायिता फणीश्वर नाथ रेणु हैं।
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