Dengue Mosquito एडीज इजिप्टी मच्छर बहुत ऊंचाई तक नहीं उड़ पाता इसलिए यह इंसानों के पैरों पर ही काटता है। साथ ही यह मादा मच्छर दिखने में भी काफी अलग होते हैं। तो आइए जानें इनके बारे में सबकुछ। Show नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Dengue Mosquito: बरसात के मौसम में मच्छरों से होने वाली बीमारियों का का खतरा बहुत बढ़ जाता है। इस साल बेमौसम हुई बारिश ने इस ख़तरे को और बढ़ा दिया है। बारिश में पानी का जमाव मच्छरों के पनपने के लिए अनुकूल जगह बन जाती है, जिसके चलते अधिकांश लोग इस समय में ही बीमार पड़ना शुरू हो जाते हैं। ऐसे में आपको इस वक्त सबसे ज्यादा सतर्क रहने की ज़रूरत है। बता दें कि डेंगू का मच्छर आम मच्छरों से काफी अलग होता है। तो आइए जानें कि डेंगू के मच्छर में क्या अलग होता है। कैसा होता है डेंगू का मच्छर?डेंगू के मच्छर को मादा एडीज़ मच्छर कहते हैं। चीते जैसी धारियों वाले मादा एडीज़ इजिप्टी मच्छर के काटने से शरीर में डेंगू फैलता है। यह मच्छर अक्सर सुबह के समय ही काटते हैं। रिपोर्ट्स में सामने आया है कि डेंगू के मच्छर दिन में खासकर सुबह के वक्त काटते हैं। वहीं अगर रात में रोशनी ज्यादा है, तो भी यह मच्छर काट सकते हैं। इसलिए सुबह और दिन के वक्त घर के आसपास मच्छरों को न रहने दें। एडीज इजिप्टी मच्छर बहुत ऊंचाई तक नहीं उड़ पाते, इंसान के घुटने के नीचे तक ही पहुंच पाते हैं। इसलिए शरीर को पूरी तरह से ढकने वाले कपड़े ही पहनें ताकि मच्छर से बच सकें। सुबह के वक्त भी पांव और हाथों को ढककर रखें। डेंगू के मच्छर गंदी नालियों में नहीं बल्कि साफ सुथरे पानी में पनपते हैं, साफ सुथरे शहरी इलाकों में रहने वाले लोगों को इसका ज्यादा खतरा रहता है। डेंगू के लक्षण कितनी दिन में सामने आते हैं?डेंगू के मच्छर के काटते ही आपको लक्षण महसूस होने नहीं लगेंगे। इसका प्रभाव 3 से 5 दिनों बाद होना शुरू होता है। आपको बता दें कि दुनिया भर में मच्छरों की करीब 3 हजार 500 प्रजातियां पाई जाती हैं, लेकिन इनमें से ज़्यादातर नस्लें इंसानों को बिल्कुल परेशान नहीं करतीं। मच्छरों की सिर्फ छह फ़ीसद प्रजातियों की मादाएं अपने अंडों के विकास के लिए इंसानों का खून पीती हैं। Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें। Picture Courtesy: FreepikEdited By: Ruhee Parvez स्टोरी हाइलाइट्स
देश के कई राज्यों में डेंगू (Dengue) के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. खासतौर से दिल्ली (Delhi dengue cases), नोएडा और गुड़गांव में डेंगू के मरीजों की बढ़ती संख्या चिंता का कारण बन गई है. डेंगू बुखार (Dengue fever) डेंगू वायरस से संक्रमित एडीज मच्छर के काटने से फैलता है. ये मच्छर तब संक्रमित हो जाता है जब वह किसी डेंगू वायरस से संक्रमित व्यक्ति के खून को चूसता है. ये एक व्यक्ति से दूसरे में सीधे तौर पर नहीं फैलता है. डेंगू संक्रमण DEN-1, DEN-2, DEN-3, और DEN-4 वायरस से फैलता है. इन चारों वायरस को सीरोटाइप कहा जाता है क्योंकि ये चारों अलग-अलग तरीके से एंटीबॉडी को प्रभावित करते हैं. आप अलग-अलग स्ट्रेन से चार बार भी डेंगू से संक्रमित हो सकते हैं. इस समय ज्यादा काटते हैं डेंगू के मच्छर (Dengue mosquito bite time)- डेंगू फैलाने वाले मच्छर सबसे ज्यादा दोपहर के समय काटते हैं. खासतौर से सूर्योदय के दो घंटे बाद और सूर्यास्त से एक घंटे पहले. हालांकि, रात के समय भी डेंगू के मच्छर एक्टिव रहते हैं, खासकर उन इलाकों में जहां अच्छी रोशनी होती है. डेंगू के मच्छरों के काटने का खतरा ऑफिस, मॉल, इनडोर ऑडिटोरियम और स्टेडियम के अंदर ज्यादा होता है क्योंकि यहां हर समय आर्टिफिशियल लाइट्स का इस्तेमाल होता है और प्राकृतिक रोशनी नहीं आ पाती है. डेंगू के लक्षण (Dengue symptoms)- डेंगू के लक्षण आमतौर पर संक्रमण के चार से छह दिन बाद दिखाई देने शुरू होते हैं जो 10 दिनों तक रहते हैं. इन लक्षणों में अचानक, तेज बुखार, बहुत तेज सिर दर्द, आंखों के पीछे दर्द, जोड़ों और मांसपेशियों में तेज दर्द, थकान, मितली, उल्टी, त्वचा पर लाल चकत्ते और हल्की ब्लीडिंग जैसे की नाक या मसूड़ों से खून आना हैं. डेंगू के बुखार में पूरे शरीर में बहुत तेज दर्द होता है इसलिए कुछ लोग इसे हड्डी तोड़ बुखार भी कहते हैं. कभी-कभी इसके लक्षण हल्के होते हैं और लोग इसे गलती से फ्लू या अन्य वायरल इंफेक्शन समझ लेते हैं. डेंगू का इलाज (Dengue treatment)- डेंगू के इलाज के लिए कोई निश्चित दवा नहीं है. डेंगू के बुखार में खूब आराम करना चाहिए. खून में प्लेटलेट्स की नियमित रूप से जांच करवाएं. शरीर में पानी की बिल्कुल कमी ना होने दें और खूब सारा लिक्विड डाइट लें. इस समय नारियल पानी पीना सबसे अच्छा होता है. ये प्लेटलेट्स बढ़ाने का भी काम करता है. इसके अलावा गिलोय, पपीता, कीवी, अनार, चुकंदर और हरी सब्जियों को डाइट में शामिल करें. डॉक्टर के संपर्क में रहें और अपने प्लेटलेट्स की जानकारी उन्हें देते रहें. किसी भी तरह की दिक्कत होने या प्लेटलेट्स गिरने पर डॉक्टर आपको अस्पताल में भर्ती होने की भी सलाह दे सकते हैं. ऐसे करें बचाव (Dengue precautions)- डेंगू मच्छरों से फैलने वाली बीमारी है और इससे बचाव करना बहुत जरूरी है. डेंगू का मच्छर अक्सर दिन के समय काटता है. इसलिए दिन में मच्छरों के काटने से खुद को बचाएं. इन दिनों फुल बाजू के कपड़े और पावों में जूते पहन कर रहें. शरीर को कहीं से भी खुला ना छोड़ें. घर के आसपास या घर के अंदर पानी नहीं जमने दें. कूलर, गमले, टायर में जमे पानी को भी बहा दें. कूलर में अगर पानी है तो इसे भी खाली कर लें वरना इसमें मच्छर पनप सकते हैं. रात में सोते समय मच्छरदानी लगाना बचाव का सबसे सही तरीका है. ये भी पढ़ें
डेंगू मच्छर कितने बजे काटता है?चीते जैसी धारियों वाले मादा एडीज़ इजिप्टी मच्छर के काटने से शरीर में डेंगू फैलता है। यह मच्छर अक्सर सुबह के समय ही काटते हैं। रिपोर्ट्स में सामने आया है कि डेंगू के मच्छर दिन में खासकर सुबह के वक्त काटते हैं।
डेंगू का मच्छर कब निकलता है?अधिकतर एक्सपर्ट्स का कहना है कि डेंगू के मच्छर अक्सर दिन में एक्टिव होते हैं. यानि दिन के समय इस मच्छर के काटने की संभावना अधिक रहती है. खासतौर पर सूर्योदय के कुछ घंटे पहले और सूर्यास्त के कुछ घंटे पहले इस मच्छर के काटने की संभावना अधिक रहती है. हालांकि, ऐसे बिल्कुल नहीं है कि सूर्यास्त के बाद यह मच्छर आपको काटे न.
डेंगू के लक्षण कितने दिनों में दिखाई देते हैं?काटे जाने के करीब 3-5 दिनों के बाद मरीज में डेंगू बुखार के लक्षण दिखने लगते हैं। शरीर में बीमारी पनपने की मियाद 3 से 10 दिनों की भी हो सकती है। अगर तेज बुखार हो, जॉइंट्स में तेज दर्द हो या शरीर पर रैशेज हों तो पहले दिन ही डेंगू का टेस्ट करा लेना चाहिए।
क्या डेंगू में चावल खा सकते हैं?हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार डेंगू फीवर होने आपको अपने आहार में हल्का भोजन ही शामिल करना चाहिए। डेंगू होने पर आप दोपहर के समय अपने भोजन में चावल का सेवन कर सकते हैं। चावल में मौजूद पोषक तत्व डेंगू में होने वाली कमजोरी से छुटकारा दिलाते हैं।
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