आग लगने पर क्या उपाय करना चाहिए? - aag lagane par kya upaay karana chaahie?

यूटिलिटी डेस्क. आग लगने से होने वाली दुर्घटनाएं काफी खतरनाक होती हैं। आपको यह जरूर जानना चाहिए कि आग लगने पर तुरंत एहतियात क्या बरती जानी चाहिए जिससे संभावित बड़े नुकसानों से बचा जा सके। साथ ही जान की सुरक्षा कैसे की जा सके। फायर कर्मियों द्वारा समय-समय पर इसके लिए वर्कशॉप लगाए जाते हैं जो पूरी तरह नि: शुल्क होते हैं। इसके अलावा आप अग्निशमन या फायर ब्रिगेड विभाग में जाकर भी इसका मुफ्त प्रशिक्षण ले सकते हैं।

1) इन बातों का रखें ध्यान

आग लगने पर लोग उपाय करने से पहले अफरातफरी मचा देते हैं, जिससे बचाव कार्य में परेशानी होती है। आग लगने पर संयम से काम लें।

  • यदि आपके पास अग्निशामक यंत्र है और आप उसे हैंडल करना जानते हैं तो उसे सक्रिय करें।
  • आग बढ़ने पर अग्निशामक दल को बुलाने के लिए 101 या 112 नंबर डायल करें।
  • किसी बड़ी बिल्डिंग या ऑफिस में आग में फंसे हों तो तुरंत फायर अलार्म सक्रिय करें। हमेशा आग बुझाने वाला यंत्र और बचाव कंबल तैयार रखें।
  • ज्यादातर देखने में आता है कि व्यक्ति खुद की सुरक्षा करने से ज्यादा आग बुझाने में जुट जाते हैं, जिससे वे फंस जाते हैं।
  • घर में बेवजह की रद्दी व कचरा नहीं रखना चाहिए, ये आइटम जल्द आग पकड़ते हैं।
  • खेत-खलिहानों में सूखी घास, लकड़ियां आदि महफूज जगह पर रखना चाहिए।

तुरंत 101 नंबर पर कॉल कर सूचना दें। फायर अलार्म ऑन करें, फिर जोर-जोर से ‘आग-आग’ चिल्लाकर लोगों को सचेत करें। 

  • लिफ्ट के बजाय सीढ़ियों का ही उपयोग करें।
  • अगर आग आपकी इमारत में लगी है और आप फंसे नहीं हैं तो तुरंत बाहर आकर 101 को फोन करें और लोगों को बचाव के लिए कहें।
  • घटनास्थल पर भीड़ न होने दें, इससे फायर ब्रिगेड को काम करने में परेशानी होगी।
  • फालतू में चिल्ला-चिल्लाकर फंसे लोगों को निर्देश न दें, इससे वे और घबरा जाएंगे।
  • धुएं में घिरने पर जमीन पर बैठ या लेट जाएं, इससे धुएं का असर आप पर कम होगा।

सामान जल रहा है तो पानी-रेत-फोमकेमिकल का छिड़काव कर आग बुझाएं। अगर आग बिजली के तारों या शॉर्ट सर्किट की वजह से लगी है तो पानी का इस्तेमाल न करें। 

  • आग लगने पर तुरंत बिजली का मेनस्विच बंद कर दें। तार आग जल्दी पकड़ते हैं।
  • जहां आग लगी है, उसके आसपास की चीजों को हटा दें, क्योंकि उनसे आग फैल सकती है।
  • समय-समय पर आपके भवन में लगे फायर अलार्म, स्मोक डिटेक्टर, पानी के स्रोत, फोम तथा केमिकल, सार्वजनिक सूचना सिस्टम आदि की जांच करते रहें।
  • बिल्डिंग में रहने वाले सभी लोगों को वर्ष में दो बार डेमो द्वारा फायर इंस्ट्रूमेंट्स उपयोग करने तथा खुद का बचाव करने की जानकारी दें। अग्निशामक यंत्र हर ओर रखे दिखते हैं, लेकिन इन्हें चलाना कोई नहीं जानता। इसलिए इसका प्रशिक्षण फायर ब्रिगेड मुफ्त में देता है।
  • अपने घर-ऑफिस में स्मोक डिटेक्टर लगाएं।
  • एसी, फ्रिज, कंप्यूटर, टीवी, टुल्लू पंप और ओवन जैसे आइटमों के लिए पावर स्विच लगवाना चाहिए। साधारण खटके से चलाने पर वे गरम होकर जल जाते हैं।

सबसे पहले एंबुलेंस को फोन करें। थोड़ा या ज्यादा जलने पर ठंडे पानी का कपड़ा जख्म पर रख दें, इससे जलन कम होगी। 

आपदा प्रबंधन विशेषज्ञ डॉ. अनिकेत साने ने वेबदुनिया से बातचीत में बताया कि यूं तो आग कहीं भी घर, दफ्तर, मॉल आदि में लग सकती है, लेकिन घर पर संसाधन बहुत सीमित होते हैं। अग्निशामक यंत्र घरों में नहीं लगाए जाते। दरअसल, आग ऑक्सीजन की उपस्थिति से ही फैलती है। ऐसे में सबसे पहले उसको डिसकनेक्ट करना चाहिए। इसके लिए आप गीला कंबल आग की जगह पर या जल रहे व्यक्ति पर रख सकते हैं। इसके अलावा आग बुझाने के लिए पानी, रेत और मिट्‍टी या गिट्‍टी की चूरी का उपयोग किया जा सकता है। अग्निशामक दल के आने तक आप ऐसा कर सकते हैं। ऐसा करके आप आपदा की तीव्रता को कम कर सकते हैं।

देनी चाहिए पीसीआर : साने कहते हैं कि यदि आग धुएं से किसी व्यक्ति को सांस लेने में तकलीफ हो रही हो तो उसे घटनास्थल से तत्काल बाहर लाएं। जब तक मेडिकल सुविधा न मिले, उसे सीपीआर देनी चाहिए। दरअसल, सामान्य जानकारी से जान-माल के नुकसान को कम किया जा सकता है।

आग बुझाने के अलग-अलग तरीके : आग बुझाने से पहले यह समझना जरूरी है कि आग किस श्रेणी की है। अन्यथा हमारे किसी भी एक्शन से आग कम होने के बजाय और भड़क सकती है। आग को 5 कैटेगरी में बांटा जाता है। ए श्रेणी में कपड़े, रबर, रद्दी, गत्ते आदि में आग लगती है तो इसे पानी और ड्राय केमिकल्स की मदद से बुझाया जाना चाहिए।

आग कैसी-कैसी : साने कहते हैं कि पेट्रोल, केरोसिन, एसिड, सॉल्बेंट आदि में लगने वाली आग को बी श्रेणी में रखा जा सकता है। इस तरह की आग को बुझाने के मैकेनिकल फॉम और ड्राय कैमिकल का उपयोग किया जाता है। इसी तरह सीएनजी, पीएनजी, मीथेन आदि गैस में लगने वाली आग को कार्बन डाईआक्साइड और ड्राय कैमिकल की मदद से बुझाया जा सकता है।

आग लगने पर क्या उपाय करना चाहिए? - aag lagane par kya upaay karana chaahie?

मैटल में लगने वाली आग को डी श्रेणी में रखा जा सकता है, इसे बुझाने के लिए ड्राय कैमिकल और स्पेशल कैमिकल का उपयोग किया जाता है। ई श्रेणी यानी इलेक्टिक उपकरणों की आग में पानी का प्रयोग नहीं करना चाहिए। इससे आग की तीव्रता और बढ़ सकती है।

क्या करें : डॉ. साने कहते हैं कि यदि हम किसी स्थान पर हैं तो सबसे पहले वहां लगे अग्निशामक यंत्रों को वैधता को जरूर चैक करें। क्योंकि वैधता समाप्त होने के बाद इनका उपयोग घातक हो सकता है। यह डिजास्टर को और बढ़ा सकता है। ऐसे में संबंधित अथॉरिटी को सूचित करें।

यदि कोई व्यक्ति आग से झुलस जाता है तो सबसे पहले जले हुए स्थान को गीले कंबल या गीले कपड़े से ढंकें और इसके बाद उसे तत्काल अस्पताल पहुंचाएं। बर्फ का उपयोग न करें, इससे फफोले पड़ सकते हैं। साने कहते हैं कि छोटी-छोटी बातों को ध्यान में रखकर और उनका प्रयोग कर हम आपदा को कम तो कर ही सकते हैं।

आग लगने के तुरंत बाद क्या करना चाहिए?

दुर्घटनावश, आग लगने से आहत होने पर पीड़ित को कम्बल से लपेट दें और चिकित्सक के पास उपचार के लिये ले जाएं। आग से जलने पर कभी भी इधर-उधर न भागें, न ही बाहर या छत पर जाएं। आग लगने पर उसे बुझाने या फौरी राहत के लिये जमीन पर लोट-लट कर आगे बुझाएं या कम्बल ओढ़ें। इस दौरान यह ध्यान रखें कि जले हुए स्थान पर पानी न पड़े।

आग लगने पर हम कौन कौन से उपाय कर सकते हैं?

इसलिए आज हम बता रह हैं सुरक्षा के ऐसे कुछ उपाय जो आग लगने पर काम आ सकते हैं:.
आग लगने पर तुरंत 101 नंबर पर कॉल करके सूचना दें। ... .
आग लगने पर सबसे पहले इमारत की अग्नि चेतावनी की घंटी (फायर अलार्म) को सक्रिय करें। ... .
आग लगने पर लिफ्ट का उपयोग न करें, सिर्फ सीढ़ियों का ही प्रयोग करें।.

आग पर नियंत्रण पाने के 3 उपाय क्या है?

घरेलू अग्निमन यंत्र अव य रखें और उसकी प्रयोग विधि की सही जानकारी कर लें । आग से घिर जाने पर खिड़की, दरवाजों आदि पर जाकर भोर मचाकर बाहर के लोगों से मदद मागें । अपने कपड़ों में आग लगने पर भागे नहीं। जमीन पर लेट कर अथवा कम्बल लपेट कर उसे बुझाने की कोशिष करें ।

आग लगने की स्थिति में क्या परिवर्तन करना चाहिए?

ऐसी आपदा - प्रबंधन को तीन प्रमुख कार्य होते हैं (i) आग में फंसे लोगों को बाहर निकालना । (ii ) घायलों को तत्काल प्राथमिक उपचार देकर अस्पताल पहुंचाना । (iii ) आग के फैलाव को रोकने के लिए बालू गिट्टी / जल का उपयोग करना, अग्निशामक दस्ते को बुलाना।