सब्सक्राइब करे youtube चैनल Two-party system in hindi definition advantages meaning दो दलीय व्यवस्था क्या है या द्विदलीय प्रणाली किसे कहते है परिभाषा गुण फायदे ? द्वि दलीय प्रणाली : ऐसी व्यवस्था जिसमें मुख्य रूप से दो दल होते है , एक दल को पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाने की अनुमति प्राप्त हो जाती है जिसे शासक
अथवा बहुमत दल कहा जाता है जबकि दुसरे दल को पूर्ण मत प्राप्त नहीं होता है उसे सरकार बनाने की अनुमति नहीं होती है उसे विपक्ष कहते है | दो-दलीय व्यवस्था हालांकि यह सही है कि इंगलैण्ड और अमेरिका की दो-दलीय व्यवस्थाओं में भी अंतर है। इंगलैण्ड के दोनों राजनीतिक दल भले ही प्रगतिशील हैं, और समय के अनुसार स्वयं को ढालते रहने वाले हैं किन्तु फिर भी इन दोनों दलों में स्पष्ट वैचारिक भिन्नता है। उधर, अमेरिका के दोनों दलों में कोई विशेष वैचारिक भेद नहीं हैय उनके कार्यक्रमों में चुनाव को जीतने की दृष्टि से फेर-बदल होते रहते हैं। इन विभिन्नताओं को देखते हुए, दो-दलीय व्यवस्था की भी दो श्रेणियाँ हो सकती हैं (1) अस्पष्ट (indistinct) दो-दलीय व्यवस्था (जैसी कि संयुक्त राज्य अमेरिका में है) तथा (2) स्पष्ट (distinct) दो-दलीय व्यवस्था (जिसका उदाहरण इंगलैण्ड है)।
प्रश्न 1 : दो दलीय व्यवस्था के पक्ष में पारम्परिक तर्क क्या है? उत्तर : दो दलीय प्रणाली बेहतर है, क्योंकि इसमें किसी एक दल की सरकार बनती है जो सशक्त होती है, तथा आसानी से निर्णय कर सकती है। इसके विपरीत, बहु-दलीय प्रणाली की मिली-जुली सरकारें अस्थायित्व का शिकार होती हैं, तथा उन्हें नीतियों के साथ समझौते करने पड़ते हैं। शब्दावली पार्टी एकता और लगाव पार्टी एकता के सम्बन्ध में, बहुमत-आधारित (साधारण बहुमत) प्रणाली तथा आनुपातिक प्रतिनिधित्व पद्धतियों में स्पष्ट भेद दिखाई देता है। बहुमत पर आधारित व्यवस्था में एक ही दल के सदस्यों के मध्य प्रतिद्वन्द्विता नहीं होती है, परन्तु अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव से पूर्व जो पार्टी प्राईमरी होती हैं उनमें अवश्य ही एक ही दल के सदस्यों में आपसी प्रतिद्वन्द्विता अवश्य होती है। सूची प्रणाली के दो रूप होते हैं। वे हैं बन्द-सूची तथा खुली-सूची पद्धतियाँ। बन्द सूची में मतदाता किसी न किसी पूरी सूची के पक्ष में मतदान करते हैं। इजराइल में यही होता है। उन्हें सूचियों में परिवर्तन करने का अधिकार नहीं होता। दूसरी ओर सूचियाँ पूरी तरह खुली होती हैं। फिनलैण्ड में यह परम्परा है कि मतदाता किसी एक सूची के पक्ष में मतदान करने के साथ-साथ पार्टी के किसी एक उम्मीदवार के पक्ष में भी मत देते हैं। इस प्रकार मतदाता यह सुनिश्चित करते हैं कि विजयी सूची में से कौन-से उम्मीदवार चुनाव जीतेंगे। इन दोनों के मध्यम बेल्जियम की सूची प्रणाली है। वहाँ मतदाता चाहे तो किसी सम्पूर्ण सूची के पक्ष में मतदान कर सकता है, या फिर वह किसी एक उम्मीदवार के पक्ष में भी। वहाँ सूची में जिन लोगों के नाम नीचे की ओर दर्ज होते हैं यदि उन्हें ऊपर दर्ज नाम व्यक्ति से अधिक संख्या में व्यक्तिगत मत मिल जाएँ तो वे भी विजयी हो सकते हैं। पार्टियों के बीच गठबंधनों को वैकल्पिक मत, एकल संक्रमणीय मत पद्धति, द्वितीय मतदान प्रणाली तथा सूची प्रणाली से प्रोत्साहन मिलता है। ऑस्ट्रेलिया की लिबरल पार्टी तथा नेशनल पार्टी के बीच स्थायी गठबंधन को चुनावी प्रक्रिया से प्रोत्साहन मिला है। इसी प्रकार, अस्थायी रूप से अर्थात् कभी-कभी, आयरलैण्ड की लेबर पार्टी तथा फाईन जेल (थ्पदम ळंमस) के बीच भी गठबंधन चुनावी प्रक्रिया के कारण सम्भव हो पाता है। कुछ इसी प्रकार का गठबंधन फ्रांस की बहुदलीय, परन्तु दो गुटों की, दलीय व्यवस्था में भी पाया जाता है। वहाँ वामपंथी दलों तथा दक्षिण पंथी दलों के दो गठबंधन, या गुट, प्रायः उभर कर आते हैं। बोध प्रश्न 3. बोध प्रश्नों के उत्तर बोध प्रश्न 3 सारांश चुनावों की सबसे अधिक प्रचलित प्रणाली है – साधारण बहुमत प्रणाली या विजय स्तम्भ पर सबसे पहले पहुँचने वाली प्रणाली। इस पद्धति में उस उम्मीदवार को विजयी घोषित किया जाता है जिसे सबसे अधिक मत प्राप्त होते हैं, (भले ही वे कुल डाले गए मतों के आधे से कम ही क्यों न हों)। इस पद्धति मे उदाहरण के लिए चालीस प्रतिशत मत पाने वाला भी चुना जा सकता है, क्योंकि शेष मत अनेक अन्य उम्मीदवारों में विभाजित हो जाते हैं। लेकिन इससे बहुसंख्यक जनता को प्रतिनिधित्व प्राप्त ही नहीं हो पाता है। दूसरी ओर, साधारण बहुमत प्रणाली के दोषों को दूर करने के लिए अनेक देशों में आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणालियाँ अपनाई गई हैं। इनके द्वारा डाले गए मतों तथा विभिन्न दलों और वर्गों को प्राप्त सीटों में प्रायः उचित अनुपात पाया जाता है। आनुपातिक प्रतिनिधित्व की प्रणालियाँ बहुसदस्यीय चुनाव क्षेत्रों में लागू की जाती हैं। परन्तु, उचित आनुपातिक प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने के अलावा भी इन पद्धतियों के अनेक लाभ हैं। अधिक विकल्प उपलब्ध होने तथा मतों के व्यर्थ न चले जाने की सम्भावना के फलस्वरूप अधिक संख्या में मतदाता मतदान करने आते हैं। द्वितीय, आनुपातिक प्रतिनिधित्व के द्वारा राष्ट्रव्यापी पार्टी-गतिविधियों को प्रोत्साहन मिलता है। उन क्षेत्रों में भी जहाँ किसी पार्टी का संगठन कम शक्तिशाली हो, तथा जहाँ उसकी पकड़ कम हो वहाँ भी प्रत्येक पार्टी को कुछ न कुछ मत प्राप्त करने की सम्भावना रहती है। कुछ उपयोगी पुस्तकें Barber, Benjamin R- ;1984) Strong Democracy, Berkeley:
University fo California Pres. |