विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस मनाने का निम्नलिखित में से कौन सा कारण है? - vishv prakrti sanrakshan divas manaane ka nimnalikhit mein se kaun sa kaaran hai?

मुख्य उद्देश्य हमारी प्राकृतिक पर्यावरण को बचाना है

विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस मनाने के पीछे का मुख्य उद्देश्य न केवल जानवरों और पेड़ पौधों की रक्षा करना है बल्कि हमारी प्राकृतिक पर्यावरण को बचाना भी है.इस दिन को मनाने के लिए लोग ज्यादा से ज्यादा वृक्षारोपण करते हैं. साथ ही पानी और बिजली की बचत के लिए जागरूकता फैलाने के लिए अलग-अलग प्रकार के कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते है. बतादें की पश्चिम चंपारण में अमवा मन (जलाशय) और त्रिवेणी नहर का सौंदरीयकरण किया गया है.

सरैया मन में ठंड में आते हैं प्रवासी पक्षी

सरैया मन को भी विकसित किया जा रहा. घडिय़ालों के संरक्षण पर काम हो रहा है. समस्तीपुर में तितलियों पर शोध और संरक्षण हो रहा है.बतादें की बैरिया प्रखंड के उदयपुर वनाश्रयी के मध्य में स्थित सरैया मन में ठंड में प्रवासी पक्षी आते हैं.यह मन लगभग 2200 एकड़ में फैला हुआ है.बतादें की सरैया मन के चारों ओर जंगल है. पक्षियों समेत दुसरे जीवों का प्राकृतिक आवास विकसित करने के लिए लगभग 50 लाख स्वीकृत किए गए हैं.

त्रिवेणी नहर में नौकायन की व्यवस्था

वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के जंगल में झाडिय़ों और गंदगी से भरी हुई त्रिवेणी नहर जो 57 वर्ष से मृत पड़ी थी.बीते वर्ष इसकी सफाई कर इस नहर को नया जीवन दिया गया.दोनों तरफ जंगल और उसके बीच में लगभग तीन किलोमीटर लंबी इस नहर की खूबसूरती देखते बन रही है. इस नहर को और भी खुबसुरत बनाने के लिए यहां नौकायन की व्यवस्था की गई है.जंगल के बीच से निकली नहर में नौकायन का आनंद मन को सुकुन देता है.

तितली पार्क में तितलियों की पसंद का लगा पौधा

समस्तीपुर के पूसा स्थित डा. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय में तितली पार्क बनाया गया है.विश्वविद्यालय में स्थापित तितली पार्क वातावरण के अनुकूल बनाया गया है.तितलियों की पसंदीदा पौधों को इस पार्क में लगाया गया है.डेढ़ एकड़ में लगभग 10 लाख की लागत से पाली हाउसनुमा शेड में यह पार्क बना है. यहां तितलियों की 45 प्रजातियों पर अनुसंधान हो रहा है. तितलियों के संरक्षण,प्रजनन और रखरखाव पर विज्ञानी ध्यान दे रहे हैं. तितलियां जैव विविधता का महत्वपूर्ण घटक होती हैं.

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Published Date Thu, Jul 28, 2022, 5:26 PM IST

दिवस और कारण September 24, 2021

जाने 28 जुलाई का इतिहास क्या है ? 28 जुलाई को कौनसा दिवस मनाया जाता है ?

प्रश्न : भारत में 28 जुलाई को कौनसा दिवस मनाया जाता है ?

उत्तर : भारत में 28 जुलाई के दिन को “विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस” के रूप में मनाया जाता है |

प्रश्न : भारत में 28 जुलाई को ही विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस के रूप में क्यों मनाया जाता है ?

उत्तर : 28 जुलाई का इतिहास = “”

और यही कारण है की 28 जुलाई को ही विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस के रूप में मनाया जाता है |

history of 28 जुलाई in hindi , what is on this day 28 जुलाई in hindi and reason ? निम्नलिखित में से कौनसा दिवस 28 जुलाई को मनाया जाता है |

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विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस मनाने का निम्नलिखित में से कौन सा कारण है? - vishv prakrti sanrakshan divas manaane ka nimnalikhit mein se kaun sa kaaran hai?

विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस (World Nature Conservation Day) हर साल 28 जुलाई को मनाया जाता है। यह दिन प्रकृति (Nature) को लेकर बहुत ही खास होता है। यह दिन सब लोगों को नेचर के प्रति प्रेरित करने के लिए मनाया जाता है। विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस इस बात के लिए जागरूक करता है कि एक स्वस्थ पर्यावरण एक स्थिर और स्वस्थ मानव समाज की नींव है।

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विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस का उद्देश्य

विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस मनाने का उद्देश्य उन जानवरों और पेड़ों का संरक्षण करना है जो पृथ्वी के प्राकृतिक पर्यावरण से विलुप्त होने के कगार पर हैं। इसलिए, प्रकृति को संरक्षित करने की हर शख्स की जिम्मेदारी है। आनेवाली नस्लों के साथ-साथ वर्तमान में सेहत को सुनिश्चित करने के लिए टिकाऊ दुनिया की तरफ काम करने की जरूरत है।

विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस की थीम

भारत सरकार ने 1 जुलाई 2022 से सिंगल यूज प्लास्टिक पर रोक लगा दी है। क्योंकि प्लास्टिक न केवल हमारे देश के पर्यावरण को खराब कर रही है बल्कि विश्व स्तर पर भी हमारी प्रकृति को नुकसान पहुंचा रही है। इसका इस्तेमाल बड़े पैमाने पर किया जा रहा है। ऐसे में सरकार ने इस साल की थीम ‘कट डाउन ऑन प्लास्टिक यूज’ (cut down on plastic use) रखी है।

विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस का महत्व

धरती को बचाने में संसाधनों के संरक्षण की महत्वपूर्ण भूमिका है। उसकी प्राकृतिक सुंदरता में संतुलन प्रकृति के कई हिस्सों जैसे पानी, हवा, मिट्टी, ऊर्जा, मिनरल्स, वनस्पति, पशु-पक्षियों को संरक्षित कर किया जा सकता है। इन संसाधनों का मनुष्यों के साथ-साथ बाकी जीवों के लिए भी महत्व है। 

विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस का इतिहास

विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस का इतिहास एवं उत्पत्ति ज्ञात नहीं है लेकिन 28 जुलाई को इसे मनाने का उद्देश्य एक प्रजाति के रूप में आत्मनिरीक्षण करना है कि मनुष्य किस प्रकार प्रकृति का शोषण कर रहे हैं और इसके संरक्षण के लिए कदम उठा रहे हैं। प्राकृतिक संसाधनों के अत्यधिक दोहन के कारण मनुष्य ग्लोबल वार्मिंग, विभिन्न बीमारियों, प्राकृतिक आपदाओं, बढ़े हुए तापमान आदि के प्रकोप का सामना कर रहा है।

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