दोस्तों आज हम मनोविज्ञान-बाल विकास के टॉपिक विकास की अवस्थाएँ और वृद्धि- विकास के सिद्धान्त पर चर्चा करेंगे. Show विकास की अवस्थाएँ हरलॉक के अनुसार- शैले ने
विकास की तीन अवस्थाएं बताई है (2) बाल्यावस्था (6-12 वर्ष तक) (3) किशोरावस्था (13-18 वर्ष तक ) रॉस के अनुसार वर्गीकरण कॉलसनिक के अनुसार विकास की अवस्थाएॅं- भ्रूणावस्था-जन्म से पहले की अवस्था इसका वर्गीकरण सर्वाधिक उपयुक्त और मानक है। मनुष्य को जो कुछ बनना होता है। वह 4-5 वर्ष में बन जाता है। बालक के निर्माण का काल शैशवावस्था है। फ्रायड सिंगमंड शैशवावस्था मानव विकास की 2 अवस्था है। शैशवावस्था की विशेषताऐं मूल प्रवृत्तियों पर आधारित व्यवहार करते है। भूख लगने पर किसी वस्तु को मुंह में डालना। कल्पना लोक में विचरण करता है। शैशवावस्था में शिक्षा का स्वरूप- शैशवावस्था में मानसिक विकास शैशवावस्था में सामाजिकता का प्रभाव संवेग व्यक्ति की उत्तेजित दशा है-वुडवर्थ इस अवस्था में कुछ बालक एकांतप्रिय भी होते हैं। शैशवावस्था में भाषा का विकास बाल्यावस्था बाल्यावस्था की विशेषताएं बाल्यावस्था में शिक्षा का स्वरूप बाल्यावस्था में मानसिक विकास सामाजिकता का विकास वृद्धि एवं विकास के सिद्धान्तफेक –
कोशिका की गुणात्मक वृद्धि अभिवृद्धि कहलाती है मस्तष्का अधोमुखी सिद्धान्त- सिर से पांव की ओर विकास गर्भ में सर्वप्रथम सिर का विकास होता है फिर अन्य अंगों का विकास। 18 से 21 वर्ष की अवस्था में कौन सी अवस्था कहा गया है?8. उत्तर किशोरावस्था (Post-adolescence)- 18 वर्ष से 21 वर्ष तक। 9. प्रौढ़ावस्था (Maturity)- 21 वर्ष से 40 वर्ष तक।
12 से 18 वर्ष की अवस्था को क्या कहते हैं?'किशोरावस्था' लैटिन शब्द 'एडोलसेरे' से बना है जिसका अर्थ 'बढ़ना और परिपक्व होना' है। यह एक ऐसी अवस्था है जो '12 से 19 वर्ष की आयु के बीच होती है। किशोरावस्था बाल्यावस्था और वयस्कता का परिवर्तनकालीन चरण है जब एक बच्चा शारीरिक और मनोवैज्ञानिक रूप से एक वयस्क के रूप में विकसित होता है।
शैशवावस्था की उम्र कितनी है?छह वर्ष का बालक जन्म से लेकर पाँच वर्ष की अवस्था शैशव अवस्था कही जाती है।
उम्र की कितनी अवस्थाएं होती है?मनुष्य के जीवन में चार अवस्थाएं क्रमशः गर्भावस्था, शैशवावस्था, बाल्यावस्था, किशोरावस्था, युवावस्था, प्रौढ़ावस्था एवं वृद्धावस्था होती हैं।
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