23 मई 2022 को कौन सा दिन पड़ेगा? - 23 maee 2022 ko kaun sa din padega?

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23 मई 2022 को कौन सा दिन पड़ेगा? - 23 maee 2022 ko kaun sa din padega?
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23 मई 2022 को कौन सा दिन पड़ेगा? - 23 maee 2022 ko kaun sa din padega?
  • Some holidays and dates are color-coded:
    • Red–Federal Holidays and Sundays.
    • Blue–Common Local Holidays.
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23 मई 2022 को कौन सा दिन पड़ेगा? - 23 maee 2022 ko kaun sa din padega?

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इसके निम्नलिखित नियम हैं जैसे कि दैनिक पंचांग की बेहतर समझ के लिए इससे अच्छी तरह से वाकिफ होना चाहिए। यह विभिन्न ज्योतिषीय घटनाओं के बारे में सटीक जानकारी प्रदान करता है और किसी भी तरह से आपको कुछ भी नया शुरू करने के लिए सबसे उपयुक्त समय खोजने में मदद करता है।

सूर्योदय और सूर्यास्त - हिंदू कैलेंडर में सूर्योदय से अगले सूर्यादय तक की अवधि को एक दिन माना जाता है। अतः, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय ज्योतिष में बहुत महत्व रखता है। सभी प्रमुख निर्णय सूर्य और चंद्रमा की स्थिति पर विचार करने के बाद ही लिए जाते हैं।

चंद्रोदय और चन्द्रास्त - अनुकूल समय का निर्धारण करने के लिए चंद्रोदय और चन्द्रास्त का समय हिंदू कैलेंडर में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

शक संवत - शक संवत भारतीय आधिकारिक नागरिक कैलेंडर है, जिसे 78 ईस्वी में स्थापित किया गया था।

अमांत माह - हिंदू कैलेंडर, में जो चंद्र महीना अमावस्या के दिन समाप्त होता है, उसे अमांत माह के रूप में जाना जाता है। आंध्र प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, केरल, पश्चिम बंगाल और त्रिपुरा कुछ ऐसे राज्य हैं जो इस हिंदू कैलेंडर का पालन करते हैं।

पूर्णिमांत माह - हिंदू कैलेंडर में चंद्र महीना पूर्णिमा के दिन समाप्त होता है उसे पूर्णिमांत माह के रूप में जाना जाता है। हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर, झारखंड, मध्य प्रदेश, उड़ीसा, पंजाब, राजस्थान, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश ऐसे राज्य हैं जो इस हिंदू कैलेंडर का पालन करते हैं।

सूर्य राशि और चंद्र राशि - सूर्य चिह्न, राशि के आधार पर किसी व्यक्ति के व्यक्तित्व को दर्शाता है और यह उसके जन्म के समय एक मूल राशि के राशि चक्र में सूर्य की स्थिति से निर्धारित होता है। चंद्र चिन्ह से किसी व्यक्ति के व्यक्तित्व के भावनात्मक पहलू का पता चलता है, और यह उसके जन्म के समय मूल राशि के चार्ट में राशि चक्र की स्थिति से निर्धारित होता है।

पक्ष - तिथि को दो हिस्सों में बांटा गया है। प्रत्येक ‘आधे’ भाग को एक पक्ष के रूप में जाना जाता है। इसके दो पक्ष हैं, जैसेः शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष।

शुभ समय / अच्छा समय

अभिजीत नक्षत्र - जब भगवान ब्रह्मा मकर राशि में स्थित होते हैं, तो इसे अभिजीत नक्षत्र के रूप में जाना जाता है। नए कार्यों को करने और नई खरीदारी करने के लिए यह सबसे शुभ अवधियों में से एक माना जाता है।

अमृत ​​कालम् - यह अन्नप्राशन संस्कार और अन्य हिंदू अनुष्ठानों को करने का समय है। यह बहुत ही शुभ समय माना जाता है।

गुलिकई कालम् - गुलिका मंडा के बेटे उर्फ ​​शनि थे। इस समय को गुलिकई कालम् के नाम से जाना जाता है। इस अवधि के दौरान किसी भी कार्य की शुरुआत करना शुभ नहीं माना जाता है अतः इससे बचना चाहिए।

यमगंडा - यह एक अशुभ अवधि है, और किसी भी सफल और समृद्ध उद्यम के कार्य के लिए यह समयावधि वर्जित है।

दुर मुहूर्तम - यह दिन में एक बार सूर्यास्त से पहले एक बार आता है। किसी भी शुभ कार्य को करने से पहले इस समय से बचना चाहिए

व्रज्याम कालम् - व्रज्याम या विशघटिका वह समय है जो वर्तमान दिन से शुरू होता है और आने वाले दिन से पहले समाप्त होता है। इसे सौम्य काल नहीं माना जाता है।

राहु कालम् - राहु की अवधि किसी भी कार्य के लिए अच्छी नहीं मानी जाती है। किसी भी नई पहल के लिए राहु के प्रभाव से पूरी तरह बचा जाना चाहिए।

आज का पंचांग (Aaj Ka Panchang): आज 23 मई दिन सोमवार है. आज ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि है. आज सोमवार के दिन भगवान शिव शंकर पूजा करनी चाहिए. सोमवार का दिन भगवान भोलेनाथ की पूजा के लिए समर्पित है. इस दिन बेलपत्र, भांग, धतूरा, शमी पत्र, गंगाजल, गाय का दूध, शहद, अक्षत्, शक्कर, फूल, फल, मिठाई आदि अर्पित करते हुए शिवलिंग की पूजा करनी चाहिए. इन वस्तुओं को अर्पित करते समय शिव पंचाक्षर मंत्र ओम नम: शिवाय का उच्चारण करते रहें. शिव की कृपा से दुख, संकट, पाप सब मिट जाते हैं और इच्छित कार्य सफलत होते हैं. शिव जी को प्रसन्न करने के लिए शिव चालीसा, शिव स्तोत्र, शिव मंत्र, शिव जी की आरती आदि कर सकते हैं.

सोमवार को शिव जी की स्तुति एवं पूजा करने से कुंडली का चंद्र दोष भी दूर हो जाता है. चंद्र ग्रह को मजबूत करने का सबसे आसान तरीका है, भगवान महादेव की पूजा करना. भगवान शिव ने चंद्रमा को अपने ललाट पर धारण कर चंद्रशेखर कहलाए. सोमवार को चंद्रमा की पूजा भी कर सकते हैं. चंद्रमा के मजबूत होने से सुख एवं समृद्धि बढ़ती है, व्यक्ति मानसिक तौर पर दृढ होता है, माता से संबंध अच्छे रहते हैं. चंद्रमा को मन, भावनाओं आदि का कारक माना जाता है. सोमवार को दूध, दही, खीर, चावल, सफेद वस्त्र, मोती आदि दान करने से भी चंद्र दोष दूर होता है. आइए पंचांग से जानें आज का शुभ और अशुभ मुहूर्त और जानें कैसी होगी आज ग्रहों की चाल.

23 मई 2022 का पंचांग
आज की तिथि – ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष अष्टमी
आज का करण – कौलव
आज का नक्षत्र – शतभिषा
आज का योग – वैद्रुति
आज का पक्ष – कृष्ण
आज का वार – सोमवार

सूर्योदय-सूर्यास्त और चंद्रोदय-चंद्रास्त का समय
सूर्योदय – 05:55:00 AM
सूर्यास्त – 07:16:00 PM
चन्द्रोदय – 25:53:59
चन्द्रास्त – 12:35:59
चन्द्र राशि– कुंभ

हिन्दू मास एवं वर्ष
शक सम्वत – 1944 शुभकृत
विक्रम सम्वत – 2079
काली सम्वत – 5123
दिन काल – 13:42:44
मास अमांत – वैशाख
मास पूर्णिमांत – ज्येष्ठ
शुभ समय – 11:50:29 से 12:45:20 तक

अशुभ समय (अशुभ मुहूर्त)
दुष्टमुहूर्त– 12:45:20 से 13:40:11 तक, 15:29:53 से 16:24:44 तक
कुलिक– 15:29:53 से 16:24:44 तक
कंटक– 08:11:05 से 09:05:56 तक
राहु काल– 07:35 से 09:16 तक
कालवेला/अर्द्धयाम– 10:00:47 से 10:55:38 तक
यमघण्ट– 11:50:29 से 12:45:20 तक
यमगण्ड– 10:35:04 से 12:17:54 तक
गुलिक काल– 14:16 से 15:56 तक

Tags: Astrology, Dharma Aastha

23 मई 2022 को कौन सा त्यौहार है?

आज ज्येष्ठ माह कृष्ण पक्ष की अष्टमी है और शतभिषा नक्षत्र है। साथ ही आज सोमवार का पावन व्रत का दिन है।

23 तारीख को कौन सा दिन है 2022?

Aaj Ka Panchang: जान‍िए 23 नवंबर 2022, दिन-बुधवार का पंचांग और शुभ मुहूर्त

23 मई को कौन सा त्यौहार है?

पंचक प्रारम्भ प्रात: 11.12 बजे से। कालाष्टमी। राष्ट्रीय ज्येष्ठ मास आरम्भ। 23 मई (सोमवार) : ज्येष्ठ कृष्ण अष्टमी, महापंचक जारी है।

25 मई 2022 को कौन सा दिन पड़ेगा?

Panchang 25 May 2022 Wednesday: 25 मई 2022, दिन बुधवार, ज्येष्ठ मास, कृष्ण पक्ष, दशमी तिथि 10.32 बजे तक फिर एकादशी तिथि लग जाएगी. उत्तराभाद्र नक्षत्र 23.20 तक फिर रेवती नक्षत्र की शुरुआत हो जाएगी. चंद्रमा मीन और भगवान सूर्य वृष राश‍ि में व‍िराजमान हैं. विजय मुहूर्त का समय होगा दोपहर 14.36 से 15.31 बजे तक.