कुछ स्वास्थ्य समस्याएं ऐसी होती हैं, जिनके बारे में खुलकर बात करने में शर्मिंदगी महसूस होती है। उन्हीं समस्या में से एक है, धात रोग। यह यौन संबंधी ऐसी समस्या है, जो खुद के प्रति बरती गई लापरवाही की वजह से होती है। इस बीमारी से ग्रसित होने पर आत्मविश्वास इस कदर डगमगा जाता है कि व्यक्ति की दिनचर्या पूरी तरह से प्रभावित होने लगती है। अगर भारत की बात करें, तो यहांं इस समस्या को आम माना गया है (1)। यही वजह है कि स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम धातु रोग को समझाने के साथ ही धातु रोग के कारण, लक्षण और बचाव से जुड़ी जानकारी देंगे। साथ ही धात रोग का इलाज और टिप्स के बारे में भी चर्चा करेंगे। Show
विस्तार से पढ़ें चलिए, सबसे पहले यह जान लेते हैं कि धातु रोग क्या है? विषय सूची
धात व धातु रोग, जिसे अंग्रेजी में स्पर्मेटर्रिया (Spermatorrhea) कहा जाता है, यह एक तरह की यौन समस्या है। इसमें बिना किसी यौन गतिविधि या इच्छा के वीर्यपात हो जाता है। कई बार पेशाब करते समय मूत्र के साथ भी वीर्य निकल जाता है (2)। इस स्थिति को दो श्रेणियों में विभाजित किया गया है (3)।
पढ़ते रहें धातु रोग क्या है, यह जानने के बाद आगे हम धातु रोग के कारण के बारे में बात करेंगे। धातु रोग के कारण – Causes of Spermatorrhea in Hindiधातु रोग यानी स्पर्मेटर्रिया एक गंभीर समस्या है, जिससे बचाव के लिए धात रोग के कारण के बारे में जानना जरूरी है। नीचे, हम धातु रोग के अनुमानित कारणों के बारे में बता रहे हैं (3) (4) (5) (6)।
जारी रखें पढ़ना आगे हम, धात रोग के लक्षण के बारे में बता रहे हैं। धात रोग के लक्षण – Symptoms of Spermatorrhea in Hindiसिर्फ पुरुषों को ही नहीं, बल्कि महिलाओं को भी धात रोग हो सकता है। इसके कुछ लक्षण समय के साथ गंभीर होते जाते हैं। इसके कुछ आम लक्षण हम नीचे बता रहे हैं (7) (8) (9)।
स्क्रॉल करें धात रोग के लक्षण के बाद आगे हम धातु रोग के जोखिम कारक के बारे में बता रहे हैं। धातु रोग के जोखिम कारक – Risk Factors of Spermatorrhea in Hindiकिसी भी तरह की शारीरिक समस्या या रोग की चपेट में व्यक्ति यूं ही नहीं आ जाता है। उसके पीछे कई कारण छुपे होते हैं। इसी तरह धातु रोग होने के पीछे भी कई कारक हैं। इन्हीं कुछ आम जोखिम कारकों के बारे में नीचे क्रमवार बताया गया है (10) (11) (12) (9):
अंत तक पढ़ें लेख के अगले हिस्से में हम धातु रोग का इलाज क्या हो सकता है, यह विस्तार से बताएंगे। धातु रोग का इलाज – Treatment of Spermatorrhea in Hindiधात रोग का इलाज इसके कारण पर निर्भर करता है। ऐसे में धातु रोग का इलाज करने के लिए इसकी वजह का पता लगाना जरूरी है। डॉक्टर प्रभावित व्यक्ति से उसकी दिनचर्या, जीवन और किसी अन्य बीमारी से संबंधित दवाओं के बारे में जानकारी ले सकते हैं। अगर किसी दवा के साइड इफेक्ट की वजह से धात रोग हुआ है, तो उन दवाओं को बदलने की सलाह दे सकते हैं। वहीं, अगर धातु रोग तनाव की वजह से हुआ है, तो डॉक्टर एंटी-एंजाइटी दवाएं लेने के साथ ही तनाव को कम करने की एक्सरसाइज करने की सलाह दे सकते हैं (7)। एक केस स्टडी के मुताबिक, धात रोग से ग्रसित व्यक्ति की डॉक्टर ने काउंसलिंग की, साथ ही कुछ व्यायाम करने को कहा और आहार संबंधी बदलाव करने की सलाह दी गई। इन बदलावों और काउंसलिंग के बाद धात रोगी में सुधार देखा गया (12)। वहीं, आयुर्वेद में धातु रोग का इलाज सिडा कॉर्डिफोलिया (Sida cordifolia) यानी बाला जड़ी बूटी के उपयोग से भी किया जाता है (13)। और पढ़ें धात रोग का इलाज जानने के बाद नीचे धातु रोग से संबंधित आहार के बारे में चर्चा करेंगे। इन आहार को शामिल करने से धात रोग के लक्षण से बचा जा सकता है। धातु (धात) रोग आहार – Spermatorrhea (Dhat Rog) Diet in Hindiजैसा कि हम ऊपर बता ही चुके हैं कि पोषण की कमी की वजह से भी धातरोग हो सकता है, इसलिए धात रोग के उपचार में खान-पान पर ध्यान देना भी जरूरी है। आहार पर ध्यान देते वक्त बीन्स से परहेज जरूर करना चाहिए (5)। धात रोग के लिए प्रोटीन, आयरन व बी-कॉम्प्लेक्स से भरपूर आहार का सेवन कर सकते हैं (10)। नीचे, हम धात रोग के लिए घरेलू नुस्खे बता रहे हैं, जो धातु रोग का इलाज करने में तो नहीं, लेकिन धात रोग के लक्षण कम करने में मदद जरूर कर सकते हैं (14) (16) :
जानकारी बाकी है चलिए, अब धातु रोग से बचने के उपाय के बारे में जान लेते हैं। धातु रोग से बचने के उपाय – Prevention Tips for Spermatorrhea in Hindiधात रोग का बचाव कैसे किया जाए, यह तो स्पष्ट नहीं है, लेकिन इसके कारण और जोखिम कारक से दूर रहकर जरूर इससे बचा जा सकता है। नीचे, हम धातु रोग के लक्षण कम करने और इससे बचने के कुछ उपाय बता रहे हैं (17) (10)।
इस आर्टिकल से यह तो स्पष्ट हो गया होगा कि धातु रोग से बचाव में घरेलू उपचार मदद कर सकते हैं। इस बीमारी की चपेट में आने वालों को अपने आहार पर खास ध्यान देना चाहिए। साथ ही घरेलू नुस्खे अपनाकर भी इस रोग के लक्षणों से बचा जा सकता है। इन सबके अलावा, धात रोग के इलाज के लिए डॉक्टर से संपर्क करना भी जरूरी है। विशेषज्ञ इस रोग के पीछे के कारण का पता लगाकर इसका इलाज कर सकते हैं। SourcesStylecraze has strict sourcing guidelines and relies on peer-reviewed studies, academic research institutions, and medical associations. We avoid using tertiary references. You can learn more about how we ensure our content is accurate and current by reading our editorial policy.
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सरल जैन ने श्री रामानन्दाचार्य संस्कृत विश्वविद्यालय, राजस्थान से संस्कृत और जैन दर्शन में बीए और डॉ. सी. वी. रमन... more Dr. Zeel Gandhi is an Ayurvedic doctor and an expert at providing holistic solutions for health problems encompassing Internal medicine,... more धातु का गिरना कैसे रोके?धात रोग के उपचार के लिए जीवनशैली में कुछ बदलाव जरूरी है. शराब का सेवन न करना, रात के समय कम भोजन करना, बहुत मुलायम गद्दों पर न सोना, जननांगों को पूरी तरह से स्वच्छ रखना, मल त्याग सही से होना आदि इसके उपचार में सहायक है.
धात गिरने से क्या क्या बीमारी हो सकती है?धात रोग का इशारा करती है!. लिंग के मुख से लार का टपकना!. पौरुष वीर्य का पानी जैसा पतला होना!. शरीर में कमजोरी आना!. छोटी सी बात पर तनाव में आ जाना!. हाथ पैर या शरीर के अन्य हिस्सों में कंपन या कपकपी होना!. पेट रोग से परेशान रहना या साफ़ न होना, कब्ज होना!. सांस से सम्बंधित परेशानी, श्वास रोग या खांसी होना!. पेशाब के रास्ते से धात क्यों गिरता है?जवाब: पहला यह कि इसे धात सिंड्रोम कहा जाता है। यह एक कल्चर बाउंड सिंड्रोम है। धात की समस्या का वीर्य के संबंध में एक मिथक है। दरअसल, वीर्य के निकलने को ऊर्जा और जीवन शक्ति का नुकसान माना जाता है।
स्त्रियों में धात रोग क्यों होता है?अत्यधिक उपवास, उत्तेजक कल्पनाएं, अश्लील वार्तालाप, मुख मैथुन, सम्भोग में उल्टे आसनो का प्रयोग करना, सम्भोग काल में अत्यधिक घर्षण युक्त आघात, रोगग्रस्त पुरुष के साथ सहवास,दो तीन पुरूषों से एकसाथ अत्याधिक संभोग करना, सहवास के बाद योनि को स्वच्छ जल से न धोना व वैसे ही गन्दे बने रहना आदि इस रोग के प्रमुख कारण बनते हैं।
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