विद्युत्-ऋणात्मकता (Electronegativity) किसी परमाणु का एक रासायनिक गुण है जो दर्शाता है कि वह परमाणु किसी सहसंयोजी आबंध में इलेक्ट्रॉनों को आकर्षित करने में कितना सक्षम है। कभी-कभी प्रकार्यात्मक समूह (Functional Group ) के विद्युत-ऋणात्मकता की भी बात की जाती है। इसे प्रतीक χ द्वारा प्रदर्शित करते हैं। इसे लाइनस पाउलिंग (Linus Pauling) ने सन् 1932 में सहसंयोजी आबंध सिद्धान्त के विकास में प्रयुक्त किया था। यह प्रदर्शित हो चुका है कि विद्युत-ऋणात्मकता अनेको अन्य रासायनिक गुणों के साथ सहसम्बन्धित है। विद्युत-ऋणात्मकता का सीधा मापन सम्भव नहीं है। यह अन्य परमाणविक या आणविक गुणो से गणना करके निकाली जाती है। अथवा बंध के इलेक्ट्रॉन युग्म को किसी एक परमाणु द्वारा दूसरे परमाणु के सापेक्ष अपनी ओर आकर्षित करने की क्षमता को विद्युत्-ऋणात्मकता कहते है | Show
2. Size inversely proportional E.N 3. Sigma bond inversely proportional E.N 4. Negative charge inversely proportional E.N 5. +charge proportional E.N
विद्युत ऋणात्मक से आप क्या समझते हैं?यह लेख एक आधार है। जानकारी जोड़कर इसे बढ़ाने में विकिपीडिया की मदद करें।
विद्युत ऋणात्मकता से आप क्या समझते हो विद्युत ऋणात्मकता व इलेक्ट्रॉन बन्धुता में क्या अन्तर है?1. किसी सहसंयोजी अणु में साझा की इलेक्ट्रॉनिक युग्म को किसी परमाणु द्वारा अपनी ओर आकर्षित करने की क्षमता को विद्युत्-ऋणात्मकता कहते है। 1. किसी उदासीन विलग गैसीय परमाणु के बहत्तम कोष में एक इलेक्ट्रॉन जोड़ने पर जो ऊर्जा निकलती है उसे इलेक्ट्रॉन बंधुता कहते हैं।
विद्युत ऋणात्मकता क्या है इसका मान आवर्त सारणी में किस प्रकार परिवर्तित होता है?विद्युत्-ऋणात्मकता [electronegativity] -
F > 0 > N > Cl > Br > I विद्युत्-ऋणात्मकता का घटता क्रम इस प्रकार है। वर्ग में ऊपर से नीचे जाने पर विद्युत्-ऋणात्मकता का मान घटता है क्योंकि परमाणु त्रिज्या का मान बढ़ता है। आवर्त में बाएं से दाएं जाने पर विद्युत्-ऋणात्मकता का मान बढ़ता है क्योंकि परमाणु त्रिज्या का मान घटता है।
विद्युत ऋणात्मकता के आधार पर अणुओं के बन्ध कोण की व्याख्या आप कैसे करेंगे?दो परमाणुओं के मध्य यदि दो इलेक्ट्रॉन युग्मों का सहभाजन होता है, तो उनके बीच का सहसंयोजी आबंध 'द्वि-आबंध' (Double Bond) कहलाता है। उदाहरणार्थ- कार्बन डाइ ऑक्साइड अणु में कार्बन तथा ऑक्सीजन परमाणुओं के मध्य दो द्वि- आबंध उपस्थित होते हैं।
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