Show
एलआईसी पॉलिसी को बीच में बंद करने को पॉलिसी सरेंडर करना कहते हैं.अगर आप भी पॉलिसी सरेंडर करने का सोच रहे हैं तो पहले नियम कानून जान लीजिए. एलआईसी पॉलिसी को बीच में बंद करने को पॉलिसी सरेंडर करना कहते हैं. आप एलआईसी की पॉलिसी को कम से कम 3 साल बाद ही सरेंडर कर सकते हैं.
हाइलाइट्सएलआईसी की पॉलिसी को कम से कम 3 साल बाद ही सरेंडर कर सकते हैं.पॉलिसी सरेंडर करने पर आपको एलआईसी के नियमों के आधार पर सेरंडर वैल्यू मिलती है.अगर आप लगातार 3 साल प्रीमियम भरे हैं तो सरेंडर वैल्यू के लिए पात्र हैं.नई दिल्ली . कोरोना के बाद एलआईसी की जीवन बीमा पॉलिसी के सरेंडर रेट में तेजी देखने को मिली है. एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक 2020-21 में पॉलिसी के सरेंडर की रफ्तार में कई पहले की तुलना में दोगुनी से ज्यादा हो गई. अगर आप भी आर्थिक संकट की वजह से पॉलिसी सरेंडर करने का सोच रहे हैं तो पहले नियम कानून जान लीजिए. एलआईसी पॉलिसी को बीच में बंद करने को पॉलिसी सरेंडर करना कहते हैं. आप एलआईसी की पॉलिसी को कम से कम 3 साल बाद ही सरेंडर कर सकते हैं. अगर 3 साल के पहले आप करते हैं तो आपको कोई पैसा नहीं मिलेगा. यह भी पढ़ें- आईटी स्टॉक ने एक लाख रुपए के निवेश को बना 1.8 करोड़, पांच बार बोनस दिया, क्या मिलती है सीख? सेरंडर वैल्यू पॉलिसी सरेंडर करने पर आपको एलआईसी के नियमों के आधार पर सेरंडर वैल्यू मिलती है. इसका मतलब पॉलिसी बंद करने या एलआईसी से पैस वापस लेने का निर्णय लेते हैं तो आपको जो उसकी वैल्यू के बराबर पैसा वापस मिलता है उसे सरेंडर वैल्यू कहते हैं. अगर आपने पूरे तीन साल एलआईसी का प्रीमियम भरा है तभी आपको सरेंडर वैल्यू मिल पाएगी. कितना पैसा वापस मिलता है पॉलिसी सरेंडर करने पर काफी नुकसान उठाना पड़ता है. अगर आप लगातार 3 साल प्रीमियम भरे हैं तो सरेंडर वैल्यू के लिए पात्र हैं. उसके बाद आपको भुगतान किए गए प्रीमियम का मात्र 30 फीसदी पैसा मिलता है लेकिन पहले साल का प्रीमियम छोड़ कर. मतलब आपने पहले साल जो प्रीमियम का पैसा भरा है वो भी जिरो हो जाता है. इस तरह बाकी के दो साल पर 30 फीसदी मिलेगा. इसमें राइडर्स के लिए भुगतान किया गया कोई अतिरिक्त प्रीमियम, टैक्स और एलआईसी से प्राप्त होने वाले किसी भी बोनस को भी शामिल नहीं किया गया है. यह भी पढ़ें- Aadhaar Update: आधार कार्ड में मोबाइल नंबर कैसे बदलें, जानिए प्रोसेस पॉलिसी को सरेंडर करने के लिए एलआईसी सरेंडर फॉर्म और एनईएफटी फॉर्म की जरूरत पड़ती है. इन फॉर्मों के साथ आपको अपने पैन कार्ड की कॉपी और पॉलिसी के मूल दस्तावेज लगाने पड़ते हैं. हाथ लिखे एक पत्र के साथ यह बताना पड़ता है कि आप पॉलिसी क्यों छोड़ रहे हैं. कौन पेपर चाहिए 1. ऑरिजिनल पॉलिसी बांड दस्तावेज़ 2. एलआईसी पॉलिसी सरेंडर फॉर्म नंबर 5074. (फॉर्म डाउनलोड किया जा सकता है). 3. बैंक खाता डिटेल 4. एलआईसी का एनईएफटी फॉर्म (यदि आप सरेंडर फॉर्म का उपयोग नहीं कर रहे हैं). 5. मूल आईडी प्रमाण जैसे आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस या पैन कार्ड. ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी| Tags: Insurance, Insurance scheme, Life Insurance, Life Insurance Corporation of India (LIC) FIRST PUBLISHED : September 05, 2022, 06:50 IST LIC पॉलिसी को सरेंडर करने के नियमLIC Policy: अगर आपने भी LIC पॉलिसी खरीदी है या फिर आप अपनी पॉलिसी सरेंडर करना चाहते हैं तो यह खबर आपके काम की है.
नई दिल्ली. अगर आपने भी LIC पॉलिसी खरीदी है या फिर आप अपनी पॉलिसी सरेंडर करना चाहते हैं तो यह खबर आपके काम की है. दरअसल, कई बार ग्राहक बिना देखे जाने पॉलिसी खरीद लेते हैं. बाद में उन्हें पता चलता है कि LIC पॉलिसी उनके किसी काम की नहीं है और फिर वे बीच में इसको सरेंडर करना चाहते हैं. इसके अलावा भी अन्य कारणों से पॉलिसी होल्डर कई बार पॉलिसी सरेंडर करना चाहता है. ऐसे में जरूरी है इससे जुड़े कुछ नियमों के बारे में जान लेना. अगर आपने पॉलिसी को मेच्योरिटी से पहले उससे बाहर निकलना चाहते हैं तो उसे पॉलिसी सरेंडर करना चाहते हैं तो आज हम आपको इससे जुड़े कुछ नियम बता रहे हैं. ये भी पढ़ें: ITR Deadline: इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की बढ़ सकती है डेडलाइन, ई-फाइलिंग पोर्टल में आ रही दिक्कतें जानिए क्या हैं सरेंडर के नियम: LIC भी ग्राहकों को पॉलिसी सरेंडर करने का ऑप्शन देती है पर इन बातों का रखें ध्यान >> अगर आप मेच्योरिटी से पहले सरेंडर करते हैं तो इसकी वैल्यू कम हो जाती है. >> रेगुलर पॉलिसी में पॉलिसी सरेंडर वैल्यू की कैलकुलेशन तभी की जा सकती है जब पॉलिसीधारक ने लगातार 3 सालों तक प्रीमियम का भुगतान किया हो. >> वहीं 3 साल पहले सरेंडर करने की स्थिति में कोई वैल्यू नहीं दी जाती है. दो तरीके से सरेंडर किया जा सकता है: 1. गारंटीड सरेंडर वैल्यू (GSV) ये भी पढ़ें: क्या रेलवे का होगा प्राइवेटाइजेशन? 400 स्टेशनों, 90 पैसेंजर ट्रेन, कोंकण रेल का सरकार करने जा रही मौद्रिकरण 2. स्पेशल सरेंडर वैल्यू सिंगल प्रीमियम पॉलिसी के नियम ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी| Tags: Insurance Policy, LIC Pension Policy, Life Insurance Corporation of India (LIC) FIRST PUBLISHED : August 24, 2021, 14:39 IST क्या मैं 1 साल के बाद एलआईसी पॉलिसी सरेंडर कर सकता हूं?आप एलआईसी की पॉलिसी को कम से कम 3 साल बाद ही सरेंडर कर सकते हैं. अगर 3 साल के पहले आप करते हैं तो आपको कोई पैसा नहीं मिलेगा.
अगर मैं 3 साल के बाद एलआईसी प्रीमियम का भुगतान करना बंद कर दूं तो क्या होगा?अगर आपने 3 साल के पहले इसे सरेंडर किया तो आपको कोई पैसा नहीं मिलेगा. अगर आप नियम के तहत एलआईसी पॉलिसी सरेंडर करते हैं तो आपको सरेंडर वैल्यू मिलती है. दरअसल, पॉलिसी बंद करने पर उसकी वैल्यू के बराबर पैसा वापस मिलता है, उसे सरेंडर वैल्यू कहते हैं.
एलआईसी सरेंडर करने पर कितना नुकसान होता है?इसके साथ ही अगर आपने बहुत जल्दी पॉलिसी बंद कर दी तो आपको प्रीमियम का भी नुकसान उठाना पड़ता है. इसके साथ ही बीच में पॉलिसी बंद करने पर आपको मैच्योरिटी पर मिलने वाली राशि से बहुत पैसे मिलते हैं. इस राशि को सरेंडर वैल्यू मिलता है.
पॉलिसी सरेंडर वैल्यू की गणना कैसे करें?गारंटीकृत समर्पण मूल्य
गारंटीड सरेंडर वैल्यू के तहत, यदि कोई बीमाकर्ता पॉलिसी की परिपक्वता से पहले पॉलिसी को समाप्त करना चाहता है, तो उसे एक विशिष्ट राशि के साथ भुगतान किया जाता है जिसे गारंटीड सरेंडर वैल्यू कहा जाता है। एलआईसी ब्रोशर के अनुसार: गारंटीकृत समर्पण मूल्य = 30% X भुगतान किया गया कुल प्रीमियम।
|