ध्यान या मेडिटेशन हमारे तनाव को कम करने में किसी चमत्कार की तरह काम करता है। इस मुद्दे पर नए सिरे से बात करने की जरूरत नहीं है कि हम सभी के जीवन में बढ़ती व्यस्तता के चलते तनाव किस कदर हावी होता जा रहा है। इस तनाव या स्ट्रेस पर अगर वक्त रहते ध्यान नहीं दिया जाए तो यह दूसरी भावनात्मक और शारीरिक परेशानियों की वजह बन सकता है। ध्यान भारतीय सभ्यता और परंपराओं का हिस्सा है। योग चिकित्सा पद्धति ध्यान के बिना अधूरी है। आपको जानकर हैरानी होगी कि जिस तरह योगासन करने से हम कई तरह की शारीरिक बीमारियों से बचे रहते हैं, ठीक वैसे ही ध्यान करने पर स्ट्रेस, एंग्जाइटी, डिप्रेशन जैसी मानसिक बीमारियां हमें परेशान नहीं करती हैं। पिछले दिनों कॉर्पोरेट प्रफेशनल्स पर हुई कई स्टडीज में भी यह बात सामने आई है कि ध्यान वर्क प्रेशर और टारगेट स्ट्रेस को कम करने में भी मददगार है। यह भी पढ़ें: महिलाओं को अपनाने चाहिए ये ट्रिक्स ताकि मूड में आ जाएं 'वो' इस तरह मिलेगा पूरा लाभ ध्यान और मेडिटेशन करने के लिए आपको हर दिन 30 मिनट की जरूरत होगी। लेकिन इसकी शुरुआत आप 10 मिनट या 15 मिनट से भी कर सकते हैं। आप चाहें तो 30 मिनट के ध्यान को 10 मिनट के 3 सेशन या 15 मिनट के दो 2 सेशन में बांटकर भी कर सकते हैं। अगर आपको शुरुआत में मन एकाग्र करने में दिक्कत हो तो परेशान ना हों। आप कोशिश करते रहें। ऐसा सभी के साथ होता है शुरुआत में। जब ध्यान लगाने की कोशिश के दौरान उनका मन कहीं ना कहीं भटकता रहता है। यह भी पढ़ें:अब Shilpa Shetty और Malaika Arora सीख रही हैं ये योगासन आने दें विचार कई बार हम इस बात से परेशान हो जाते हैं कि हमारा ध्यान तो एकाग्र हो ही नहीं पा रहा है, आखिर हम ध्यान कैसे लगाएंगे? हमसे यह नहीं हो पाएगा। ऐसा ना सोचें और अपने मन में आनेवाले विचारों को जबरदस्ती दबाने की कोशिश ना करें। जब आप रोज बैठकर किसी बिंदू या किसी दीपक की लो पर ध्यान केंद्रित करने की कोशिश करेंगे तो आपके मन में आनेवाले विचार धीरे-धीरे खुद ही कम हो जाएंगे। Dhyan Kaise Karen, Meditation Karne ka Tarika, How to Meditate in hindi, Meditation Kaise kare, Dhyan karne ke fayde Show
मेडिटेशन या ध्यान करना तन-मन के स्वास्थ्य के लिए सबसे अच्छा उपाय है। नियमित करने से 1-2 महीने में ही इसके फायदे आपको दिखने लगेंगे। दुनिया की सभी प्रसिद्ध और महान हस्तियों ने प्राचीन और आधुनिक काल में इनका पालन करके, इनके लाभ और महत्व को स्वीकारा है। आजकल ध्यान सिखाने के कई केंद्र है, संस्थाएं हैं जो कि कई अलग-अलग तरीको से मेडिटेशन करना सिखाते हैं। Q : ध्यान कितनी देर तक करना चाहिए A : रोजाना 5-15 मिनट मेडिटेशन से शुरुआत करें। धीरे-धीरे आदत बनने पर 30-45 मिनट तक ध्यान कर सकेंगे। Table of Contents
(मेडिटेशन) ध्यान के फायदे | Benefits of Meditation in hindi & How to do Meditation– ध्यान से मन और शरीर की चंचलता, अस्थिरता रूकती है. – ध्यान नर्वसनेस या घबराहट दूर करता है. – जीवन में नियम और अनुशासन का पालन संभव बनता है. – ध्यान करने से मानसिक शक्तियों का विकास होता है. – मेडिटेशन से रचनात्मकता बढती है. – कोई समस्या या तनाव आप पर हावी नहीं होता है. – गुस्सा,चिडचिडापन दूर होने से नर्वस सिस्टम (तंत्रिका तंत्र) शांत रहता है. – ध्यान (Meditation) से स्वास्थ्य सुधरता है, हृदयगति सामान्य रहती है. ब्लड प्रेशर काबू में रहता है. – ध्यान से पढाई में मन लगता है. शारीरिक और मानसिक श्रम की क्षमता बढती है. ध्यान योग कैसे करे, ध्यान की विधि, तरीका | Dhyan kaise lagaye in hindiध्यान की सभी विधियों में कुछ बेसिक समानताएं हैं जो इस बात की ओर इशारा करती हैं कि सभी क्रियाओं का मूल एक ही है. इसलिए सभी क्रियाएँ अच्छी है। नियमित ध्यान करने से सभी तरीके लाभ देते हैं। अब हम ध्यान करने का तरीका और ध्यान के फायदे बतायेंगे। 1) सरल जीवन शैली का पालन | Follow simple Lifestyleसादा-सात्विक भोजन करना, शरीर को साफ़-स्वच्छ रखना, सकारात्मक (Positive) विचार रखना और अच्छे गुणों का पालन मन में शांति, सुकून का अनुभव देता है। यह सब ध्यान के लिए सही मानसिक स्थिति बनाते है. सभी ध्यान क्रियाए इनके महत्व को स्वीकार करती है। 2) ध्यान करने का सही समय | Best time for meditationसुबह 3 बजे से 6-7 बजे तक का समय और रात 10 बजे के बाद का समय ध्यान के लिए सबसे अच्छा माना जाता है. इस समय वातावरण में शांति रहती है, व्यवधान (disturbance) कम होते है. ध्यान विधियों के अनुसार ये समय मानसिक शक्तियों के विकास के लिए बेस्ट होता है. 3) ध्यान कहाँ करें और ध्यान का आसन क्या हो | Best Asana & place for meditationध्यान करने का स्थान आपके पूजा करने की जगह, कोई शांत कमरा या एकांत खुली जगह हो सकती है. एक ही जगह पर रोज ध्यान करना ध्यान मे प्रगति के लिए अच्छा माना जाता है. जमीन पर कम्बल या ऊनी आसन बिछाकर पालथी मारकर सुखासन या पद्मासन में बैठें. चटाई, कुश के आसन, रुई की गद्दी (कुशन) भी प्रयोग कर सकते है. अगर जमीन पर बैठने में परेशानी हो तो किसी कुर्सी पर भी बैठ सकते हैं. ध्यान रखें कि कुर्सी की पीठ सीधी हो, जिससे कि आपकी backbone सीधी रहे और आपके पैर जमीन पर समतल (Flat) लगते हो. पैर के नीचे को Mat या मोटा कपड़ा हो जिससे पैर का सीधे जमीन से सम्पर्क न हो. About Dhyan in hindi4) शरीर की स्थिति (Posture) | Sit straight in meditationऑंखें बंद या अधखुली हों. पीठ सीधी होनी चाहिए, Backbone (मेरुदंड) एक सीध में हो. आराम से बैठे. अकड़ कर या कोई ऐसी पोजीशन में न बैठे जिससे दर्द या प्रॉब्लम हो, नहीं तो आपका मन ध्यान में नहीं लगेगा. हाथ अपनी जांघों या घुटनों पर रखें. हाथ ऊपर की ओर खुले हुए हों. 5) गहरी सांस लें या प्राणायाम करें | Do deep breathing or Pranayamaध्यान की शुरुआत में प्राणायाम करना या थोड़ी देर तक लम्बी सांस धीरे-धीरे लेना और धीरे-धीरे छोड़ना दिमाग और शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा को बढाता है. इससे मष्तिष्क सक्रिय (Charge) होता है और विचारों को कण्ट्रोल करना सम्भव होता है. गुस्से में, जोश में सांस बहुत तेज चलने लगती है और दुःख और निराशा में सांस धीमी हो जाती है. सांस की गति का विचारों पर असर होता है और असामान्य सांस से मानसिक अस्थिरता (Mental unsuitability) पैदा होती है. इसलिए प्राणायाम या गहरी और लम्बी सांस मन और विचारों में शांति लाती है, जिससे मन को एकाग्र करने में मदद मिलती है. 6) खुद को परमपिता या परमशक्ति के अंश के रूप में अनुभव करना | Becoming one with Godयह संसार उर्जा के अलग अलग रूपों की अभिव्यक्ति है. इस ब्रह्मांड में एक परम उर्जा या शक्ति का अस्तित्व है जोकि हमारा, सभी जीव जन्तु प्राणियों का और इस दुनिया का नियमित संचालन कर रही है. हम भी उसी असीम ऊर्जा (Infinite energy source) का एक भाग है और उससे जुड़े हुए हैं. अपने आप को उस परम स्रोत का अंश मानने से हमें अपनी असीम क्षमता और संभावनाओ का अनुभव होता है. ध्यान शुरू करते समय परमपिता/परमशक्ति से प्रार्थना की जाती है कि हमारा ध्यान सफल हो, हमें अपने दिव्य वास्तविक स्वरुप का अनुभव हो. 7) विचारो पर नियंत्रण कैसे करें | Give direction to your thoughtsअक्सर ही मन में विचारों की एक Chain चलती रहती है. एक विचार अगले विचार को जन्म देता है और हमारा दिमाग इसी में व्यस्त रहता है. ध्यान विधियों में कहा गया है विचारो की गति को रोकें, विचार मुक्त होने का प्रयास करें. इसके लिए जब मन में विचार आयें तो उन्हें आने-जाने दें, उनमे खोयें या उलझे नहीं. बस एक दर्शक की तरह विचारो के प्रवाह को देखें. किसी विचार को पकड़ कर उसे स्पीड न दें. इससे धीरे धीरे विचार की गति धीमी होती जाएगी और कम विचार आयेंगे. मन को एकदम विचार मुक्त करने में कितना समय लगेगा ? यह आपके इच्छाशक्ति और प्रयास की गंभीरता पर निर्भर करता है. यही ध्यान (मेडिटेशन) की गहराई में जाने का रास्ता है. इसलिए धैर्य, लगन और पॉजिटिव सोच के साथ प्रयास करते रहें. Meditation ke fayde in hindi8) एक बिंदु पर मन केन्द्रित करें | Focus mind on one pointध्यान में मन को विचारों से हटा कर एक बिंदु या एक विचार पर स्थिर करना होता है. लगभग सभी विधियों में कहा गया है कि आंख बंद करके भौहों (Eye brow) के मध्य बिंदु पर देखने का प्रयास करें और मन को केन्द्रित करें. इसमें आपको बहुत जोर नहीं लगाना है कि आँखों या सिर में दर्द होने लगे. बस बंद आँखों में आराम से दृष्टि ऊपर को रखनी है. कुछ विधियों में मन को सांस लेने और छोड़ने पर फोकस करने के लिए कहा गया है या सांस लेने-छोड़ने के बीच के छोटे से अन्तराल पर ध्यान लगायें. 9) ध्यान किसका करें | Chant Mantra or affirmationsध्यान विधियों में कहा जाता है कि निरंतर सोच-विचार में लगे मन को एक बिंदु पर स्थिर करने के लिए मन में आप जिस किसी भगवान की पूजा करते हों उनकी छवि, रूप, भाव, गुणों के बारे में सोचे या अपने गुरु का ध्यान करें। किसी मंत्र का जप, किसी गुरु, संत, महापुरुष, पाज़िटिव शक्ति को याद करें। मन में उनसे प्रार्थना करें। ॐ, सोऽहं या सोहम्, अहं ब्रह्मास्मि, ॐ नमः शिवाय जैसे छोटे मंत्र का जाप करें या कोई सकारात्मक विचार दोहरायें और अनुभव करें जैसे मै निर्भय हूँ, मैं स्वस्थ हूँ, मै परमशक्ति का अंश हूँ आदि। इन क्रियाओं से मन को एकाग्र करना आसान होता है। 10) नियमित ध्यान करें | Meditate dailyजैसे हम रोजाना खाना खाते, सोते, दिनचर्या का पालन करते है उसी तरह ध्यान भी नियमित होना चाहिए. तभी ध्यान करने से होने वाले फायदों को आप महसूस कर पायेंगे. रोज ध्यान करने से हमारी विचार, कर्म और भावना में एक बैलेंस आता है जोकि जीवन में सफलता और सुख लाता है. प्रतिदिन ध्यान करने से ध्यान की गहराइयों में उतरना संभव बनता है. 11) मेडिटेशन सीखने के कोर्स और मेडिटेशन सेण्टर की जानकारीशुरू में ध्यान करने के लिए किसी गुरु या टीचर की जरुरत नहीं है. शुरुआत आप खुद कर सकते हैं. अगर 1-2 महीने रोजाना ध्यान में बैठने के बाद भी आपको कोई समस्या होती है या शांति नहीं मिलती तो आप कोई गुरु, मैडिटेशन सेण्टर या मेडिटेशन कोर्स ज्वाइन कर सकते हैं। ध्यान सीखने के लिए भारत में प्रमुख ध्यान केंद्र इस प्रकार हैं।
ध्यान करने के कई अन्य लाभ है जो कि Dhyan करते रहने पर समय के साथ अनुभव में आते है। आज के समय में ध्यान योग करना हमारे मानसिक संतुलन के लिए एक आवश्यकता है। ध्यान (मेडिटेशन) के बारे में जानकारी about Meditation in hindi को Whatsapp, Facebook पर फॉरवर्ड और शेयर करें जिससे और लोग भी ये जानकारी पढ़ सकें. अपने कमेंट, सवाल नीचे कमेट बॉक्स में लिखें. ध्यान कितने घंटे कर सकते हैं?ध्यान और मेडिटेशन करने के लिए आपको हर दिन 30 मिनट की जरूरत होगी। लेकिन इसकी शुरुआत आप 10 मिनट या 15 मिनट से भी कर सकते हैं। आप चाहें तो 30 मिनट के ध्यान को 10 मिनट के 3 सेशन या 15 मिनट के दो 2 सेशन में बांटकर भी कर सकते हैं। अगर आपको शुरुआत में मन एकाग्र करने में दिक्कत हो तो परेशान ना हों।
दिन में ध्यान कितनी बार करना चाहिए?ध्यान 24 घंटे में एक या दो बार जरूर करना चाहिए, सबसे अच्छा समय मेरी नजर में सोने से पहले और सुबह ब्रह्ममुहूर्त में उठते साथ।
ध्यान में क्या सोचना चाहिए?ध्यान करते वक्त सोचना बहुत होता है। लेकिन यह सोचने पर कि 'मैं क्यों सोच रहा हूं' कुछ देर के लिए सोच रुक जाती है। सिर्फ श्वास पर ही ध्यान दें और संकल्प कर लें कि 20 मिनट के लिए मैं अपने दिमाग को शून्य कर देना चाहता हूं। अंतत: ध्यान का अर्थ ध्यान देना, हर उस बात पर जो हमारे जीवन से जुड़ी है।
ध्यान करने का सही समय क्या है?ध्यान करने के लिए सही समय चुनें। सुबह 4 बजे से शाम 4 बजे तक का समय सबसे उत्तम होता है।
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