दाने आये घर के अंदर कई दिनों के बाद व्याख्या - daane aaye ghar ke andar kaee dinon ke baad vyaakhya

अकाल और उसके बाद
नागार्जुन

अकाल और उसके बाद

(1)

संदर्भ-' प्रस्तुत काव्य नागार्जुन की प्रसिद्ध कविता अकाल और उसके बाद से उद्धत किया गया है। नागार्जुन मानविय संवेदना की विभिन्न पक्षो का काफी अच्छा चित्रण करते है।

प्रंसग-कवि ने इन पंक्तियों में अकाल की भीषण स्थिति का चित्रण किया है। चूल्हे ओर चक्की के भावो को भी कवि ने दिखाया है। अकाल की स्तिथि में अनाज के अभाव में मानव तो क्या अन्य जीवों की दशा दयनीय रही।

व्याख्या- अकाल पड़ने की वजह से आम आदमी का जीवन बहुत ही कठिन हो गया। अनाज न होने की वजह से कई दिनों तक चूल्हा नहीं जला और न चक्की चली जिससे लोगों की दशा बहुत ही पतली हो गयी। भूख प्यास ओर अकाल की स्थिति वजह से कानी कुतिया मतलब पालतू जानवर जिसकी एक आँख नहीं हो भी खाना न मिलने की उम्मीद में वहीं पड़े रहते थे। यहाँ तक कि दीवारों पर छिपकलियाँ भी कीड़े मकोड़े की उम्मीद पर कई दिनों तक दीवारों पर पहरा दे रहे थे कई दिनों तक वह छिपकली किसी कीड़े की उम्मीद करते हुए दीवारों पे रेंग रही थीऔर उसकी भी हालत बहुत खराब हो गयी थी भूक की वजह से। चूहे भी खाना न मिलने की वजह से बहुत ही परेशान हो गए थे और उनकी हालत खाना न मिलने की वजह से से पस्त होती जा रही थी।

विशेष- १- आम बोलचाल की भाषा का प्रयोग है। २- चित्रात्मक वर्णन है। ३- बिम्बतकमता है।

(2)

सन्दर्भ प्रस्तुत काव्य नागार्जुन की प्रसिद्ध कविता अकाल और उसके बाद से उद्धत किया गया है। नागार्जुन मानविय संवेदना की विभिन्न पक्षो का काफी अच्छा चित्रण करते है।

प्रसंग- इन पंक्तियों में कवि ने अकाल के बाद कि स्तिथि का चित्रण किया है। जब घर मे अनाज के दाने लाए जाते है तब उनकी महत्वता का पता चलता है।

व्याख्या- जब अकाल की विपत्ति गयी तो घर में अन्न के दाने आए और घर ने खुशी का माहौल ओर हलचल प्रारंम्भ हो गयी। ऐसा लगता है कि मानो कोई मृत इंसान वापस जिंदा हो गया हो। घर मे कई दिनों के बाद चूल्हा जला और आँगन के ऊपर से धुआं उठता दिखाई देने लगा। अन्न की प्राप्ति होने की खुशी से घरवालो की आंखे चमकने लगीं। आज बहुत दिनों के बाद उन्हें भरपेट भोजन मिलेगा। यह सोचकर उन्हें भट ख़ुशी ओर आनंद का अनुभव हो रहा था। घर मे धुंआ देख कर कौऐ को भी भोजन पाने की आशा हो गयी। वह भी प्रसन्ता से अपने पंख खुजलाने लगा और इसी तरह से से वातावरण में में खुशी का माहौल छा गया।

विशेष- १- भाषा सहज एवं सरल है। २- बिम्बतकमक काव्य है। ३- वर्णात्मक शैली है। ४- काय्यांश में गेयता है।

घर के अंदर कई दिनों के बाद दाने आने पर क्या कार्य चलता है?

जब घर मे अनाज के दाने लाए जाते है तब उनकी महत्वता का पता चलता है। व्याख्या- जब अकाल की विपत्ति गयी तो घर में अन्न के दाने आए और घर ने खुशी का माहौल ओर हलचल प्रारंम्भ हो गयी। ऐसा लगता है कि मानो कोई मृत इंसान वापस जिंदा हो गया हो। घर मे कई दिनों के बाद चूल्हा जला और आँगन के ऊपर से धुआं उठता दिखाई देने लगा।

कई दिनों तक चूल्हा रोया चक्की रही उदास किसकी पंक्ति है?

श्रीनारायण मिश्र, इलाहाबाद: 'कई दिनों तक चूल्हा रोया, चक्की रही उदास। ' बाबा नागार्जुन की रचना 'अकाल के बाद' की इन पंक्तियों में निर्जीव बेजुबान चूल्हे और चक्की के भाव भी व्यक्त किए गए हैं।

अकाल और उसके बाद की कविता में कवि का क्या संदेश है बताइये?

कवि ने मानवीय संवेदनाओं को चक्की और चूल्हे में भर कर देखा है। यह नागार्जुन के काव्य संवेदना का वैशिष्ट्य है। चूल्हे का रोना तथा चक्की की उदासी अकाल पीड़ित मानवों के प्रति संवेदना को व्यक्त करता है। चूल्हे की सार्थकता जलने में और चक्की की चलने में है।

बहुत दिनों के बाद कविता में नागार्जुन ने किसका वर्णन किया है?

बहुत दिनों के बाद शीर्षक कविता में कवि नागार्जुन ने गाँव की प्राकृतिक सौंदर्य का वर्णन किया है।