These Solutions are part of UP Board Solutions for Class 10 Social Science. Here we have given UP Board Solutions for Class 10 Social Science Chapter 13 विकसित तथा विकासशील देश एवं उनकी विशेषताएँ (अनुभाग – तीन). Show विस्तृत उत्तरीय प्रश्न प्रश्न 1. विकसित देशों की प्रमुख विशेषताएँ (लक्षण) जिन राष्ट्रों ने प्राकृतिक संसाधनों तथा तकनीकी ज्ञान के बल पर पर्याप्त आर्थिक विकास कर लिया है, वे विकसित राष्ट्र कहलाते हैं; उदाहरणार्थ-ब्रिटेन, संयुक्त राज्य अमेरिका, जापान व
जर्मनी। विकसित राष्ट्रों 4. व्यापारिक आधार पर उद्यानों का विकास – विकसित देशों में बड़े-बड़े महानगरीय क्षेत्रों में निवास करने वाली जनसंख्या के लिए फल एवं सब्जियों के उत्पादन हेतु व्यापारिक स्तर पर उद्यानों का विकास किया गया है। इस प्रकार की कृषि को बाजार के लिए बागवानी या फलों की कृषि कहते हैं। अमेरिका एवं यूरोप के बड़े-बड़े नगरों के चारों ओर ऐसे ही उद्यान स्थित हैं। 5. उन्नत स्तर पर पशुपालन तथा दुग्ध-व्यवसाय का विकास – शीतोष्ण जलवायु, उत्तम चरागाह तथा उत्तम नस्ल के पशुओं के कारण विकसित देशों में पशुपालन तथा दुग्ध-व्यवसाय बहुत प्रगति कर गया है। पशुओं से दूध, मांस, चमड़ा,ऊन आदि पदार्थ प्राप्त होते हैं; अत: डेनमार्क, हॉलैण्ड, संयुक्त राज्य अमेरिका, न्यूजीलैण्ड, ऑस्ट्रेलिया तथा दक्षिण अमेरिका के कई देशों में पशुपालन का खूब विकास हुआ है। दूध से मक्खन, पनीर, दुग्ध-चूर्ण (milk-powder) आदि वस्तुएँ तैयार की जाती हैं। कई देश इनका बड़ी मात्रा में निर्यात करते हैं। 6. अत्यधिक विकसित यातायात एवं संचार-व्यवस्था – विकसित देशों में यातायात एवं संचार-व्यवस्था का विकास उच्च स्तर पर कर लिया गया है। इन देशों में सड़क तथा वृहत् रेल-पथों का जाल बिछा है। ट्रान्स-साइबेरियन रेलमार्ग विश्व की सबसे लम्बा रेलमार्ग है। इन देशों में रेल तथा वायु परिवहन का भी विकास कर लिया गया है। जल परिवहन नदियों, झीलों तथा नहरों द्वारा सम्पन्न होता है। इसके अतिरिक्त, इन देशों में (UPBoardSolutions.com) स्वचालित मोटरगाड़ियों, विद्युत रेलगाड़ियों, पनडुब्बियों, आधुनिक जलयानों तथा तीव्रगामी हवाई जहाजों ने भी इन देशों को एक-दूसरे के निकट ला दिया है। इन देशों में संचार साधनों का भी अत्यधिक विकास हुआ है। 7. अधिक प्रति व्यक्ति आय और राष्ट्रीय आय – विकसित राष्ट्रों में कृषि, उद्योग और व्यापार में वृद्धि होने के कारण प्रति व्यक्ति आय और राष्ट्रीय आय अधिक होती है, जो कि इनकी सम्पन्नता के मापदण्ड हैं। इससे इन देशों के निवासियों का जीवन-स्तर ऊँचा होता है। 8. नारी की स्थिति – विकसित देशों में स्त्रियाँ शिक्षित तथा रोजगार में संलग्न हैं तथा आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर हैं। विकसित देशों में नारी का स्थान पुरुषों के बराबर समझा जाता है। इन देशों में नारी साक्षरता का प्रतिशत ऊँचा है। अधिकांश स्त्रियाँ स्वस्थ हैं तथा राष्ट्र के निर्माण व अभ्युन्नति में सक्रिय योगदान देती हैं। 9. अन्य विशेषताएँ–
प्रश्न 2. 2. जनसंख्या की समस्या – अधिकांश विकासशील देशों की एक प्रमुख समस्या जनसंख्या की समस्या है। परिणामतः कई देशों में ‘जनसंख्या विस्फोट’ की स्थिति उत्पन्न हो गयी है। जनसंख्या में तीव्र वृद्धि के कारण विकासशील देशों में अनेक समस्याएँ उत्पन्न हो गयी हैं
अतः राष्ट्र की पहली आवश्यकता जनसंख्या की आधारभूत
एवं निर्वाह-मूल की आवश्यकताओं की पूर्ति बन जाती है। इससे विकास-कार्यक्रम गौण हो जाते हैं। 5. नारी की दशा – विकासशील देशों में नारी की दशा शोचनीय है। रूढ़िवादी प्रवृत्तियों से ग्रस्त समाज में पुरुषों की तुलना में स्त्रियों को कम महत्त्व दिया जाता है, वरन् अधिकांश विकासशील देशों में पर्दा-प्रथा, निरक्षरता, बाल-विवाह, बहु-विवाह, दहेज-प्रथा आदि सामाजिक कुरीतियों ने स्त्रियों के जीवन को अत्यन्त दयनीय बना दिया है। यद्यपि इन देशों में स्त्री-पुरुष अनुपात लगभग बराबर है। तथापि कार्यशील जनसंख्या के रूप में नारी का प्रतिशत अपेक्षाकृत बहुत कम है। 6. पिछड़ा हुआ औद्योगिक ढाँचा – अधिकांश विकासशील देशों में आधुनिक तथा विशालस्तरीय उद्योगों का अभाव है, जिस कारण इन देशों में औद्योगिक उत्पादन बहुत कम हो पाता है। राष्ट्रीय आय में उद्योगों का योगदान बहुत कम है। उद्योगों की कमी के कारण इन देशों में मशीनों तथा अन्य पूँजीगत माल.को बहुत कम उत्पादन हो पाता है। आवश्यक मशीनों की प्राप्ति के लिए इन्हें विदेशों पर निर्भर रहना पड़ता है। 7. निम्नकोटि का परिवहन – विकासशील देशों में उनके क्षेत्रफल एवं जनसंख्या की आवश्यकता को देखते हुए, परिवहन के साधनों का पर्याप्त विकास नहीं हो पाया है। द्रुतगामी परिवहन-साधनों के अभाव में उत्पादन के साधनों (कच्चा माल, मशीनरी, (UPBoardSolutions.com) श्रमिक आदि) को उत्पादन-क्षेत्रों तक पहुँचाने में समय एवं पूँजी का अपव्यय होता है। इसका विकास-प्रक्रिया पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। 8. अल्प-साक्षरता तथा तकनीकी शिक्षा की कमी – अधिकांश विकासशील देश अनेक वर्षों तक विकसित देशों के उपनिवेश रहे हैं। इस कारण इन देशों में शिक्षा का विकास धीमी गति से हुआ है और तकनीकी शिक्षा का तो नितान्त अभाव रहा है। इसके परिणामस्वरूप इन देशों में कुशल एवं प्रशिक्षित श्रमिकों, प्रबन्धकों तथा विशेषज्ञों की कमी रही है। 9. प्राकृतिक संसाधनों का कम उपयोग – अधिकांश विकासशील देशों में पर्याप्त प्राकृतिक संसाधन पाये जाते हैं, किन्तु पूँजी व तकनीकी ज्ञान की कमी, कुशल एवं प्रशिक्षित श्रमिकों की कमी, विशेषज्ञों के अभाव, परिवहन-साधनों की कमी आदि के कारण ये अपने प्राकृतिक संसाधनों का समुचित उपयोग नहीं कर पाये हैं। 10. सामाजिक पिछड़ापन – अनेक विकासशील देशों में सामाजिक रूढ़ियाँ तथा अन्धविश्वास लोगों को इस प्रकार जकड़े हुए हैं कि वे नवीन परिस्थितियों, तकनीकी ज्ञान तथा आधुनिक उत्पादन- प्रणालियों को ग्रहण नहीं कर पाते। निरक्षरता तथा निर्धनता के कारण उत्पादन-कार्य प्राचीन विधियों से ही किया जा रहा है। सामाजिक पिछड़ेपन के कारण इन देशों में श्रम की गतिशीलता की कमी है। 11. कृषि का पिछड़ापन – यद्यपि अधिकांश विकासशील राष्ट्रों का प्रमुख व्यवसाय कृषि है तथापि यहाँ, कृषि अत्यन्त पिछड़ी हुई अवस्था में है। भूमि पर जनसंख्या का दबाव, कृषि-जोतों का उपविभाजन तथा विखण्डन, खेती की प्राचीन विधियों का प्रचलन, (UPBoardSolutions.com) साख-सुविधाओं की कमी, किसानों की रूढ़िवादिता व अन्धविश्वास, विपणन सुविधाओं का अभाव आदि ऐसी समस्याएँ हैं, जो कृषि को पिछड़ी अवस्था में रखे हुए हैं। 12. अन्य समस्याएँ–
समस्याओं के समाधान के लिए उपाय (सुझाव) विकासशील देश अपनी समस्याओं के समाधान के लिए निम्नलिखित उपाय कर सकते हैं
प्रश्न 3. विकासशील देशों में आर्थिक विकास की सम्भावनाएँ। आधुनिक विश्व में विकासशील राष्ट्रों के तीव्र आर्थिक विकास की सम्भावनाएँ पहले की अपेक्षा बहुत अधिक हैं। वर्तमान अनुकूल अन्तर्राष्ट्रीय परिस्थितियों को देखते हुए अब अल्प-विकसित राष्ट्रों के लिए विकास-मार्ग में आने वाली बाधाओं को दूर करना (UPBoardSolutions.com) अत्यन्त कठिन नहीं रहा है। निम्नलिखित तथ्य अल्प-विकसित राष्ट्रों में विकास की प्रबल सम्भावनाओं को प्रकट करते हैं
विकासशील
देशों में अभी तक समस्त कृषि-योग्य भूमि का उपयोग नहीं हो पाया है। अनेक देशों में लाखों एकड़ भूमि वनों तथा दलदलों से ढकी है और बेकार पड़ी है। इस समस्त भूमि का समुचित उपयोग करके इसे कृषि योग्य बनाया जा सकता है। उन्नत बीज व रासायनिक खाद का प्रयोग, सिंचाई-सुविधाओं में वृद्धि, साख-सुविधाओं में वृद्धि, आधुनिक विधियों तथा कृषि-यन्त्रों का प्रयोग आदि उपायों के द्वारा ये राष्ट्र कृषि के क्षेत्र में तीव्रता से विकास कर सकते हैं। 5. विदेशी सहायता – आजकल विकसित राष्ट्र अल्प-विकसित राष्ट्रों के विकास हेतु उन्हें पूँजी, तकनीकी ज्ञान, विशेषज्ञों की सेवाएँ आदि के रूप में सहायता प्रदान कर रहे हैं। इसके अतिरिक्त अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष, विश्व बैंक, एशियाई विकास बैंक आदि अन्तर्राष्ट्रीय (UPBoardSolutions.com) संस्थाएँ विकासशील राष्ट्रों को बड़ी मात्रा में ऋण प्रदान कर रही हैं। अन्तर्राष्ट्रीय सहयोग ने विकासशील देशों की विकास सम्भावनाओं में पर्याप्त वृद्धि कर दी है। प्रश्न 4. विकासशील देशों में जनसंख्या की समस्या अधिकांश विकासशील देशों में जनसंख्या में तीव्र गति से वृद्धि की समस्या विद्यमान है। जनसंख्या की दृष्टि से विश्व में चीन का प्रथम तथा भारत का द्वितीय स्थान है। विकासशील देशों में जनसंख्या-वृद्धि की दर 2 से 3% वार्षिक है, जब कि विकसित देशों में वृद्धि-दर केवल 1% ही है। विकासशील देशों में जनसंख्या सम्बन्धी प्रमुख समस्याएँ निम्नलिखित हैं– 4. जनोपयोगी सेवाओं पर अधिक व्यय – जनसंख्या में तीव्र वृद्धि के कारण इन देशों की सरकारों को परिवहन, बिजली, शिक्षा, चिकित्सा, भवन-निर्माण, जल-आपूर्ति आदि जनोपयोगी सेवाओं पर लगातार अधिकाधिक धनराशि व्यय करनी पड़ती है। इससे पूँजी की कमी के कारण विकास-योजनाओं को पूर्ण करने में कठिनाई आती है। 5. बेरोजगारी – जनाधिक्य की स्थिति के कारण अनेक अल्पविकसित देशों में (UPBoardSolutions.com) बेरोजगारी तथा अर्द्ध-बेरोजगारी की समस्या ने विकराल रूप धारण कर लिया है। कृषि में छिपी हुई बेरोजगारी की समस्या प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। 6. निम्न औसत आयु – अधिकांश विकासशील देशों में औसत आयु 35 से 45 वर्ष है, जबकि विकसित देशों में औसत आयु 65 से 75 वर्ष तक है। 7. शहरी जनसंख्या तथा समस्याओं में वृद्धि – जनसंख्या में तीव्र वृद्धि के कारण लोग रोजगार के लिए गाँवों को छोड़कर शहरों में आ रहे हैं, जिससे शहरों की जनसंख्या में भी तेजी से वृद्धि हुई है। इससे शहरों में भीड़-भाड़, मकानों की कमी, गन्दगी व प्रदूषण, गन्दी बस्तियों में वृद्धि, अपराधों में वृद्धि आदि समस्याएँ तथा बुराइयाँ बढ़ती जा रही हैं। प्रश्न 5. विकासशील देशों में उन्नत कृषि की सम्भावनाएँ विश्व के लगभग सभी विकासशील देशों का मुख्य व्यवसाय कृषि है। इन देशों की लगभग 60% जनसंख्या कृषि-कार्यों में संलग्न है, किन्तु फिर भी इन देशों में कृषि पिछड़ी हुई अवस्था में है। इन देशों में कृषि के विकास की पूरी सम्भावनाएँ हैं; जैसा कि निम्नलिखित तथ्यों से स्पष्ट है
विकासशील राष्ट्र निम्नलिखित उपायों के द्वारा अपने कृषि व्यवसाय का विकास करके इसे उन्नत स्वरूप प्रदान कर सकते हैं
प्रश्न 6. विकासशील देशों की विशेषताएँ (लक्षण) जो
राष्ट्र आर्थिक विकास की प्रक्रिया में विकसित देशों की तुलना में पिछड़े हुए हैं, विकासशील राष्ट्र कहे जाते हैं। विकास की पर्याप्त सम्भावनाएँ, परन्तु विकास की मन्द गति होने के कारण इन्हें विकासशील राष्ट्र कहा जाता है। विकासशील राष्ट्रों की प्रमुख विशेषताएँ अग्रलिखित हैं 2. उद्योगों में कम उत्पादन – विकासशील राष्ट्रों में औद्योगिक उत्पादन भी कम होता है। पूँजी का अभाव, पुरानी उत्पादन विधियाँ, घटिया मशीनें तथा छोटे पैमाने के उद्योग कम उत्पादन का कारण हैं। अशिक्षा, राजनीतिक अस्थिरता तथा निम्नस्तरीय आर्थिक नियोजन भी कम उत्पादन के कारण हैं। 3. अविकसित यातायात एवं संचार-व्यवस्था – परिवहन व्यवस्था पर राष्ट्र का आर्थिक विकास टिका होता है। विकासशील राष्ट्रों में उसका समुचित विकास नहीं हो पाया है। इस प्रकार अविकसित यातायात एवं संचार-व्यवस्था विकासशील राष्ट्रों की मुख्य कमजोरी है। इनके अभाव में कृषि एवं प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग भली प्रकार नहीं हो पाया है। 4. अल्प-विकसित प्राकृतिक संसाधन – विकासशील देशों की प्रमुख समस्या प्राकृतिक संसाधनों का अल्प-विकास है। पूँजी, तकनीक तथा परिवहन के साधनों के अंभाव में यहाँ प्राकृतिक संसाधन अल्प-विकसित अवस्था में पड़े हैं। निरर्थक रूप में पड़े प्राकृतिक संसाधन आर्थिक विकास में सहयोगी नहीं हो पा रहे हैं। 5. जनसंख्या में तीव्र वृद्धि – सभी विकासशील राष्ट्र जनसंख्या की तीव्र वृद्धि की गम्भीर समस्या से ग्रसित हैं। उत्पादन पर बढ़ती हुई जनसंख्या का दबाव इतना अधिक होता है कि सरकार को बढ़ी हुई जनसंख्या के पोषण के लिए प्रति वर्ष (UPBoardSolutions.com) अतिरिक्त व्यवस्था करनी पड़ती है। जनसंख्या विस्फोट विकासशील राष्ट्रों की प्रमुख विशेषता है। 6. साक्षरता एवं तकनीकी का निम्न स्तर – विकासशील राष्ट्रों में साक्षरता और तकनीकी का स्तर भी नीचा पाया जाता है। ये राष्ट्र इन क्षेत्रों में प्रगति के लिए प्रयत्नशील रहते हैं। 7. नारी की हीन दशा – विकासशील राष्ट्रों में नारी की हीने स्थिति देखने को मिलती है। अशिक्षा, अज्ञानता, रूढ़ियाँ तथा अधिक बच्चों को जन्म देने के कारण यहाँ नारी की स्थिति खराब है। पुरुष-प्रधान समाज तथा आर्थिक परतन्त्रता ने यहाँ नारी की दशा को और भी बिगाड़ दिया है। धीरे-धीरे नारी को आर्थिक विकास की मुख्य धारा से जोड़ा जा रहा है। भारत और ब्राजील दो विकासशील देशों के उदाहरण हैं। दोनों ही राष्ट्र विकास के स्तर को प्राप्त करने के लिए निरन्तर प्रयत्नशील हैं। मिस्र : एक विकासशील देश के रूप में नदी का वरदान’ कहा जाता है, क्योंकि इस देश की अर्थव्यवस्था में नील नदी का महत्त्वपूर्ण स्थान है। कृषि-विकास- मिस्र एक कृषिप्रधान देश है, जहाँ पूर्णतः नील नदी द्वारा सिंचाई के सहारे कृषि फसलों को उत्पादन किया जाता है। नील नदी पर कई स्थानों पर बाँध बनाकर जलविद्युत उत्पादन किया जाता है। राष्ट्रीय आय का 45% भाग कृषि-उत्पादों से प्राप्त होता है। यहाँ की लगभग 50% जनसंख्या कृषि कार्यों में संलग्न है। गेहूं, चावल, मोटे अनाज तथा कपास यहाँ की प्रमुख फसलें हैं। विश्व में कपास उत्पादन में मिस्र का प्रमुख स्थान है। खनिज पदार्थों की दृष्टि से मिस्र एक धनी राष्ट्र है। यहाँ लौह-अयस्क, फॉस्फेट, सोना, सल्फेट, मैग्नीशियम, कोयला तथा खनिज तेल के पर्याप्त भण्डार हैं। फलस्वरूप योजनाबद्ध रूप से मिस्र ने अपने संसाधनों का दोहन किया है, इसलिए यहाँ सूती वस्त्र, सीमेण्ट, काँच, रासायनिक उर्वरक, कागज, सिगरेट, पेट्रोलियम परिष्करण, विद्युत उपकरण, चीनी, टायर, रेफ्रीजरेटर, वातानुकूलित उपकरण तथा दूरसंचार के उपकरणों के उत्पादन में (UPBoardSolutions.com) तीव्र गति से वृद्धि हुई है। औद्योगीकरण के साथ-साथ यहाँ यातायात के क्षेत्रों में भी तीव्र गति से विकास किया जा रहा है। स्वेज नहर, जो विश्व की सबसे बड़ी जहाजी नहर है, मिस्र के ही अधिकार में है। यह लाल सागर को भूमध्य सागर से जोड़ती है। इस प्रकार मिस्र का स्वेज पत्तन पूर्व से पश्चिम को जोड़ने वाली एक कड़ी के रूप में विकसित हुआ है। प्रश्न 7. 3. अल्प-विकसित प्राकृतिक संसाधन – ब्राजील में खनिज पर्याप्त मात्रा में विद्यमान हैं, जिनमें अभ्रक, मैंगनीज, सोना, टिन, गैस एवं खनिज तेल मुख्य हैं। ब्राजील अपनी प्राकृतिक खनिज सम्पदा के बल पर विकास की ओर अग्रसर है। 4. कृषि आधारित अर्थव्यवस्था – ब्राजील की अर्थव्यवस्था अभी भी कृषि (UPBoardSolutions.com) पर आधारित है। यहाँ से कॉफी, सोयाबीन, सन्तरा, चीनी तथा सन्तरे का जूस पर्याप्त मात्रा में निर्यात किये जाते हैं। 5. साक्षरता एवं तकनीकी का निम्न स्तर – ब्राजील में साक्षरता की दर अभी भी वांछित स्तर नहीं प्राप्त कर पायी है। इसी प्रकार तकनीकी दृष्टि से भी अभी यह देश उन्नत स्थिति में नहीं आ पाया है। यह स्वीकार करना पड़ेगा कि दोनों ही क्षेत्रों में विकास के लिए, ब्राजील प्रयत्नशील है। साक्षरता दर 82% से ऊपर पहुँच चुकी है। तकनीकी ज्ञान भी धीरे-धीरे बढ़ रहा है, जिसके कारण वायुयान और कम्प्यूटर जैसी चीजें अब वहाँ भी बन रही हैं। लघु उत्तरीय प्रश्न प्रश्न 1.
प्रश्न 2. प्रश्न 3. विकसित देशों में कृषि के यन्त्रीकरण के लाभों का वर्णन कीजिए। उत्तर : विकसित देशों में हरित क्रान्ति के आलोक में कृषि के यन्त्रीकरण को ग्रहण किया गया है। कृषि के यन्त्रीकरण से आशय पशु एवं मानव शक्ति के स्थान पर यन्त्रों के प्रयोग द्वारा कृषि उत्पादन से लगाया जाता है। विकसित देशों में बड़े पैमाने पर कृषि का (UPBoardSolutions.com) यन्त्रीकरण किया गया है। इससे इन देशों को निम्नलिखित लाभ हुए हैं
प्रश्न 4. प्रश्न 5.
उपर्युक्त दोनों उपलब्ध संसाधन किसी भी देश को विकास के पथ पर अग्रसर करने के लिए वांछित ही नहीं महत्त्वपूर्ण रूप से सहायक भी हैं। प्रश्न 6. अपनी औद्योगिक प्रगति के कारण ही यह विकसित देश कहलाता है। यहाँ पर याकोहामा, ओसाका, नगोया तथा नागासाकी सघन औद्योगिक क्षेत्र हैं, जहाँ जाकर लगता है कि हम किसी दूसरी दुनिया में ही पहुँच गये हों। पश्चिम के ब्रिटेन जैसी उन्नति करने के कारण ही जापान को ‘पूर्व का ब्रिटेन’ भी कहा जाता है। प्रमुख लक्षण/कारण
प्रश्न 7.
प्रश्न 8. 1. वृहत् स्तर पर औद्योगीकरण – वैसे तो सभी विकसित राष्ट्रों ने अपना विकास करने के लिए बड़े .. पैमाने पर उद्योग-धन्धों की स्थापना की है, परन्तु संयुक्त राज्य अमेरिका ने औद्योगीकरण पर विशेष ध्यान दिया है। यहाँ पर लोहा-इस्पात उद्योग, रसायन उद्योग (विश्व में प्रथम स्थान), इन्जीनियरिंग उद्योग, मोटरगाड़ी-निर्माण उद्योग (विश्व में प्रथम स्थान), पोत व
वायुयान-निर्माण उद्योग का तीव्र गति से विकास हुआ है। 4. विकसित संचार-व्यवस्था – इस देश में संचार के साधनों का भी अत्यधिक विकास हुआ है। विश्व में सर्वाधिक टेलीफोन, तार सेवाएँ आदि का प्रयोग संयुक्त राज्य अमेरिका करता है। यहाँ टेलीविजन व्यवस्था अत्यधिक विकसित है। प्रश्न 9. विकसित तथा विकासशील देशों में अन्तर
प्रश्न 11.
प्रश्न 12.
प्रश्न 13.
प्रश्न 14.
अतिलघु उत्तरीय प्रश्न प्रश्न 1. प्रश्न 2. प्रश्न 3. प्रश्न 4. प्रश्न 5. प्रश्न
6. प्रश्न 7. प्रश्न 8. प्रश्न 9.
बहुविकल्पीय प्रश्न 1. विकसित देशों में नारी की स्थिति कैसी है? 2. निम्नलिखित में से कौन-सी विशेषता विकासशील देशों की नहीं है? 3. विकासशील देशों का प्रधान व्यवसाय है 4. विकासशील देशों में सबसे गम्भीर समस्या है| 5. विकासशील देशों में सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश है 6.
कौन-सा देश विकासशील देशों की श्रेणी में नहीं आता है? [2011] 7. निम्नलिखित देशों में से कौन-सा देश विकासशील देश है? [2014] 8. निम्नलिखित देशों में से कौन-सा विकसित देश है? 9. निम्नलिखित में से विकसित देश की सबसे महत्त्वपूर्ण विशेषता कौन-सी है? 10. निम्नलिखित में से कौन-सा देश विकासशील देश है? [2016] 11. निम्नलिखित में से कौन-सी विशेषता विकसित देशों की नहीं है? [2013] 12. निम्नलिखित में से कौन विकासशील देश है? [2013] 13. निम्नलिखित में से कौन-सी विशेषता विकासशील देशों की नहीं है? [2013] 14. निम्नलिखित में से कौन विकसित देश नहीं
है? [2013] 15. निम्न में से कौन विकासशील देश है? [2014] 16. निम्नलिखित में से कौन-सा देश विकसित देश है? [2016] 17. निम्नलिखित में से कौन एक विकसित देश नहीं है? [2018] 18. निम्न देशों में से कौन विकसित देश है?
[2018] 19. विकसित देश नहीं है उत्तरमाला 1. (ग), 2. (घ), 3. (क), 4. (ख), 5. (ग), 6. (ग), 7. (ख), 8. (ग), 9. (ख), 10. (ग), 11. (ग), 12. (ग), 13. (क), 14. (ग), 15. (क) 16. (ग), 17. (क), 18. (घ), 19. (ख)। We hope the UP Board Solutions for Class 10 Social Science Chapter 13 विकसित तथा विकासशील देश एवं उनकी विशेषताएँ (अनुभाग – तीन) help you. If you have any query regarding UP Board Solutions for Class 10 Social Science Chapter 13 विकसित तथा विकासशील देश एवं उनकी विशेषताएँ (अनुभाग – तीन), drop a comment below and we will get back to you at the earliest विकासशील देश का क्या अर्थ है?सामान्य तौर पर विकासशील देश वे देश होते हैं जिन्होंने अपनी जनसंख्या के सापेक्ष औद्योगीकरण के स्तर को प्राप्त नही किया होता है और जिनमें, अधिकतर, जीवन स्तर निम्न से मध्यम वर्गीय होता है। निम्न आय और उच्च जनसंख्या वृद्धि के बीच एक मजबूत सहसंबंध होता है।
विकासशील देशों से आप क्या समझते हैं इसकी प्रमुख विशेषताएं लिखिए?विकासशील देशों की पहली महत्वपूर्ण विशेषता उनकी प्रति व्यक्ति आय कम है। एक विकासशील देश आम तौर पर कृषि प्रधान होता है। इसकी लगभग 60 से 75 प्रतिशत आबादी अपनी आजीविका के लिए कृषि और इससे जुड़ी गतिविधियों पर निर्भर करती है।
विकासशील देश कौन कौन से हैं in Hindi?इन देशों में कृषि, औद्योगिक, व्यापारिक एवं तकनीकी विकास कम हुआ है। इन देशों में प्रति व्यक्ति आय अपेक्षाकृत कम होती है। चीन, भारत, मिस्र, ब्राजील, अर्जेंटीना, पाकिस्तान, म्यांमार, इराक, ईरान, बांग्लादेश, इंडोनेशिया, तंजानिया एवं जायरे आदि प्रमुख विकासशील देश हैं।
विकसित और विकासशील देश क्या है?एक विकसित देश औद्योगीकृत होता है, जिसमें जीवन की उच्च गुणवत्ता, विकसित अर्थव्यवस्था और कम औद्योगिक राष्ट्रों के सापेक्ष उन्नत तकनीकी अवसंरचना होती है। जबकि विकासशील देश वे हैं जो औद्योगीकरण की प्रक्रिया में हैं या पूर्व-औद्योगिक और लगभग पूरी तरह से कृषि प्रधान हैं।
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